नर्मदापुरम में विसर्जन जूलूस में बज रहा डीजे जब्त:सिटी मजिस्ट्रेट ने कोतवाली पहुंचाया, बोले- शिकायत मिली, तेज आवाज आ रही थी

नर्मदापुरम में रविवार रात करीब 10 बजे मालाखेड़ी रोड पर जुलूस में बज रहे डीजे को जब्त कर लिया गया। सिटी मजिस्ट्रेट ब्रजेंद्र रावत ने मौके पर पहुंचकर डीजे को बंद कराया और कोतवाली थाने में पहुंचा दिया। इसके बाद जुलूस में शामिल लोग बिना गाजे-बाजे के साथ ही प्रतिमा को हर्बल पार्क ले गए। प्रशासन की कार्रवाई से मंदिर समिति व हिंदू संगठन के कुछ लोगों में प्रशासन के खिलाफ आक्रोश है। लोगों का कहना है कि पूरे शहर में विसर्जन के लिए आ रही प्रतिमाओं के जुलूस में डीजे बजते रहे, लेकिन प्रशासन को केवल मालाखेड़ी रोड के विसर्जन जुलूस का डीजे सुनाई दिया। जब इस बारे में सिटी मजिस्ट्रेट रावत से बात की गई तो उन्होंने तर्क दिया कि एक अज्ञात व्यक्ति की शिकायत आई थी। हम जुलूस में पहुंचे तो हमें डीजे तेज आवाज में बजता मिला। साउंड काफी ज्यादा था, जो नियमों का उल्लंघन है। इसलिए हमने डीजे जब्त कर थाने में खड़ा कराया है। बता दें मालाखेड़ी रोड पर ही कमिश्नर, मजिस्ट्रेट, सीसीएफ बंगला, कलेक्टर बंगला समेत कई अफसरों के बंगले हैं। लोगों में आक्रोश, दोहरा रवैया अपना रहा प्रशासन हिंदू समाज संगठन के दिनेश तिवारी ने रात 12 बजे सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा कि “मोहर्रम से लेकर आज (रविवार 13 अक्टूबर) तक नगर में कई सारे धार्मिक उत्सव सभी धर्म मजहब द्वारा हर्षोल्लास पूर्ण वातावरण में मनाए गए। कोई संघर्ष की स्थिति नहीं बनी। जैसी की हमारे नगर की परंपरा है। किंतु प्रशासन जब तक रंग में भंग न डाले तब तक काम कैसे चले। अंततः प्रतिमा विसर्जन में मालाखेड़ी से भगवान शिवजी की प्रतिमा के साथ आ रहे डीजे को जब्त कर प्रशासन ने अपनी मंसा प्रकट कर ही दी। धन्यवाद प्रशासन"। बाजार में रात 11.30 बजे भी बज रहा था डीजे मालाखेड़ी रोड से सिटी मजिस्ट्रेट ने करीब 9.30 से 10 बजे के बीच में डीजे जब्त किया है। लोगों का कहना है कि शहर के दूसरे क्षेत्रों में तो रात 11:30 बजे भी डीजे फुल साउंड में बजते रहे। इन जुलूस में सुरक्षा के तौर पर पुलिस भी तैनात रही। लेकिन प्रशासन की तरफ से इन डीजों पर कोई एक्शन नहीं लिया गया।

नर्मदापुरम में विसर्जन जूलूस में बज रहा डीजे जब्त:सिटी मजिस्ट्रेट ने कोतवाली पहुंचाया, बोले- शिकायत मिली, तेज आवाज आ रही थी
नर्मदापुरम में रविवार रात करीब 10 बजे मालाखेड़ी रोड पर जुलूस में बज रहे डीजे को जब्त कर लिया गया। सिटी मजिस्ट्रेट ब्रजेंद्र रावत ने मौके पर पहुंचकर डीजे को बंद कराया और कोतवाली थाने में पहुंचा दिया। इसके बाद जुलूस में शामिल लोग बिना गाजे-बाजे के साथ ही प्रतिमा को हर्बल पार्क ले गए। प्रशासन की कार्रवाई से मंदिर समिति व हिंदू संगठन के कुछ लोगों में प्रशासन के खिलाफ आक्रोश है। लोगों का कहना है कि पूरे शहर में विसर्जन के लिए आ रही प्रतिमाओं के जुलूस में डीजे बजते रहे, लेकिन प्रशासन को केवल मालाखेड़ी रोड के विसर्जन जुलूस का डीजे सुनाई दिया। जब इस बारे में सिटी मजिस्ट्रेट रावत से बात की गई तो उन्होंने तर्क दिया कि एक अज्ञात व्यक्ति की शिकायत आई थी। हम जुलूस में पहुंचे तो हमें डीजे तेज आवाज में बजता मिला। साउंड काफी ज्यादा था, जो नियमों का उल्लंघन है। इसलिए हमने डीजे जब्त कर थाने में खड़ा कराया है। बता दें मालाखेड़ी रोड पर ही कमिश्नर, मजिस्ट्रेट, सीसीएफ बंगला, कलेक्टर बंगला समेत कई अफसरों के बंगले हैं। लोगों में आक्रोश, दोहरा रवैया अपना रहा प्रशासन हिंदू समाज संगठन के दिनेश तिवारी ने रात 12 बजे सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा कि “मोहर्रम से लेकर आज (रविवार 13 अक्टूबर) तक नगर में कई सारे धार्मिक उत्सव सभी धर्म मजहब द्वारा हर्षोल्लास पूर्ण वातावरण में मनाए गए। कोई संघर्ष की स्थिति नहीं बनी। जैसी की हमारे नगर की परंपरा है। किंतु प्रशासन जब तक रंग में भंग न डाले तब तक काम कैसे चले। अंततः प्रतिमा विसर्जन में मालाखेड़ी से भगवान शिवजी की प्रतिमा के साथ आ रहे डीजे को जब्त कर प्रशासन ने अपनी मंसा प्रकट कर ही दी। धन्यवाद प्रशासन"। बाजार में रात 11.30 बजे भी बज रहा था डीजे मालाखेड़ी रोड से सिटी मजिस्ट्रेट ने करीब 9.30 से 10 बजे के बीच में डीजे जब्त किया है। लोगों का कहना है कि शहर के दूसरे क्षेत्रों में तो रात 11:30 बजे भी डीजे फुल साउंड में बजते रहे। इन जुलूस में सुरक्षा के तौर पर पुलिस भी तैनात रही। लेकिन प्रशासन की तरफ से इन डीजों पर कोई एक्शन नहीं लिया गया।