रेलवे-स्टेशन के दीवारों पर बने भगवान के चित्रों का अपमान:थूकने और पैर रखने से भड़के श्रद्धालु; हिंदू संगठन और कांग्रेस ने हटाने की मांग की
रेलवे-स्टेशन के दीवारों पर बने भगवान के चित्रों का अपमान:थूकने और पैर रखने से भड़के श्रद्धालु; हिंदू संगठन और कांग्रेस ने हटाने की मांग की
उज्जैन में रेलवे स्टेशन के अंदर और बाहर दीवारों की सुंदरता बढ़ाने के लिए मंदिरों और भगवान के चित्रों की पेंटिंग बनाई गई है। इन चित्रों के साथ लोगों द्वारा की जा रही दुर्व्यवहार की घटनाएं सामने आई हैं। कई लोग इन पर पैर रखते हैं, जबकि कुछ इन पर थूक कर गंदा कर रहे हैं, जिससे हिंदू धर्म की भावनाएं आहत हो रही हैं। रतलाम निवासी कमलेश ग्वालियरी ने इस स्थिति को लेकर रतलाम मंडल के डीआरएम को 6 जनवरी 2025 को एक पत्र लिखा। उन्होंने पत्र में स्टेशन परिसर की दीवारों पर बने धार्मिक प्रतीक चिन्हों और देवी-देवताओं के चित्रों को हटाने की मांग की। उनका कहना था कि प्लेटफॉर्म नंबर एक के पास दीवारों पर बने इन चित्रों का अपमान किया जा रहा है। हिंदूवादी संगठनों का भी विरोध इस मुद्दे पर पत्र की जानकारी मिलने पर हिंदूवादी संगठनों ने भी विरोध जताया। हिंदू जागरण मंच के अर्जुन सिंह भदौरिया ने कहा कि, जब से ये पेंटिंग बनाई गई हैं, तभी से विरोध किया जा रहा था। उन्होंने आरोप लगाया कि भगवान के चित्रों की दुर्दशा से श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत हो रही हैं। संगठनों ने नगर निगम और रेलवे से मांग की है कि इन चित्रों को तुरंत हटाया जाए। 'बीजेपी नेता धर्म के नाम पर राजनीति कर रहे हैं' नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता रवि राय ने कहा कि भगवान के चित्रों का सही उपयोग कहां और कैसे होना चाहिए। दीवार पर क्यों बनाई गई है। इनके पास कोई जवाब ही नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी नेता धर्म के नाम पर राजनीति कर रहे हैं और आस्था के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। राय ने भी भगवान के चित्रों को तुरंत हटाने की मांग की। महापौर मुकेश टटवाल ने कहा यह मामला संज्ञान में आया है। अगर नगर निगम द्वारा बनवाई गई है तो तत्काल हटवा जाएगा।
उज्जैन में रेलवे स्टेशन के अंदर और बाहर दीवारों की सुंदरता बढ़ाने के लिए मंदिरों और भगवान के चित्रों की पेंटिंग बनाई गई है। इन चित्रों के साथ लोगों द्वारा की जा रही दुर्व्यवहार की घटनाएं सामने आई हैं। कई लोग इन पर पैर रखते हैं, जबकि कुछ इन पर थूक कर गंदा कर रहे हैं, जिससे हिंदू धर्म की भावनाएं आहत हो रही हैं। रतलाम निवासी कमलेश ग्वालियरी ने इस स्थिति को लेकर रतलाम मंडल के डीआरएम को 6 जनवरी 2025 को एक पत्र लिखा। उन्होंने पत्र में स्टेशन परिसर की दीवारों पर बने धार्मिक प्रतीक चिन्हों और देवी-देवताओं के चित्रों को हटाने की मांग की। उनका कहना था कि प्लेटफॉर्म नंबर एक के पास दीवारों पर बने इन चित्रों का अपमान किया जा रहा है। हिंदूवादी संगठनों का भी विरोध इस मुद्दे पर पत्र की जानकारी मिलने पर हिंदूवादी संगठनों ने भी विरोध जताया। हिंदू जागरण मंच के अर्जुन सिंह भदौरिया ने कहा कि, जब से ये पेंटिंग बनाई गई हैं, तभी से विरोध किया जा रहा था। उन्होंने आरोप लगाया कि भगवान के चित्रों की दुर्दशा से श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत हो रही हैं। संगठनों ने नगर निगम और रेलवे से मांग की है कि इन चित्रों को तुरंत हटाया जाए। 'बीजेपी नेता धर्म के नाम पर राजनीति कर रहे हैं' नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता रवि राय ने कहा कि भगवान के चित्रों का सही उपयोग कहां और कैसे होना चाहिए। दीवार पर क्यों बनाई गई है। इनके पास कोई जवाब ही नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी नेता धर्म के नाम पर राजनीति कर रहे हैं और आस्था के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। राय ने भी भगवान के चित्रों को तुरंत हटाने की मांग की। महापौर मुकेश टटवाल ने कहा यह मामला संज्ञान में आया है। अगर नगर निगम द्वारा बनवाई गई है तो तत्काल हटवा जाएगा।