करहल सीट बचाने में जुटा पूरा यादव कुनबा:डिंपल ने कमान संभाली, बाकी 8 सीटों पर भाजपा के मुकाबले तैयारी में पिछड़ी

यूपी में उपचुनाव वैसे तो विधानसभा की 9 सीटों पर हो रहा है, लेकिन सपा की ओर से प्रचार का शोर सिर्फ एक सीट पर ज्यादा दिखाई दे रहा है। यह सीट है मैनपुरी की करहल। करहल सीट अखिलेश यादव के इस्तीफे से खाली हुई है। वहां से अखिलेश के भतीजे और लालू प्रसाद यादव के दामाद तेज प्रताप यादव चुनाव लड़ रहे हैं। तेज प्रताप के लिए मुलायम सिंह यादव का पूरा कुनबा जुटा है। मैनपुरी की सांसद डिंपल यादव करहल विधानसभा क्षेत्र में डेरा डाले हैं। अखिलेश यादव भी वहां दो बार जा चुके हैं। बाकी 8 सीटों पर प्रचार के लिए सपा के बड़े नेताओं का दौरा अभी शुरू नहीं हो सका है। इन सीटों पर सपा, भाजपा की तैयारी के आगे पिछड़ती जा रही है। कटेहरी में जरूर प्रभारी बनाए गए शिवपाल सिंह यादव लगे हैं। बताया जा रहा है, दीपावली के बाद सपा अपने प्रचारकों की टीम चुनाव में उतारेगी। करहल में डिंपल ने झोंकी ताकत डिंपल यादव ने करहल में अपनी पूरी ताकत झोंक रखी हैं। यह सीट समाजवादी पार्टी के लिए नाक का सवाल है। दरअसल, अखिलेश यादव ने इस सीट पर 2022 के विधानसभा चुनाव में 68 हजार से अधिक मतों से जीत हासिल की थी। उन्हें 60 फीसदी से अधिक वोट हासिल हुए थे। अखिलेश यादव के सामने उस समय केंद्र सरकार में मंत्री रहे एसपी सिंह बघेल थे। हालांकि करहल समाजवादी पार्टी की परंपरागत सीट है। इस बार भाजपा ने यहां से अखिलेश यादव के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव के बहनोई अनुजेश यादव को मैदान में उतारा है। धर्मेद्र यादव अपने बहनोई के भाजपा में जाने के कारण पहले ही उनसे नाता तोड़ चुके हैं। भाजपा ने यहां से परिवार के ही सदस्य को टिकट देकर परिवार के लोगों को ही धर्म संकट में डाल दिया है। ऐसे में डिंपल यादव, जो मैनपुरी से मौजूदा सांसद भी हैं और मुलायम सिंह के संसदीय क्षेत्र की विरासत संभाल रही हैं, इस सीट पर उनकी भी साख दांव पर लगी है। वह पूरी मेहनत कर रही हैं। कहा तो यह भी जा रहा है कि भाजपा यहां से मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव का चुनाव लड़ाना चाहती थी, लेकिन अपर्णा तैयार नहीं हुईं। विधायकों और सांसदों की भी लगेगी ड्यूटी समाजवादी पार्टी के सूत्रों का कहना है, जिन 9 सीटों पर उपचुनाव होने जा रहा है, उन सभी सीटों पर सपा विधायकों और सांसदों के साथ वरिष्ठ नेताओं को भी प्रचार के लिए भेजेगी। सपा के पास मौजूदा समय में 37 सांसद और 105 विधायक हैं। इसमें से 7 विधायक बागी हो चुके हैं। यानी सपा के पास 98 विधायक हैं। इसमें जाहिद बेग और रमाकांत यादव जेल में हैं। 