जेपीएल की कोल खदान का विरोध चौथे दिन जारी:रायगढ़ में 14 गांव के ग्रामीण कर रहे आंदोलन,सरगुजा-कोरबा में भी कोल माइंस को लेकर प्रदर्शन

छत्तीसगढ़ में कोल खदानों को लेकर लगातार विरोध जारी है। ग्रामीण किसी भी कीमत पर जमीन देने को तैयार नहीं हैं। इसी बीच रायगढ़ के तमनार ब्लॉक के 14 गांव के ग्रामीणों ने मोर्चा खोल दिया है। के रायगढ़ जिले के तमनार ब्लॉक में जेपीएल की प्रस्तावित कोल खदान के खिलाफ ग्रामीणों का विरोध तेज हो गया है। 14 गांव के ग्रामीण 5 नवंबर शाम से ही आंदोलन पर डटे हुए हैं। सोमवार को जनसुनवाई प्रस्तावित है, लेकिन सुबह से ही बड़ी संख्या में ग्रामीण स्थल पर मौजूद हैं। इन इलाकों में भी हो रहा कोल माइंस का विरोध रायगढ़ जिले के तामार ब्लॉक में जेपीएल की प्रस्तावित कोल खदान के अलावा सरगुजा, रायगढ़ और कोरबा जिलों में कोयला खदानों को लेकर विरोध हो रहे हैं। सरगुजा जिले में अमेरा ओपनकास्ट कोल माइंस के विस्तार को लेकर प्रशासन और ग्रामीणों के बीच 3 दिसंबर 2025 को झड़प हुई, जिसमें ASP और थाना प्रभारी समेत करीब 25 पुलिसकर्मी घायल हुए। कोरबा में गेवरा खदान में भू-विस्थापितों ने रोजगार, पुनर्वास और मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्शन किया, जिस दौरान CISF ने लाठीचार्ज किया और 10 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए। रायगढ़ के छाल क्षेत्र में भी 300 ग्रामीणों ने जनसुनवाई रद्द करने की मांग को लेकर कलेक्ट्रेट के सामने धरना दिया, जिसमें महिलाएं, बच्चे और लड़कियां भी शामिल थीं। ग्रामीणों ने की जनसुनवाई निरस्त की मांग जानकारी के मुताबिक, ग्रामीणों के समर्थन में लैलूंगा विधायक विद्यावती सिदार भी मौके पर पहुंचीं। ग्रामीणों का कहना है कि जनसुनवाई निरस्त किया जाए। उन्होंने जनसुनवाई के लिए टेंट न लगने देने के उद्देश्य से मानव श्रृंखला बनाकर विरोध दर्ज कराया। ग्रामीणों का कहना है कि प्रस्तावित खदान से उन्हें विस्थापन, पर्यावरणीय नुकसान और आजीविका पर संकट का खतरा है, इसलिए वे जनसुनवाई का कड़ा विरोध कर रहे हैं। मौके पर किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया। ग्रामीणों का आरोप है कि स्कूल मैदान जनसुनवाई के लिए निर्धारित स्थल था। लेकिन मैदान में जनसुनवाई न कराकर बाजार परिसर के अंदर कमरे भीतर गुपचुप तरीके से जनसुनवाई को संपन्न करा दिया गया। सुबह से काफी संख्या में फोर्स तैनात थी, लेकिन अब वह भी जा चुकी है। हालांकि, ग्रामीण मैदान में अब भी डटे हुए हैं। जानिए क्या है पूरा मामला ? दरअसल, तमनार ब्लॉक में प्रस्तावित गारे–पेलमा कोल ब्लॉक सेक्टर-1 की जनसुनवाई को लेकर ग्रामीणों का विरोध जारी है। 