नर्मदापुरम में बारिश से सोयाबीन, मक्का की फसलें बर्बाद:78.23 करोड़ की फसलों का नुकसान, किसान बोले काले पड़े दाने

नर्मदापुरम जिले में पिछले कुछ दिनों से जारी बेमौसम बारिश ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। खेतों में खड़ी और कटी हुई सोयाबीन व मक्का की फसलें भीगने से सड़ रही हैं। कई खेतों में धान की फसल आड़ी हो गई है, जिससे दाने काले पड़ने लगे हैं। किसानों को चिंता है कि अब मंडियों में उनकी उपज का उचित दाम नहीं मिल पाएगा। 273 गांवों की 32 हजार हेक्टेयर फसल चौपट बारिश से जिले के 273 गांवों के 23,779 किसानों की फसलें प्रभावित हुई हैं। कुल 32,202 हेक्टेयर में लगी फसलें बर्बाद हुई हैं, जिससे करीब 78 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। सबसे ज्यादा असर सिवनी मालवा क्षेत्र में देखा गया, जहां सोयाबीन की फसल का बड़ा हिस्सा खराब हुआ है। एसडीएम विजय राय ने बताया कि सिवनी मालवा में 17 हजार किसानों की 27 हजार हेक्टेयर में सोयाबीन, मक्का और धान की फसल प्रभावित हुई है। इन प्रकरणों को स्वीकृति के लिए भेजा गया है और मंजूरी मिलते ही राहत राशि किसानों को दी जाएगी। धान का दाना काला पड़ गया, दाम नहीं मिले जासलपुर के किसान महेंद्र गौर ने बताया कि उन्होंने चार एकड़ में धान बोई थी, जिसमें करीब 25 फीसदी फसल आड़ी हो गई है। पानी भरने से धान का दाना काला और लाल पड़ गया है। ऐसे में मंडी में उचित मूल्य पर फसल बेचना मुश्किल होगा। सुपरली के किसान अनिल सिंह सोलंकी ने कहा कि बारिश से कटी हुई धान को फफूंद लगने का खतरा है। खेतों में पानी भर जाने से हार्वेस्टर ले जाना भी मुश्किल है। फसल कटने के बाद धूप में सुखाना जरूरी होता है, लेकिन लगातार बारिश से यह संभव नहीं हो पा रहा। जल्द मिलेगी राहत राशि संयुक्त कलेक्टर देवेंद्र सिंह प्रताप ने बताया कि जिले में बारिश से फसलों की क्षति का आंकलन पूरा हो गया है। कुल 273 गांवों के 22,779 किसान प्रभावित हुए हैं और लगभग 32,700 हेक्टेयर फसल को नुकसान पहुंचा है। प्रशासन ने 78 करोड़ रुपए के नुकसान का प्रस्ताव तैयार किया है। स्वीकृति मिलते ही किसानों के खातों में सिंगल क्लिक से राहत राशि ट्रांसफर की जाएगी।

Oct 30, 2025 - 19:22
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नर्मदापुरम में बारिश से सोयाबीन, मक्का की फसलें बर्बाद:78.23 करोड़ की फसलों का नुकसान, किसान बोले काले पड़े दाने
नर्मदापुरम जिले में पिछले कुछ दिनों से जारी बेमौसम बारिश ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। खेतों में खड़ी और कटी हुई सोयाबीन व मक्का की फसलें भीगने से सड़ रही हैं। कई खेतों में धान की फसल आड़ी हो गई है, जिससे दाने काले पड़ने लगे हैं। किसानों को चिंता है कि अब मंडियों में उनकी उपज का उचित दाम नहीं मिल पाएगा। 273 गांवों की 32 हजार हेक्टेयर फसल चौपट बारिश से जिले के 273 गांवों के 23,779 किसानों की फसलें प्रभावित हुई हैं। कुल 32,202 हेक्टेयर में लगी फसलें बर्बाद हुई हैं, जिससे करीब 78 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। सबसे ज्यादा असर सिवनी मालवा क्षेत्र में देखा गया, जहां सोयाबीन की फसल का बड़ा हिस्सा खराब हुआ है। एसडीएम विजय राय ने बताया कि सिवनी मालवा में 17 हजार किसानों की 27 हजार हेक्टेयर में सोयाबीन, मक्का और धान की फसल प्रभावित हुई है। इन प्रकरणों को स्वीकृति के लिए भेजा गया है और मंजूरी मिलते ही राहत राशि किसानों को दी जाएगी। धान का दाना काला पड़ गया, दाम नहीं मिले जासलपुर के किसान महेंद्र गौर ने बताया कि उन्होंने चार एकड़ में धान बोई थी, जिसमें करीब 25 फीसदी फसल आड़ी हो गई है। पानी भरने से धान का दाना काला और लाल पड़ गया है। ऐसे में मंडी में उचित मूल्य पर फसल बेचना मुश्किल होगा। सुपरली के किसान अनिल सिंह सोलंकी ने कहा कि बारिश से कटी हुई धान को फफूंद लगने का खतरा है। खेतों में पानी भर जाने से हार्वेस्टर ले जाना भी मुश्किल है। फसल कटने के बाद धूप में सुखाना जरूरी होता है, लेकिन लगातार बारिश से यह संभव नहीं हो पा रहा। जल्द मिलेगी राहत राशि संयुक्त कलेक्टर देवेंद्र सिंह प्रताप ने बताया कि जिले में बारिश से फसलों की क्षति का आंकलन पूरा हो गया है। कुल 273 गांवों के 22,779 किसान प्रभावित हुए हैं और लगभग 32,700 हेक्टेयर फसल को नुकसान पहुंचा है। प्रशासन ने 78 करोड़ रुपए के नुकसान का प्रस्ताव तैयार किया है। स्वीकृति मिलते ही किसानों के खातों में सिंगल क्लिक से राहत राशि ट्रांसफर की जाएगी।