लूट-हत्या के डर से महिलाओं ने जेवर उतार कर रखे:चांदी के कड़ों के लिए महिला के पैर काटे थे; बेटा बोला-मदद नहीं, न्याय चाहिए
लूट-हत्या के डर से महिलाओं ने जेवर उतार कर रखे:चांदी के कड़ों के लिए महिला के पैर काटे थे; बेटा बोला-मदद नहीं, न्याय चाहिए
सीहोर जिले के आष्टा थाना क्षेत्र के गुराड़िया रूपचंद गांव में 8 नवंबर को पैरों में पहने चांदी के कड़े लूटने के लिए बदमाशों ने बुजुर्ग महिला के दोनों पैर काट दिए। मर्डर कर शव नाले में फेंक दिया। वारदात के पांच दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं। पुलिस अब तक 100 से ज्यादा लोगाें से पूछताछ कर चुकी है। इधर, गांव में भी दहशत है। महिलाओं ने अपने जेवर उतार कर रख दिए हैं। दैनिक भास्कर की टीम गांव पहुंची। बोनी का समय है, इसलिए लोग खेतों पर जा तो जरूर रहे हैं, लेकिन उनके मन में डर है। पहले महिलाएं घर से अकेले खेत पर जाती थीं, लेकिन अब हिचकिचाती हैं। कड़े लूटने थे, तो ले जाता, जिंदा तो छोड़ देता
आष्टा से 17 किलोमीटर दूर इस गांव की आबादी करीब 2500 है। यहां जांगड़ा, मेवाड़ा और एससी-एसटी के लोग रहते हैं, लेकिन बाहुल्य जांगड़ा समाज का है। टीम जब गांव में पहुंची, तो सड़कें सूनी नजर आईं। हालांकि गेहूं की बुवाई भी चल रही है। इस कारण लोग काम में भी लगे हैं। मोतनबाई (75) का घर पूछा, तो लोगों ने झट से बता दिया। उनका घर गांव में बीचों बीच है। घर पहुंचे, तो बाहर बड़े से बरामदे में 20 से 25 लोग बैठे थे। एक तरफ महिलाएं घूंघट डालकर बैठीं थी। सभी के चेहरों पर गुस्सा और दु:ख साफ नजर आ रहा था। सभी सिर्फ यही चर्चा करने में लगे थे कि आखिर मोतनबाई ने किसी का क्या बिगाड़ा था। अगर लुटेरे को कड़े लूटने थे, तो ले जाता। उन्हें तो जिंदा बख्श देता। पास ही स्थित मैदान पर लोग लकड़ियां काट रहे थे। पूछा, तो बताया कि तेरहवीं की तैयारी कर रहे हैं। रोजाना खेत पर जाती थी, उस दिन नहीं लौटी
बाहर ही मोतन बाई के पति हमीर सिंह मिले। उन्होंने बताया कि मेरी पत्नी को कड़े पहनने का शौक था। वह दोनों पैरों में एक किलो 200 ग्राम वजनी चांदी के कड़े पहनती थी। रोजाना खेत पर जाती थी। खेतों की रखवाली करना, पानी देने का काम करती थी। वर्तमान में गेहूं की बुवाई चल रही है। घटना वाले दिन सुबह 9 बजे मुझसे कहा था कि आष्टा जाओ, तो खाद लेकर आना। मैंने बोला– पैसे नहीं हैं। पत्नी ने कहा कि घर में से किसी से ले लो। यह कहकर वह खेत चली गई और मैं आष्टा चला गया। आमतौर पर शाम 5 बजे तक लौट आती थी, लेकिन उस दिन नहीं लौटी। हमें सिर्फ न्याय चाहिए। आरोपियों को ऐसी सजा मिले कि कभी किसी गांव में बहन-बेटी या बहू के साथ दोबारा ऐसी घटना न हो। बेटे ने खेत पर देखा मां का खून से सना शव
