दुर्ग में धान खरीदी से पहले 7 अनुपस्थित कर्माचारी बर्खास्त:सहकारी समितियों की हड़ताल जारी, प्रशासन ने वैकल्पिक व्यवस्था शुरू की

छत्तीसगढ़ में धान खरीदी से पहले सहकारी समितियों के कर्मचारियों और कंप्यूटर ऑपरेटरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल 15 नवंबर को 13वें दिन भी जारी रही। यह आंदोलन 3 नवंबर 2025 से चल रहा है, जिससे प्रदेशभर में धान खरीदी प्रक्रिया सीधे प्रभावित हो रही है। दुर्ग संभाग सहित सात जिलों से रोजाना लगभग ढाई हजार कर्मचारी दुर्ग के मानस भवन के पास धरना स्थल पर एकत्र हो रहे हैं। इसी बीच, कई समितियों में अनुपस्थित कर्मचारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है, जिसके तहत सात कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। इस कार्रवाई से आंदोलन और आक्रामक हो गया है। लंबित भत्तों का भुगतान समेत 4 मांग सहकारी समिति कर्मचारी महासंघ, कंप्यूटर ऑपरेटर महासंघ और समर्थन मूल्य धान खरीदी से जुड़े कर्मचारी अपनी चार सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं। उनका आरोप है कि सालों से लंबित इन मांगों पर सरकार ने कोई गंभीर पहल नहीं की है। इन मांगों में मध्य प्रदेश की तर्ज पर वेतनमान लागू करना, लंबित भत्तों का भुगतान, सेवा शर्तों में सुधार और सुरक्षा प्रावधान शामिल हैं। कर्मचारियों का कहना है कि समर्थन मूल्य पर धान खरीदी में रजिस्ट्रेशन, तौल प्रक्रिया, पोर्टल संचालन, भुगतान अद्यतन और रिकॉर्ड एंट्री जैसे अधिकांश तकनीकी कार्य समिति कर्मियों पर ही निर्भर करते हैं। उचित मानदेय और सुरक्षा के बिना इतनी बड़ी जिम्मेदारी निभाना उनके लिए मुश्किल हो रहा है। किसी भी मांग पर कोई पहल नहीं सहकारी समिति कर्मचारी महासंघ के कोषाध्यक्ष जागेश्वर साहू ने कहा कि सरकार की ओर से किसी भी मांग पर कोई पहल नहीं हुई है, बल्कि अधिकारी-कर्मचारियों की बर्खास्तगी शुरू कर दी गई है। उन्होंने चेतावनी दी कि यह रवैया सरकार को भारी पड़ेगा। साहू ने आगे कहा, 13 दिन हो गए, कर्मचारियों में उत्साह कम नहीं हुआ है। बर्खास्तगी से आंदोलन कमजोर नहीं बल्कि और मजबूत हो रहा है। सातों जिलों से 2000-2500 कर्मचारी रोज़ पहुंच रहे हैं। प्रशासन चाहे तो खुद धान खरीदकर देख ले, समझ जाएगा धान वास्तव में सूखता है कि नहीं।

Nov 16, 2025 - 06:40
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दुर्ग में धान खरीदी से पहले 7 अनुपस्थित कर्माचारी बर्खास्त:सहकारी समितियों की हड़ताल जारी, प्रशासन ने वैकल्पिक व्यवस्था शुरू की
छत्तीसगढ़ में धान खरीदी से पहले सहकारी समितियों के कर्मचारियों और कंप्यूटर ऑपरेटरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल 15 नवंबर को 13वें दिन भी जारी रही। यह आंदोलन 3 नवंबर 2025 से चल रहा है, जिससे प्रदेशभर में धान खरीदी प्रक्रिया सीधे प्रभावित हो रही है। दुर्ग संभाग सहित सात जिलों से रोजाना लगभग ढाई हजार कर्मचारी दुर्ग के मानस भवन के पास धरना स्थल पर एकत्र हो रहे हैं। इसी बीच, कई समितियों में अनुपस्थित कर्मचारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है, जिसके तहत सात कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। इस कार्रवाई से आंदोलन और आक्रामक हो गया है। लंबित भत्तों का भुगतान समेत 4 मांग सहकारी समिति कर्मचारी महासंघ, कंप्यूटर ऑपरेटर महासंघ और समर्थन मूल्य धान खरीदी से जुड़े कर्मचारी अपनी चार सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं। उनका आरोप है कि सालों से लंबित इन मांगों पर सरकार ने कोई गंभीर पहल नहीं की है। इन मांगों में मध्य प्रदेश की तर्ज पर वेतनमान लागू करना, लंबित भत्तों का भुगतान, सेवा शर्तों में सुधार और सुरक्षा प्रावधान शामिल हैं। कर्मचारियों का कहना है कि समर्थन मूल्य पर धान खरीदी में रजिस्ट्रेशन, तौल प्रक्रिया, पोर्टल संचालन, भुगतान अद्यतन और रिकॉर्ड एंट्री जैसे अधिकांश तकनीकी कार्य समिति कर्मियों पर ही निर्भर करते हैं। उचित मानदेय और सुरक्षा के बिना इतनी बड़ी जिम्मेदारी निभाना उनके लिए मुश्किल हो रहा है। किसी भी मांग पर कोई पहल नहीं सहकारी समिति कर्मचारी महासंघ के कोषाध्यक्ष जागेश्वर साहू ने कहा कि सरकार की ओर से किसी भी मांग पर कोई पहल नहीं हुई है, बल्कि अधिकारी-कर्मचारियों की बर्खास्तगी शुरू कर दी गई है। उन्होंने चेतावनी दी कि यह रवैया सरकार को भारी पड़ेगा। साहू ने आगे कहा, 13 दिन हो गए, कर्मचारियों में उत्साह कम नहीं हुआ है। बर्खास्तगी से आंदोलन कमजोर नहीं बल्कि और मजबूत हो रहा है। सातों जिलों से 2000-2500 कर्मचारी रोज़ पहुंच रहे हैं। प्रशासन चाहे तो खुद धान खरीदकर देख ले, समझ जाएगा धान वास्तव में सूखता है कि नहीं।