पचमढ़ी महोत्सव का कॉर्नीवल के साथ होगा आगाज:महाराष्ट्र ढोल, उज्जैन के शंख वादक, शिव बारात समेत लोक नृत्य रहेगा आकर्षण का केंद्र

मप्र के एकमात्र हिल स्टेशन पचमढ़ी में इस बार "पचमढ़ी उत्सव" का आगाज 26 दिसंबर को कार्निवल के साथ होगा। जिसमें महाराष्ट्रीयन ढोल, उज्जैन से शंख बजाने वाले, शिव तांडव, शिव बारात, आदिवासी संस्कृति, लोक साहित्य, सतपुड़ा टाइगर रिजर्व, पचमढ़ी, महादेव से जुड़ी झांकियां और आर्मी बैंड इसका मुख्य आकर्षण का केंद्र रहेंगे। कार्निवल का आयोजन पचमढ़ी में मुख्य गेट से शुरू होकर, शहर में भ्रमण करेगा। जिसमें लोकल जनता के साथ टूरिस्ट को भी शामिल किया जाएगा। 26 दिसम्बर से 1 जनवरी तक चलने वाले उत्सव में पर्यटकों के मनोरंजन और नए साल के स्वागत के लिए विभिन्न कार्यक्रम होंगे। इसमें आर्मी बैंड के द्वारा प्रस्तुति होगी। साथ ही हास्य कवि हिमांशु शर्मा बवंडर अपनी कविताओं से गुदगुदाएंगे। साथ ही बॉलीवुड गायिका इशिता विश्वकर्मा भी प्रस्तुति देंगी। इस महोत्सव में हर उम्र और रुचि के पर्यटकों के लिए कुछ न कुछ खास होगा। जिला पंचायत सीईओ सुजान सिंह रावत ने बताया कि पचमढ़ी महोत्सव में 29 दिसंबर को मिलिट्री बैंड द्वारा एक सुमधुर संगीत प्रस्तुति दी जाएगी। 30 दिसंबर को बॉलीवुड गायिका इशिता विश्वकर्मा अपने मधुर स्वरों से समां बांधेगी। 31 दिसंबर को हास्य कवि हिमांशु बवंडर (शर्मा) पर्यटकों के लिए हंसी-ठहाकों के साथ वर्ष 2024 को विदाई देंगे। 1 जनवरी को सूर्योदय के आनंद के साथ नए साल 2025 का आगाज होगा। कोरोना काल के 4 साल बाद इतने बड़े स्तर पर यह कार्यक्रम होने जा रहा है। ट्रैकिंग और सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे इस वर्ष पचमढ़ी महोत्सव में साहसिक ट्रैकिंग, कैंपिंग, साइक्लिंग, और अन्य साहसिक गतिविधियों का आयोजन होगा। इसके साथ ही सांस्कृतिक लोक नृत्य, संगीत, आर्मी बैंड और योग की विशेष प्रस्तुतियां पर्यटकों को आकर्षित करेंगी। खासतौर पर, पचमढ़ी रन, भोजन मिलेट कैफे, जैविक खाद्य महोत्सव और ताजे प्राकृतिक उत्पाद का आनंद लेने का अवसर मिलेगा। साथ ही पक्षी दर्शन, प्रकृति भ्रमण और तितली दर्शन जैसी गतिविधियां पर्यटकों को प्रकृति के करीब लाएंगी। हैरिटेज और धार्मिक पर्यटन हैरिटेज रॉक आर्ट पेंटिंग, हैरिटेज वॉक, तारों का अवलोकन, और धार्मिक स्थल जैसे चौरागढ़, महादेव मंदिर और अन्य मंदिर यात्रा भी महोत्सव का हिस्सा होंगे। ये गतिविधियां पचमढ़ी की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर का अन्वेषण करने का अनूठा अवसर प्रदान करेंगी।

पचमढ़ी महोत्सव का कॉर्नीवल के साथ होगा आगाज:महाराष्ट्र ढोल, उज्जैन के शंख वादक, शिव बारात समेत लोक नृत्य रहेगा आकर्षण का केंद्र
मप्र के एकमात्र हिल स्टेशन पचमढ़ी में इस बार "पचमढ़ी उत्सव" का आगाज 26 दिसंबर को कार्निवल के साथ होगा। जिसमें महाराष्ट्रीयन ढोल, उज्जैन से शंख बजाने वाले, शिव तांडव, शिव बारात, आदिवासी संस्कृति, लोक साहित्य, सतपुड़ा टाइगर रिजर्व, पचमढ़ी, महादेव से जुड़ी झांकियां और आर्मी बैंड इसका मुख्य आकर्षण का केंद्र रहेंगे। कार्निवल का आयोजन पचमढ़ी में मुख्य गेट से शुरू होकर, शहर में भ्रमण करेगा। जिसमें लोकल जनता के साथ टूरिस्ट को भी शामिल किया जाएगा। 26 दिसम्बर से 1 जनवरी तक चलने वाले उत्सव में पर्यटकों के मनोरंजन और नए साल के स्वागत के लिए विभिन्न कार्यक्रम होंगे। इसमें आर्मी बैंड के द्वारा प्रस्तुति होगी। साथ ही हास्य कवि हिमांशु शर्मा बवंडर अपनी कविताओं से गुदगुदाएंगे। साथ ही बॉलीवुड गायिका इशिता विश्वकर्मा भी प्रस्तुति देंगी। इस महोत्सव में हर उम्र और रुचि के पर्यटकों के लिए कुछ न कुछ खास होगा। जिला पंचायत सीईओ सुजान सिंह रावत ने बताया कि पचमढ़ी महोत्सव में 29 दिसंबर को मिलिट्री बैंड द्वारा एक सुमधुर संगीत प्रस्तुति दी जाएगी। 30 दिसंबर को बॉलीवुड गायिका इशिता विश्वकर्मा अपने मधुर स्वरों से समां बांधेगी। 31 दिसंबर को हास्य कवि हिमांशु बवंडर (शर्मा) पर्यटकों के लिए हंसी-ठहाकों के साथ वर्ष 2024 को विदाई देंगे। 1 जनवरी को सूर्योदय के आनंद के साथ नए साल 2025 का आगाज होगा। कोरोना काल के 4 साल बाद इतने बड़े स्तर पर यह कार्यक्रम होने जा रहा है। ट्रैकिंग और सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे इस वर्ष पचमढ़ी महोत्सव में साहसिक ट्रैकिंग, कैंपिंग, साइक्लिंग, और अन्य साहसिक गतिविधियों का आयोजन होगा। इसके साथ ही सांस्कृतिक लोक नृत्य, संगीत, आर्मी बैंड और योग की विशेष प्रस्तुतियां पर्यटकों को आकर्षित करेंगी। खासतौर पर, पचमढ़ी रन, भोजन मिलेट कैफे, जैविक खाद्य महोत्सव और ताजे प्राकृतिक उत्पाद का आनंद लेने का अवसर मिलेगा। साथ ही पक्षी दर्शन, प्रकृति भ्रमण और तितली दर्शन जैसी गतिविधियां पर्यटकों को प्रकृति के करीब लाएंगी। हैरिटेज और धार्मिक पर्यटन हैरिटेज रॉक आर्ट पेंटिंग, हैरिटेज वॉक, तारों का अवलोकन, और धार्मिक स्थल जैसे चौरागढ़, महादेव मंदिर और अन्य मंदिर यात्रा भी महोत्सव का हिस्सा होंगे। ये गतिविधियां पचमढ़ी की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर का अन्वेषण करने का अनूठा अवसर प्रदान करेंगी।