सोने-चांदी में उतार-चढ़ाव:इंदौर में चांदी 300 रुपये बढ़कर 96500 रुपये किलो, सोना स्थिर
सोने-चांदी में उतार-चढ़ाव:इंदौर में चांदी 300 रुपये बढ़कर 96500 रुपये किलो, सोना स्थिर
इंदौर सराफा बाजार में सोमवार को चांदी के भाव में तेजी देखी गई। चांदी चौरसा 300 रुपये की बढ़त के साथ 96500 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई। ग्रामीण क्षेत्रों से अच्छी मांग के कारण चांदी के भाव मजबूत रहे। सोना केडबरी 92500 रुपये प्रति दस ग्राम पर स्थिर रहा। वैवाहिक सीजन की सीमित मांग के कारण सोने के दाम में कोई बदलाव नहीं हुआ। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतों में गिरावट आई। अमेरिका द्वारा चीन के खिलाफ व्यापार टैरिफ में कुछ छूट के संकेत मिलने से यह गिरावट देखी गई। कॉमेक्स पर सोना वायदा 3,225 डॉलर प्रति औंस के स्तर पर कारोबार कर रहा है। व्हाइट हाउस ने पुष्टि की है कि इलेक्ट्रॉनिक सामानों को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के चीन के खिलाफ 145 फीसदी के टैरिफ में शामिल नहीं किया जाएगा। इंदौर में बंद भाव इस प्रकार रहे - सोना आरटीजीएस 95800, सोना 22 कैरेट 87000 रुपये प्रति दस ग्राम, चांदी आरटीजीएस 96650, चांदी टंच 96600 रुपये प्रति किलो और चांदी सिक्का 1100 रुपये प्रति नग। उज्जैन में सोना केडबरी 92600, सोना रवा 92500 रुपये प्रति दस ग्राम, चांदी पाट 97000, चांदी टंच 96800 रुपये प्रति किलो और चांदी सिक्का 1000 रुपये प्रति नग के भाव रहे। मौसम परिवर्तन से नर्मदापुरम के मूंग किसानों ने ली राहत की सांस तेज गर्मी, बारिश की कमी एवं ऊंचे तापमान के कारण प्रदेश के नर्मदापुरम जिले में इस वर्ष न केवल मूंग की ग्रीष्मकालीन फसल की बोवनी पिछड़ रही है, बल्कि इसके विकास पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है। पिछले 7 अप्रैल को इस जिले में उच्चतम तापमान बढ़कर 44.3 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया और इस तरह वह भारत के पांच सबसे गर्म स्थान की सूची में शामिल हो गया। उल्लेखनीय है कि ग्रीष्मकाल या जायद सीजन के दौरान प्रदेश में मूंग की सर्वाधिक खेती नर्मदापुरम जिले में ही होती है। वहां इसका उत्पादन क्षेत्र 3.50 लाख हेक्टेयर से भी ज्यादा रहता है। हालांकि 12 अप्रैल से मौसम में कुछ परिवर्तन आया है और गर्मी का तापमान कम हुआ है, जिससे किसानों ने राहत की सांस ली है। ऐसे में मूंग फसल को ज्यादा क्षति की उम्मीद कम नजर आ रही है। मांग मजबूत रहने और कीमत तुरंत मिलने से किसान मूंग की खेती के प्रति काफी उत्साहित रहते हैं और किसी भी कीमत पर इसकी बोवनी करना चाहते हैं। इस वर्ष मौसम किसानों का साथ नहीं दे रहा है। इस जिले के किसानों में मूंग की खेती के प्रति इतना