भोपाल के जूम डेवलपर्स की एक करोड़ की प्रॉपर्टी कुर्क:फर्जी बिलों से 20.47 करोड़ की हेराफेरी करने वाले बीईओ की 14 संपत्तियां भी कुर्क
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भोपाल और इंदौर के रीजनल कार्यालयों ने एक डेवलपर और एक ब्लाक शिक्षा अधिकारी की करोड़ों की प्रॉपर्टी कुर्क की है। भोपाल ईडी ने जूम डेवलपर की महाराष्ट्र में मौजूद 1.15 करोड़ की तीन प्रॉपर्टी को कुर्क किया है। जबकि इंदौर ईडी ने अलीराजपुर जिले के कट्ठीवाड़ा में पदस्थ रहे विकासखंड शिक्षा अधिकारी की 4.5 करोड़ रुपए मूल्य की 14 अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया है। दोनों ही मामलों में ईडी की जांच चल रही है। FIR और आरोप-पत्रों के आधार पर जांच शुरू की
ईडी भोपाल ने मेसर्स ज़ूम डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ पीएमएलए 2002 के प्रावधानों के अंतर्गत सीबीआई, बैंक सुरक्षा एवं धोखाधड़ी प्रकोष्ठ (बीएस एंड एफसी) नई दिल्ली और आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) मुंबई द्वारा दर्ज FIR और आरोप-पत्रों के आधार पर जांच शुरू की। ईडी की जांच में पता चला कि मेसर्स जूम डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा धोखाधड़ी से आय अर्जित की है। इन्होंने पीएनबी और अन्य कंसोर्टियम बैंकों से ली गई ऋण की रकम को जूम हिंदुस्तान पीटर ओट्स जेवी जैसे संयुक्त उद्यमों के माध्यम से लेवलाइज किया गया और मेसर्स हिंदुस्तान मोर्टार लाइनिंग एलएलपी और उससे जुड़े व्यक्तियों जैसी संस्थाओं को ट्रांसफर कर दिया गया। इसके बाद इसका उपयोग अचल संपत्तियों की खरीदी में किया गया। इस मामले में ईडी पहले ही 131.34 करोड़ मूल्य की चल और अचल संपत्तियों को कुर्क करते हुए पांच अनंतिम कुर्की आदेश जारी कर चुका है। इस मामले में एक अभियोजन शिकायत और 2 पूरक अभियोजन शिकायत भी दर्ज की है। बीईओ की 14 प्रॉपर्टी कुर्क, 917 फर्जी बिलों से 134 खातों में जमा किए थे 20 करोड़
उधर, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) इंदौर की सब रीजन टीम ने विकास खंड शिक्षा अधिकारी कमल राठौर और अन्य आरोपियों द्वारा मध्य प्रदेश के कट्ठीवाड़ा स्थित ब्लॉक शिक्षा कार्यालय (बीईओ दफ्तर) से बिलों की धोखाधड़ी से निकासी और सरकारी धन के दुरुपयोग के मामले में 4.5 करोड़ रुपए मूल्य की 14 अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया है। यह कार्रवाई पुलिस स्टेशन कट्ठीवाड़ा जिला अलीराजपुर द्वारा ब्लॉक शिक्षा कार्यालय कट्ठीवाड़ा के अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ दर्ज एफआईआर के आधार पर की गई जांच के बाद की गई है। जांच में पता चला कि वर्ष 2018-2023 के बीच एकीकृत वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (IFMS) पर तैयार और अनुमोदित फर्जी बिलों के माध्यम से बड़े पैमाने पर सरकारी धन का दुरुपयोग किया था। इससे पहले, इस मामले में पीएमएलए, 2002 की धारा 17 के अंतर्गत सर्चिंग की गई थी और आपत्तिजनक रिकॉर्ड तथा लाखों रुपए जब्त किए गए थे। साथ ही मुख्य आरोपी कमल राठौर को ईडी ने 7 अगस्त 2025 को गिरफ्तार कर लिया था। फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में है। 134 बैंक खातों में जमा कराए पैसे, रिश्तेदारों के नाम खरीदी जमीन