12 सांसदों और 11 विधायकों को स्टार प्रचारक बनाया गया है। कार्यालय प्रभारी प्रदेश को 3 हिस्सों में बांटकर ड्यूटी लगा रहे हैं। इसमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश की मीरापुर, गाजियाबाद, खैर और कुंदरकी में पश्चिमी यूपी के नेताओं को लगाया जाएगा। पूर्वी उत्तर प्रदेश की 3 सीटें मझवां, फूलपुर और कटेहरी में पूर्वी यूपी के नेताओं को लगाया जाएगा। मध्य यूपी की करहल और कानपुर की सीसामऊ सीट पर उस क्षेत्र के नेताओं की ड्यूटी लगाई जाएगी। सपा से जुड़े नेताओं का कहना है, अखिलेश यादव दीपावली के बाद सभी विधानसभाओं का दौरा करेंगे। दीपावली के बाद ही बाकी बड़े नेताओं की भी ड्यूटी विधानसभावार लगाई जाएगी। हालांकि, अखिलेश यादव ने भी पहले ही कह दिया था कि वे प्रदेश की उन सभी सीटों पर प्रचार के लिए जाएंगे, जहां उपचुनाव हो रहा है। प्रचार के मामले में भाजपा के मुकाबले काफी पीछे है सपा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी का मुकाबला सीधे तौर पर भाजपा से है। भाजपा ने हर सीट पर चुनाव की घोषणा से काफी पहले से प्रभारी मंत्री और नेताओं की ड्यूटी लगा रखी है। खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हर सीट पर कम से कम एक-एक बार जा चुके हैं। कई योजनाएं लॉन्च की हैं। इसके अलावा भाजपा उपमुख्यमंत्री, प्रभारी मंत्रियों, विधायकों और सांसदों की ड्यूटी भी इन सीटों पर लगा रही है। तैयारियों को लेकर सपा नेता और पूर्व एमएलसी उदयवीर कहते हैं- त्योहारों की वजह से प्रचार अभी थोड़ा धीमा है। दीपावली के बाद इसमें तेजी आएगी। पार्टी की ओर से स्टार प्रचारकों की सूची जारी की जा चुकी है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी प्रचार के लिए उतर चुके हैं। करहल में उन्होंने कार्यक्रम किए हैं। आने वाले दिनों में वह अन्य सीटों पर प्रचार के लिए जा सकते हैं। शिवपाल यादव कटेहरी के प्रभारी हैं सपा ने अपने वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव को कटेहरी का प्रभारी बनाया है। वे नामांकन कराने के लिए वहां पहुंचे भी थे। फिर 3 दिन तक प्रचार करने के बाद लखनऊ लौट आए थे। वह सोमवार को दोबारा कटेहरी पहुंचेंगे। दीपावली के बाद ही वह भी अपनी सभाओं में इजाफा करेंगे। आजम खान और जया बच्चन भी स्टार प्रचारक समाजवादी पार्टी ने पिछले दिनों उपचुनाव के लिए जो अपनी स्टार प्रचारकों की सूची जारी की, उसमें ऐसे नाम भी शामिल हैं जिनका प्रचार में आना लगभग नामुमकिन है। इसमें सपा के राष्ट्रीय महासचिव मोहम्मद आजम खान, राज्यसभा सांसद जया बच्चन जैसे नाम शामिल हैं। आजम खान जेल में हैं और जया बच्चन लोकसभा चुनाव में प्रचार से दूर रही हैं। वहीं, राम गोपाल यादव भी उपचुनाव में शायद ही कभी नजर आए हों। हालांकि तेज प्रताप यादव के नामांकन के समय वह मैनपुरी में मौजूद थे। --------------------- ये खबर भी पढ़ें... यूपी उपचुनाव में हाथी बिगाड़ेगा साइकिल की चाल, बसपा प्रत्याशी 4 सीटों पर बिगाड़ सकते हैं सपा का गणित, 3 पर भाजपा को खतरा विधानसभा की 9 सीटों पर उपचुनाव होना है। 13 नवंबर को वोटिंग होगी। भाजपा और सपा ने सभी 9 सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। बसपा अभी तक 8 सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर चुकी है। अलीगढ़ की खैर सीट से बसपा ने अभी तक किसी को टिकट नहीं दिया है। इसके साथ ही चुनाव की तस्वीर भी साफ हो गई है। वैसे तो 9 सीटों पर मुकाबला तो त्रिकोणीय होगा, लेकिन कांटे की टक्कर भाजपा और सपा के बीच ही होगी। पढ़ें पूरी खबर