जूनून होता है कि वे गेहूं फसल की कटाई-तैयारी के बाद तुरंत खेतों में आग लगाकर अवशेषों को जला देते हैं। इसे हवा की तीव्रता और निकटवर्ती खेतों की भी चिंता नहीं रहती है। कुछ दिन पूर्व इसी तरह की आग से करीब 100 एकड़ में लगे गेहूं की फसल जल कर राख हो गई, जबकि पर्यावरण को भी काफी नुकसान हुआ। ऊंचे तापमान के कारण इस बार गेहूं की फसल जल्दी पक गई और उसकी कटाई-तैयारी भी होने लगी। किसानों को मूंग की बोवनी के लिए ज्यादा समय मिल गया लेकिन तेज गर्मी से खेतों की मिटटी सूख गई और इसमें मूंग की बोवनी करने में किसानों को भारी कठिनाई हो रही है। वहां किसान मूंग की फसल को जल्दी से जल्दी पकाने के लिए हर्बी साइड एवं पाराकार जैसे रसायनों का भी बड़े पैमाने पर इस्तेमाल करते हैं ताकि बाद में खरीफ फसलों की खेती के लिए भी समय मिल सके। वहां ग्रीष्मकालीन मूंग की औसत उपज दर करीब 14 क्विंटल प्रति हेक्टेयर रहती है मगर किसान इसे बढ़ाने के लिए अनुचित तरीका भी अपनाते हैं। अंबेडकर जयंती के अवसर पर इंदौर के छावनी अनाज मंडी सहित प्रदेश की अधिकांश मंडियों में अवकाश रहा। दालों के दाम-चना दाल 7300-7500, मीडियम 7700-7900, बेस्ट 8000-8100, मसूर दाल 7600-7700, बेस्ट 7800-7900, मूंग दाल 9400-9500, बेस्ट 9600-9700, मूंग मोगर 9900-10-00, बेस्ट 10100-10300, तुवर दाल 8400-8500, मीडियम 9600-9700, बेस्ट 10200-10300, ए. बेस्ट 11200-11300, ब्रांडेड व्हाइटरोज तुवर दाल नई 11700, उड़द दाल 9000-9200, बेस्ट 9300-9600, उड़द मोगर 10000-10100, बेस्ट 10200-10400 रुपये प्रति क्विंटल। इंदौर चावल भाव-बासमती (921) 10500-11500, तिबार 9000-10000, बासमती दुबार पोनिया 8000-8500, मिनी दुबार 7000-7500, मोगरा 4500-6500, बासमती सेला 6500-9000 कालीमूंछ डिनरकिंग 8500, राजभोग 7000, दुबराज 4000-4500, परमल 3400-3500, हंसा सेला 3500-3700, हंसा सफेद 2900-3100, पोहा 4500-5100 रु. क्विंटल। टैरिफ की अनिश्चितता के साथ ऊंचे दामों पर मांग घटने से सोया तेल घटा टैरिफ की अनिश्चितता के साथ ही ऊंचे दामों पर सोया तेल में मांग का दबाव कुछ कमजोर रहने से बढ़ते दामों में रुकावट आई है। सप्ताह के पहले ही दिन सोया तेल में आंशिक नरमी दर्ज की गई। हालांकि, स्टॉक कम होने से निकट अवधि में कोई बड़ी मंदी नहीं दिखेगी है। अमेरिका और चीन टैरिफ वॉर के चलते सोया तेल की कीमतों पर दबाव बना हुआ है। हालांकि एक्सपर्ट्स का मानना है कि जल्द ही अमेरिका और चीन टैरिफ मुद्दे पर कुछ हल निकल सकता है। सीबीओटी सोया तेल अपने समर्थन 44.10 से रिकवर हुआ और 49 प्रतिरोध की ओर बढ़ रहा है इधर, सोया तेल की लैंडिंग कॉस्ट पिछले सप्ताह 2 से 2.5 रुपये प्रति किलो तक बढ़ गई। सीबीओटी सोया तेल में 3% की तेजी से अर्जेंटीना सोया तेल निचले