5 नवंबर से ग्रामीण जनसुनवाई को निरस्त करने की मांग पर अड़े हुए हैं। इस आंदोलन में लगभग 14 गांवों के लोग शामिल हैं। ग्रामीण धौराभांठा स्कूल मैदान में धरने पर बैठे हैं। इनमें झरना, आमगांव, कोसमपाली, पतरापाली, जांजगीर, गोढ़ी, कसडोल, महलोई, सरसमाल सहित कई गांवों के लोग शामिल हैं। ग्रामीण किसी भी नई कंपनी या कोयला खदान को इस क्षेत्र में शुरू नहीं होने देना चाहते। उनका कहना है कि तमनार और आसपास का इलाका पहले से ही कंपनियों के कारण प्रदूषण की चपेट में है। भारी वाहनों की आवाजाही से सड़क दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं। जल–जंगल–जमीन भी तेजी से नष्ट हो रहे हैं। प्रस्तावित कोयला खदान का हर हाल में विरोध करेंगे। ग्रामीण बोले- नहीं देने अपनी जमीनें ग्रामीण महिला जानकी चौहान ने स्पष्ट कहा कि हम अपनी जमीनें नहीं देंगे। जबकि अमरमती सिदार ने कहा कि जनसुनवाई रद्द करने की मांग को लेकर 5 नवंबर से आंदोलन कर रहे हैं। हमारे समर्थन में विधायक विद्यावती सिदार मौके पर आई हैं। सेत कुमारी चौहान ने कहा कि हम इसलिए घेराबंदी किए क्योंकि 14 गांव के ग्रामीणों की अलावा कोई भी बाहरी न आए। हम अपनी जमीनें किसी भी कीमत पर नहीं देना चाहते हैं। 14 गांवों के सभी महिला-पुरुष आंदोलन कर रहे हैं। जिला बचाओ संघर्ष मोर्चा पदाधिकारी राधेश्याम शर्मा ने कहा कि यह पेसा क्षेत्र है और 14 गांव कोल ब्लॉक से प्रभावित हो रहे हैं। ग्राम सभा का अनमोदन नहीं है। पुलिस-प्रशासन अवैध तरीके से गांवों में घुसे हुए हैं और जनसुनवाई को गोपनीय तरीके से करवाने की कोशिश में लगे हुए हैं। जिस जगह को ग्रामीणों ने घेराबंदी कर रखा है, वहां जनसुनवाई होने पर मान्य माना जाएगा। छत्तीसगढ़ में पूरी तहत प्रशासनिक आतंकवाद चल रहा है। ........................................... इससे जुड़ी ये खबर भी पढ़ें पुलिस-ग्रामीणों में पथराव, ASP समेत 25 घायल...VIDEO:सरगुजा में एक-दूसरे पर अटैक, आंसू-गैस के गोले छोड़े; कोयला-खदान के लिए जमीन अधिग्रहण करने पहुंची थी टीम छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में अमेरा ओपनकास्ट कोल माइंस के विस्तार को लेकर ग्रामीण विरोध कर रहे हैं। 3 दिसंबर 2025 को पुलिस और ग्रामीणों के बीच झड़प हो गई। इस दौरान ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव और गुलेल से हमला किया। हमले में ASP, थाना प्रभारी समेत लगभग 25 पुलिसकर्मी घायल हो गए ​थे। 12 से अधिक ग्रामीण भी चोटिल हुए थे। स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। यह मामला लखनपुर थाना क्षेत्र का है। जानकारी के अनुसार, SECL ने अमेरा खदान के विस्तार के लिए परसोढ़ी गांव की जमीनें साल 2001 में अधिग्रहित की थीं। ग्रामीण अपनी जमीन देने के लिए तैयार नहीं हैं। प्रशासनिक अधिकारी लगभग 500 पुलिसकर्मियों के साथ जमीन अधिग्रहण के लिए गांव पहुंचे थे। SECL प्रबंधन का कहना है कि परसोड़ीकला के ग्रामीणों को अब तक करीब 10 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। जिला RR समिति की मंजूरी से रोजगार भी प्रदान किया जा रहा है। लेकिन जैसे ही खनन परसोड़ीकला की ओर बढ़ा, कुछ असामाजिक तत्वों ने ग्रामीणों को उकसाया और उन्होंने अधिग्रहीत भूमि खाली करने से इनकार कर दिया। पढ़ें पूरी खबर... रायगढ़ में कोल माइंस का विरोध, कहा- नहीं देंगे जमीन:रातभर धरने पर बैठे रहे 300 ग्रामीण, इनमें महिलाएं-बच्चे भी; जनसुनवाई रद्द करने की मांग छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के छाल क्षेत्र में कोयला खदान के विरोध में ग्रामीण आंदोलन कर रहे है

