विद्यालयों में स्वच्छता प्रतियोगिता ऑनलाइन, पहली बार:स्वच्छ और हरित विद्यालय मूल्यांकन अभियान शुरू, सभी सरकारी स्कूल होंगे शामिल

जिला। जिले के सभी सरकारी और निजी स्कूलों में स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण की स्थिति का ऑनलाइन मूल्यांकन शुरू कर दिया गया है। यह अभियान पहले स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार योजना के नाम से ऑफलाइन चलता था, लेकिन अब इसे ऑनलाइन रूप में “स्वच्छ और हरित विद्यालय रेटिंग (SHVR)” के नाम से आयोजित किया जा रहा है। ऑनलाइन सर्वेक्षण के जरिए स्कूल खुद करेंगे मूल्यांकन इस साल स्कूलों को मोबाइल ऐप और पोर्टल के जरिए अपनी जानकारी अपलोड करनी है। मूल्यांकन के लिए 6 मुख्य पैमानों को तय किया गया है – जल, शौचालय, हाथ धोने की सुविधा, संचालन और रखरखाव, व्यवहार परिवर्तन व क्षमता निर्माण, और मिशन लाइफ गतिविधियां। इस आधार पर स्कूल स्वयं का मूल्यांकन कर पाएंगे। जिले के हजारों स्कूलों ने किया रजिस्ट्रेशन जिले के 4,251 स्कूलों को SHVR पोर्टल पर अपनी उपस्थिति दर्ज करानी है। इसमें से 2,815 स्कूलों ने शुरुआत कर दी है और 2,590 स्कूलों ने रजिस्ट्रेशन पूरी कर लिया है। हालांकि, लगभग 1,436 स्कूलों ने अब तक कोई कदम नहीं उठाया है। शिक्षा मंत्रालय ने सभी स्कूलों के रजिस्ट्रेशन और सहभागिता को अनिवार्य किया है। अफसर जमीनी हालात जानेंगे ग्रामीण क्षेत्रों में कई स्कूलों में बच्चों को शुद्ध पेयजल, शौचालय और हाथ धोने जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं मिलती। ऑनलाइन मूल्यांकन से अधिकारियों को स्कूलों की वास्तविक स्थिति का पता चलेगा। इससे सरकारी स्कूलों में सुविधाओं में सुधार होगा और निजी स्कूलों की लापरवाही पर भी कड़ी कार्रवाई की जा सकेगी।

Sep 18, 2025 - 10:59
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विद्यालयों में स्वच्छता प्रतियोगिता ऑनलाइन, पहली बार:स्वच्छ और हरित विद्यालय मूल्यांकन अभियान शुरू, सभी सरकारी स्कूल होंगे शामिल
जिला। जिले के सभी सरकारी और निजी स्कूलों में स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण की स्थिति का ऑनलाइन मूल्यांकन शुरू कर दिया गया है। यह अभियान पहले स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार योजना के नाम से ऑफलाइन चलता था, लेकिन अब इसे ऑनलाइन रूप में “स्वच्छ और हरित विद्यालय रेटिंग (SHVR)” के नाम से आयोजित किया जा रहा है। ऑनलाइन सर्वेक्षण के जरिए स्कूल खुद करेंगे मूल्यांकन इस साल स्कूलों को मोबाइल ऐप और पोर्टल के जरिए अपनी जानकारी अपलोड करनी है। मूल्यांकन के लिए 6 मुख्य पैमानों को तय किया गया है – जल, शौचालय, हाथ धोने की सुविधा, संचालन और रखरखाव, व्यवहार परिवर्तन व क्षमता निर्माण, और मिशन लाइफ गतिविधियां। इस आधार पर स्कूल स्वयं का मूल्यांकन कर पाएंगे। जिले के हजारों स्कूलों ने किया रजिस्ट्रेशन जिले के 4,251 स्कूलों को SHVR पोर्टल पर अपनी उपस्थिति दर्ज करानी है। इसमें से 2,815 स्कूलों ने शुरुआत कर दी है और 2,590 स्कूलों ने रजिस्ट्रेशन पूरी कर लिया है। हालांकि, लगभग 1,436 स्कूलों ने अब तक कोई कदम नहीं उठाया है। शिक्षा मंत्रालय ने सभी स्कूलों के रजिस्ट्रेशन और सहभागिता को अनिवार्य किया है। अफसर जमीनी हालात जानेंगे ग्रामीण क्षेत्रों में कई स्कूलों में बच्चों को शुद्ध पेयजल, शौचालय और हाथ धोने जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं मिलती। ऑनलाइन मूल्यांकन से अधिकारियों को स्कूलों की वास्तविक स्थिति का पता चलेगा। इससे सरकारी स्कूलों में सुविधाओं में सुधार होगा और निजी स्कूलों की लापरवाही पर भी कड़ी कार्रवाई की जा सकेगी।