मोतनबाई को आखिरी बार उनके बेटे नाथू सिंह ने देखा। नाथू सिंह ने बताया कि गांव में घर से डेढ़ किलोमीटर दूर खेत है। हम चार भाई हैं। दिन में चारों अपने-अपने काम से चले गए। शाम करीब 5 बजे मैं घर आया, तो देखा कि मां खेत से नहीं लौटी। पहले कभी ऐसा नहीं हुआ, इसलिए चिंता हुई। मैं उन्हें देखने के लिए खेत पर पहुंचा। यहां भी मां नहीं दिखी। खटिया पर उनका चश्मा पड़ा था। खेत के पास ही नाला है। देखा, तो मां लहूलुहान हालत में पड़ी थी। दोनों पैर वहीं अलग पड़े थे। नाथू सिंह ने कहा कि हमें शासन से कोई मदद नहीं चाहिए। बस, पुलिस आरोपियों को पकड़कर सख्त से सख्त सजा दिलवाए, तब मां की आत्मा को शांति मिलेगी।’ डर इतना कि कई महिलाओं ने जेवर उतार दिए
वारदात के बाद गांव में दहशत का माहौल है। गांव की रहने वाली कैलाश बाई मेवाड़ा ने बताया है कि पहले निडर होकर खेतों पर जाते थे, लेकिन इस घटना के बाद डर लगने लगा है। अब घर से किसी न किसी को साथ ले जाते हैं। यहां तक कि शाम होने पर गांव में भी निकलने में डर लगता है। कई महिलाओं ने तो जेवर उतार कर रख दिए हैं। गुराड़िया रूपचंद के पूर्व सरपंच और वसूली पटेल गजराज सिंह मेवाड़ा ने बताया कि घटना के बाद ग्रामीणों में डर है। कई महिलाओं ने जेवर उतार कर रख दिए हैं। मेरी माता जी ने तो अकेले खेत पर जाने से ही मना कर दिया। साथ में ही जाती हैं और लौट आती हैं। आरोपियों को जल्द पकड़ा जाना चाहिए, क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं अकेली ही खेत पर जाती हैं। आरोपी नहीं पकड़े गए तो आंदोलन की चेतावनी
अल्पसंख्यक कल्याण परिषद के प्रदेश महामंत्री नरेन्द्र खंगराले ने बताया कि घटना को लेकर लोगों में गुस्सा है। पहले भी सिद्दिकगंज क्षेत्र के दलित डॉक्टर की हत्या हो चुकी है। उसमें भी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया। मृतका के परिवार वालों को 50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाए। जल्द ही मांगों को पूरा नहीं किया गया, तो आंदोलन किया जाएगा। इधर, महिला जिला कांग्रेस अध्यक्ष गुलाब बाई ठाकुर ने प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। आरोपियों को जल्द पकड़ने की मांग की। 100 से ज्यादा लोगों से पूछताछ कर चुकी पुलिस
इधर, वारदात के पांच दिन बाद भी पुलिस के हाथ कोई सुराग नहीं लगा है। पुलिस अफसर लगातार जांच के लिए आ रहे हैं। गांव में 100 से ज्यादा लोगों से पूछताछ हो चुकी है। आसपास के गांव के आपराधिक पृष्ठभूमि वाले लोगों पर भी नजर है। कई जगह दबिश भी दी जा रही है। एसडीओपी आकाश अमलकर का दावा है कि जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। पुलिस ने 10 हजार रुपए का इनाम भी घोषित किया है। एसपी दीपक शुक्ला ने भी घटना को लेकर परिजन से हर बिंदु पर बात की है। एसपी ने बताया कि आरोपियों की तलाश के लिए 7 से 8 अलग-अलग टीमें लगी हैं। ये खबर भी पढ़ें- पैरों में पहने चांदी के कड़े लूटने के लिए बदमाशों ने एक बुजुर्ग महिला के दोनों पैर ही काट दिए। इसके बाद कड़े लूट कर फरार हो गए। घटना सीहोर जिले के आष्टा थाना क्षेत्र के गुराड़िया रूपचंद गांव की है। शुक्रवार शाम को महिला का लहूलुहान शव और कटे हुए पैर खेत के पास नाले में पड़े मिले। पूरी खबर पढ़ें...
