राकेश भईया नमस्कार, मैं फायर से चौधरी बोल रहा हूं:रिश्वतकांड में शोरूम संचालक बोला - मैं किसी से नहीं चमकता, प्यार-मोहब्बत में रुपए दिए

15 हजार की रिश्वत बंटवारे मामले में सीआईडी ने इंदौर फायर ब्रिगेड के पूर्व एसपी रहे राम सिंह निंगवाल, एसआई शिवनारायण शर्मा और कांस्टेबल जबर सिंह चौधरी पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम का केस दर्ज किया है। ये रिश्वत इंदौर के राजपाल टोयोटा शोरूम के राकेश राजपाल ने दी थी। राकेश, जबर सिंह चौधरी और शिवनारायण शर्मा की बातचीत की ऑडियो सामने आई है, जिसमें शोरूम के राकेश राजपाल जहां प्यार-मोहब्बत में रुपए देने की बात कह रहे है, वहीं फायर ब्रिगेड के कांस्टेबल और एसआई रिश्वत बंटवारे को लेकर सुनिए क्या कह रहे हैं‌? पहले जान लीजिए मामला क्या है अप्रैल 2023 में देवास नाका क्षेत्र स्थित राजपाल टोयोटा शोरूम में आग लगने की घटना हुई थी। यहां आग बुझाने पहुंचे एसआई शिव नारायण शर्मा और कांस्टेबल जबर सिंह चौधरी पर आरोप था कि उन्होंने शोरूम के संचालक राकेश राजपाल से आग बुझाने के नाम पर 15 हजार मांगे थे। यह रुपए उन्हें शोरूम संचालक ने दे भी दिए थे, लेकिन इसके बंटवारे को लेकर फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों में आपसी विवाद हो गया था। इसके बाद शोरूम संचालक को जब कांस्टेबल ने रुपए न मिलने पर कॉल किया तो उन्होंने जिस एसआई को रुपए दिए थे उससे बात करवा दी। बाद में दोनों आपस में लड़ लिए थे। इसके बाद शोरूम संचालक से हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग वायरल हो गई थी। इसमें एसआई और कॉन्स्टेबल यह कहते सुनाई दे रहे थे कि एसपी साहब को भी उनका हिस्सा भेजना है। इसी के बाद यह भ्रष्टाचार उजागर हुआ था। ऑडियो रिकॉर्डिंग तीनों के बीच ये बातचीत हुई राकेश भईया नमस्कार…मैं फायर से चौधरी बोल रहा हूं। राकेश - हां बोलिए चौधरी - उसने आज तक नहीं दिए। राकेश - मैं लाइन पर लेकर ठीक कर देता हूं। चौधरी - मैंने साहब को बोल दिया है कि हमारे मित्र थे। उन्हें चमकाकर 15 हजार रुपए ले लिए हैं। राकेश - मैंने चमक कर नहीं दिए। मैं किसी खां से नहीं चमकता हूं। प्यार-मोहब्बत से दिए हैं। उसने बोला कि आपका (चौधरी) और सारे ऑफिसर्स लोगों को खर्चा-पानी देना है। चौधरी - किसी को एक रुपया नहीं दिया इसने। राकेश - क्या नाम है इसका एसएन शर्मा। चौधरी - हां राकेश - लाइन पर रहे आप। मैं शर्मा को लाइन पर ले रहा हूं। एसएन शर्मा - हैलो राकेश - शर्माजी राकेश राजपाल बोल रहा हूं। पहचानते हैं…? शर्मा - हां, पहचानी जैसी आवाज लग रही है। राकेश - देवास नाका शोरूम राजपाल टोयोटा पर आप आए थे। शर्मा - पहचान लिया सर। राकेश - आपने मुझ से 15 हजार लिए की साहब को देना है। साहब का फोन आया कि एक रुपया नहीं मिला है। ये क्या चक्कर है। शर्मा - ऐसा हो ही नहीं सकता। राकेश - मैं साहब से बात करवाऊ। साहब को लाइन पर लू। शर्मा - साहब को लाइन पर मत लो। राकेश - चमकने वाला तो मैं इंसान ही नहीं हूं। आप प्यार-मोहब्बत में लेकर गए। शर्मा - आपको दिक्कत है तो कर देते हैं। राकेश - आप जिनके बिहाफ पर लेकर गए उन्हें पहुंचाओ। उनका फोन मेरे पास नहीं आना चाहिए। शर्मा - मैं साहब से बात कर लेता हूं। राकेश - आप चौधरी साहब से बात कर लेना, मेरे पास फोन नहीं आना चाहिए। शर्मा - कौन चौधरी, चौधरी का फोन आया था क्या। राकेश - मेरे पास फोन आते रहते हैं। आगे अपने को एक-दूसरे की जरूरत पड़ेगी। शर्मा - मेरी बात सुनो ये चौधरी आपको फोन कर रहा है, वो हमारा कांस्टेबल