ईडी की जांच से पता चला है कि 917 फर्जी बिलों के जरिए 20.47 करोड़ रुपए की हेराफेरी की गई और 134 बैंक खातों में जमा की गई। जांच में पता चला है कि आरोपियों ने बड़ी रकम नकद निकालकर, रिश्तेदारों के बीच पैसे ट्रांसफर करके और अलीराजपुर व पन्ना में कई संपत्तियों में निवेश करके गबन की गई ब्लैक मनी को वाइट किया। परिवार के सदस्यों के नाम पर अर्जित कई संपत्तियों को बाद में धन के अवैध स्रोत को छिपाने के लिए बेच दिया गया। अतिरिक्त संपत्तियों की पहचान करने की जांच अभी जारी है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भोपाल और इंदौर के रीजनल कार्यालयों ने एक डेवलपर और एक ब्लाक शिक्षा अधिकारी की करोड़ों की प्रॉपर्टी कुर्क की है। भोपाल ईडी ने जूम डेवलपर की महाराष्ट्र में मौजूद 1.15 करोड़ की तीन प्रॉपर्टी को कुर्क किया है। जबकि इंदौर ईडी ने अलीराजपुर जिले के कट्ठीवाड़ा में पदस्थ रहे विकासखंड शिक्षा अधिकारी की 4.5 करोड़ रुपए मूल्य की 14 अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया है। दोनों ही मामलों में ईडी की जांच चल रही है। FIR और आरोप-पत्रों के आधार पर जांच शुरू की
ईडी भोपाल ने मेसर्स ज़ूम डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ पीएमएलए 2002 के प्रावधानों के अंतर्गत सीबीआई, बैंक सुरक्षा एवं धोखाधड़ी प्रकोष्ठ (बीएस एंड एफसी) नई दिल्ली और आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) मुंबई द्वारा दर्ज FIR और आरोप-पत्रों के आधार पर जांच शुरू की। ईडी की जांच में पता चला कि मेसर्स जूम डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा धोखाधड़ी से आय अर्जित की है। इन्होंने पीएनबी और अन्य कंसोर्टियम बैंकों से ली गई ऋण की रकम को जूम हिंदुस्तान पीटर ओट्स जेवी जैसे संयुक्त उद्यमों के माध्यम से लेवलाइज किया गया और मेसर्स हिंदुस्तान मोर्टार लाइनिंग एलएलपी और उससे जुड़े व्यक्तियों जैसी संस्थाओं को ट्रांसफर कर दिया गया। इसके बाद इसका उपयोग अचल संपत्तियों की खरीदी में किया गया। इस मामले में ईडी पहले ही 131.34 करोड़ मूल्य की चल और अचल संपत्तियों को कुर्क करते हुए पांच अनंतिम कुर्की आदेश जारी कर चुका है। इस मामले में एक अभियोजन शिकायत और 2 पूरक अभियोजन शिकायत भी दर्ज की है। बीईओ की 14 प्रॉपर्टी कुर्क, 917 फर्जी बिलों से 134 खातों में जमा किए थे 20 करोड़
उधर, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) इंदौर की सब रीजन टीम ने विकास खंड शिक्षा अधिकारी कमल राठौर और अन्य आरोपियों द्वारा मध्य प्रदेश के कट्ठीवाड़ा स्थित ब्लॉक शिक्षा कार्यालय (बीईओ दफ्तर) से बिलों की धोखाधड़ी से निकासी और सरकारी धन के दुरुपयोग के मामले में 4.5 करोड़ रुपए मूल्य की 14 अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया है। यह कार्रवाई पुलिस स्टेशन कट्ठीवाड़ा जिला अलीराजपुर द्वारा ब्लॉक शिक्षा कार्यालय कट्ठीवाड़ा के अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ दर्ज एफआईआर के आधार पर की गई जांच के बाद की गई है। जांच में पता चला कि वर्ष 2018-2023 के बीच एकीकृत वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (IFMS) पर तैयार और अनुमोदित फर्जी बिलों के माध्यम से बड़े पैमाने पर सरकारी धन का दुरुपयोग किया था। इससे पहले, इस मामले में पीएमएलए, 2002 की धारा 17 के अंतर्गत सर्चिंग की गई थी और आपत्तिजनक रिकॉर्ड तथा लाखों रुपए जब्त किए गए थे। साथ ही मुख्य आरोपी कमल राठौर को ईडी ने 7 अगस्त 2025 को गिरफ्तार कर लिया था। फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में है। 134 बैंक खातों में जमा कराए पैसे, रिश्तेदारों के नाम खरीदी जमीन
ईडी की जांच से पता चला है कि 917 फर्जी बिलों के जरिए 20.47 करोड़ रुपए की हेराफेरी की गई और 134 बैंक खातों में जमा की गई। जांच में पता चला है कि आरोपियों ने बड़ी रकम नकद निकालकर, रिश्तेदारों के बीच पैसे ट्रांसफर करके और अलीराजपुर व पन्ना में कई संपत्तियों में निवेश करके गबन की गई ब्लैक मनी को वाइट किया। परिवार के सदस्यों के नाम पर अर्जित कई संपत्तियों को बाद में धन के अवैध स्रोत को छिपाने के लिए बेच दिया गया। अतिरिक्त संपत्तियों की पहचान करने की जांच अभी जारी है।