सीहोर जिले के आष्टा थाना क्षेत्र के गुराड़िया रूपचंद गांव में 8 नवंबर को पैरों में पहने चांदी के कड़े लूटने के लिए बदमाशों ने बुजुर्ग महिला के दोनों पैर काट दिए। मर्डर कर शव नाले में फेंक दिया। वारदात के पांच दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं। पुलिस अब तक 100 से ज्यादा लोगाें से पूछताछ कर चुकी है। इधर, गांव में भी दहशत है। महिलाओं ने अपने जेवर उतार कर रख दिए हैं। दैनिक भास्कर की टीम गांव पहुंची। बोनी का समय है, इसलिए लोग खेतों पर जा तो जरूर रहे हैं, लेकिन उनके मन में डर है। पहले महिलाएं घर से अकेले खेत पर जाती थीं, लेकिन अब हिचकिचाती हैं। कड़े लूटने थे, तो ले जाता, जिंदा तो छोड़ देता
आष्टा से 17 किलोमीटर दूर इस गांव की आबादी करीब 2500 है। यहां जांगड़ा, मेवाड़ा और एससी-एसटी के लोग रहते हैं, लेकिन बाहुल्य जांगड़ा समाज का है। टीम जब गांव में पहुंची, तो सड़कें सूनी नजर आईं। हालांकि गेहूं की बुवाई भी चल रही है। इस कारण लोग काम में भी लगे हैं। मोतनबाई (75) का घर पूछा, तो लोगों ने झट से बता दिया। उनका घर गांव में बीचों बीच है। घर पहुंचे, तो बाहर बड़े से बरामदे में 20 से 25 लोग बैठे थे। एक तरफ महिलाएं घूंघट डालकर बैठीं थी। सभी के चेहरों पर गुस्सा और दु:ख साफ नजर आ रहा था। सभी सिर्फ यही चर्चा करने में लगे थे कि आखिर मोतनबाई ने किसी का क्या बिगाड़ा था। अगर लुटेरे को कड़े लूटने थे, तो ले जाता। उन्हें तो जिंदा बख्श देता। पास ही स्थित मैदान पर लोग लकड़ियां काट रहे थे। पूछा, तो बताया कि तेरहवीं की तैयारी कर रहे हैं। रोजाना खेत पर जाती थी, उस दिन नहीं लौटी
बाहर ही मोतन बाई के पति हमीर सिंह मिले। उन्होंने बताया कि मेरी पत्नी को कड़े पहनने का शौक था। वह दोनों पैरों में एक किलो 200 ग्राम वजनी चांदी के कड़े पहनती थी। रोजाना खेत पर जाती थी। खेतों की रखवाली करना, पानी देने का काम करती थी। वर्तमान में गेहूं की बुवाई चल रही है। घटना वाले दिन सुबह 9 बजे मुझसे कहा था कि आष्टा जाओ, तो खाद लेकर आना। मैंने बोला– पैसे नहीं हैं। पत्नी ने कहा कि घर में से किसी से ले लो। यह कहकर वह खेत चली गई और मैं आष्टा चला गया। आमतौर पर शाम 5 बजे तक लौट आती थी, लेकिन उस दिन नहीं लौटी। हमें सिर्फ न्याय चाहिए। आरोपियों को ऐसी सजा मिले कि कभी किसी गांव में बहन-बेटी या बहू के साथ दोबारा ऐसी घटना न हो। बेटे ने खेत पर देखा मां का खून से सना शव
मोतनबाई को आखिरी बार उनके बेटे नाथू सिंह ने देखा। नाथू सिंह ने बताया कि गांव में घर से डेढ़ किलोमीटर दूर खेत है। हम चार भाई हैं। दिन में चारों अपने-अपने काम से चले गए। शाम करीब 5 बजे मैं घर आया, तो देखा कि मां खेत से नहीं लौटी। पहले कभी ऐसा नहीं हुआ, इसलिए चिंता हुई। मैं उन्हें देखने के लिए खेत पर पहुंचा। यहां भी मां नहीं दिखी। खटिया पर उनका चश्मा पड़ा था। खेत के पास ही नाला है। देखा, तो मां लहूलुहान हालत में पड़ी थी। दोनों पैर वहीं अलग पड़े थे। नाथू सिंह ने कहा कि हमें शासन से कोई मदद नहीं चाहिए। बस, पुलिस आरोपियों को पकड़कर सख्त से सख्त सजा दिलवाए, तब मां की आत्मा को शांति मिलेगी।’ डर इतना कि कई महिलाओं ने जेवर उतार दिए
