इंदौर में छठ महोत्सव 5 नवंबर से, 150 जगह पूजन:सूर्योपासना के महापर्व ‘छठ पूजा’ के लिए पूर्वांचलवासी जुटे जल कुंडों की सफाई में, तैयारी तेज

दीपावली के समापन के बाद शहर में बसे पूर्वांचल के लोगों विशेषकर बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश से आए परिवारों में छठ महापर्व की तैयारी जोरों पर की जा रही है। छठ महापर्व के आगमन से शहर का संपूर्ण पूर्वांचल समाज छठी मैया की अद्भुत आस्था में रमा हुआ है। हर घर में छठी मैया के पारंपरिक लोक गीत गूंज रहे हैं। शहर में विभिन्न छठ पूजा आयोजन समितियां अपने-अपने क्षेत्रों में स्थित घाटों (जल कुंड) की सफाई और रंग-रोगन के काम में जुट गई हैं। 5 नवंबर को 'नहाय-खाय' से होगी छठ महाव्रत की शुरुआत इस वर्ष चार दिवसीय छठ महापर्व का आरंभ 5 नवंबर को 'नहाय-खाय' से होगा। 6 नवंबर को 'खरना' मनाया जाएगा। वर्ष 2024 में षष्ठी तिथि 7 नवंबर को सुबह 12 बजकर 41 मिनट से शुरू होगी, जो 8 नवंबर, शुक्रवार को सुबह 12 बजकर 34 मिनट तक चलेगी। उदया तिथि के अनुसार, छठ महापर्व का संध्या अर्घ्य 7 नवंबर को व्रतधारी देंगे। महापर्व का समापन 8 नवंबर को प्रातः उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ होगा। शहर में डेढ़ सौ से अधिक स्थानों पर होगी छठ पूजा पूर्वोत्तर सांस्कृतिक संस्थान मध्य प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष ठाकुर जगदीश सिंह और महासचिव के. के. झा के अनुसार इस बार शहर में लगभग 150 से अधिक स्थानों पर तालाबों, नदियों और कृत्रिम जलाशयों (जल कुंडों) में छठी मैया को अर्घ्य दिया जाएगा। आयोजन में करीब ढाई से तीन लाख लोग सम्मिलित होंगे, जिनमें से 50 हजार से अधिक महिला और पुरुष व्रतधारी जलकुंडों और तालाबों में खड़े रहकर छठी मैया की आराधना करेंगे। स्कीम नंबर 54, 78, बाणगंगा, सुखलिया, श्याम नगर, तुलसी नगर, समर पार्क, अमृत पैलेस, पिपलियाहाना तालाब, कैट रोड, कालानी नगर, एरोड्रम रोड, सिलिकॉन सिटी, देवास नाका, निपानिया, राऊ, पीथमपुर सहित शहर के 150 से अधिक स्थानों पर आयोजन किए जाएंगे। सरकार से छठ महापर्व पर सार्वजनिक अवकाश की मांग के. के. झा ने कहा कि छठी मैया की महिमा से प्रभावित होकर अन्य समाजों के लोग भी इस महापर्व में शामिल होते हैं। झा ने सरकार से अनुरोध किया कि शहर और प्रदेश में छठ महापर्व मनाने वाले श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हुए सांध्य अर्घ्य के दिन सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाए। ठाकुर जगदीश सिंह ने जिला प्रशासन और इंदौर नगर निगम से निवेदन किया है कि शहर में छठ पूजा करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में हो रही वृद्धि को देखते हुए पिपलियाहाना तालाब, निपानिया तालाब, खजराना, सिरपुर और पिपलियापाला तालाबों पर भव्य छठ घाटों का निर्माण किया जाए। इससे श्रद्धालुओं को महापर्व के आयोजन में किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ेगा। दिव्य शक्ति पीठ में छठ महापर्व मनाने की अनुमति मांगी तपेश्वरी बाग और आसपास की कॉलोनियों के निवासियों ने वार्ड क्रमांक 37 की पार्षद संगीता महेश जोशी के माध्यम से प्रशासन से निवेदन किया कि रेडिसन चौराहे के समीप एम.आर. 10 स्थित दिव्य शक्ति पीठ के परिसर में स्थायी जलकुंड का निर्माण कर उन्हें छठ महापर्व का आयोजन करने की अनुमति प्रदान की जाए। रहवासियों ने आरोप लगाया कि पिछले कुछ वर्षों से पीठ के ट्रस्टियों द्वारा छठ महापर्व का आयोजन करने से रोका जा रहा है, जिससे इस क्षेत्र के करीब 400 पूर्वांचलवासी सुव्यवस्थित रूप से छठ महापर्व नहीं मना पा रहे हैं।