करहल सीट बचाने में जुटा पूरा यादव कुनबा:डिंपल ने कमान संभाली, बाकी 8 सीटों पर भाजपा के मुकाबले तैयारी में पिछड़ी
यूपी में उपचुनाव वैसे तो विधानसभा की 9 सीटों पर हो रहा है, लेकिन सपा की ओर से प्रचार का शोर सिर्फ एक सीट पर ज्यादा दिखाई दे रहा है। यह सीट है मैनपुरी की करहल। करहल सीट अखिलेश यादव के इस्तीफे से खाली हुई है। वहां से अखिलेश के भतीजे और लालू प्रसाद यादव के दामाद तेज प्रताप यादव चुनाव लड़ रहे हैं। तेज प्रताप के लिए मुलायम सिंह यादव का पूरा कुनबा जुटा है। मैनपुरी की सांसद डिंपल यादव करहल विधानसभा क्षेत्र में डेरा डाले हैं। अखिलेश यादव भी वहां दो बार जा चुके हैं। बाकी 8 सीटों पर प्रचार के लिए सपा के बड़े नेताओं का दौरा अभी शुरू नहीं हो सका है। इन सीटों पर सपा, भाजपा की तैयारी के आगे पिछड़ती जा रही है। कटेहरी में जरूर प्रभारी बनाए गए शिवपाल सिंह यादव लगे हैं। बताया जा रहा है, दीपावली के बाद सपा अपने प्रचारकों की टीम चुनाव में उतारेगी। करहल में डिंपल ने झोंकी ताकत डिंपल यादव ने करहल में अपनी पूरी ताकत झोंक रखी हैं। यह सीट समाजवादी पार्टी के लिए नाक का सवाल है। दरअसल, अखिलेश यादव ने इस सीट पर 2022 के विधानसभा चुनाव में 68 हजार से अधिक मतों से जीत हासिल की थी। उन्हें 60 फीसदी से अधिक वोट हासिल हुए थे। अखिलेश यादव के सामने उस समय केंद्र सरकार में मंत्री रहे एसपी सिंह बघेल थे। हालांकि करहल समाजवादी पार्टी की परंपरागत सीट है। इस बार भाजपा ने यहां से अखिलेश यादव के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव के बहनोई अनुजेश यादव को मैदान में उतारा है। धर्मेद्र यादव अपने बहनोई के भाजपा में जाने के कारण पहले ही उनसे नाता तोड़ चुके हैं। भाजपा ने यहां से परिवार के ही सदस्य को टिकट देकर परिवार के लोगों को ही धर्म संकट में डाल दिया है। ऐसे में डिंपल यादव, जो मैनपुरी से मौजूदा सांसद भी हैं और मुलायम सिंह के संसदीय क्षेत्र की विरासत संभाल रही हैं, इस सीट पर उनकी भी साख दांव पर लगी है। वह पूरी मेहनत कर रही हैं। कहा तो यह भी जा रहा है कि भाजपा यहां से मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव का चुनाव लड़ाना चाहती थी, लेकिन अपर्णा तैयार नहीं हुईं। विधायकों और सांसदों की भी लगेगी ड्यूटी समाजवादी पार्टी के सूत्रों का कहना है, जिन 9 सीटों पर उपचुनाव होने जा रहा है, उन सभी सीटों पर सपा विधायकों और सांसदों के साथ वरिष्ठ नेताओं को भी प्रचार के लिए भेजेगी। सपा के पास मौजूदा समय में 37 सांसद और 105 विधायक हैं। इसमें से 7 विधायक बागी हो चुके हैं। यानी सपा के पास 98 विधायक हैं। इसमें जाहिद बेग और रमाकांत यादव जेल में हैं। 12 सांसदों और 11 विधायकों को स्टार प्रचारक बनाया गया है। कार्यालय प्रभारी प्रदेश को 3 हिस्सों में बांटकर ड्यूटी लगा रहे हैं। इसमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश की मीरापुर, गाजियाबाद, खैर और कुंदरकी में पश्चिमी यूपी के नेताओं को लगाया जाएगा। पूर्वी उत्तर प्रदेश की 3 सीटें मझवां, फूलपुर और कटेहरी में पूर्वी यूपी के नेताओं को लगाया जाएगा। मध्य यूपी की करहल और कानपुर की सीसामऊ सीट पर उस क्षेत्र के नेताओं की ड्यूटी लगाई जाएगी। सपा से जुड़े नेताओं का कहना है, अखिलेश यादव दीपावली के बाद सभी विधानसभाओं का दौरा करेंगे। दीपावली के बाद ही बाकी बड़े नेताओं की भी ड्यूटी विधानसभावार लगाई जाएगी। हालांकि, अखिलेश यादव ने भी पहले ही कह दिया था कि वे प्रदेश की उन सभी सीटों पर प्रचार के लिए जाएंगे, जहां उपचुनाव हो रहा है। प्रचार के मामले में भाजपा के मुकाबले काफी पीछे है सपा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी का मुकाबला सीधे तौर पर भाजपा से है। भाजपा ने हर सीट पर चुनाव की घोषणा से काफी पहले से प्रभारी मंत्री और नेताओं की ड्यूटी लगा रखी है। खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हर सीट पर कम से कम एक-एक बार जा चुके हैं। कई योजनाएं लॉन्च की हैं। इसके अलावा भाजपा उपमुख्यमंत्री, प्रभारी मंत्रियों, विधायकों और सांसदों की ड्यूटी भी इन सीटों पर लगा रही है। तैयारियों को लेकर सपा नेता और पूर्व एमएलसी उदयवीर कहते हैं- त्योहारों की वजह से प्रचार अभी थोड़ा धीमा है। दीपावली के बाद इसमें तेजी आएगी। पार्टी की ओर से स्टार प्रचारकों की सूची जारी की जा चुकी है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी प्रचार के लिए उतर चुके हैं। करहल में उन्होंने कार्यक्रम किए हैं। आने वाले दिनों में वह अन्य सीटों पर प्रचार के लिए जा सकते हैं। शिवपाल यादव कटेहरी के प्रभारी हैं सपा ने अपने वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव को कटेहरी का प्रभारी बनाया है। वे नामांकन कराने के लिए वहां पहुंचे भी थे। फिर 3 दिन तक प्रचार करने के बाद लखनऊ लौट आए थे। वह सोमवार को दोबारा कटेहरी पहुंचेंगे। दीपावली के बाद ही वह भी अपनी सभाओं में इजाफा करेंगे। आजम खान और जया बच्चन भी स्टार प्रचारक समाजवादी पार्टी ने पिछले दिनों उपचुनाव के लिए जो अपनी स्टार प्रचारकों की सूची जारी की, उसमें ऐसे नाम भी शामिल हैं जिनका प्रचार में आना लगभग नामुमकिन है। इसमें सपा के राष्ट्रीय महासचिव मोहम्मद आजम खान, राज्यसभा सांसद जया बच्चन जैसे नाम शामिल हैं। आजम खान जेल में हैं और जया बच्चन लोकसभा चुनाव में प्रचार से दूर रही हैं। वहीं, राम गोपाल यादव भी उपचुनाव में शायद ही कभी नजर आए हों। हालांकि तेज प्रताप यादव के नामांकन के समय वह मैनपुरी में मौजूद थे। --------------------- ये खबर भी पढ़ें... यूपी उपचुनाव में हाथी बिगाड़ेगा साइकिल की चाल, बसपा प्रत्याशी 4 सीटों पर बिगाड़ सकते हैं सपा का गणित, 3 पर भाजपा को खतरा विधानसभा की 9 सीटों पर उपचुनाव होना है। 13 नवंबर को वोटिंग होगी। भाजपा और सपा ने सभी 9 सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। बसपा अभी तक 8 सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर चुकी है। अलीगढ़ की खैर सीट से बसपा ने अभी तक किसी को टिकट नहीं दिया है। इसके साथ ही चुनाव की तस्वीर भी साफ हो गई है। वैसे तो 9 सीटों पर मुकाबला तो त्रिकोणीय होगा, लेकिन कांटे की टक्कर भाजपा और सपा के बीच ही होगी। पढ़ें पूरी खबर