जेपीएल की कोल खदान का विरोध चौथे दिन जारी:रायगढ़ में 14 गांव के ग्रामीण कर रहे आंदोलन,सरगुजा-कोरबा में भी कोल माइंस को लेकर प्रदर्शन
छत्तीसगढ़ में कोल खदानों को लेकर लगातार विरोध जारी है। ग्रामीण किसी भी कीमत पर जमीन देने को तैयार नहीं हैं। इसी बीच रायगढ़ के तमनार ब्लॉक के 14 गांव के ग्रामीणों ने मोर्चा खोल दिया है। के रायगढ़ जिले के तमनार ब्लॉक में जेपीएल की प्रस्तावित कोल खदान के खिलाफ ग्रामीणों का विरोध तेज हो गया है। 14 गांव के ग्रामीण 5 नवंबर शाम से ही आंदोलन पर डटे हुए हैं। सोमवार को जनसुनवाई प्रस्तावित है, लेकिन सुबह से ही बड़ी संख्या में ग्रामीण स्थल पर मौजूद हैं। इन इलाकों में भी हो रहा कोल माइंस का विरोध रायगढ़ जिले के तामार ब्लॉक में जेपीएल की प्रस्तावित कोल खदान के अलावा सरगुजा, रायगढ़ और कोरबा जिलों में कोयला खदानों को लेकर विरोध हो रहे हैं। सरगुजा जिले में अमेरा ओपनकास्ट कोल माइंस के विस्तार को लेकर प्रशासन और ग्रामीणों के बीच 3 दिसंबर 2025 को झड़प हुई, जिसमें ASP और थाना प्रभारी समेत करीब 25 पुलिसकर्मी घायल हुए। कोरबा में गेवरा खदान में भू-विस्थापितों ने रोजगार, पुनर्वास और मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्शन किया, जिस दौरान CISF ने लाठीचार्ज किया और 10 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए। रायगढ़ के छाल क्षेत्र में भी 300 ग्रामीणों ने जनसुनवाई रद्द करने की मांग को लेकर कलेक्ट्रेट के सामने धरना दिया, जिसमें महिलाएं, बच्चे और लड़कियां भी शामिल थीं। ग्रामीणों ने की जनसुनवाई निरस्त की मांग जानकारी के मुताबिक, ग्रामीणों के समर्थन में लैलूंगा विधायक विद्यावती सिदार भी मौके पर पहुंचीं। ग्रामीणों का कहना है कि जनसुनवाई निरस्त किया जाए। उन्होंने जनसुनवाई के लिए टेंट न लगने देने के उद्देश्य से मानव श्रृंखला बनाकर विरोध दर्ज कराया। ग्रामीणों का कहना है कि प्रस्तावित खदान से उन्हें विस्थापन, पर्यावरणीय नुकसान और आजीविका पर संकट का खतरा है, इसलिए वे जनसुनवाई का कड़ा विरोध कर रहे हैं। मौके पर किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया। ग्रामीणों का आरोप है कि स्कूल मैदान जनसुनवाई के लिए निर्धारित स्थल था। लेकिन मैदान में जनसुनवाई न कराकर बाजार परिसर के अंदर कमरे भीतर गुपचुप तरीके से जनसुनवाई को संपन्न करा दिया गया। सुबह से काफी संख्या में फोर्स तैनात थी, लेकिन अब वह भी जा चुकी है। हालांकि, ग्रामीण मैदान में अब भी डटे हुए हैं। जानिए क्या है पूरा मामला ? दरअसल, तमनार ब्लॉक में प्रस्तावित गारे–पेलमा कोल ब्लॉक सेक्टर-1 की जनसुनवाई को लेकर ग्रामीणों का विरोध जारी है। 