है। उसकी रेपोटेशन खराब है। राकेश - आपके यार-दोस्त है आप बात कर मेटर खत्म कर लो। शर्मा - एसपी साहब का फोन आपके पास आ ही नहीं सकता। ये कांस्टेबल चौधरी बहुत बदमाशी करता है। राकेश - मेरे पास इन चीजों को लेकर फोन नहीं आना चाहिए। जब आप हो तो मुझे दिक्कत नहीं आनी चाहिए। प्रदीप राजपूत ने की थी मामले की शिकायत सीआईडी विजिलेंस ने पूर्व एसपी सहित तीनों को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 व 13 के तहत आरोपी बनाते हुए यह केस दर्ज किया है। तीनों के खिलाफ प्रदीप पिता चरण सिंह राजपूत निवासी शुभम नगर ने शिकायत की थी। इनके द्वारा दिए गए सबूतों के आधार पर इंदौर सीआईडी टीआई अमित दाणी ने पूरे मामले की जांच के बाद अपनी रिपोर्ट वरिष्ठ अधिकारियों को पेश की। साक्ष्यों के आधार पर तीनों के खिलाफ यह कार्रवाई की गई। इस साल का सीआईडी विजिलेंस थाने का यह भ्रष्टाचार अधिनियम का पहला केस है। यह खबर भी पढ़ें... इंदौर; रिश्वतकांड में फंसे पूर्व एसपी निगवाल का खुलासा:बोले - शिकायतकर्ता के पिता को नोटिस दिया उसकी खुन्नस निकालने के लिए फंसाया रिश्वत के रुपए बंटवारे मामले से मेरा कोई लेना-देना नहीं है। मामले में जो शिकायतकर्ता है प्रदीप पिता चरणसिंह राजपूत। उसने मुझे फंसाया है। मैंने शिकायतकर्ता प्रदीप के पिता को आरोप पत्र जारी किया था।प्रदीप के पिता चरणसिंह राजपूत भी फायर ब्रिगेड में सब इंस्पेक्टर है। इंदौर में ही पदस्थ है। उस बात की खुन्नस निकालने के लिए मुझे झूठा फंसाया है। मेरी पेंशन रूकवान के लिए भी झूठी शिकायतें की गई थी। ये कहना है फायर ब्रिगेड के पूर्व एसपी आरएस निगवाल का। रिश्वत के मामले में निगवाल सहित तीन लोगों पर सीआईडी की विजिलेंस विंग भोपाल ने केस दर्ज किया है।पूरी खबर

राकेश भईया नमस्कार, मैं फायर से चौधरी बोल रहा हूं:रिश्वतकांड में शोरूम संचालक बोला - मैं किसी से नहीं चमकता, प्यार-मोहब्बत में रुपए दिए
15 हजार की रिश्वत बंटवारे मामले में सीआईडी ने इंदौर फायर ब्रिगेड के पूर्व एसपी रहे राम सिंह निंगवाल, एसआई शिवनारायण शर्मा और कांस्टेबल जबर सिंह चौधरी पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम का केस दर्ज किया है। ये रिश्वत इंदौर के राजपाल टोयोटा शोरूम के राकेश राजपाल ने दी थी। राकेश, जबर सिंह चौधरी और शिवनारायण शर्मा की बातचीत की ऑडियो सामने आई है, जिसमें शोरूम के राकेश राजपाल जहां प्यार-मोहब्बत में रुपए देने की बात कह रहे है, वहीं फायर ब्रिगेड के कांस्टेबल और एसआई रिश्वत बंटवारे को लेकर सुनिए क्या कह रहे हैं‌? पहले जान लीजिए मामला क्या है अप्रैल 2023 में देवास नाका क्षेत्र स्थित राजपाल टोयोटा शोरूम में आग लगने की घटना हुई थी। यहां आग बुझाने पहुंचे एसआई शिव नारायण शर्मा और कांस्टेबल जबर सिंह चौधरी पर आरोप था कि उन्होंने शोरूम के संचालक राकेश राजपाल से आग बुझाने के नाम पर 15 हजार मांगे थे। यह रुपए उन्हें शोरूम संचालक ने दे भी दिए थे, लेकिन इसके बंटवारे को लेकर फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों में आपसी विवाद हो गया था। इसके बाद शोरूम संचालक को जब कांस्टेबल ने रुपए न मिलने पर कॉल किया तो उन्होंने जिस एसआई को रुपए दिए थे उससे बात करवा दी। बाद में दोनों आपस में लड़ लिए थे। इसके बाद शोरूम संचालक से हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग वायरल हो गई थी। इसमें एसआई और कॉन्स्टेबल यह कहते सुनाई दे रहे थे कि एसपी साहब को भी उनका हिस्सा भेजना है। इसी के बाद यह भ्रष्टाचार उजागर हुआ था। ऑडियो रिकॉर्डिंग तीनों के बीच ये बातचीत हुई राकेश भईया नमस्कार…मैं फायर से चौधरी बोल रहा हूं। राकेश - हां बोलिए चौधरी - उसने आज तक नहीं दिए। राकेश - मैं लाइन पर लेकर ठीक कर देता हूं। चौधरी - मैंने साहब को बोल दिया है कि हमारे मित्र थे। उन्हें चमकाकर 15 हजार रुपए ले लिए हैं। राकेश - मैंने चमक कर नहीं दिए। मैं किसी खां से नहीं चमकता हूं। प्यार-मोहब्बत से दिए हैं। उसने बोला कि आपका (चौधरी) और सारे ऑफिसर्स लोगों को खर्चा-पानी देना है। चौधरी - किसी को एक रुपया नहीं दिया इसने। राकेश - क्या नाम है इसका एसएन शर्मा। चौधरी - हां राकेश - लाइन पर रहे आप। मैं शर्मा को लाइन पर ले रहा हूं। एसएन शर्मा - हैलो राकेश - शर्माजी राकेश राजपाल बोल रहा हूं। पहचानते हैं…? शर्मा - हां, पहचानी जैसी आवाज लग रही है। राकेश - देवास नाका शोरूम राजपाल टोयोटा पर आप आए थे। शर्मा - पहचान लिया सर। राकेश - आपने मुझ से 15 हजार लिए की साहब को देना है। साहब का फोन आया कि एक रुपया नहीं मिला है। ये क्या चक्कर है। शर्मा - ऐसा हो ही नहीं सकता। राकेश - मैं साहब से बात करवाऊ। साहब को लाइन पर लू। शर्मा - साहब को लाइन पर मत लो। राकेश - चमकने वाला तो मैं इंसान ही नहीं हूं। आप प्यार-मोहब्बत में लेकर गए। शर्मा - आपको दिक्कत है तो कर देते हैं। राकेश - आप जिनके बिहाफ पर लेकर गए उन्हें पहुंचाओ। उनका फोन मेरे पास नहीं आना चाहिए। शर्मा - मैं साहब से बात कर लेता हूं। राकेश - आप चौधरी साहब से बात कर लेना, मेरे पास फोन नहीं आना चाहिए। शर्मा - कौन चौधरी, चौधरी का फोन आया था क्या। राकेश - मेरे पास फोन आते रहते हैं। आगे अपने को एक-दूसरे की जरूरत पड़ेगी। शर्मा - मेरी बात सुनो ये चौधरी आपको फोन कर रहा है, वो हमारा कांस्टेबल है। उसकी रेपोटेशन खराब है। राकेश - आपके यार-दोस्त है आप बात कर मेटर खत्म कर लो। शर्मा - एसपी साहब का फोन आपके पास आ ही नहीं सकता। ये कांस्टेबल चौधरी बहुत बदमाशी करता है। राकेश - मेरे पास इन चीजों को लेकर फोन नहीं आना चाहिए। जब आप हो तो मुझे दिक्कत नहीं आनी चाहिए। प्रदीप राजपूत ने की थी मामले की शिकायत सीआईडी विजिलेंस ने पूर्व एसपी सहित तीनों को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 व 13 के तहत आरोपी बनाते हुए यह केस दर्ज किया है। तीनों के खिलाफ प्रदीप पिता चरण सिंह राजपूत निवासी शुभम नगर ने शिकायत की थी। इनके द्वारा दिए गए सबूतों के आधार पर इंदौर सीआईडी टीआई अमित दाणी ने पूरे मामले की जांच के बाद अपनी रिपोर्ट वरिष्ठ अधिकारियों को पेश की। साक्ष्यों के आधार पर तीनों के खिलाफ यह कार्रवाई की गई। इस साल का सीआईडी विजिलेंस थाने का यह भ्रष्टाचार अधिनियम का पहला केस है। यह खबर भी पढ़ें... इंदौर; रिश्वतकांड में फंसे पूर्व एसपी निगवाल का खुलासा:बोले - शिकायतकर्ता के पिता को नोटिस दिया उसकी खुन्नस निकालने के लिए फंसाया रिश्वत के रुपए बंटवारे मामले से मेरा कोई लेना-देना नहीं है। मामले में जो शिकायतकर्ता है प्रदीप पिता चरणसिंह राजपूत। उसने मुझे फंसाया है। मैंने शिकायतकर्ता प्रदीप के पिता को आरोप पत्र जारी किया था।प्रदीप के पिता चरणसिंह राजपूत भी फायर ब्रिगेड में सब इंस्पेक्टर है। इंदौर में ही पदस्थ है। उस बात की खुन्नस निकालने के लिए मुझे झूठा फंसाया है। मेरी पेंशन रूकवान के लिए भी झूठी शिकायतें की गई थी। ये कहना है फायर ब्रिगेड के पूर्व एसपी आरएस निगवाल का। रिश्वत के मामले में निगवाल सहित तीन लोगों पर सीआईडी की विजिलेंस विंग भोपाल ने केस दर्ज किया है।पूरी खबर