स्तर से 20-30 डॉलर प्रति टन तक रिकवर हुआ। सोया तेल इम्पोर्ट पैरिटी फfलहाल 1 रुपये प्रति किलो। मार्च में सोया तेल का आयात 25% बढ़कर 3.55 लाख टन पहुंच गया। पिछले साल मार्च महीने की तुलना में आयात 62.56% ज्यादा था। बेहतर इम्पोर्ट पैरिटी और सस्ती दरों ने आयातकों को सोया तेल खरीद बढ़ाने के लिए प्रेरित किया है। मार्च के अंत तक भारतीय बंदरगाहों पर सोया तेल का स्टॉक 15 मार्च की तुलना में 8% कम था। आने वाले महीने में सोया तेल का आयात धीरे-धीरे बढ़ने की उम्मीद है। वहीं सोयाबीन में प्लांट की मांग बराबर रहने और आवक कम होने के कारण भाव मजबूती पर टिके हुए है। दरअसल, अंबेडकर जयंती के अवसर पर सोमवार को प्रदेश की अधिकांश मंडियां बंद होने के कारण सोयाबीन क
इंदौर सराफा बाजार में सोमवार को चांदी के भाव में तेजी देखी गई। चांदी चौरसा 300 रुपये की बढ़त के साथ 96500 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई। ग्रामीण क्षेत्रों से अच्छी मांग के कारण चांदी के भाव मजबूत रहे। सोना केडबरी 92500 रुपये प्रति दस ग्राम पर स्थिर रहा। वैवाहिक सीजन की सीमित मांग के कारण सोने के दाम में कोई बदलाव नहीं हुआ। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतों में गिरावट आई। अमेरिका द्वारा चीन के खिलाफ व्यापार टैरिफ में कुछ छूट के संकेत मिलने से यह गिरावट देखी गई। कॉमेक्स पर सोना वायदा 3,225 डॉलर प्रति औंस के स्तर पर कारोबार कर रहा है। व्हाइट हाउस ने पुष्टि की है कि इलेक्ट्रॉनिक सामानों को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के चीन के खिलाफ 145 फीसदी के टैरिफ में शामिल नहीं किया जाएगा। इंदौर में बंद भाव इस प्रकार रहे - सोना आरटीजीएस 95800, सोना 22 कैरेट 87000 रुपये प्रति दस ग्राम, चांदी आरटीजीएस 96650, चांदी टंच 96600 रुपये प्रति किलो और चांदी सिक्का 1100 रुपये प्रति नग। उज्जैन में सोना केडबरी 92600, सोना रवा 92500 रुपये प्रति दस ग्राम, चांदी पाट 97000, चांदी टंच 96800 रुपये प्रति किलो और चांदी सिक्का 1000 रुपये प्रति नग के भाव रहे। मौसम परिवर्तन से नर्मदापुरम के मूंग किसानों ने ली राहत की सांस तेज गर्मी, बारिश की कमी एवं ऊंचे तापमान के कारण प्रदेश के नर्मदापुरम जिले में इस वर्ष न केवल मूंग की ग्रीष्मकालीन फसल की बोवनी पिछड़ रही है, बल्कि इसके विकास पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है। पिछले 7 अप्रैल को इस जिले में उच्चतम तापमान बढ़कर 44.3 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया और इस तरह वह भारत के पांच सबसे गर्म स्थान की सूची में शामिल हो गया। उल्लेखनीय है कि ग्रीष्मकाल या जायद सीजन के दौरान प्रदेश में मूंग की सर्वाधिक खेती नर्मदापुरम जिले में ही होती है। वहां