5 नवंबर से ग्रामीण जनसुनवाई को निरस्त करने की मांग पर अड़े हुए हैं। इस आंदोलन में लगभग 14 गांवों के लोग शामिल हैं। ग्रामीण धौराभांठा स्कूल मैदान में धरने पर बैठे हैं। इनमें झरना, आमगांव, कोसमपाली, पतरापाली, जांजगीर, गोढ़ी, कसडोल, महलोई, सरसमाल सहित कई गांवों के लोग शामिल हैं। ग्रामीण किसी भी नई कंपनी या कोयला खदान को इस क्षेत्र में शुरू नहीं होने देना चाहते। उनका कहना है कि तमनार और आसपास का इलाका पहले से ही कंपनियों के कारण प्रदूषण की चपेट में है। भारी वाहनों की आवाजाही से सड़क दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं। जल–जंगल–जमीन भी तेजी से नष्ट हो रहे हैं। प्रस्तावित कोयला खदान का हर हाल में विरोध करेंगे। ग्रामीण बोले- नहीं देने अपनी जमीनें ग्रामीण महिला जानकी चौहान ने स्पष्ट कहा कि हम अपनी जमीनें नहीं देंगे। जबकि अमरमती सिदार ने कहा कि जनसुनवाई रद्द करने की मांग को लेकर 5 नवंबर से आंदोलन कर रहे हैं। हमारे समर्थन में विधायक विद्यावती सिदार मौके पर आई हैं। सेत कुमारी चौहान ने कहा कि हम इसलिए घेराबंदी किए क्योंकि 14 गांव के ग्रामीणों की अलावा कोई भी बाहरी न आए। हम अपनी जमीनें किसी भी कीमत पर नहीं देना चाहते हैं। 14 गांवों के सभी महिला-पुरुष आंदोलन कर रहे हैं। जिला बचाओ संघर्ष मोर्चा पदाधिकारी राधेश्याम शर्मा ने कहा कि यह पेसा क्षेत्र है और 14 गांव कोल ब्लॉक से प्रभावित हो रहे हैं। ग्राम सभा का अनमोदन नहीं है। पुलिस-प्रशासन अवैध तरीके से गांवों में घुसे हुए हैं और जनसुनवाई को गोपनीय तरीके से करवाने की कोशिश में लगे हुए हैं। जिस जगह को ग्रामीणों ने घेराबंदी कर रखा है, वहां जनसुनवाई होने पर मान्य माना जाएगा। छत्तीसगढ़ में पूरी तहत प्रशासनिक आतंकवाद चल रहा है। ........................................... इससे जुड़ी ये खबर भी पढ़ें पुलिस-ग्रामीणों में पथराव, ASP समेत 25 घायल...VIDEO:सरगुजा में एक-दूसरे पर अटैक, आंसू-गैस के गोले छोड़े; कोयला-खदान के लिए जमीन अधिग्रहण करने पहुंची थी टीम छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में अमेरा ओपनकास्ट कोल माइंस के विस्तार को लेकर ग्रामीण विरोध कर रहे हैं। 3 दिसंबर 2025 को पुलिस और ग्रामीणों के बीच झड़प हो गई। इस दौरान ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव और गुलेल से हमला किया। हमले में ASP, थाना प्रभारी समेत लगभग 25 पुलिसकर्मी घायल हो गए ​थे। 12 से अधिक ग्रामीण भी चोटिल हुए थे। स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। यह मामला लखनपुर थाना क्षेत्र का है। जानकारी के अनुसार, SECL ने अमेरा खदान के विस्तार के लिए परसोढ़ी गांव की जमीनें साल 2001 में अधिग्रहित की थीं। ग्रामीण अपनी जमीन देने के लिए तैयार नहीं हैं। प्रशासनिक अधिकारी लगभग 500 पुलिसकर्मियों के साथ जमीन अधिग्रहण के लिए गांव पहुंचे थे। SECL प्रबंधन का कहना है कि परसोड़ीकला के ग्रामीणों को अब तक करीब 10 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। जिला RR समिति की मंजूरी से रोजगार भी प्रदान किया जा रहा है। लेकिन जैसे ही खनन परसोड़ीकला की ओर बढ़ा, कुछ असामाजिक