साइबर ठगों की ब्लैकमेलिंग से परेशान बुजुर्ग ने किया सुसाइड:रीवा में खुद को सिर में गोली मारी; दोस्तों से पैसे लेकर दिए, और की डिमांड

रीवा जिले में साइबर ठगों की ब्लैकमेलिंग से परेशान एक बुजुर्ग ने खुद को गोली मारकर सुसाइड कर लिया। उन्होंने दोस्तों से उधार पैसे लेकर ठगों के खाते में ट्रांसफर किए थे। इसके बाद भी वे वाट्सएप कॉल पर और रुपयों की डिमांड कर धमका रहे थे। घटना शुक्रवार दोपहर की है। बुजुर्ग की पहचान सरोज दुबे (65) के रूप में हुई हैं। उनकी पहली पत्नी का 15 साल पहले निधन हो गया था। वह दूसरी पत्नी के साथ अपने पुश्तैनी मकान में रह रहे थे। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची। फोरेंसिक टीम भी घटनास्थल पर पहुंची। पुलिस मामले की जांच में जुटी है। 37 हजार देने के बाद भी धमकियां रुकी नहीं परिजन ने बताया कि सरोज दुबे साइबर ठगी के जाल में फंस चुके थे। उन्होंने नगर निगम के पास रहने वाले अपने मित्र और कुछ रिश्तेदारों से करीब ₹37,770 उधार लेकर यह रकम ठगों को अपने मोबाइल नंबर 9039984609 से ठगों के मोबाइल नंबर 8955504415 पर ट्रांसफर की थी। बीते 2-3 दिन में ये रकम 7 से 8 बार में रुपए ट्रांसफर की गई। इसके बाद भी धमकियों का सिलसिला नहीं रुका। दामाद ने कहा-शिकायत करने की दी थी सलाह दामाद उमेश गुप्ता उर्फ गुड्डू ने बताया कि ठग कभी खुद को पुलिस अधिकारी बताते, तो कभी बैंक अफसर बनकर वाट्सएप कॉल के जरिए ब्लैकमेल करते रहे। उन्होंने ससुर को कोतवाली में शिकायत दर्ज कराने की सलाह भी दी थी, लेकिन शिकायत से पहले ही मानसिक दबाव इतना बढ़ गया कि उन्होंने अपनी लाइसेंसी 12 बोर की बंदूक से खुद को गोली मार ली। पिता रहे तहसीलदार, उनकी थी लाइसेंसी बंदूक मृतक सरोज दुबे के पिता मुन्नीलाल दुबे तहसीलदार के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। उनके निधन के बाद सरोज ने उनके नाम की लाइसेंसी बंदूक अपने नाम कराई थी। टीआई ने कहा-परिजन के बयान के बाद कार्रवाई सिटी कोतवाली थाना प्रभारी श्रंगेश राजपूत ने बताया कि बुजुर्ग द्वारा स्वयं की बंदूक से आत्महत्या किए जाने की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। एफएसएल टीम को बुलाकर साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। परिजनों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। मामले में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर वैधानिक कार्यवाही की जाएगी।

साइबर ठगों की ब्लैकमेलिंग से परेशान बुजुर्ग ने किया सुसाइड:रीवा में खुद को सिर में गोली मारी; दोस्तों से पैसे लेकर दिए, और की डिमांड
रीवा जिले में साइबर ठगों की ब्लैकमेलिंग से परेशान एक बुजुर्ग ने खुद को गोली मारकर सुसाइड कर लिया। उन्होंने दोस्तों से उधार पैसे लेकर ठगों के खाते में ट्रांसफर किए थे। इसके बाद भी वे वाट्सएप कॉल पर और रुपयों की डिमांड कर धमका रहे थे। घटना शुक्रवार दोपहर की है। बुजुर्ग की पहचान सरोज दुबे (65) के रूप में हुई हैं। उनकी पहली पत्नी का 15 साल पहले निधन हो गया था। वह दूसरी पत्नी के साथ अपने पुश्तैनी मकान में रह रहे थे। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची। फोरेंसिक टीम भी घटनास्थल पर पहुंची। पुलिस मामले की जांच में जुटी है। 37 हजार देने के बाद भी धमकियां रुकी नहीं परिजन ने बताया कि सरोज दुबे साइबर ठगी के जाल में फंस चुके थे। उन्होंने नगर निगम के पास रहने वाले अपने मित्र और कुछ रिश्तेदारों से करीब ₹37,770 उधार लेकर यह रकम ठगों को अपने मोबाइल नंबर 9039984609 से ठगों के मोबाइल नंबर 8955504415 पर ट्रांसफर की थी। बीते 2-3 दिन में ये रकम 7 से 8 बार में रुपए ट्रांसफर की गई। इसके बाद भी धमकियों का सिलसिला नहीं रुका। दामाद ने कहा-शिकायत करने की दी थी सलाह दामाद उमेश गुप्ता उर्फ गुड्डू ने बताया कि ठग कभी खुद को पुलिस अधिकारी बताते, तो कभी बैंक अफसर बनकर वाट्सएप कॉल के जरिए ब्लैकमेल करते रहे। उन्होंने ससुर को कोतवाली में शिकायत दर्ज कराने की सलाह भी दी थी, लेकिन शिकायत से पहले ही मानसिक दबाव इतना बढ़ गया कि उन्होंने अपनी लाइसेंसी 12 बोर की बंदूक से खुद को गोली मार ली। पिता रहे तहसीलदार, उनकी थी लाइसेंसी बंदूक मृतक सरोज दुबे के पिता मुन्नीलाल दुबे तहसीलदार के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। उनके निधन के बाद सरोज ने उनके नाम की लाइसेंसी बंदूक अपने नाम कराई थी। टीआई ने कहा-परिजन के बयान के बाद कार्रवाई सिटी कोतवाली थाना प्रभारी श्रंगेश राजपूत ने बताया कि बुजुर्ग द्वारा स्वयं की बंदूक से आत्महत्या किए जाने की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। एफएसएल टीम को बुलाकर साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। परिजनों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। मामले में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर वैधानिक कार्यवाही की जाएगी।