इसका उत्पादन क्षेत्र 3.50 लाख हेक्टेयर से भी ज्यादा रहता है। हालांकि 12 अप्रैल से मौसम में कुछ परिवर्तन आया है और गर्मी का तापमान कम हुआ है, जिससे किसानों ने राहत की सांस ली है। ऐसे में मूंग फसल को ज्यादा क्षति की उम्मीद कम नजर आ रही है। मांग मजबूत रहने और कीमत तुरंत मिलने से किसान मूंग की खेती के प्रति काफी उत्साहित रहते हैं और किसी भी कीमत पर इसकी बोवनी करना चाहते हैं। इस वर्ष मौसम किसानों का साथ नहीं दे रहा है। इस जिले के किसानों में मूंग की खेती के प्रति इतना जूनून होता है कि वे गेहूं फसल की कटाई-तैयारी के बाद तुरंत खेतों में आग लगाकर अवशेषों को जला देते हैं। इसे हवा की तीव्रता और निकटवर्ती खेतों की भी चिंता नहीं रहती है। कुछ दिन पूर्व इसी तरह की आग से करीब 100 एकड़ में लगे गेहूं की फसल जल कर राख हो गई, जबकि पर्यावरण को भी काफी नुकसान हुआ। ऊंचे तापमान के कारण इस बार गेहूं की फसल जल्दी पक गई और उसकी कटाई-तैयारी भी होने लगी। किसानों को मूंग की बोवनी के लिए ज्यादा समय मिल गया लेकिन तेज गर्मी से खेतों की मिटटी सूख गई और इसमें मूंग की बोवनी करने में किसानों को भारी कठिनाई हो रही है। वहां किसान मूंग की फसल को जल्दी से जल्दी पकाने के लिए हर्बी साइड एवं पाराकार जैसे रसायनों का भी बड़े पैमाने पर इस्तेमाल करते हैं ताकि बाद में खरीफ फसलों की खेती के लिए भी समय मिल सके। वहां ग्रीष्मकालीन मूंग की औसत उपज दर करीब 14 क्विंटल प्रति हेक्टेयर रहती है मगर किसान इसे बढ़ाने के लिए अनुचित तरीका भी अपनाते हैं। अंबेडकर जयंती के अवसर पर इंदौर के छावनी अनाज मंडी सहित प्रदेश की अधिकांश मंडियों में अवकाश रहा। दालों के दाम-चना दाल 7300-7500, मीडियम 7700-7900, बेस्ट 8000-8100, मसूर दाल 7600-7700, बेस्ट 7800-7900, मूंग दाल 9400-9500, बेस्ट 9600-9700, मूंग मोगर 9900-10-00, बेस्ट 10100-10300, तुवर दाल 8400-8500, मीडियम 9600-9700, बेस्ट 10200-10300, ए. बेस्ट 11200-11300, ब्रांडेड व्हाइटरोज तुवर दाल नई 11700, उड़द दाल 9000-9200, बेस्ट 9300-9600, उड़द मोगर 10000-10100, बेस्ट 10200-10400 रुपये प्रति क्विंटल। इंदौर चावल भाव-बासमती (921) 10500-11500, तिबार 9000-10000, बासमती दुबार पोनिया 8000-8500, मिनी दुबार 7000-7500, मोगरा 4500-6500, बासमती सेला 6500-9000 कालीमूंछ डिनरकिंग 8500, राजभोग 7000, दुबराज 4000-4500, परमल 3400-3500, हंसा सेला 3500-3700, हंसा सफेद 2900-3100, पोहा 4500-5100 रु. क्विंटल। टैरिफ की अनिश्चितता के साथ ऊंचे दामों पर मांग घटने से सोया तेल घटा टैरिफ की अनिश्चितता के साथ ही ऊंचे दामों पर सोया तेल में मांग का दबाव कुछ कमजोर रहने से बढ़ते दामों में रुकावट आई है। सप्ताह के पहले ही दिन सोया तेल में आंशिक नरमी