गोई नदी पर पुल निर्माण प्रक्रिया शुरू:स्वीकृति के सवा साल बाद बोरिंग टेस्टिंग शुरू; चार किलोमीटर की दूरी घटेगी

बड़वानी जिले की गोई नदी पर पुल निर्माण की प्रक्रिया आखिरकार शुरू हो गई है। राज्यसभा सांसद डॉ. सुमेरसिंह सोलंकी के लगातार प्रयासों के बाद सिलावद क्षेत्र की 30 साल पुरानी मांग अब पूरी होने जा रही है। गुरुवार को सेतु विभाग खरगोन के अधिकारियों और ठेकेदार की टीम ने मौके पर पहुंचकर बोरिंग टेस्टिंग का काम शुरू किया। बजट स्वीकृति के बाद अब होगा निर्माण पुल निर्माण के लिए मध्य प्रदेश शासन ने जुलाई 2024 में 10 करोड़ 39 लाख 88 हजार रुपए की स्वीकृति दी थी। इसके बाद सेतु विभाग खरगोन ने टेंडर प्रक्रिया पूरी की और 12 मार्च 2025 को तकनीकी स्वीकृति जारी की गई थी। अब टेस्टिंग पूरी होने के बाद पुल का वास्तविक निर्माण कार्य आरंभ होगा। ठेकेदार मनोज कोली (मेसर्स काला इंजीनियरिंग, सीहोर) ने बताया कि पुल और दोनों ओर की सड़क का निर्माण दो से ढाई साल में पूरा कर लिया जाएगा। इस दौरान भाजपा नेता राम पांडे और महेश भावसार सहित अन्य स्थानीय प्रतिनिधि मौजूद रहे। पुल से घटेगी दूरी, बढ़ेगी सुरक्षा इस पुल के बनने से सिलावद से पाटी की दूरी करीब चार किलोमीटर कम हो जाएगी। इसके अलावा गोई नदी पार करने में लगने वाला समय और खतरा भी खत्म होगा। अब तक लोग नदी पार करने के लिए लंबे रास्ते का उपयोग करते थे या जोखिम उठाकर सीधे नदी पार करते थे, जिससे कई बार जानें जा चुकी हैं। गोई नदी के ऊपरी हिस्से में शहीद भीमानायक लोअर गोई परियोजना का बड़ा बांध बना है। डेम से पानी छोड़े जाने पर नदी में जलस्तर अचानक बढ़ जाता है, जिससे कई बार हादसे होते रहे हैं। पुल बन जाने से इन घटनाओं पर रोक लगेगी और लोगों को सुरक्षित आवाजाही का मार्ग मिलेगा। सांसद के चार साल के प्रयासों से बनी राह राज्यसभा सांसद डॉ. सुमेरसिंह सोलंकी ने इस पुल के निर्माण की नींव वर्ष 2020 में रखी थी। वे सेतु विभाग के अधिकारियों के साथ दो किलोमीटर पैदल चलकर मौके पर पहुंचे थे। इसके बाद उन्होंने प्रस्ताव तैयार कर मुख्यमंत्री के समक्ष भेजा। चार साल के प्रयासों के बाद जुलाई 2024 में बजट में पुल निर्माण को मंजूरी मिली और मार्च 2025 में प्रशासकीय स्वीकृति भी प्राप्त हुई। ठेकेदार मनोज कोली ने बताया सिलावद-होलगांव के बीच गोई नदी पर पुल निर्माण के लिए बोरिंग टेस्टिंग शुरू हो गई है। टेस्टिंग के बाद ड्रॉइंग और डिजाइन की मंजूरी ली जाएगी। पुल और पहुंच मार्ग का निर्माण दो से ढाई साल में पूरा हो जाएगा। पुल की प्रमुख विशेषताएं

गोई नदी पर पुल निर्माण प्रक्रिया शुरू:स्वीकृति के सवा साल बाद बोरिंग टेस्टिंग शुरू; चार किलोमीटर की दूरी घटेगी
बड़वानी जिले की गोई नदी पर पुल निर्माण की प्रक्रिया आखिरकार शुरू हो गई है। राज्यसभा सांसद डॉ. सुमेरसिंह सोलंकी के लगातार प्रयासों के बाद सिलावद क्षेत्र की 30 साल पुरानी मांग अब पूरी होने जा रही है। गुरुवार को सेतु विभाग खरगोन के अधिकारियों और ठेकेदार की टीम ने मौके पर पहुंचकर बोरिंग टेस्टिंग का काम शुरू किया। बजट स्वीकृति के बाद अब होगा निर्माण पुल निर्माण के लिए मध्य प्रदेश शासन ने जुलाई 2024 में 10 करोड़ 39 लाख 88 हजार रुपए की स्वीकृति दी थी। इसके बाद सेतु विभाग खरगोन ने टेंडर प्रक्रिया पूरी की और 12 मार्च 2025 को तकनीकी स्वीकृति जारी की गई थी। अब टेस्टिंग पूरी होने के बाद पुल का वास्तविक निर्माण कार्य आरंभ होगा। ठेकेदार मनोज कोली (मेसर्स काला इंजीनियरिंग, सीहोर) ने बताया कि पुल और दोनों ओर की सड़क का निर्माण दो से ढाई साल में पूरा कर लिया जाएगा। इस दौरान भाजपा नेता राम पांडे और महेश भावसार सहित अन्य स्थानीय प्रतिनिधि मौजूद रहे। पुल से घटेगी दूरी, बढ़ेगी सुरक्षा इस पुल के बनने से सिलावद से पाटी की दूरी करीब चार किलोमीटर कम हो जाएगी। इसके अलावा गोई नदी पार करने में लगने वाला समय और खतरा भी खत्म होगा। अब तक लोग नदी पार करने के लिए लंबे रास्ते का उपयोग करते थे या जोखिम उठाकर सीधे नदी पार करते थे, जिससे कई बार जानें जा चुकी हैं। गोई नदी के ऊपरी हिस्से में शहीद भीमानायक लोअर गोई परियोजना का बड़ा बांध बना है। डेम से पानी छोड़े जाने पर नदी में जलस्तर अचानक बढ़ जाता है, जिससे कई बार हादसे होते रहे हैं। पुल बन जाने से इन घटनाओं पर रोक लगेगी और लोगों को सुरक्षित आवाजाही का मार्ग मिलेगा। सांसद के चार साल के प्रयासों से बनी राह राज्यसभा सांसद डॉ. सुमेरसिंह सोलंकी ने इस पुल के निर्माण की नींव वर्ष 2020 में रखी थी। वे सेतु विभाग के अधिकारियों के साथ दो किलोमीटर पैदल चलकर मौके पर पहुंचे थे। इसके बाद उन्होंने प्रस्ताव तैयार कर मुख्यमंत्री के समक्ष भेजा। चार साल के प्रयासों के बाद जुलाई 2024 में बजट में पुल निर्माण को मंजूरी मिली और मार्च 2025 में प्रशासकीय स्वीकृति भी प्राप्त हुई। ठेकेदार मनोज कोली ने बताया सिलावद-होलगांव के बीच गोई नदी पर पुल निर्माण के लिए बोरिंग टेस्टिंग शुरू हो गई है। टेस्टिंग के बाद ड्रॉइंग और डिजाइन की मंजूरी ली जाएगी। पुल और पहुंच मार्ग का निर्माण दो से ढाई साल में पूरा हो जाएगा। पुल की प्रमुख विशेषताएं