अभिषेक बच्चन बोले- भोपाल मेरा दूसरा घर:'कालीधर लापता' के प्रमोशन में कहा- पिता का बहुत बड़ा फैन; उनके किरदार निभाने की हिम्मत नहीं
अभिषेक बच्चन बोले- भोपाल मेरा दूसरा घर:'कालीधर लापता' के प्रमोशन में कहा- पिता का बहुत बड़ा फैन; उनके किरदार निभाने की हिम्मत नहीं
एक्टर अभिषेक बच्चन अपनी आगामी फिल्म ‘कालीधर लापता’ के प्रमोशन के सिलसिले में बुधवार को भोपाल पहुंचे। उनके साथ फिल्म की निर्देशक मधुमिता और बाल कलाकार डेविक भी मौजूद रहे। यह फिल्म आगामी 4 जुलाई को जी5 पर रिलीज होगी। अभिषेक बच्चन ने दैनिक भास्कर से विशेष बातचीत में फिल्म, रीमेक ट्रेंड्स, ओटीटी बनाम सिनेमा और अपनी निजी यादों को लेकर खुलकर चर्चा की। साथ ही, उन्होंने भोपाल के साथ अपने पारिवारिक रिश्तों को लेकर भी भावनाएं साझा कीं। वहीं ‘कालीधर लापता’ फिल्म की टीम ने इस मौके पर एक अनोखा और प्रतीकात्मक आयोजन किया। एक्टर अभिषेक बच्चन ने स्कूली बच्चों के साथ बड़े तालाब (अपर लेक) में दीप प्रवाहित किए। यह कार्यक्रम झील किनारे आयोजित किया गया। जिसमें दीपों को इस तरह सजाया गया कि पानी की सतह पर फिल्म का नाम ‘कालीधर लापता’ उभर आया। अब सिलसिलेवार पढ़िए दैनिक भास्कर और ‘कालीधर लापता’ की टीम से बातचीत.... पिता के किरदारों को दोहराने से हिचकता हूं
जब अभिषेक बच्चन से पूछा गया कि क्या वे अमिताभ बच्चन के किसी किरदार को दोहराना चाहेंगे? इस सवाल पर अभिषेक ने मुस्कराते हुए कहा – “मैंने कई बार सोचा, लेकिन मैं उनका बहुत बड़ा प्रशंसक हूं। मुझे लगता है उनकी तरह कोई अभिनय कर ही नहीं सकता। इसलिए मैं उनका काम को करके क्यों बिगाडू?” डेविक को चाइल्ड आर्टिस्ट कहना ठीक नहीं
फिल्म में बाल कलाकार की भूमिका निभा रहे भोपाल निवासी डेविक की प्रशंसा करते हुए अभिषेक ने कहा – “मुझे बुरा लगता है जब कोई डेविक को चाइल्ड आर्टिस्ट कहता है। यह बहुत सीनियर और समझदार कलाकार है। हमने पूरी मेहनत की है, लेकिन फिल्म का असली स्टार डेविक है। मेरी कास्टिंग तो इसके बाद हुई थी। रीमेक फिल्में आदान-प्रदान की प्रक्रिया
फिल्मों के रीमेक पर पूछे गए सवाल पर अभिषेक ने कहा कि “हम यह नहीं कह सकते कि कोई खास रीमेक का दौर चल रहा है। दुनियाभर में यह हमेशा होता रहा है। जब कोई फिल्म दिल को छू जाए या प्रेरित करे, तो फिल्मकार उसी कहानी को अपने नजरिए से फिर से कहना चाहता है। मेरे पिता अमिताभ बच्चन की कई फिल्मों के रीमेक साउथ में बने हैं। ये आदान-प्रदान की प्रक्रिया है, और बेहद सकारात्मक भी। 49 की उम्र में अब भी स्टार किड कहते हैं, हंसी आती है
