कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मृतक BLO के घर पहुंचे:संभल में अजय राय बोले- चुनाव आयोग और बीजेपी ने हत्यारे, SIR के नाम पर अत्याचार

संभल में दो दिन पहले हुई BLO अरविंद कुमार की मौत के बाद शुक्रवार शाम कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय परिवार से मिलने चौकुनी गांव पहुंचे। उन्होंने मृतक के घर पर शोक संवेदना व्यक्त की और सरकार व चुनाव आयोग पर बेहद गंभीर आरोप लगाए। राय ने कहा- SIR (स्पेशल समरी रिवीजन) के नाम पर पूरे प्रदेश में अत्याचार हो रहा है, यह BJP और चुनाव आयोग की मिलीभगत से चल रहा ‘हत्यारा सिस्टम’ है।” शाम 6 बजे पहुंचे अजय राय, परिवार के रोते हाल देख भावुक हुए गुरुवार शाम करीब 6 बजे अजय राय थाना नखासा क्षेत्र के चौकुनी गांव पहुंचे। यहां 40 वर्षीय मृतक BLO अरविंद कुमार पुत्र नत्थन के घर मातम पसरा था। बूढ़ी मां, पत्नी प्रतिभा, 13 वर्षीय बेटी गरिमा और 10 वर्षीय बेटे लविश को देखकर अजय राय ने कहा- एक हंसता-खेलता परिवार अनाथ हो गया, जिम्मेदार कौन है? यह सीधा-सीधा सिस्टम की हत्या है। अरविंद जनपद अमरोहा के हसनपुर क्षेत्र के फैय्याज नगर प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक थे और बूथ संख्या 226 पर BLO सहायक थे। 12 राज्यों में SIR चल रहा, पर UP जैसा अत्याचार कहीं नहीं अजय राय ने कहा कि वह लगातार जौनपुर, देवरिया, मुरादाबाद, लखनऊ, बरेली और अन्य जिलों में ऐसे मामले देख रहे हैं। उनके शब्दों में- यह अत्याचार SIR नहीं, ‘सिस्टम इंटिमिडेशन रूल’ बन चुका है। भाजपा सरकार और चुनाव आयोग की मिलीभगत से कर्मचारियों को असंभव कार्यभार देकर मौत की ओर धकेला जा रहा है। सरकारी नौकरी अब अभिशाप… यह मौत नहीं, हत्या है राय ने कहा- पहले सरकारी नौकरी से परिवार खुश होता था, अब यह नौकरी अभिशाप बनकर सामने आ रही है। अरविंद की मौत दबाव और प्रताड़ना से हुई है। यह आत्महत्या नहीं, मजबूरन की गई हत्या है। उन्होंने मांग की कि सरकार BLO मौतों को गंभीरता से ले और हत्या का मुकदमा चुनाव आयोग व संबंधित अधिकारियों पर दर्ज करे। 1 करोड़ मुआवजा, पत्नी को नौकरी और बच्चों की पढ़ाई सरकार करे—अजय राय कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने सरकार से तीन प्रमुख मांगें रखीं- परिवार को 1 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाए। मृतक की पत्नी प्रतिभा को सरकारी नौकरी मिले। दोनों बच्चों की पढ़ाई की पूरी जिम्मेदारी सरकार उठाए। उन्होंने कहा कि मौत के बाद न DM आया, न BSA, न ही कोई बड़ा अधिकारी। छोटे अफसर सिर्फ खानापूर्ति कर चले गए, यह शर्मनाक है। SIR की समय-सीमा बढ़ाने की मांग—“3-6 महीने मिलें तो मौतें रुकें” राय ने कहा कि जिस रफ्तार से BLOs पर काम का बोझ डाला जा रहा है, वह अव्यावहारिक है। SIR के लिए कम से कम 3 से 6 महीने का समय दिया जाना चाहिए। जल्दबाजी में किया जा रहा यह दबाव कर्मचारियों को जान देने पर मजबूर कर रहा है। योगी और मोदी पर तीखा हमला: “पहले RSS के घुसपैठियों को बाहर निकालें योगी आदित्यनाथ के रोहिंग्या और घुसपैठियों वाले बयान पर अजय राय ने पलटवार किया- सबसे पहले RSS के अंदर घुसपैठिए हैं, उनके लिए व्यवस्था की जाए। प्रधानमंत्री मोदी के ‘ड्रामा’ वाले बयान पर उन्होंने कहा- मैं अभी मुरादाबाद से आ रहा हूं। एक कर्मचारी ने फांसी लगाकर जान दे दी, सुसाइड नोट और वीडियो मिला है, उसकी चार बच्चियां हैं। मोदी जी बताएं—क्या यह भी ड्रामा है? मृतक BLO अरविंद कुमार के परिवार का अब भविष्य अंधेरे में BLO अरविंद के परिवार में अब पत्नी प्रतिभा, 13 साल की बेटी गरिमा (कक्षा 7), 10 साल का बेटा लविश (कक्षा 5) शेष हैं। दोनों बच्चे अमरोहा के ढवारसी स्थित वेदांत स्कूल में पढ़ते हैं। परिवार का कहना है कि अरविंद कई दिनों से बेहद दबाव में थे। लगातार फील्ड वेरिफिकेशन, रोजाना तय लक्ष्य और समयसीमा के दबाव ने उन्हें मानसिक रूप से तोड़ दिया।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मृतक BLO के घर पहुंचे:संभल में अजय राय बोले- चुनाव आयोग और बीजेपी ने हत्यारे, SIR के नाम पर अत्याचार
