टाइगर का शिकार, 9 शिकारियों को 4-4 साल की जेल:'नोटों की बारिश' कराने के लिए की थी हत्या; 25-25 हजार का जुर्माना

नर्मदापुरम की कोर्ट ने सतपुड़ा टाइगर रिजर्व (STR) के जंगल से बाघ का शिकार करने वाले संगठित गिरोह के 9 सदस्यों को 4-4 साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने सभी दोषियों पर 25-25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। इन शिकारियों ने 'नोटों की बारिश' (धनवर्षा) कराने के लिए तंत्र-मंत्र के मकसद से टाइगर की हत्या की थी। स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स (STSF) ने बुधवार शाम को फैसला आने के बाद इसकी जानकारी दी। यह अपराध 3 दिसंबर 2018 को उजागर हुआ था। स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स भोपाल और एसटीआर की टीम ने ग्राम कामती में बालिका छात्रावास के पास जामन सिंह बट्टी के खेत में बने टप्पर पर छापा मारा था। वहां 4 युवक बाघ की खाल और मूंछों के बाल के साथ पूजन-पाठ करते पकड़े गए थे। धनवर्षा के लिए रखे थे 3 पंजे और 12 नाखून जांच में सामने आया कि आरोपी 'नोटों की बारिश' कराने के लिए पूजा कर रहे थे। वे बाघ के 3 कटे-पिटे पंजे, मूंछ के बाल और 12 नग नाखून लेकर बैठे थे। पूछताछ में मुख्य आरोपी हेमंत उर्फ बब्लू बट्टी ने बताया था कि उसने अपने घर के पूजा वाले स्थान पर बाघ के ये अंग छुपाकर रखे थे। पहले 4 पकड़ाए, फिर पूरा गिरोह हत्थे चढ़ा एसटीएसएफ और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के संयुक्त दल ने मौके से हेमंत कुमार उर्फ बब्लू बट्टी, ओमप्रकाश, जयप्रकाश और चमन सिंह को पकड़ा था। पूछताछ में उन्होंने अपना जुर्म कबूल कर लिया और मृत बाघ के अन्य अंगों को छुपाने की बात बताई। इसके बाद 4 दिसंबर 2018 को उन्हें कोर्ट में पेश कर रिमांड लिया गया और आगे की विवेचना में गिरोह के अन्य 5 सदस्यों को भी गिरफ्तार किया गया। कोर्ट ने माना गंभीर अपराध, नहीं दी राहत न्यायालय ने सभी 9 शिकारियों को वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 9 (शिकार करना) और 49 बी (अवैध कब्जा) के उल्लंघन का दोषी पाया। कोर्ट ने कहा कि अपराध की गंभीरता को देखते हुए आरोपियों को किसी भी तरह का लाभ देना उचित नहीं है। इसके बाद सभी को 4-4 वर्ष का सश्रम कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई गई। पिपरिया, सोहागपुर और छिंदवाड़ा के हैं शिकारी सजा पाने वाले 9 शिकारियों में 4 नर्मदापुरम जिले (सोहागपुर-पिपरिया) के और 5 छिंदवाड़ा जिले के हैं।

Nov 20, 2025 - 06:23
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टाइगर का शिकार, 9 शिकारियों को 4-4 साल की जेल:'नोटों की बारिश' कराने के लिए की थी हत्या; 25-25 हजार का जुर्माना
नर्मदापुरम की कोर्ट ने सतपुड़ा टाइगर रिजर्व (STR) के जंगल से बाघ का शिकार करने वाले संगठित गिरोह के 9 सदस्यों को 4-4 साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने सभी दोषियों पर 25-25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। इन शिकारियों ने 'नोटों की बारिश' (धनवर्षा) कराने के लिए तंत्र-मंत्र के मकसद से टाइगर की हत्या की थी। स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स (STSF) ने बुधवार शाम को फैसला आने के बाद इसकी जानकारी दी। यह अपराध 3 दिसंबर 2018 को उजागर हुआ था। स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स भोपाल और एसटीआर की टीम ने ग्राम कामती में बालिका छात्रावास के पास जामन सिंह बट्टी के खेत में बने टप्पर पर छापा मारा था। वहां 4 युवक बाघ की खाल और मूंछों के बाल के साथ पूजन-पाठ करते पकड़े गए थे। धनवर्षा के लिए रखे थे 3 पंजे और 12 नाखून जांच में सामने आया कि आरोपी 'नोटों की बारिश' कराने के लिए पूजा कर रहे थे। वे बाघ के 3 कटे-पिटे पंजे, मूंछ के बाल और 12 नग नाखून लेकर बैठे थे। पूछताछ में मुख्य आरोपी हेमंत उर्फ बब्लू बट्टी ने बताया था कि उसने अपने घर के पूजा वाले स्थान पर बाघ के ये अंग छुपाकर रखे थे। पहले 4 पकड़ाए, फिर पूरा गिरोह हत्थे चढ़ा एसटीएसएफ और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के संयुक्त दल ने मौके से हेमंत कुमार उर्फ बब्लू बट्टी, ओमप्रकाश, जयप्रकाश और चमन सिंह को पकड़ा था। पूछताछ में उन्होंने अपना जुर्म कबूल कर लिया और मृत बाघ के अन्य अंगों को छुपाने की बात बताई। इसके बाद 4 दिसंबर 2018 को उन्हें कोर्ट में पेश कर रिमांड लिया गया और आगे की विवेचना में गिरोह के अन्य 5 सदस्यों को भी गिरफ्तार किया गया। कोर्ट ने माना गंभीर अपराध, नहीं दी राहत न्यायालय ने सभी 9 शिकारियों को वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 9 (शिकार करना) और 49 बी (अवैध कब्जा) के उल्लंघन का दोषी पाया। कोर्ट ने कहा कि अपराध की गंभीरता को देखते हुए आरोपियों को किसी भी तरह का लाभ देना उचित नहीं है। इसके बाद सभी को 4-4 वर्ष का सश्रम कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई गई। पिपरिया, सोहागपुर और छिंदवाड़ा के हैं शिकारी सजा पाने वाले 9 शिकारियों में 4 नर्मदापुरम जिले (सोहागपुर-पिपरिया) के और 5 छिंदवाड़ा जिले के हैं।