पिपरिया पीजी कॉलेज में प्यून ने जांची उत्तरपुस्तिका:जांच के बाद प्रभारी प्राचार्य और प्रोफेसर सस्पेंड; उच्च शिक्षा विभाग ने की कार्रवाई
पिपरिया पीजी कॉलेज में प्यून ने जांची उत्तरपुस्तिका:जांच के बाद प्रभारी प्राचार्य और प्रोफेसर सस्पेंड; उच्च शिक्षा विभाग ने की कार्रवाई
नर्मदापुरम जिले के पिपरिया स्थित शहीद भगतसिंह पीजी कॉलेज में उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन प्यून से करवाने के मामले में उच्च शिक्षा विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य डॉ. राकेश कुमार वर्मा और राजनीति शास्त्र के प्रोफेसर डॉ. रामगुलाम पटेल को निलंबित कर दिया गया है। उच्च शिक्षा विभाग के अपर सचिव वीरन सिंह भलावी ने शुक्रवार देर रात निलंबन के आदेश जारी किए। मामला 31 जनवरी को सामने आया, जब कॉलेज के प्यून पन्नालाल पठारिया का एक वीडियो वायरल हुआ। वीडियो में पन्नालाल विद्यार्थियों की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन करते नजर आ रहे थे। छात्रों ने विधायक ठाकुरदास नागवंशी को पत्र लिखकर शिकायत की और थाने में भी आवेदन दिया। जांच समिति की रिपोर्ट में हुआ खुलासा शिकायत के बाद उच्च शिक्षा विभाग ने मामले की जांच के लिए समिति गठित की गई। जांच समिति की रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि प्यून पन्नालाल पठारिया ने हिंदी की अतिथि विद्वान खुशबू पगारे को आवंटित उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन किया। पन्नालाल ने अपने बयान में स्वीकार किया कि उसे यह कॉपियां बुक लिफ्टर राकेश कुमार मेहर से मिली थीं और मूल्यांकन के लिए 5000 रुपए दिए गए थे। प्रभारी प्राचार्य और प्रोफेसर निलंबित जांच समिति ने 3 अप्रैल को प्रस्तुत रिपोर्ट में मूल्यांकन कार्य में हुई गंभीर लापरवाही और अनियमितता के लिए प्रभारी प्राचार्य डॉ. वर्मा और प्रोफेसर डॉ. पटेल को जिम्मेदार ठहराया। दोनों अधिकारियों को मध्य प्रदेश सिविल सेवा नियम के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। निलंबन अवधि में दोनों का मुख्यालय क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक, उच्च शिक्षा, भोपाल नर्मदापुरम संभाग कार्यालय निर्धारित किया गया है। टीम के लौटने के अगले दिन वीडियो हुआ वायरल गौरतलब है कि पीजी कॉलेज पिपरिया दो साल पहले ही छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय का परीक्षा केंद्र बना है। जनवरी में कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य और स्टाफ के बीच विवाद चल रहा था। इसकी जांच के लिए 30 जनवरी को अतिरिक्त संचालक भोपाल की टीम पहुंची थी। टीम के लौटने के अगले दिन ही कॉपी जांच का वीडियो वायरल हो गया था
नर्मदापुरम जिले के पिपरिया स्थित शहीद भगतसिंह पीजी कॉलेज में उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन प्यून से करवाने के मामले में उच्च शिक्षा विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य डॉ. राकेश कुमार वर्मा और राजनीति शास्त्र के प्रोफेसर डॉ. रामगुलाम पटेल को निलंबित कर दिया गया है। उच्च शिक्षा विभाग के अपर सचिव वीरन सिंह भलावी ने शुक्रवार देर रात निलंबन के आदेश जारी किए। मामला 31 जनवरी को सामने आया, जब कॉलेज के प्यून पन्नालाल पठारिया का एक वीडियो वायरल हुआ। वीडियो में पन्नालाल विद्यार्थियों की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन करते नजर आ रहे थे। छात्रों ने विधायक ठाकुरदास नागवंशी को पत्र लिखकर शिकायत की और थाने में भी आवेदन दिया। जांच समिति की रिपोर्ट में हुआ खुलासा शिकायत के बाद उच्च शिक्षा विभाग ने मामले की जांच के लिए समिति गठित की गई। जांच समिति की रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि प्यून पन्नालाल पठारिया ने हिंदी की अतिथि विद्वान खुशबू पगारे को आवंटित उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन किया। पन्नालाल ने अपने बयान में स्वीकार किया कि उसे यह कॉपियां बुक लिफ्टर राकेश कुमार मेहर से मिली थीं और मूल्यांकन के लिए 5000 रुपए दिए गए थे। प्रभारी प्राचार्य और प्रोफेसर निलंबित जांच समिति ने 3 अप्रैल को प्रस्तुत रिपोर्ट में मूल्यांकन कार्य में हुई गंभीर लापरवाही और अनियमितता के लिए प्रभारी प्राचार्य डॉ. वर्मा और प्रोफेसर डॉ. पटेल को जिम्मेदार ठहराया। दोनों अधिकारियों को मध्य प्रदेश सिविल सेवा नियम के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। निलंबन अवधि में दोनों का मुख्यालय क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक, उच्च शिक्षा, भोपाल नर्मदापुरम संभाग कार्यालय निर्धारित किया गया है। टीम के लौटने के अगले दिन वीडियो हुआ वायरल गौरतलब है कि पीजी कॉलेज पिपरिया दो साल पहले ही छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय का परीक्षा केंद्र बना है। जनवरी में कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य और स्टाफ के बीच विवाद चल रहा था। इसकी जांच के लिए 30 जनवरी को अतिरिक्त संचालक भोपाल की टीम पहुंची थी। टीम के लौटने के अगले दिन ही कॉपी जांच का वीडियो वायरल हो गया था