वारदात के बाद गांव में दहशत का माहौल है। गांव की रहने वाली कैलाश बाई मेवाड़ा ने बताया है कि पहले निडर होकर खेतों पर जाते थे, लेकिन इस घटना के बाद डर लगने लगा है। अब घर से किसी न किसी को साथ ले जाते हैं। यहां तक कि शाम होने पर गांव में भी निकलने में डर लगता है। कई महिलाओं ने तो जेवर उतार कर रख दिए हैं। गुराड़िया रूपचंद के पूर्व सरपंच और वसूली पटेल गजराज सिंह मेवाड़ा ने बताया कि घटना के बाद ग्रामीणों में डर है। कई महिलाओं ने जेवर उतार कर रख दिए हैं। मेरी माता जी ने तो अकेले खेत पर जाने से ही मना कर दिया। साथ में ही जाती हैं और लौट आती हैं। आरोपियों को जल्द पकड़ा जाना चाहिए, क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं अकेली ही खेत पर जाती हैं। आरोपी नहीं पकड़े गए तो आंदोलन की चेतावनी
अल्पसंख्यक कल्याण परिषद के प्रदेश महामंत्री नरेन्द्र खंगराले ने बताया कि घटना को लेकर लोगों में गुस्सा है। पहले भी सिद्दिकगंज क्षेत्र के दलित डॉक्टर की हत्या हो चुकी है। उसमें भी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया। मृतका के परिवार वालों को 50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाए। जल्द ही मांगों को पूरा नहीं किया गया, तो आंदोलन किया जाएगा। इधर, महिला जिला कांग्रेस अध्यक्ष गुलाब बाई ठाकुर ने प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। आरोपियों को जल्द पकड़ने की मांग की। 100 से ज्यादा लोगों से पूछताछ कर चुकी पुलिस
इधर, वारदात के पांच दिन बाद भी पुलिस के हाथ कोई सुराग नहीं लगा है। पुलिस अफसर लगातार जांच के लिए आ रहे हैं। गांव में 100 से ज्यादा लोगों से पूछताछ हो चुकी है। आसपास के गांव के आपराधिक पृष्ठभूमि वाले लोगों पर भी नजर है। कई जगह दबिश भी दी जा रही है। एसडीओपी आकाश अमलकर का दावा है कि जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। पुलिस ने 10 हजार रुपए का इनाम भी घोषित किया है। एसपी दीपक शुक्ला ने भी घटना को लेकर परिजन से हर बिंदु पर बात की है। एसपी ने बताया कि आरोपियों की तलाश के लिए 7 से 8 अलग-अलग टीमें लगी हैं। ये खबर भी पढ़ें- पैरों में पहने चांदी के कड़े लूटने के लिए बदमाशों ने एक बुजुर्ग महिला के दोनों पैर ही काट दिए। इसके बाद कड़े लूट कर फरार हो गए। घटना सीहोर जिले के आष्टा थाना क्षेत्र के गुराड़िया रूपचंद गांव की है। शुक्रवार शाम को महिला का लहूलुहान शव और कटे हुए पैर खेत के पास नाले में पड़े मिले। पूरी खबर पढ़ें...