गुना में गांजे के साथ पकड़ाए युवक को सजा:कोर्ट बोली- SI, TI ने जांच में बरती लापरवाही; कार्रवाई के लिए SP को लिखा पत्र
गुना में गांजे के साथ पकड़ाए युवक को सजा:कोर्ट बोली- SI, TI ने जांच में बरती लापरवाही; कार्रवाई के लिए SP को लिखा पत्र
जिले के चांचौड़ा इलाके में गांजे के साथ पकड़े गए आरोपी को कोर्ट ने सजा सुनाई है। आरोपी गांजा लेकर दूसरे व्यक्ति को डिलीवरी देने का रहा था। इसी दौरान पुलिस ने उसे पकड़ा था। कोर्ट ने आरोपी को तीन साल की सजा सुनाई है। साथ ही मामले की जांच करने वाले एक TI और SI के खिलाफ कार्रवाई के लिए SP को पत्र भी लिखा है। मामले में कोर्ट ने कहा कि TI और SI ने जांच में गंभीर लापरवाही की। मामले में फैसला विशेष न्यायाधीश NDPS कविता वर्मा ने सुनाया। वहीं शासन की ओर से पैरवी AGP आशा किरण कौर ने की। मामला वर्ष 2019 का है। 11 मार्च को चांचौड़ा थाने में पदस्थ SI नरेंद्र गोयल को मुखबिर से सूचना मिली थी कि एक व्यक्ति छिंगा उर्फ मुकेश पुत्र सुन्दर लाल घोसी, उम्र 32 साल, निवासी बीनागंज, जो काले रंग की शर्ट व सफेद रंग का पेंट पहने हुए है, अपने पास अवैध मादक पदार्थ गांजा रखे हुए है। वह निचला बाजार गोया रोड जोड़ बीनागंज में खड़ा हुआ है। सूचना मिलने पर पुलिस की एक टीम मुखबिर के बताए स्थान निचला बाजार गोया रोड जोड़ बीनागंज पर पहुंची। वहां मुखबिर के बताए हुलिए का एक व्यक्ति खड़ा दिखा, जो हाथ में एक थैला लिए हुए था। वह पुलिस को देखकर भागने का प्रयास करने लगा। पुलिस ने उसे घेराबंदी कर पकड़ लिया। पुलिस ने उससे पूछताछ कि तो उसने अपना नाम छिंगा उर्फ मुकेश पुत्र सुन्दर लाल घोसी, निवासी बीनागंज बताया। पुलिस ने उसके पास मिले बैग की तलाशी ली तो उसमें गांजा भरा हुआ था। पुलिस ने गांजे का वजन किया तो वह चार किलो निकला। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। साथ ही गांजे को जप्त का लिया। पुलिस आरोपी को लेकर थाने पहुंची। यहां उससे पूछताछ की। उसे अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। विवेचना के बाद पुलिस ने अदालत में चालान पेश किया। कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए आरोपी छिंगा उर्फ मुकेश को मामले का दोषी माना। मंगलवार को कोर्ट ने सुनवाई के बाद अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने उसे तीन साल की सजा सुनाई। साथ ही उस पर 5 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। जांच करने वाले पुलिस अफसरों पर की टिप्पणी कोर्ट में सुनवाई के दौरान यह सामने आया कि पुलिस उसे लेकर थाने पहुंची और वहां उससे पूछताछ की। पूछताछ में आरोपी छिंगा ने पुलिस को बताया था कि संजू राजपूत (चौहान) निवासी बीनागंज ने कहीं बाहर से गांजा मंगवाया था, जिसकी डिलेवरी करने वह संजू के घर जाने वाला था, तभी पुलिस ने उसे पकड़ लिया था। लेकिन पुलिस द्वारा संजू को गिरफ्तार नहीं किया है और आरोपी छिंगा को फर्जी मामले में फंसा दिया है। इस पूछताछ का मेमोरेंडम भी पुलिस ने कोर्ट में पेश किया। मेमोरेंडम के अवलोकन में यह सामने आया कि SI नरेन्द्र गोयल द्वारा दिनांक 12.03.2019 को आरोपी छिंगा उर्फ मुकेश से पूछताछ की है। इसमें छिंगा ने यह कहा है कि "मुझे यह गांजा संजू राजपूत (चौहान) निवासी बीनागंज ने कहीं बाहर से मंगवाया था, जिसकी डिलीवरी करने मैं संजू के घर जाने वाला था। तभी मुझे पुलिस ने पकड़ लिया था। संजू को मैं बचपन से जानता हूं तथा मेरे मोहल्ले में रहता है तथा वह मुझे पीने के लिए गांजा भी देता है।" कोर्ट ने कहा कि मेमोरेंडम में जो नाम सामने आया, उस पर न तो SI नरेंद्र गोयल ने कोई कार्रवाई की और न ही विवेचक TI विजय सिंह द्वारा कोई कार्रवाई की गई। इससे यह लगता है कि इन दोनों पुलिसकर्मियों द्वारा संजू राजपूत के संबंध में कोई विवेचना नहीं की गई है। यह दोनों पुलिसकर्मियों द्वारा जांच में गंभीर लापरवाही दर्शाता है। SP को कार्रवाई के लिए लिखा पत्र कोर्ट ने फैसला सुनने के बाद SP को पत्र लिखा है। पत्र के जरिए दोनों पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की बात कही गई है। AGP आशा किरण कौर ने बताया कि कोर्ट में यह सामने आया कि जांच करने वालों ने मेमोरेंडम में सामने आई जानकारी पर कोई संचयन नहीं लिया। एक तरह से जांचकर्ता अधिकारियों ने दूसरे आरोपी को बचाने का काम किया है। कोर्ट ने SP को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है।
