सनातन धर्म ही एकमात्र सत्य, बाकी सब मत-पंथ:शंकराचार्य स्वामी देवादित्यानंद सरस्वती बोले- प्रकृति के पंचतत्व ही ईश्वर स्वरूप
सनातन धर्म ही एकमात्र सत्य, बाकी सब मत-पंथ:शंकराचार्य स्वामी देवादित्यानंद सरस्वती बोले- प्रकृति के पंचतत्व ही ईश्वर स्वरूप
औरैया में जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी देवादित्यानंद सरस्वती ने गोपाल वाटिका में धर्म की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि धर्म वह है जिसे धारण किया जाए और करवाया जाए। शंकराचार्य ने कहा कि पृथ्वी अपरिवर्तनीय है। युग बदलते हैं, लेकिन पृथ्वी नहीं बदलती। उन्होंने कहा कि कंस, बकासुर, हिरण्याक्ष जैसे पात्र आज भी मौजूद हैं, बस उनका रूप बदल गया है। उन्होंने देवकली मंदिर में स्थित शिव ज्योतिर्लिंग को जागृति शक्तिपीठ बताया। शहर से 10 किलोमीटर दूर खोजाफूल गांव में 52 बीघा तालाब के किनारे बनी मजार का जिक्र करते हुए चिंता जताई। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक जल स्रोतों को नष्ट करने की साजिश हो रही है। शंकराचार्य ने सनातन धर्म की रक्षा का आह्वान किया। उन्होंने याद दिलाया कि भगवान राम ने वनवास में राजसी वस्त्र छोड़े, लेकिन धनुष-बाण नहीं। श्रीकृष्ण ने सुदर्शन चक्र नहीं छोड़ा। मां लक्ष्मी भी शस्त्र धारण करती हैं। उन्होंने कहा कि मनुष्य ईश्वर की सृष्टि का कर्ता है। भगवान राम का नाम सनातन है। कार्यक्रम में सुधीर शुक्ल, सुशील शुक्ल, गोपाल पांडेय और डॉ. गोविंद द्विवेदी ने भी विचार रखे। अरविंद सिंह, रमन पोरवाल समेत कई लोगों ने माल्यार्पण कर आशीर्वाद लिया।
औरैया में जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी देवादित्यानंद सरस्वती ने गोपाल वाटिका में धर्म की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि धर्म वह है जिसे धारण किया जाए और करवाया जाए। शंकराचार्य ने कहा कि पृथ्वी अपरिवर्तनीय है। युग बदलते हैं, लेकिन पृथ्वी नहीं बदलती। उन्होंने कहा कि कंस, बकासुर, हिरण्याक्ष जैसे पात्र आज भी मौजूद हैं, बस उनका रूप बदल गया है। उन्होंने देवकली मंदिर में स्थित शिव ज्योतिर्लिंग को जागृति शक्तिपीठ बताया। शहर से 10 किलोमीटर दूर खोजाफूल गांव में 52 बीघा तालाब के किनारे बनी मजार का जिक्र करते हुए चिंता जताई। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक जल स्रोतों को नष्ट करने की साजिश हो रही है। शंकराचार्य ने सनातन धर्म की रक्षा का आह्वान किया। उन्होंने याद दिलाया कि भगवान राम ने वनवास में राजसी वस्त्र छोड़े, लेकिन धनुष-बाण नहीं। श्रीकृष्ण ने सुदर्शन चक्र नहीं छोड़ा। मां लक्ष्मी भी शस्त्र धारण करती हैं। उन्होंने कहा कि मनुष्य ईश्वर की सृष्टि का कर्ता है। भगवान राम का नाम सनातन है। कार्यक्रम में सुधीर शुक्ल, सुशील शुक्ल, गोपाल पांडेय और डॉ. गोविंद द्विवेदी ने भी विचार रखे। अरविंद सिंह, रमन पोरवाल समेत कई लोगों ने माल्यार्पण कर आशीर्वाद लिया।