सूरत में रेलवे कर्मचारी ने रची ट्रेन पलटने की साजिश:पहले सूचना देकर प्रमोशन पाना चाहता था, जांच टीम ने पकड़ा

गुजरात के सूरत में रेलवे ट्रैक से फिश प्लेट और 71 कीज हटाने के मामले में सूचना देने वाला की-मैन की आरोपी निकला। घटना 20 सितंबर को हुई थी। आरोपी की-मैन सुभाष कुमार ने पूछताछ में कबूल किया कि उसने प्रमोशन पाने के लिए यह साजिश रची। कीज और फिश प्लेटें भी उसी ने ही निकाली थीं। सुभाष ने सोचा था कि बड़ा हादसे रोकने की उसकी सतर्कता के चलते उसे जल्दी प्रमोशन मिल जाएगा। जांच टीम ने सुभाष को हिरासत में ले लिया है। सुभाष ने ही रेलवे स्टेशन मास्टर को दी थी सूचना कीम रेलवे स्टेशन मास्टर को सबसे पहले की-मैन सुभाष कुमार ने ही इसकी जानकारी दी थी। सुभाष ने बताया था कि वह अपनी ड्यूटी के दौरान रेलवे ट्रैक का निरीक्षण कर रहा था। इसी दौरान उसने देखा कि ट्रैक से फिश प्लेट और कीज के पार्ट निकालकर उन्हें ट्रैक पर रख दिया गया है। सूचना मिलते ही स्टेशन मास्टर ने इस ट्रैक से गुजरने वाली दो पैसेंजर ट्रेनें रुकवा दी थीं। ट्रैक से सुबह 5.30 बजे गरीब रथ को गुजरना था। उसके बाद 5.45 बजे सुपरफास्ट अगस्त क्रांति ट्रेन गुजरने वाली थी। हालांकि 20 मिनट में ही नई फिश प्लेट लगाने के बाद रेलवे सेवा बहाल कर दी गई थी। अब जानिए, वे दो बड़ी वजहें, जिससे रेलवे अधिकारियों को सुभाष पर शक हो गया था... शक की पहली वजह: अनुभवी व्यक्ति भी 30 मिनट में दो ​फिश प्लेट ही खोल सकता है इस घटना में एक किमी की दूरी पर दो फिश प्लेट व 78 पेडलॉक निकाले गए। इसमें एक घंटे तक का समय लग सकता है। ट्रैक पर इतने लंबे समय तक काम करना संभव नहीं है। इससे साफ था कि यह काम करने वाला रेलवे का अनुभवी कर्मचारी होगा, साथ ही उसके पास पर्याप्त औजार होने चाहिए। इसके बावजूद भी दो फिश प्लेट खोलने में ही 30 मिनट का समय लग सकता है। जांच के लिए रेलवे के तकनीकी विशेषज्ञों के अलावा स्थानीय पुलिस, एटीएस व एनआईए की टीम को भी शामिल किया गया। शक की दूसरी वजह: 5 किमी तक का सर्च ऑपरेशन आरोपियों और औजारों की तलाश के लिए स्थानीय पुलिस की 5 टीमों के अलावा आरपीएफ और जीआरपीएफ की टीमों ने ट्रैक के दोनों तरफ 5 किमी तक सर्च ऑपरेशन चलाया था। पुलिस को आशंका थी कि आरोपी औजार कहीं फेंक कर जा सकते हैं, लेकिन कुछ नहीं मिला। इसके अलावा ट्रैक के आसपास एक से ज्यादा व्यक्ति की आवाजाही के भी सबूत नहीं मिले। जांच टीम ने घटना के समय इस ट्रैक से गुजरने वाली दो ट्रेनों के लोको पायलट से भी पूछताछ की। लेकिन, इन दोनों ट्रेनों के लोको पायलट को दो से तीन किमी के दायरे में इंसानी गतिविधि नजर नहीं आई थी। इसके अलावा आसपास के दर्जनों सीसीटीवी कैमरे भी खंगाले गए थे, लेकिन उनमें भी कोई संदिग्ध गतिविधि दिखाई नहीं दी। घटना की सूचना मिलने से 20 मिनट पहले दो ट्रेनें गुजरीं घटना की आधिकारिक पुष्टि सुबह 5.24 बजे हुई थी। इससे पहले 20 मिनट के अंतराल पर यहां से दो ट्रेनें गुजरी थीं। इनमें 14808 डाउन दादर भगत की कोठी (सुबह 4.38-4.44 बजे के बीच डाउन लाइन पर कीम-कोसंबा स्टेशन से 110 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से क्रॉस हुई थी। इसके बाद सुबह 4.53/4.58 बजे के बीच 12952 दिल्ली-मुंबई राजधानी एक्सप्रेस 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से क्रॉस हुई थी। ये खबर भी पढ़ें: MP में आर्मी ट्रेन डिरेल करने की साजिश:ट्रैक पर डेटोनेटर बिछाए, कानपुर में फिर ट्रैक पर मिला सिलेंडर; पंजाब में पटरी पर सरिया रखी देश के 3 राज्यों में ट्रेन पलटने की साजिश की गईं। हालांकि तीनों जगहों पर ही लोको पायलट ने साजिश को नाकाम कर दिया। मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में सेना के जवानों को ले जा रही ट्रेन में विस्फोट की कोशिश की गई थी। यह घटना 18 सितंबर की है। पढ़ें पूरी खबर...

