स्कूल संचालक ने ठेकेदार को मारी गोली, मौत:100 ईंट के 1100 रुपए का था विवाद, परिजनों ने चौराहा किया जाम, आरोपी गिरफ्तार

ग्वालियर में महज 100 ईंटों के 1100 रुपए को लेकर शुरू हुआ विवाद गुरुवार रात एक हत्या की वारदात में तब्दील हो गया। एक निजी स्कूल संचालक ने अपने पांच साथियों के साथ मिलकर ईंट सप्लाई करने वाले 27 वर्षीय ठेकेदार पर माउजर से फायरिंग कर दी। पेट में गोली लगते ही ठेकेदार जमीन पर गिर पड़ा। परिजन उसे जेएएच लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटना महाराजपुरा थाना क्षेत्र के आदित्यपुरम इलाके की है। मृतक ठेकेदार की पहचान पदमपुर खेरिया निवासी छत्रपाल लोधी के रूप में हुई है, जो बिल्डिंग मटेरियल सप्लाई का काम करता था। वारदात के बाद परिजन आक्रोशित हो उठे और शव को सड़क पर रखकर गोला का मंदिर चौराहे पर चक्का जाम कर दिया। पुलिस ने हालात को देखते हुए तुरंत एक्शन लेते हुए निजी स्कूल संचालक बृजेन्द्र सिंह तोमर को गिरफ्तार कर लिया है। विवाद 10 दिन पुराना था, स्कूल संचालक ने भुगतान से किया था इनकार जानकारी के मुताबिक, करीब 10 दिन पहले छत्रपाल लोधी ने आदित्यपुरम स्थित मदर टच स्कूल के संचालक बृजेन्द्र सिंह तोमर के यहां ईंटें सप्लाई की थीं। कुल भुगतान कर दिया गया था, लेकिन 100 ईंटों के 1100 रुपए रोक लिए गए थे। स्कूल संचालक का कहना था कि ये ईंटें ट्रॉली में टूट-फूट की स्थिति में थीं, इसलिए उनका भुगतान नहीं किया जाएगा। जबकि छत्रपाल का दावा था कि टूट-फूट के बदले पहले ही अतिरिक्त ईंटें भेज दी गई थीं, और शेष बचे पैसे उसे मिलने चाहिए। छत्रपाल लगातार 10 दिनों से बकाया राशि के लिए बृजेन्द्र से संपर्क कर रहा था। हर बार बात विवाद में बदल जाती थी। परिजनों के अनुसार, बृजेन्द्र अकड़ में कहता था, “मैं तोमर हूं, तुम कुछ नहीं कर पाओगे। यहां तोमर का ही राज चलता है।” गुरुवार रात बुलाकर मारी गोली, आरोपी स्कॉर्पियो से फरार गुरुवार की रात बृजेन्द्र ने छत्रपाल को फोन कर आदित्यपुरम स्थित बीपी सिटी बुलाया। बात फिर से पुराने विवाद पर आकर बिगड़ गई। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, पहले छत्रपाल को धक्का देकर अपमानित किया गया। इसके बाद उसने अपने भाइयों को मौके पर बुला लिया। जब छत्रपाल के भाई और साथी वहां पहुंचे, तो बृजेन्द्र और उसके करीब आधा दर्जन साथियों ने घेरकर छत्रपाल पर फायरिंग शुरू कर दी। माउजर से चली गोली छत्रपाल के पेट में जा लगी, और वह वहीं गिर पड़ा। इसके बाद आरोपी स्कॉर्पियो गाड़ी से मौके से फरार हो गए। छत्रपाल को पहले स्थानीय बिरला अस्पताल ले जाया गया, जहां से उसकी हालत गंभीर देखते हुए जेएएच रेफर कर दिया गया। ट्रॉमा सेंटर में डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। सूचना मिलते ही मृतक के परिजन और रिश्तेदार अस्पताल पहुंच गए और पूरे इलाके में तनाव का माहौल बन गया। परिजनों ने चक्काजाम कर दिया, 5 थानों की पुलिस लगाई छत्रपाल की मौत की खबर जैसे ही मोहल्ले में पहुंची, आक्रोशित परिजन और स्थानीय लोग गोला का मंदिर चौराहा पहुंच गए और शव को सड़क पर रखकर चक्का जाम कर दिया। देर रात तक सड़क पर तनाव की स्थिति बनी रही। सूचना मिलने पर एसएसपी धर्मवीर सिंह सहित पांच थानों का बल मौके पर पहुंचा।पुलिस अधिकारियों ने परिजनों को आरोपियों पर सख्त कार्रवाई और बृजेन्द्र के लाइसेंसी हथियार को निरस्त करने का आश्वासन दिया, तब जाकर परिजन शांत हुए और जाम हटाया गया। आठ साल पहले हुई थी शादी, परिवार का इकलौता सहारा था मृतक के परिवार से मिली जानकारी के अनुसार, छत्रपाल की शादी आठ साल पहले हुई थी। उसके दो छोटे बच्चे हैं- एक बेटा और एक बेटी। वह पूरे परिवार का इकलौता सहारा था। परिजनों का कहना है कि वह मेहनती और ईमानदार था, लेकिन कुछ पैसों को लेकर बृजेन्द्र से हुआ विवाद, जिसमें उसकी जान चली गई।