‘स्टार किड’ शब्द को लेकर अभिनेता अभिषेक बच्चन ने मुस्कराते हुए कहा कि अब जब उनकी उम्र 49 साल हो चुकी है, तो उन्हें यह सुनकर हंसी आती है कि लोग उन्हें अभी भी स्टार किड कह देते हैं। दैनिक भास्कर से बातचीत में अभिषेक ने कहा— “मैं आपसे उम्र में बड़ा हूं, और अब तो समय आ गया है कि आप लोग कोई नया शब्द ढूंढ लें। ओटीटी या थिएटर मेरी अप्रोच एक ही रहती है
सिनेमा और ओटीटी के फर्क पर अभिषेक ने स्पष्ट कहा कि मेरे लिए यह मायने नहीं रखता कि फिल्म कहां रिलीज हो रही है। थिएटर हो या ओटीटी, मैं कहानी के लिए फिल्म करता हूं। मैं सिर्फ फिल्म बनाता हूं, ठीक है वो बड़े पर्दे पर आए या ओटीटी पर या फिर टीवी पर आए, मेरे लिए तो वो बस कहानी है, मैं उसे सुनाना चाहता हूं मेरी अप्रोच हमेशा एक ही रहती है। भोपाल मेरी यादों का शहर
भोपाल को लेकर भावनाएं ज़ाहिर करते हुए अभिषेक ने कहा “भोपाल मेरे लिए सिर्फ एक शहर नहीं, बल्कि मेरा दूसरा घर है। मेरी नानी यहीं रहती हैं, और बचपन से लेकर अब तक हर बार जब भी मैं भोपाल आया हूं, तो एक अलग किस्म का अपनापन महसूस किया है। इस बार फिल्म की शूटिंग के बहाने मैं थोड़ा वक्त अपने परिवार के साथ भी बिता पाया। फिल्म का एक बड़ा हिस्सा भोजपुर मंदिर पर शूट हुआ है, तब मेरी मां ने बताया कि वह लोग बचपन में यहां आया करते थे। भोपाल का माहौल दूसरी जगहों से अलग: मधुमिता
फिल्म की डायरेक्टर मधुमिता ने कहा कि भोपाल और इसके आसपास का माहौल बहुत ही खास है। हमने भोजपुर, सलामनपुर और ओरछा जैसे लोकेशन में फिल्म को शूट किया है। यह सभी जगहें फिल्म को अलग रंग देती हैं। यहां शूटिंग करना हमारे लिए एक अलग ही अनुभव रहा है, यहां का माहौल काफी अलग है।
एक्टर अभिषेक बच्चन अपनी आगामी फिल्म ‘कालीधर लापता’ के प्रमोशन के सिलसिले में बुधवार को भोपाल पहुंचे। उनके साथ फिल्म की निर्देशक मधुमिता और बाल कलाकार डेविक भी मौजूद रहे। यह फिल्म आगामी 4 जुलाई को जी5 पर रिलीज होगी। अभिषेक बच्चन ने दैनिक भास्कर से विशेष बातचीत में फिल्म, रीमेक ट्रेंड्स, ओटीटी बनाम सिनेमा और अपनी निजी यादों को लेकर खुलकर चर्चा की। साथ ही, उन्होंने भोपाल के साथ अपने पारिवारिक रिश्तों को लेकर भी भावनाएं साझा कीं। वहीं ‘कालीधर लापता’ फिल्म की टीम ने इस मौके पर एक अनोखा और प्रतीकात्मक आयोजन किया। एक्टर अभिषेक बच्चन ने स्कूली बच्चों के साथ बड़े तालाब (अपर लेक) में दीप प्रवाहित किए। यह कार्यक्रम झील किनारे आयोजित किया गया। जिसमें दीपों को इस तरह सजाया गया कि पानी की सतह पर फिल्म का नाम ‘कालीधर लापता’ उभर आया। अब सिलसिलेवार पढ़िए दैनिक भास्कर और ‘कालीधर लापता’ की टीम से बातचीत.... पिता के किरदारों को दोहराने से हिचकता हूं
जब अभिषेक बच्चन से पूछा गया कि क्या वे अमिताभ बच्चन के किसी किरदार को दोहराना चाहेंगे? इस सवाल पर अभिषेक ने मुस्कराते हुए कहा – “मैंने कई बार सोचा, लेकिन मैं उनका बहुत बड़ा प्रशंसक हूं। मुझे लगता है उनकी तरह कोई अभिनय कर ही नहीं सकता। इसलिए मैं उनका काम को करके क्यों बिगाडू?” डेविक को चाइल्ड आर्टिस्ट कहना ठीक नहीं