सूरत में रेलवे कर्मचारी ने रची ट्रेन पलटने की साजिश:पहले सूचना देकर प्रमोशन पाना चाहता था, जांच टीम ने पकड़ा
गुजरात के सूरत में रेलवे ट्रैक से फिश प्लेट और 71 कीज हटाने के मामले में सूचना देने वाला की-मैन की आरोपी निकला। घटना 20 सितंबर को हुई थी। आरोपी की-मैन सुभाष कुमार ने पूछताछ में कबूल किया कि उसने प्रमोशन पाने के लिए यह साजिश रची। कीज और फिश प्लेटें भी उसी ने ही निकाली थीं। सुभाष ने सोचा था कि बड़ा हादसे रोकने की उसकी सतर्कता के चलते उसे जल्दी प्रमोशन मिल जाएगा। जांच टीम ने सुभाष को हिरासत में ले लिया है। सुभाष ने ही रेलवे स्टेशन मास्टर को दी थी सूचना कीम रेलवे स्टेशन मास्टर को सबसे पहले की-मैन सुभाष कुमार ने ही इसकी जानकारी दी थी। सुभाष ने बताया था कि वह अपनी ड्यूटी के दौरान रेलवे ट्रैक का निरीक्षण कर रहा था। इसी दौरान उसने देखा कि ट्रैक से फिश प्लेट और कीज के पार्ट निकालकर उन्हें ट्रैक पर रख दिया गया है। सूचना मिलते ही स्टेशन मास्टर ने इस ट्रैक से गुजरने वाली दो पैसेंजर ट्रेनें रुकवा दी थीं। ट्रैक से सुबह 5.30 बजे गरीब रथ को गुजरना था। उसके बाद 5.45 बजे सुपरफास्ट अगस्त क्रांति ट्रेन गुजरने वाली थी। हालांकि 20 मिनट में ही नई फिश प्लेट लगाने के बाद रेलवे सेवा बहाल कर दी गई थी। अब जानिए, वे दो बड़ी वजहें, जिससे रेलवे अधिकारियों को सुभाष पर शक हो गया था... शक की पहली वजह: अनुभवी व्यक्ति भी 30 मिनट में दो ​फिश प्लेट ही खोल सकता है इस घटना में एक किमी की दूरी पर दो फिश प्लेट व 78 पेडलॉक निकाले गए। इसमें एक घंटे तक का समय लग सकता है। ट्रैक पर इतने लंबे समय तक काम करना संभव नहीं है। इससे साफ था कि यह काम करने वाला रेलवे का अनुभवी कर्मचारी होगा, साथ ही उसके पास पर्याप्त औजार होने चाहिए। इसके बावजूद भी दो फिश प्लेट खोलने में ही 30 मिनट का समय लग सकता है। जांच के लिए रेलवे के तकनीकी विशेषज्ञों के अलावा स्थानीय पुलिस, एटीएस व एनआईए की टीम को भी शामिल किया गया। शक की दूसरी वजह: 5 किमी तक का सर्च ऑपरेशन आरोपियों और औजारों की तलाश के लिए स्थानीय पुलिस की 5 टीमों के अलावा आरपीएफ और जीआरपीएफ की टीमों ने ट्रैक के दोनों तरफ 5 किमी तक सर्च ऑपरेशन चलाया था। पुलिस को आशंका थी कि आरोपी औजार कहीं फेंक कर जा सकते हैं, लेकिन कुछ नहीं मिला। इसके अलावा ट्रैक के आसपास एक से ज्यादा व्यक्ति की आवाजाही के भी सबूत नहीं मिले। जांच टीम ने घटना के समय इस ट्रैक से गुजरने वाली दो ट्रेनों के लोको पायलट से भी पूछताछ की। लेकिन, इन दोनों ट्रेनों के लोको पायलट को दो से तीन किमी के दायरे में इंसानी गतिविधि नजर नहीं आई थी। इसके अलावा आसपास के दर्जनों सीसीटीवी कैमरे भी खंगाले गए थे, लेकिन उनमें भी कोई संदिग्ध गतिविधि दिखाई नहीं दी। घटना की सूचना मिलने से 20 मिनट पहले दो ट्रेनें गुजरीं घटना की आधिकारिक पुष्टि सुबह 5.24 बजे हुई थी। इससे पहले 20 मिनट के अंतराल पर यहां से दो ट्रेनें गुजरी थीं। इनमें 14808 डाउन दादर भगत की कोठी (सुबह 4.38-4.44 बजे के बीच डाउन लाइन पर कीम-कोसंबा स्टेशन से 110 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से क्रॉस हुई थी। इसके बाद सुबह 4.53/4.58 बजे के बीच 12952 दिल्ली-मुंबई राजधानी एक्सप्रेस 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से क्रॉस हुई थी। ये खबर भी पढ़ें: MP में आर्मी ट्रेन डिरेल करने की साजिश:ट्रैक पर डेटोनेटर बिछाए, कानपुर में फिर ट्रैक पर मिला सिलेंडर; पंजाब में पटरी पर सरिया रखी देश के 3 राज्यों में ट्रेन पलटने की साजिश की गईं। हालांकि तीनों जगहों पर ही लोको पायलट ने साजिश को नाकाम कर दिया। मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में सेना के जवानों को ले जा रही ट्रेन में विस्फोट की कोशिश की गई थी। यह घटना 18 सितंबर की है। पढ़ें पूरी खबर...