श्रावस्ती कोर्ट की फटकार, कई थाना प्रभारी न्यायालय में पेश:दलीलें सुनने के बाद कार्यशैली पर नाराजगी, सुधार की मिली चेतावनी
श्रावस्ती कोर्ट की फटकार, कई थाना प्रभारी न्यायालय में पेश:दलीलें सुनने के बाद कार्यशैली पर नाराजगी, सुधार की मिली चेतावनी
श्रावस्ती में न्यायालय ने पुलिस विभाग के प्रति सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट के आदेशों की अवहेलना के मामले में सिविल जज/न्यायिक मजिस्ट्रेट, श्रावस्ती की फटकार के बाद जिले के कई थाना प्रभारी आज न्यायालय में पेश हुए। सुनवाई के दौरान न्यायालय थाना प्रभारियों की दलीलों से संतुष्ट नहीं हुआ और उनकी कार्यशैली पर गंभीर नाराजगी व्यक्त की। यह मामला हरदत्त नगर गिरन्ट थाना सहित कई थानों से संबंधित है। इन थानों को हाईकोर्ट के आदेशों के अनुपालन के लिए नोटिस जारी किए गए थे। आरोप है की इसके बावजूद, समय पर जवाब दाखिल न करने और विवेचनाओं में लापरवाही बरतने को अदालत ने गंभीरता से लिया। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि जानबूझकर की गई अवहेलना बर्दाश्त नहीं की जाएगी। न्यायालय के निर्देश पर सभी संबंधित थाना प्रभारी 20 दिसंबर को अदालत में उपस्थित हुए। सभी पक्षों को सुनने के बाद न्यायालय ने विवेचनाओं की गुणवत्ता और आदेशों के अनुपालन पर सवाल उठाए। कोर्ट ने चेतावनी दी कि यदि भविष्य में जांच और विवेचना में सुधार नहीं हुआ, तो और भी कठोर कदम उठाए जा सकते हैं। इस मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CJM) ने पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र भेजकर आवश्यक सुधार सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। इसका उद्देश्य निचले स्तर पर न्यायालयी आदेशों का सख्ती से पालन करवाना है। सूत्रों के अनुसार, न्यायालय की इस सख्ती के बाद पुलिस महकमे में खलबली मच गई है। थाना स्तर पर विवेचनाओं को दुरुस्त करने की कवायद तेज हो गई है। इस कदम को जिले में कानून व्यवस्था और न्यायिक प्रक्रिया के प्रति एक सख्त संदेश के रूप में देखा जा रहा है।
श्रावस्ती में न्यायालय ने पुलिस विभाग के प्रति सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट के आदेशों की अवहेलना के मामले में सिविल जज/न्यायिक मजिस्ट्रेट, श्रावस्ती की फटकार के बाद जिले के कई थाना प्रभारी आज न्यायालय में पेश हुए। सुनवाई के दौरान न्यायालय थाना प्रभारियों की दलीलों से संतुष्ट नहीं हुआ और उनकी कार्यशैली पर गंभीर नाराजगी व्यक्त की। यह मामला हरदत्त नगर गिरन्ट थाना सहित कई थानों से संबंधित है। इन थानों को हाईकोर्ट के आदेशों के अनुपालन के लिए नोटिस जारी किए गए थे। आरोप है की इसके बावजूद, समय पर जवाब दाखिल न करने और विवेचनाओं में लापरवाही बरतने को अदालत ने गंभीरता से लिया। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि जानबूझकर की गई अवहेलना बर्दाश्त नहीं की जाएगी। न्यायालय के निर्देश पर सभी संबंधित थाना प्रभारी 20 दिसंबर को अदालत में उपस्थित हुए। सभी पक्षों को सुनने के बाद न्यायालय ने विवेचनाओं की गुणवत्ता और आदेशों के अनुपालन पर सवाल उठाए। कोर्ट ने चेतावनी दी कि यदि भविष्य में जांच और विवेचना में सुधार नहीं हुआ, तो और भी कठोर कदम उठाए जा सकते हैं। इस मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CJM) ने पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र भेजकर आवश्यक सुधार सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। इसका उद्देश्य निचले स्तर पर न्यायालयी आदेशों का सख्ती से पालन करवाना है। सूत्रों के अनुसार, न्यायालय की इस सख्ती के बाद पुलिस महकमे में खलबली मच गई है। थाना स्तर पर विवेचनाओं को दुरुस्त करने की कवायद तेज हो गई है। इस कदम को जिले में कानून व्यवस्था और न्यायिक प्रक्रिया के प्रति एक सख्त संदेश के रूप में देखा जा रहा है।