जिले के चांचौड़ा इलाके में गांजे के साथ पकड़े गए आरोपी को कोर्ट ने सजा सुनाई है। आरोपी गांजा लेकर दूसरे व्यक्ति को डिलीवरी देने का रहा था। इसी दौरान पुलिस ने उसे पकड़ा था। कोर्ट ने आरोपी को तीन साल की सजा सुनाई है। साथ ही मामले की जांच करने वाले एक TI और SI के खिलाफ कार्रवाई के लिए SP को पत्र भी लिखा है। मामले में कोर्ट ने कहा कि TI और SI ने जांच में गंभीर लापरवाही की। मामले में फैसला विशेष न्यायाधीश NDPS कविता वर्मा ने सुनाया। वहीं शासन की ओर से पैरवी AGP आशा किरण कौर ने की। मामला वर्ष 2019 का है। 11 मार्च को चांचौड़ा थाने में पदस्थ SI नरेंद्र गोयल को मुखबिर से सूचना मिली थी कि एक व्यक्ति छिंगा उर्फ मुकेश पुत्र सुन्दर लाल घोसी, उम्र 32 साल, निवासी बीनागंज, जो काले रंग की शर्ट व सफेद रंग का पेंट पहने हुए है, अपने पास अवैध मादक पदार्थ गांजा रखे हुए है। वह निचला बाजार गोया रोड जोड़ बीनागंज में खड़ा हुआ है। सूचना मिलने पर पुलिस की एक टीम मुखबिर के बताए स्थान निचला बाजार गोया रोड जोड़ बीनागंज पर पहुंची। वहां मुखबिर के बताए हुलिए का एक व्यक्ति खड़ा दिखा, जो हाथ में एक थैला लिए हुए था। वह पुलिस को देखकर भागने का प्रयास करने लगा। पुलिस ने उसे घेराबंदी कर पकड़ लिया। पुलिस ने उससे पूछताछ कि तो उसने अपना नाम छिंगा उर्फ मुकेश पुत्र सुन्दर लाल घोसी, निवासी बीनागंज बताया। पुलिस ने उसके पास मिले बैग की तलाशी ली तो उसमें गांजा भरा हुआ था। पुलिस ने गांजे का वजन किया तो वह चार किलो निकला। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। साथ ही गांजे को जप्त का लिया। पुलिस आरोपी को लेकर थाने पहुंची। यहां उससे पूछताछ की। उसे अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। विवेचना के बाद पुलिस ने अदालत में चालान पेश किया। कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए आरोपी छिंगा उर्फ मुकेश को मामले का दोषी माना। मंगलवार को कोर्ट ने सुनवाई के बाद अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने उसे तीन साल की सजा सुनाई। साथ ही उस पर 5 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। जांच करने वाले पुलिस अफसरों पर की टिप्पणी कोर्ट में सुनवाई के दौरान यह सामने आया कि पुलिस उसे लेकर थाने पहुंची और वहां उससे पूछताछ की। पूछताछ में आरोपी छिंगा ने पुलिस को बताया था कि संजू राजपूत (चौहान) निवासी बीनागंज ने कहीं बाहर से गांजा मंगवाया था, जिसकी डिलेवरी करने वह संजू के घर जाने वाला था, तभी पुलिस ने उसे पकड़ लिया था। लेकिन पुलिस द्वारा संजू को गिरफ्तार नहीं किया है और आरोपी छिंगा को फर्जी मामले में फंसा दिया है। इस पूछताछ का मेमोरेंडम भी पुलिस ने कोर्ट में पेश किया। मेमोरेंडम के अवलोकन में यह सामने आया कि SI नरेन्द्र गोयल द्वारा दिनांक 12.03.2019 को आरोपी छिंगा उर्फ मुकेश से पूछताछ की है। इसमें छिंगा ने यह कहा है कि "मुझे यह गांजा संजू राजपूत (चौहान) निवासी बीनागंज ने कहीं बाहर से मंगवाया था, जिसकी डिलीवरी करने मैं संजू के घर जाने वाला था। तभी मुझे पुलिस ने पकड़ लिया था। संजू को मैं बचपन से जानता हूं तथा मेरे मोहल्ले में रहता है तथा वह मुझे पीने के लिए गांजा भी देता है।" कोर्ट ने कहा कि मेमोरेंडम में जो नाम सामने आया, उस पर न तो SI नरेंद्र गोयल ने कोई कार्रवाई की और न ही विवेचक TI विजय सिंह द्वारा कोई कार्रवाई की गई। इससे यह लगता है कि इन दोनों पुलिसकर्मियों द्वारा संजू राजपूत के संबंध में कोई विवेचना नहीं की गई है। यह दोनों पुलिसकर्मियों द्वारा जांच में गंभीर लापरवाही दर्शाता है। SP को कार्रवाई के लिए लिखा पत्र कोर्ट ने फैसला सुनने के बाद SP को पत्र लिखा है। पत्र के जरिए दोनों पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की बात कही गई है। AGP आशा किरण कौर ने बताया कि कोर्ट में यह सामने आया कि जांच करने वालों ने मेमोरेंडम में सामने आई जानकारी पर कोई संचयन नहीं लिया। एक तरह से जांचकर्ता अधिकारियों ने दूसरे आरोपी को बचाने का काम किया है। कोर्ट ने SP को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है।