स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वामी प्रसाद का निधन:निवाड़ी में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार, पुलिस जवानों ने दी सलामी

निवाड़ी जिले के पृथ्वीपुर तहसील में रहने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वामी प्रसाद त्रिवेदी का हृदय गति रुक जाने से निधन हो गया। वे 91 साल के थे। बुधवार को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस मौके पर तहसीलदार अनिल गुप्ता और पुलिस जवानों ने सशस्त्र सलामी दी। स्वामी प्रसाद त्रिवेदी का जन्म 26 अगस्त 1934 को हुआ था। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उनके संघर्ष और समर्पण ने आजादी के लिए प्रेरणा का काम किया। स्वामी प्रसाद त्रिवेदी के अंतिम संस्कार के दौरान स्थानीय प्रशासन और पुलिस की उपस्थिति में सशस्त्र सलामी दी गई। तहसीलदार अनिल गुप्ता ने कहा कि स्वामी प्रसाद त्रिवेदी ने देश के लिए जो योगदान दिया है, उसे भुलाया नहीं जा सकता। उन्हें लोगों और अधिकारियों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। स्वतंत्रता सेनानी के निधन पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों, समाजसेवियों और नागरिकों ने दुख जताया। समाजसेवियों ने कहा कि त्रिवेदी जैसे स्वतंत्रता सेनानी हमारी धरोहर हैं, जिनकी विरासत जीवित रहेगी।

Dec 18, 2024 - 14:00
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स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वामी प्रसाद का निधन:निवाड़ी में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार, पुलिस जवानों ने दी सलामी
निवाड़ी जिले के पृथ्वीपुर तहसील में रहने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वामी प्रसाद त्रिवेदी का हृदय गति रुक जाने से निधन हो गया। वे 91 साल के थे। बुधवार को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस मौके पर तहसीलदार अनिल गुप्ता और पुलिस जवानों ने सशस्त्र सलामी दी। स्वामी प्रसाद त्रिवेदी का जन्म 26 अगस्त 1934 को हुआ था। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उनके संघर्ष और समर्पण ने आजादी के लिए प्रेरणा का काम किया। स्वामी प्रसाद त्रिवेदी के अंतिम संस्कार के दौरान स्थानीय प्रशासन और पुलिस की उपस्थिति में सशस्त्र सलामी दी गई। तहसीलदार अनिल गुप्ता ने कहा कि स्वामी प्रसाद त्रिवेदी ने देश के लिए जो योगदान दिया है, उसे भुलाया नहीं जा सकता। उन्हें लोगों और अधिकारियों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। स्वतंत्रता सेनानी के निधन पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों, समाजसेवियों और नागरिकों ने दुख जताया। समाजसेवियों ने कहा कि त्रिवेदी जैसे स्वतंत्रता सेनानी हमारी धरोहर हैं, जिनकी विरासत जीवित रहेगी।