इंदौर बीजेपी की बैठक में मोर्चा अध्यक्ष का फूटा गुस्सा:एससी मोर्चा अध्यक्ष ने नगर अध्यक्ष को सुनाई खरी-खोटी, समरसता दिवस के कामों को लेकर हुआ विवाद
इंदौर बीजेपी की बैठक में मोर्चा अध्यक्ष का फूटा गुस्सा:एससी मोर्चा अध्यक्ष ने नगर अध्यक्ष को सुनाई खरी-खोटी, समरसता दिवस के कामों को लेकर हुआ विवाद
इंदौर में कांग्रेस से बीजेपी में आए नेताओं को अभी तक बीजेपी नेता पचा नहीं पा रहे हैं। वहीं अब नगराध्यक्ष सुमित मिश्रा की कार्यशैली को लेकर भी बीजेपी नेताओं का गुस्सा निकल रहा है। मंगलवार को बीजेपी कार्यालय पर बैठक में एससी मोर्चा के अध्यक्ष ने जमकर नाराजगी जाहिर की। संगठनात्मक बैठक में जमकर बवाल हुआ। बीजेपी कार्यालय पर आयोजित बैठक में मिश्रा ने पार्टी के स्थापना दिवस और 14 अप्रैल को भीमराव अंबेडकर के जन्मदिन पर होने वाले आयोजन की तैयारियां का जिम्मा सौंपा। उन्होंने 14 अप्रैल को समरसता दिवस के काम की जिम्मेदारी घनश्याम शेर को देते हुए संयोजक और सह संयोजक में हरप्रीत सिंह बख्शी, राजेश शिरोडकर, मुकेश राजावत को के नामों की घोषणा की। बस इसी बात पर एससी मोर्चा के नगराध्यक्ष दिनेश वर्मा बिफर गए और उन्होंने पार्टी के 250 से ज्यादा पदाधिकारियों, जनप्रतिनिधियों के बीच मिश्रा को जमकर खरी-खोटी सुनाई। उन्होंने वर्मा से कहा कि पार्टी के जो मोर्चे बने हुए हैं वे ही संबंधित मौकों पर काम को संभालते हैं। अलग से यह जिम्मेदारी क्यों दे रहे हैं। फिर मोर्चों का क्या काम है। इन्हें खत्म ही कर दो। जो मोर्चा अध्यक्ष है, उसे ही बाहर कर दिया और जो कांग्रेस से आए हैं, उन्हें काम दे रहे हैं। अनुसूचित जाति मोर्चा कांग्रेस के नेता जो बीजेपी में आए वह मंच पर बैठे थे। वहीं पार्टी के एससी, एसटी मोर्चा, महिला मोर्चा के अध्यक्ष मंच से नीचे भीड़ के साथ में बैठे थे। वर्मा ने आगे कहा कि पदभार ग्रहण के समय भी हमें रोक दिया गया, जबकि भीड़ लाने का जिम्मा हमें दिया गया और हमने काम किया, लेकिन मंच पर यही कांग्रेसी आकर बैठ गए। मिश्रा बोले गलती होगी तो माफी मांग लूंगा वर्मा की नाराजगी शिरोडकर, संजय शुक्ला और विशाल पटेल जैसे नेताओं को मंच पर जगह देने कारण थी। शिरोडकर और वर्मा एक ही वार्ड से पार्षद का टिकट मांगते हैं। लेकिन शिरोडकर कांग्रेस से बीजेपी में आए और एक विधायक के खास समर्थन के चलते टिकट पा गए। हालांकि वह चुनाव हार गए। वहीं जो समरसता दिवस के लिए कमेटी बनी इसमें भी शिरोडकर को सह संयोजक बनाया गया है। वहीं कांग्रेस से आए संजय शुक्ला और विशाल पटेल हर जगह मंच पर होते हैं। मंगलवार को हुए कार्यक्रम में पटेल मंच पर बैठे हुए थे। वहीं बैठक में वर्मा की आपत्ति के बाद सुमित मिश्रा ने कहा कि पार्टी के मोर्चा के जो पदाधिकारी हैं वह तो रहेंगे ही। यह जिनके पास जिम्मेदारी नहीं है, उन्हें भी काम देने के लिए, उन्हें समन्वय में लिया गया है। सभी से चर्चा के बाद ही कमेटी बनाई गई है। यदि कुछ है तो व्यक्तिगत मिल कर बात कर सकते हैं। यदि कोई गलती होगी तो सार्वजनिक माफी भी मांग लूंगा।