इंदौर में छठ महोत्सव 5 नवंबर से, 150 जगह पूजन:सूर्योपासना के महापर्व ‘छठ पूजा’ के लिए पूर्वांचलवासी जुटे जल कुंडों की सफाई में, तैयारी तेज
दीपावली के समापन के बाद शहर में बसे पूर्वांचल के लोगों विशेषकर बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश से आए परिवारों में छठ महापर्व की तैयारी जोरों पर की जा रही है। छठ महापर्व के आगमन से शहर का संपूर्ण पूर्वांचल समाज छठी मैया की अद्भुत आस्था में रमा हुआ है। हर घर में छठी मैया के पारंपरिक लोक गीत गूंज रहे हैं। शहर में विभिन्न छठ पूजा आयोजन समितियां अपने-अपने क्षेत्रों में स्थित घाटों (जल कुंड) की सफाई और रंग-रोगन के काम में जुट गई हैं। 5 नवंबर को 'नहाय-खाय' से होगी छठ महाव्रत की शुरुआत इस वर्ष चार दिवसीय छठ महापर्व का आरंभ 5 नवंबर को 'नहाय-खाय' से होगा। 6 नवंबर को 'खरना' मनाया जाएगा। वर्ष 2024 में षष्ठी तिथि 7 नवंबर को सुबह 12 बजकर 41 मिनट से शुरू होगी, जो 8 नवंबर, शुक्रवार को सुबह 12 बजकर 34 मिनट तक चलेगी। उदया तिथि के अनुसार, छठ महापर्व का संध्या अर्घ्य 7 नवंबर को व्रतधारी देंगे। महापर्व का समापन 8 नवंबर को प्रातः उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ होगा। शहर में डेढ़ सौ से अधिक स्थानों पर होगी छठ पूजा पूर्वोत्तर सांस्कृतिक संस्थान मध्य प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष ठाकुर जगदीश सिंह और महासचिव के. के. झा के अनुसार इस बार शहर में लगभग 150 से अधिक स्थानों पर तालाबों, नदियों और कृत्रिम जलाशयों (जल कुंडों) में छठी मैया को अर्घ्य दिया जाएगा। आयोजन में करीब ढाई से तीन लाख लोग सम्मिलित होंगे, जिनमें से 50 हजार से अधिक महिला और पुरुष व्रतधारी जलकुंडों और तालाबों में खड़े रहकर छठी मैया की आराधना करेंगे। स्कीम नंबर 54, 78, बाणगंगा, सुखलिया, श्याम नगर, तुलसी नगर, समर पार्क, अमृत पैलेस, पिपलियाहाना तालाब, कैट रोड, कालानी नगर, एरोड्रम रोड, सिलिकॉन सिटी, देवास नाका, निपानिया, राऊ, पीथमपुर सहित शहर के 150 से अधिक स्थानों पर आयोजन किए जाएंगे। सरकार से छठ महापर्व पर सार्वजनिक अवकाश की मांग के. के. झा ने कहा कि छठी मैया की महिमा से प्रभावित होकर अन्य समाजों के लोग भी इस महापर्व में शामिल होते हैं। झा ने सरकार से अनुरोध किया कि शहर और प्रदेश में छठ महापर्व मनाने वाले श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हुए सांध्य अर्घ्य के दिन सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाए। ठाकुर जगदीश सिंह ने जिला प्रशासन और इंदौर नगर निगम से निवेदन किया है कि शहर में छठ पूजा करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में हो रही वृद्धि को देखते हुए पिपलियाहाना तालाब, निपानिया तालाब, खजराना, सिरपुर और पिपलियापाला तालाबों पर भव्य छठ घाटों का निर्माण किया जाए। इससे श्रद्धालुओं को महापर्व के आयोजन में किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ेगा। दिव्य शक्ति पीठ में छठ महापर्व मनाने की अनुमति मांगी तपेश्वरी बाग और आसपास की कॉलोनियों के निवासियों ने वार्ड क्रमांक 37 की पार्षद संगीता महेश जोशी के माध्यम से प्रशासन से निवेदन किया कि रेडिसन चौराहे के समीप एम.आर. 10 स्थित दिव्य शक्ति पीठ के परिसर में स्थायी जलकुंड का निर्माण कर उन्हें छठ महापर्व का आयोजन करने की अनुमति प्रदान की जाए। रहवासियों ने आरोप लगाया कि पिछले कुछ वर्षों से पीठ के ट्रस्टियों द्वारा छठ महापर्व का आयोजन करने से रोका जा रहा है, जिससे इस क्षेत्र के करीब 400 पूर्वांचलवासी सुव्यवस्थित रूप से छठ महापर्व नहीं मना पा रहे हैं।