झाबुआ में माही डैम की नहरें बदहाल:बिना सफाई के पानी छोड़े जाने की तैयारी; किसान को फसल बर्बाद होने का डर
झाबुआ जिले के माही डैम से नहरों में पानी छोड़ने की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है, जिससे किसान रबी की फसलों की सिंचाई के लिए अपने खेतों को तैयार कर रहे हैं। हालांकि, सारंगी क्षेत्र में नहरों की बदहाल स्थिति ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। छोटी नहरों की सफाई नहीं हुई किसानों ने बताया कि मुख्य नहरों की सफाई तो पूरी हो चुकी है, लेकिन कई छोटी नहरों का साफ-सफाई कार्य लंबे समय से रुका हुआ है। इन माइनर नहरों में जंगली झाड़ियां, मिट्टी और कीचड़ जमा हो गया है। किसानों को आशंका है कि बिना सफाई के पानी छोड़े जाने पर नहरों का प्रवाह बाधित होगा और नहरों के पास के खेतों में पानी घुसने से उनकी खड़ी फसलें बर्बाद हो सकती हैं। पिछली बार भी इसी तरह की समस्या सामने आई थी। 13 नवंबर को छोड़ा जाएगा पानी रबी की फसलों की सिंचाई के लिए क्षेत्र के किसान पूरी तरह से माही नहर के पानी पर निर्भर हैं। जल संसाधन विभाग के अनुसार, माही डैम से 13 नवंबर को पानी छोड़ा जाएगा। बांध पूरी तरह भरा हुआ है और इसका लक्ष्य लगभग 23 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई करना है। पेटलावद क्षेत्र के 19,454 किसान और 99 गाँव इससे लाभान्वित होंगे। अधिकारी बोले- राजस्व जमा नहीं करने पर रोकेंगे पानी संपूर्ण क्षेत्र में नहरों की कुल लंबाई 240 किलोमीटर है, जिसमें 17 किलोमीटर मेन कैनाल और 32 किलोमीटर मुख्य नहरें शामिल हैं। जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री विपिन पाटीदार ने बताया कि शेड्यूल के अनुसार पानी उपलब्ध कराया जाएगा और सफाई का कार्य जारी है। उन्होंने चेतावनी दी कि राजस्व वसूली जमा न करने पर सिंचाई के लिए पानी रोका जा सकता है। साथ ही, अवैध रूप से नहर से पानी लेने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
झाबुआ जिले के माही डैम से नहरों में पानी छोड़ने की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है, जिससे किसान रबी की फसलों की सिंचाई के लिए अपने खेतों को तैयार कर रहे हैं। हालांकि, सारंगी क्षेत्र में नहरों की बदहाल स्थिति ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। छोटी नहरों की सफाई नहीं हुई किसानों ने बताया कि मुख्य नहरों की सफाई तो पूरी हो चुकी है, लेकिन कई छोटी नहरों का साफ-सफाई कार्य लंबे समय से रुका हुआ है। इन माइनर नहरों में जंगली झाड़ियां, मिट्टी और कीचड़ जमा हो गया है। किसानों को आशंका है कि बिना सफाई के पानी छोड़े जाने पर नहरों का प्रवाह बाधित होगा और नहरों के पास के खेतों में पानी घुसने से उनकी खड़ी फसलें बर्बाद हो सकती हैं। पिछली बार भी इसी तरह की समस्या सामने आई थी। 13 नवंबर को छोड़ा जाएगा पानी रबी की फसलों की सिंचाई के लिए क्षेत्र के किसान पूरी तरह से माही नहर के पानी पर निर्भर हैं। जल संसाधन विभाग के अनुसार, माही डैम से 13 नवंबर को पानी छोड़ा जाएगा। बांध पूरी तरह भरा हुआ है और इसका लक्ष्य लगभग 23 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई करना है। पेटलावद क्षेत्र के 19,454 किसान और 99 गाँव इससे लाभान्वित होंगे। अधिकारी बोले- राजस्व जमा नहीं करने पर रोकेंगे पानी संपूर्ण क्षेत्र में नहरों की कुल लंबाई 240 किलोमीटर है, जिसमें 17 किलोमीटर मेन कैनाल और 32 किलोमीटर मुख्य नहरें शामिल हैं। जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री विपिन पाटीदार ने बताया कि शेड्यूल के अनुसार पानी उपलब्ध कराया जाएगा और सफाई का कार्य जारी है। उन्होंने चेतावनी दी कि राजस्व वसूली जमा न करने पर सिंचाई के लिए पानी रोका जा सकता है। साथ ही, अवैध रूप से नहर से पानी लेने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।