इंदौर में कांग्रेस से बीजेपी में आए नेताओं को अभी तक बीजेपी नेता पचा नहीं पा रहे हैं। वहीं अब नगराध्यक्ष सुमित मिश्रा की कार्यशैली को लेकर भी बीजेपी नेताओं का गुस्सा निकल रहा है। मंगलवार को बीजेपी कार्यालय पर बैठक में एससी मोर्चा के अध्यक्ष ने जमकर नाराजगी जाहिर की। संगठनात्मक बैठक में जमकर बवाल हुआ। बीजेपी कार्यालय पर आयोजित बैठक में मिश्रा ने पार्टी के स्थापना दिवस और 14 अप्रैल को भीमराव अंबेडकर के जन्मदिन पर होने वाले आयोजन की तैयारियां का जिम्मा सौंपा। उन्होंने 14 अप्रैल को समरसता दिवस के काम की जिम्मेदारी घनश्याम शेर को देते हुए संयोजक और सह संयोजक में हरप्रीत सिंह बख्शी, राजेश शिरोडकर, मुकेश राजावत को के नामों की घोषणा की। बस इसी बात पर एससी मोर्चा के नगराध्यक्ष दिनेश वर्मा बिफर गए और उन्होंने पार्टी के 250 से ज्यादा पदाधिकारियों, जनप्रतिनिधियों के बीच मिश्रा को जमकर खरी-खोटी सुनाई। उन्होंने वर्मा से कहा कि पार्टी के जो मोर्चे बने हुए हैं वे ही संबंधित मौकों पर काम को संभालते हैं। अलग से यह जिम्मेदारी क्यों दे रहे हैं। फिर मोर्चों का क्या काम है। इन्हें खत्म ही कर दो। जो मोर्चा अध्यक्ष है, उसे ही बाहर कर दिया और जो कांग्रेस से आए हैं, उन्हें काम दे रहे हैं। अनुसूचित जाति मोर्चा कांग्रेस के नेता जो बीजेपी में आए वह मंच पर बैठे थे। वहीं पार्टी के एससी, एसटी मोर्चा, महिला मोर्चा के अध्यक्ष मंच से नीचे भीड़ के साथ में बैठे थे। वर्मा ने आगे कहा कि पदभार ग्रहण के समय भी हमें रोक दिया गया, जबकि भीड़ लाने का जिम्मा हमें दिया गया और हमने काम किया, लेकिन मंच पर यही कांग्रेसी आकर बैठ गए। मिश्रा बोले गलती होगी तो माफी मांग लूंगा वर्मा की नाराजगी शिरोडकर, संजय शुक्ला और विशाल पटेल जैसे नेताओं को मंच पर जगह देने कारण थी। शिरोडकर और वर्मा एक ही वार्ड से पार्षद का टिकट मांगते हैं। लेकिन शिरोडकर कांग्रेस से बीजेपी में आए और एक विधायक के खास समर्थन के चलते टिकट पा गए। हालांकि वह चुनाव हार गए। वहीं जो समरसता दिवस के लिए कमेटी बनी इसमें भी शिरोडकर को सह संयोजक बनाया गया है। वहीं कांग्रेस से आए संजय शुक्ला और विशाल पटेल हर जगह मंच पर होते हैं। मंगलवार को हुए कार्यक्रम में पटेल मंच पर बैठे हुए थे। वहीं बैठक में वर्मा की आपत्ति के बाद सुमित मिश्रा ने कहा कि पार्टी के मोर्चा के जो पदाधिकारी हैं वह तो रहेंगे ही। यह जिनके पास जिम्मेदारी नहीं है, उन्हें भी काम देने के लिए, उन्हें समन्वय में लिया गया है। सभी से चर्चा के बाद ही कमेटी बनाई गई है। यदि कुछ है तो व्यक्तिगत मिल कर बात कर सकते हैं। यदि कोई गलती होगी तो सार्वजनिक माफी भी मांग लूंगा।