फिल्म में बाल कलाकार की भूमिका निभा रहे भोपाल निवासी डेविक की प्रशंसा करते हुए अभिषेक ने कहा – “मुझे बुरा लगता है जब कोई डेविक को चाइल्ड आर्टिस्ट कहता है। यह बहुत सीनियर और समझदार कलाकार है। हमने पूरी मेहनत की है, लेकिन फिल्म का असली स्टार डेविक है। मेरी कास्टिंग तो इसके बाद हुई थी। रीमेक फिल्में आदान-प्रदान की प्रक्रिया
फिल्मों के रीमेक पर पूछे गए सवाल पर अभिषेक ने कहा कि “हम यह नहीं कह सकते कि कोई खास रीमेक का दौर चल रहा है। दुनियाभर में यह हमेशा होता रहा है। जब कोई फिल्म दिल को छू जाए या प्रेरित करे, तो फिल्मकार उसी कहानी को अपने नजरिए से फिर से कहना चाहता है। मेरे पिता अमिताभ बच्चन की कई फिल्मों के रीमेक साउथ में बने हैं। ये आदान-प्रदान की प्रक्रिया है, और बेहद सकारात्मक भी। 49 की उम्र में अब भी स्टार किड कहते हैं, हंसी आती है
‘स्टार किड’ शब्द को लेकर अभिनेता अभिषेक बच्चन ने मुस्कराते हुए कहा कि अब जब उनकी उम्र 49 साल हो चुकी है, तो उन्हें यह सुनकर हंसी आती है कि लोग उन्हें अभी भी स्टार किड कह देते हैं। दैनिक भास्कर से बातचीत में अभिषेक ने कहा— “मैं आपसे उम्र में बड़ा हूं, और अब तो समय आ गया है कि आप लोग कोई नया शब्द ढूंढ लें। ओटीटी या थिएटर मेरी अप्रोच एक ही रहती है
सिनेमा और ओटीटी के फर्क पर अभिषेक ने स्पष्ट कहा कि मेरे लिए यह मायने नहीं रखता कि फिल्म कहां रिलीज हो रही है। थिएटर हो या ओटीटी, मैं कहानी के लिए फिल्म करता हूं। मैं सिर्फ फिल्म बनाता हूं, ठीक है वो बड़े पर्दे पर आए या ओटीटी पर या फिर टीवी पर आए, मेरे लिए तो वो बस कहानी है, मैं उसे सुनाना चाहता हूं मेरी अप्रोच हमेशा एक ही रहती है। भोपाल मेरी यादों का शहर
भोपाल को लेकर भावनाएं ज़ाहिर करते हुए अभिषेक ने कहा “भोपाल मेरे लिए सिर्फ एक शहर नहीं, बल्कि मेरा दूसरा घर है। मेरी नानी यहीं रहती हैं, और बचपन से लेकर अब तक हर बार जब भी मैं भोपाल आया हूं, तो एक अलग किस्म का अपनापन महसूस किया है। इस बार फिल्म की शूटिंग के बहाने मैं थोड़ा वक्त अपने परिवार के साथ भी बिता पाया। फिल्म का एक बड़ा हिस्सा भोजपुर मंदिर पर शूट हुआ है, तब मेरी मां ने बताया कि वह लोग बचपन में यहां आया करते थे। भोपाल का माहौल दूसरी जगहों से अलग: मधुमिता
फिल्म की डायरेक्टर मधुमिता ने कहा कि भोपाल और इसके आसपास का माहौल बहुत ही खास है। हमने भोजपुर, सलामनपुर और ओरछा जैसे लोकेशन में फिल्म को शूट किया है। यह सभी जगहें फिल्म को अलग रंग देती हैं। यहां शूटिंग करना हमारे लिए एक अलग ही अनुभव रहा है, यहां का माहौल काफी अलग है।