खंडवा का जवान ब्लड कैंसर से हारा जंग:असम से पहुंचा पार्थिव शरीर; 6 महीने की बेटी और पुलिसकर्मी पत्नी को पीछे छोड़ गए
खंडवा का जवान ब्लड कैंसर से हारा जंग:असम से पहुंचा पार्थिव शरीर; 6 महीने की बेटी और पुलिसकर्मी पत्नी को पीछे छोड़ गए
खंडवा के आशापुर निवासी आर्मी जवान गोविंदा मालवीय का कैंसर के चलते निधन हो गया है। वे असम राइफल्स में पदस्थ थे और उनकी ड्यूटी बांग्लादेश बॉर्डर पर थी। लंबे समय से बीमार होने के कारण आर्मी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था, जहां गुरुवार को उन्होंने अंतिम सांस ली। शनिवार सुबह उनका पार्थिव शरीर पैतृक गांव लाया गया, जहां आर्मी अफसरों की मौजूदगी में गार्ड ऑफ ऑनर के साथ अंतिम संस्कार किया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक, जवान गोविंदा मालवीय को ब्लड कैंसर था। वे करीब डेढ़ साल से बीमार चल रहे थे। पिछले तीन महीने से उनकी हालत और ज्यादा गंभीर हो गई थी। वे असम के आर्मी अस्पताल में भर्ती थे, जहां इलाज के दौरान उनका निधन हो गया। 2 साल पहले हुई थी शादी, 6 महीने की बेटी है
जवान गोविंदा की शादी दो साल पहले हुई थी। उनकी पत्नी पुलिसकर्मी हैं और उनकी एक 6 महीने की बेटी है। गोविंदा परिवार में 3 बहनों और 2 भाइयों में सबसे बड़े थे। उनके पिता मांगीलाल मालवीय बैंक से रिटायर कर्मचारी हैं, जबकि भाई पंकज मालवीय गांव में ही रहते हैं। 2010 में हुई थी भर्ती, 2 साल बाद होना था रिटायरमेंट
गोविंदा की ज्वॉइनिंग 2010 में हुई थी। फिलहाल वे असम राइफल्स में अपनी सेवाएं दे रहे थे। उनका रिटायरमेंट दो साल के भीतर होना था, लेकिन उससे पहले ही यह दुखद घटना हो गई। अगस्त में रक्षाबंधन पर आए थे घर
गोविंदा आखिरी बार इसी साल अगस्त महीने में रक्षाबंधन पर्व पर आशापुर आए थे। इस दौरान वे काफी दिनों तक यहां रुके और दोस्तों व परिजनों से मुलाकात की थी। यहां से वापस असम लौटने के बाद उनकी तबीयत और ज्यादा बिगड़ गई थी। गार्ड ऑफ ऑनर के साथ अंतिम विदाई
परिजनों को उनकी मौत की खबर 3 दिन पहले मिल गई थी। शनिवार सुबह 9 बजे उनका पार्थिव शरीर आशापुर स्थित फॉरेस्ट डिपो पर पहुंचा। यहां से उन्हें घर ले जाया गया, फिर अंतिम संस्कार के लिए मुक्तिधाम ले जाया गया, जहां उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
खंडवा के आशापुर निवासी आर्मी जवान गोविंदा मालवीय का कैंसर के चलते निधन हो गया है। वे असम राइफल्स में पदस्थ थे और उनकी ड्यूटी बांग्लादेश बॉर्डर पर थी। लंबे समय से बीमार होने के कारण आर्मी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था, जहां गुरुवार को उन्होंने अंतिम सांस ली। शनिवार सुबह उनका पार्थिव शरीर पैतृक गांव लाया गया, जहां आर्मी अफसरों की मौजूदगी में गार्ड ऑफ ऑनर के साथ अंतिम संस्कार किया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक, जवान गोविंदा मालवीय को ब्लड कैंसर था। वे करीब डेढ़ साल से बीमार चल रहे थे। पिछले तीन महीने से उनकी हालत और ज्यादा गंभीर हो गई थी। वे असम के आर्मी अस्पताल में भर्ती थे, जहां इलाज के दौरान उनका निधन हो गया। 2 साल पहले हुई थी शादी, 6 महीने की बेटी है
जवान गोविंदा की शादी दो साल पहले हुई थी। उनकी पत्नी पुलिसकर्मी हैं और उनकी एक 6 महीने की बेटी है। गोविंदा परिवार में 3 बहनों और 2 भाइयों में सबसे बड़े थे। उनके पिता मांगीलाल मालवीय बैंक से रिटायर कर्मचारी हैं, जबकि भाई पंकज मालवीय गांव में ही रहते हैं। 2010 में हुई थी भर्ती, 2 साल बाद होना था रिटायरमेंट
गोविंदा की ज्वॉइनिंग 2010 में हुई थी। फिलहाल वे असम राइफल्स में अपनी सेवाएं दे रहे थे। उनका रिटायरमेंट दो साल के भीतर होना था, लेकिन उससे पहले ही यह दुखद घटना हो गई। अगस्त में रक्षाबंधन पर आए थे घर
गोविंदा आखिरी बार इसी साल अगस्त महीने में रक्षाबंधन पर्व पर आशापुर आए थे। इस दौरान वे काफी दिनों तक यहां रुके और दोस्तों व परिजनों से मुलाकात की थी। यहां से वापस असम लौटने के बाद उनकी तबीयत और ज्यादा बिगड़ गई थी। गार्ड ऑफ ऑनर के साथ अंतिम विदाई
परिजनों को उनकी मौत की खबर 3 दिन पहले मिल गई थी। शनिवार सुबह 9 बजे उनका पार्थिव शरीर आशापुर स्थित फॉरेस्ट डिपो पर पहुंचा। यहां से उन्हें घर ले जाया गया, फिर अंतिम संस्कार के लिए मुक्तिधाम ले जाया गया, जहां उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।