स्कूल संचालक ने ठेकेदार को मारी गोली, मौत:100 ईंट के 1100 रुपए का था विवाद, परिजनों ने चौराहा किया जाम, आरोपी गिरफ्तार
ग्वालियर में महज 100 ईंटों के 1100 रुपए को लेकर शुरू हुआ विवाद गुरुवार रात एक हत्या की वारदात में तब्दील हो गया। एक निजी स्कूल संचालक ने अपने पांच साथियों के साथ मिलकर ईंट सप्लाई करने वाले 27 वर्षीय ठेकेदार पर माउजर से फायरिंग कर दी। पेट में गोली लगते ही ठेकेदार जमीन पर गिर पड़ा। परिजन उसे जेएएच लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटना महाराजपुरा थाना क्षेत्र के आदित्यपुरम इलाके की है। मृतक ठेकेदार की पहचान पदमपुर खेरिया निवासी छत्रपाल लोधी के रूप में हुई है, जो बिल्डिंग मटेरियल सप्लाई का काम करता था। वारदात के बाद परिजन आक्रोशित हो उठे और शव को सड़क पर रखकर गोला का मंदिर चौराहे पर चक्का जाम कर दिया। पुलिस ने हालात को देखते हुए तुरंत एक्शन लेते हुए निजी स्कूल संचालक बृजेन्द्र सिंह तोमर को गिरफ्तार कर लिया है। विवाद 10 दिन पुराना था, स्कूल संचालक ने भुगतान से किया था इनकार जानकारी के मुताबिक, करीब 10 दिन पहले छत्रपाल लोधी ने आदित्यपुरम स्थित मदर टच स्कूल के संचालक बृजेन्द्र सिंह तोमर के यहां ईंटें सप्लाई की थीं। कुल भुगतान कर दिया गया था, लेकिन 100 ईंटों के 1100 रुपए रोक लिए गए थे। स्कूल संचालक का कहना था कि ये ईंटें ट्रॉली में टूट-फूट की स्थिति में थीं, इसलिए उनका भुगतान नहीं किया जाएगा। जबकि छत्रपाल का दावा था कि टूट-फूट के बदले पहले ही अतिरिक्त ईंटें भेज दी गई थीं, और शेष बचे पैसे उसे मिलने चाहिए। छत्रपाल लगातार 10 दिनों से बकाया राशि के लिए बृजेन्द्र से संपर्क कर रहा था। हर बार बात विवाद में बदल जाती थी। परिजनों के अनुसार, बृजेन्द्र अकड़ में कहता था, “मैं तोमर हूं, तुम कुछ नहीं कर पाओगे। यहां तोमर का ही राज चलता है।” गुरुवार रात बुलाकर मारी गोली, आरोपी स्कॉर्पियो से फरार गुरुवार की रात बृजेन्द्र ने छत्रपाल को फोन कर आदित्यपुरम स्थित बीपी सिटी बुलाया। बात फिर से पुराने विवाद पर आकर बिगड़ गई। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, पहले छत्रपाल को धक्का देकर अपमानित किया गया। इसके बाद उसने अपने भाइयों को मौके पर बुला लिया। जब छत्रपाल के भाई और साथी वहां पहुंचे, तो बृजेन्द्र और उसके करीब आधा दर्जन साथियों ने घेरकर छत्रपाल पर फायरिंग शुरू कर दी। माउजर से चली गोली छत्रपाल के पेट में जा लगी, और वह वहीं गिर पड़ा। इसके बाद आरोपी स्कॉर्पियो गाड़ी से मौके से फरार हो गए। छत्रपाल को पहले स्थानीय बिरला अस्पताल ले जाया गया, जहां से उसकी हालत गंभीर देखते हुए जेएएच रेफर कर दिया गया। ट्रॉमा सेंटर में डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। सूचना मिलते ही मृतक के परिजन और रिश्तेदार अस्पताल पहुंच गए और पूरे इलाके में तनाव का माहौल बन गया। परिजनों ने चक्काजाम कर दिया, 5 थानों की पुलिस लगाई छत्रपाल की मौत की खबर जैसे ही मोहल्ले में पहुंची, आक्रोशित परिजन और स्थानीय लोग गोला का मंदिर चौराहा पहुंच गए और शव को सड़क पर रखकर चक्का जाम कर दिया। देर रात तक सड़क पर तनाव की स्थिति बनी रही। सूचना मिलने पर एसएसपी धर्मवीर सिंह सहित पांच थानों का बल मौके पर पहुंचा।पुलिस अधिकारियों ने परिजनों को आरोपियों पर सख्त कार्रवाई और बृजेन्द्र के लाइसेंसी हथियार को निरस्त करने का आश्वासन दिया, तब जाकर परिजन शांत हुए और जाम हटाया गया। आठ साल पहले हुई थी शादी, परिवार का इकलौता सहारा था मृतक के परिवार से मिली जानकारी के अनुसार, छत्रपाल की शादी आठ साल पहले हुई थी। उसके दो छोटे बच्चे हैं- एक बेटा और एक बेटी। वह पूरे परिवार का इकलौता सहारा था। परिजनों का कहना है कि वह मेहनती और ईमानदार था, लेकिन कुछ पैसों को लेकर बृजेन्द्र से हुआ विवाद, जिसमें उसकी जान चली गई।