ग्वालियर में थाने पहुंचा घोड़े का विवाद:बार-बार किन्नू के घर पहुंच जाता है घोड़ा,मालिक ने कहा-चोरी किया; पुलिस ने कराया राजीनामा
ग्वालियर शहर में रविवार को एक अजीब मामला सामने आया। यहां एक घोड़ा बार-बार तीन किलोमीटर दूर महलगांव क्षेत्र में एक ही घर पहुंच जाता था। जिस घर में घोड़ा पहुंचता, वहां के लोग घोड़े की रखवाली करते और पुलिस को सूचना भी देते, ताकि चोरी का आरोप न लग जाए। रविवार को महलगांव निवासी किन्नू घोड़ा लेकर विश्वविद्यालय थाने पहुंचा और बताया कि एक साल में यह घोड़ा दूसरी बार उसके घर आ गया है। उसने घोड़े को खिला-पिला कर अपने घर बांध लिया था। उसने बताया कि घोड़ा थाटीपुर निवासी कोमल का है। पुलिस ने कोमल को थाने बुलाया। पहले तो उसने किन्नू पर घोड़ा चोरी का आरोप लगाया, लेकिन पुलिस के हस्तक्षेप से मामला सुलझ गया। घोड़े को खिलाने-पिलाने का खर्च देगा मालिक थाने में हुए समझौते के तहत घोड़ा मालिक कोमल ने यह मान लिया कि घोड़े की देखभाल और खिलाई पर जितना खर्च हुआ है, वह वहन करेगा। घोड़ा मालिक और किन्नू यह बताने में असमर्थ हैं कि घोड़ा बार-बार किन्नू के पास क्यों पहुंच जाता है। तीन साल से है घोड़ा उसके पास
कोमल ने बताया कि यह घोड़ा पिछले तीन साल से उसके पास है। जिसे वह घास चरने के लिए बाहर छोड़ देता है। किन्नू के घर की दूरी उसके घर से तीन किमी से ज्यादा है। फिर भी घोड़ा उसके घर पहुंच जाता है। इसका कारण हमें भी मालूम नहीं है। दोनों पक्षों में हुआ राजीनामा
एएसआई विश्वविद्यालय थाना सुरेन्द्र सिंह का कहना है कि दोनों पक्षों में घोड़े को लेकर राजीनामा हो गया है। घोड़े को घास खिलाने वाले युवक को घोड़ा मालिक से उसका खर्चा दिलाया जा रहा है। इसके साथ ही घोड़ा मालिक को सलाह दी है कि वह अपने घोड़े को बांधकर रखे।
ग्वालियर शहर में रविवार को एक अजीब मामला सामने आया। यहां एक घोड़ा बार-बार तीन किलोमीटर दूर महलगांव क्षेत्र में एक ही घर पहुंच जाता था। जिस घर में घोड़ा पहुंचता, वहां के लोग घोड़े की रखवाली करते और पुलिस को सूचना भी देते, ताकि चोरी का आरोप न लग जाए। रविवार को महलगांव निवासी किन्नू घोड़ा लेकर विश्वविद्यालय थाने पहुंचा और बताया कि एक साल में यह घोड़ा दूसरी बार उसके घर आ गया है। उसने घोड़े को खिला-पिला कर अपने घर बांध लिया था। उसने बताया कि घोड़ा थाटीपुर निवासी कोमल का है। पुलिस ने कोमल को थाने बुलाया। पहले तो उसने किन्नू पर घोड़ा चोरी का आरोप लगाया, लेकिन पुलिस के हस्तक्षेप से मामला सुलझ गया। घोड़े को खिलाने-पिलाने का खर्च देगा मालिक थाने में हुए समझौते के तहत घोड़ा मालिक कोमल ने यह मान लिया कि घोड़े की देखभाल और खिलाई पर जितना खर्च हुआ है, वह वहन करेगा। घोड़ा मालिक और किन्नू यह बताने में असमर्थ हैं कि घोड़ा बार-बार किन्नू के पास क्यों पहुंच जाता है। तीन साल से है घोड़ा उसके पास
कोमल ने बताया कि यह घोड़ा पिछले तीन साल से उसके पास है। जिसे वह घास चरने के लिए बाहर छोड़ देता है। किन्नू के घर की दूरी उसके घर से तीन किमी से ज्यादा है। फिर भी घोड़ा उसके घर पहुंच जाता है। इसका कारण हमें भी मालूम नहीं है। दोनों पक्षों में हुआ राजीनामा
एएसआई विश्वविद्यालय थाना सुरेन्द्र सिंह का कहना है कि दोनों पक्षों में घोड़े को लेकर राजीनामा हो गया है। घोड़े को घास खिलाने वाले युवक को घोड़ा मालिक से उसका खर्चा दिलाया जा रहा है। इसके साथ ही घोड़ा मालिक को सलाह दी है कि वह अपने घोड़े को बांधकर रखे।