तत्वों ने ग्रामीणों को उकसाया और उन्होंने अधिग्रहीत भूमि खाली करने से इनकार कर दिया। पढ़ें पूरी खबर... रायगढ़ में कोल माइंस का विरोध, कहा- नहीं देंगे जमीन:रातभर धरने पर बैठे रहे 300 ग्रामीण, इनमें महिलाएं-बच्चे भी; जनसुनवाई रद्द करने की मांग छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के छाल क्षेत्र में कोयला खदान के विरोध में ग्रामीण आंदोलन कर रहे हैं। पुरूंगा, साम्हरसिंघा और तेंदूमुड़ी के लोग अपनी जल, जंगल और जमीन को खदान के लिए देने से इनकार कर चुके हैं। 6 नवंबर को उन्होंने धरना प्रदर्शन किया था। कोयला खदान के लिए 11 नवंबर को होने वाली जनसुनवाई को ग्रामीण रद्द की मांग कर रहे थे। 6 नवंबर को करीब 300 ग्रामीण कलेक्ट्रेट पहुंचे थे, लेकिन कलेक्टर उनसे मिलने नहीं आए। इसके बाद ग्रामीण रातभर कलेक्ट्रेट के सामने धरने पर बैठे रहे। इस धरने में महिलाएं, बच्चे और लड़कियां भी शामिल थीं। पिछले 24 घंटे तक प्रदर्शन के दौरान कोई प्रशासनिक अधिकारी प्रदर्शनकारियों से मिलने नहीं आए। शुक्रवार दोपहर तक जब उन्हें जानकारी मिली कि गांव में जनसुनवाई की तैयारियां हो रही हैं, तो ग्रामीण कलेक्ट्रेट से वापस गांव लौट गए। अब वे गांव में जनसुनवाई का विरोध करने की तैयारी कर रहे हैं। पढ़ें पूरी खबर.... कोरबा में CISF ने भू-विस्थापितों पर बरसाई लाठियां...VIDEO:कोयला खदान में रोजगार-मुआवजे की कर रहे थे मांग; प्रबंधन बोला-प्रतिबंधित क्षेत्र में घुसे, इसलिए हटाया छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में 23 अक्टूबर 2025 को SECL (साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड) की गेवरा खदान में भू-विस्थापितों के प्रदर्शन के दौरान CISF (केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल) ने लाठीचार्ज किया था। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें जवान प्रदर्शनकारियों को दौड़ा-दौड़ाकर मारते हुए दिखाई दे रहे हैं। पढ़ें पूरी खबर यह प्रदर्शन अखिल भारतीय किसान सभा के नेतृत्व में किया गया था। भू-विस्थापित रोजगार, पुनर्वास और मुआवजे की मांग कर रहे थे। लाठीचार्ज में किसान सभा के जिला सचिव दीपक साहू, रमेश दास, बिमल दास और गुलाब दास समेत लगभग 10 लोग गंभीर रूप से घायल हुए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, प्रदर्शन स्थल पर बड़ी संख्या में पुलिस और CISF बल तैनात थे। प्रदर्शन शुरू में शांतिपूर्ण था और SECL के अधिकारी प्रदर्शनकारियों को बातचीत के लिए बुला रहे थे। इसी दौरान CISF के एक अधिकारी ने कथित तौर पर अभद्र व्यवहार किया और फिर अचानक लाठीचार्ज कर दिया। घायलों को जबरन दीपका थाने ले जाया गया। ग्रामीणों ने इस घटना में अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। SECL प्रबंधन का कहना है कि प्रदर्शनकारियों ने प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश कर कोयला उत्पादन में बाधा डाली थी। CISF की टीम ने उन्हें रोकने और वापस भेजने का प्रयास किया। पढ़ें पूरी खबर...