संभल में दो दिन पहले हुई BLO अरविंद कुमार की मौत के बाद शुक्रवार शाम कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय परिवार से मिलने चौकुनी गांव पहुंचे। उन्होंने मृतक के घर पर शोक संवेदना व्यक्त की और सरकार व चुनाव आयोग पर बेहद गंभीर आरोप लगाए। राय ने कहा- SIR (स्पेशल समरी रिवीजन) के नाम पर पूरे प्रदेश में अत्याचार हो रहा है, यह BJP और चुनाव आयोग की मिलीभगत से चल रहा ‘हत्यारा सिस्टम’ है।” शाम 6 बजे पहुंचे अजय राय, परिवार के रोते हाल देख भावुक हुए गुरुवार शाम करीब 6 बजे अजय राय थाना नखासा क्षेत्र के चौकुनी गांव पहुंचे। यहां 40 वर्षीय मृतक BLO अरविंद कुमार पुत्र नत्थन के घर मातम पसरा था। बूढ़ी मां, पत्नी प्रतिभा, 13 वर्षीय बेटी गरिमा और 10 वर्षीय बेटे लविश को देखकर अजय राय ने कहा- एक हंसता-खेलता परिवार अनाथ हो गया, जिम्मेदार कौन है? यह सीधा-सीधा सिस्टम की हत्या है। अरविंद जनपद अमरोहा के हसनपुर क्षेत्र के फैय्याज नगर प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक थे और बूथ संख्या 226 पर BLO सहायक थे। 12 राज्यों में SIR चल रहा, पर UP जैसा अत्याचार कहीं नहीं अजय राय ने कहा कि वह लगातार जौनपुर, देवरिया, मुरादाबाद, लखनऊ, बरेली और अन्य जिलों में ऐसे मामले देख रहे हैं। उनके शब्दों में- यह अत्याचार SIR नहीं, ‘सिस्टम इंटिमिडेशन रूल’ बन चुका है। भाजपा सरकार और चुनाव आयोग की मिलीभगत से कर्मचारियों को असंभव कार्यभार देकर मौत की ओर धकेला जा रहा है। सरकारी नौकरी अब अभिशाप… यह मौत नहीं, हत्या है राय ने कहा- पहले सरकारी नौकरी से परिवार खुश होता था, अब यह नौकरी अभिशाप बनकर सामने आ रही है। अरविंद की मौत दबाव और प्रताड़ना से हुई है। यह आत्महत्या नहीं, मजबूरन की गई हत्या है। उन्होंने मांग की कि सरकार BLO मौतों को गंभीरता से ले और हत्या का मुकदमा चुनाव आयोग व संबंधित अधिकारियों पर दर्ज करे। 1 करोड़ मुआवजा, पत्नी को नौकरी और बच्चों की पढ़ाई सरकार करे—अजय राय कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने सरकार से तीन प्रमुख मांगें रखीं- परिवार को 1 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाए। मृतक की पत्नी प्रतिभा को सरकारी नौकरी मिले। दोनों बच्चों की पढ़ाई की पूरी जिम्मेदारी सरकार उठाए। उन्होंने कहा कि मौत के बाद न DM आया, न BSA, न ही कोई बड़ा अधिकारी। छोटे अफसर सिर्फ खानापूर्ति कर चले गए, यह शर्मनाक है। SIR की समय-सीमा बढ़ाने की मांग—“3-6 महीने मिलें तो मौतें रुकें” राय ने कहा कि जिस रफ्तार से BLOs पर काम का बोझ डाला जा रहा है, वह अव्यावहारिक है। SIR के लिए कम से कम 3 से 6 महीने का समय दिया जाना चाहिए। जल्दबाजी में किया जा रहा यह दबाव कर्मचारियों को जान देने पर मजबूर कर रहा है। योगी और मोदी पर तीखा हमला: “पहले RSS के घुसपैठियों को बाहर निकालें योगी आदित्यनाथ के रोहिंग्या और घुसपैठियों वाले बयान पर अजय राय ने पलटवार किया- सबसे पहले RSS के अंदर घुसपैठिए हैं, उनके लिए व्यवस्था की जाए। प्रधानमंत्री मोदी के ‘ड्रामा’ वाले बयान पर उन्होंने कहा- मैं अभी मुरादाबाद से आ रहा हूं। एक कर्मचारी ने फांसी लगाकर जान दे दी, सुसाइड नोट और वीडियो मिला है, उसकी चार बच्चियां हैं। मोदी जी बताएं—क्या यह भी ड्रामा है? मृतक BLO अरविंद कुमार के परिवार का अब भविष्य अंधेरे में BLO अरविंद के परिवार में अब पत्नी प्रतिभा, 13 साल की बेटी गरिमा (कक्षा 7), 10 साल का बेटा लविश (कक्षा 5) शेष हैं। दोनों बच्चे अमरोहा के ढवारसी स्थित वेदांत स्कूल में पढ़ते हैं। परिवार का कहना है कि अरविंद कई दिनों से बेहद दबाव में थे। लगातार फील्ड वेरिफिकेशन, रोजाना तय लक्ष्य और समयसीमा के दबाव ने उन्हें मानसिक रूप से तोड़ दिया।