सीधी में महिला से छेड़छाड़ का मामला:कोर्ट ने आरोपी को सुनाई एक साल की सजा
सीधी में महिला से छेड़छाड़ का मामला:कोर्ट ने आरोपी को सुनाई एक साल की सजा
सीधी में महिला के साथ छेड़छाड़ के मामले में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी ने आरोपी को एक वर्ष सश्रम कारावास और दो हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। न्यायालय ने यह भी आदेश दिया है कि अर्थदंड की राशि से एक हजार रुपए पीड़िता को दिए जाएंगे, यदि आरोपी ने अपील नहीं की। घटना के समय महिला का पति घर पर मौजूद था जानकारी के अनुसार, सिटी कोतवाली के अंतर्गत बोदरहा गांव निवासी रामलाल, पिता सीताराम साहू (31), जो कि किराना की दुकान का मालिक है, के खिलाफ महिला ने छेड़छाड़ का आरोप लगाया। पीड़िता नियमित रूप से उसकी दुकान पर किराने का सामान लेने जाती थी। आरोपी उस पर शादी के लिए दबाव बना रहा था। घटना तब हुई जब महिला का पति घर वापस आया। आरोपी घटना के बाद मौके से भाग गया आरोपी ने महिला के घर जाकर उसका हाथ पकड़कर उसे जबरन जंगल की ओर ले जाने की कोशिश की। महिला की गुहार सुनकर उसके पति और सास के पहुंचने पर आरोपी वहां से भाग निकला। सिटी कोतवाली में मामला दर्ज कराया गया और जांच के बाद पुलिस ने न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया। न्यायालय में विचारण के बाद आरोपी को दोषी ठहराया गया। इस मामले में शासन की ओर से सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी सीनू वर्मा ने पैरवी की।
सीधी में महिला के साथ छेड़छाड़ के मामले में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी ने आरोपी को एक वर्ष सश्रम कारावास और दो हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। न्यायालय ने यह भी आदेश दिया है कि अर्थदंड की राशि से एक हजार रुपए पीड़िता को दिए जाएंगे, यदि आरोपी ने अपील नहीं की। घटना के समय महिला का पति घर पर मौजूद था जानकारी के अनुसार, सिटी कोतवाली के अंतर्गत बोदरहा गांव निवासी रामलाल, पिता सीताराम साहू (31), जो कि किराना की दुकान का मालिक है, के खिलाफ महिला ने छेड़छाड़ का आरोप लगाया। पीड़िता नियमित रूप से उसकी दुकान पर किराने का सामान लेने जाती थी। आरोपी उस पर शादी के लिए दबाव बना रहा था। घटना तब हुई जब महिला का पति घर वापस आया। आरोपी घटना के बाद मौके से भाग गया आरोपी ने महिला के घर जाकर उसका हाथ पकड़कर उसे जबरन जंगल की ओर ले जाने की कोशिश की। महिला की गुहार सुनकर उसके पति और सास के पहुंचने पर आरोपी वहां से भाग निकला। सिटी कोतवाली में मामला दर्ज कराया गया और जांच के बाद पुलिस ने न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया। न्यायालय में विचारण के बाद आरोपी को दोषी ठहराया गया। इस मामले में शासन की ओर से सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी सीनू वर्मा ने पैरवी की।