दर्ज की गई। हालांकि, स्टॉक कम होने से निकट अवधि में कोई बड़ी मंदी नहीं दिखेगी है। अमेरिका और चीन टैरिफ वॉर के चलते सोया तेल की कीमतों पर दबाव बना हुआ है। हालांकि एक्सपर्ट्स का मानना है कि जल्द ही अमेरिका और चीन टैरिफ मुद्दे पर कुछ हल निकल सकता है। सीबीओटी सोया तेल अपने समर्थन 44.10 से रिकवर हुआ और 49 प्रतिरोध की ओर बढ़ रहा है इधर, सोया तेल की लैंडिंग कॉस्ट पिछले सप्ताह 2 से 2.5 रुपये प्रति किलो तक बढ़ गई। सीबीओटी सोया तेल में 3% की तेजी से अर्जेंटीना सोया तेल निचले स्तर से 20-30 डॉलर प्रति टन तक रिकवर हुआ। सोया तेल इम्पोर्ट पैरिटी फfलहाल 1 रुपये प्रति किलो। मार्च में सोया तेल का आयात 25% बढ़कर 3.55 लाख टन पहुंच गया। पिछले साल मार्च महीने की तुलना में आयात 62.56% ज्यादा था। बेहतर इम्पोर्ट पैरिटी और सस्ती दरों ने आयातकों को सोया तेल खरीद बढ़ाने के लिए प्रेरित किया है। मार्च के अंत तक भारतीय बंदरगाहों पर सोया तेल का स्टॉक 15 मार्च की तुलना में 8% कम था। आने वाले महीने में सोया तेल का आयात धीरे-धीरे बढ़ने की उम्मीद है। वहीं सोयाबीन में प्लांट की मांग बराबर रहने और आवक कम होने के कारण भाव मजबूती पर टिके हुए है। दरअसल, अंबेडकर जयंती के अवसर पर सोमवार को प्रदेश की अधिकांश मंडियां बंद होने के कारण सोयाबीन की आवक नहीं के बराबर हुई है, जिससे भाव मजबूत बोल गए। मंगलवार को मंडियां लगातार तीन दिन के अवकाश के बाद खुलने पर आवक अच्छी रहने की उम्मीद है, जिससे सोयाबीन के दाम कुछ घटकर खुलने की संभावना है। सोयाबीन 4500, सरसों निमाड़ी (बारीक) 6500-6600 रायडा 5600-5800 रुपये प्रति क्विंटल रहे। लूज तेल-मूंगफली तेल इंदौर 1350-1370, मुंबई मूंगफली तेल 1370 ,इंदौर सोयाबीन तेल रिफाइंड 1275-1280, इंदौर सोयाबीन साल्वेंट 1215-1220, इंदौर पाम 1365,मुंबई सोया रिफाइंड 1300, मुंबई पाम तेल 1310, राजकोट तेलिया 2150, गुजरात लूज 1325, कपास्या तेल इंदौर 1270 रुपये प्रति दस किलो। प्लांट सोयाबीन भाव-अवी एग्री उज्जैन 4550, बैतूल ऑयल सतना 4630, बैतूल आयल 4650, कोरोनेशन, ब्यावरा 4550, धानुका सोया नीमच 4610 धीरेंद्र सोया नीमच 4610, दिव्य ज्योति 4575, हरिओम रिफाइनरी 4615, केएन एग्री इटारसी 4550, खंडवा ऑयल 4525, मित्तल सोया देवास 4591, एमएस सॉल्वेक्स नीमच 4600, नीमच प्रोटीन 4600, पतंजलि फूड 4525, प्रकाश पीथमपुर 4585, प्रेस्ट्रीज ग्रुप देवास 4560, रामा फास्फेट, धरमपुरी 4565, आरएच सॉल्वेक्स सिवनी 4500, सांवरिया इटारसी 4600, सोनिका बायोकेम, मंडीदीप 4550, सालासर हरदा 4650, सतना सॉल्वेंट 4471, सूर्या फूड मंदसौर 4625, वर्धमान सॉल्वेंट, अंबिका (कालापीपल) 4575, विप्पी सोया देवास 4600 रुपये प्रति क्विंटल बोली गई। कपास्या खली- (60 किलो भरती) इंदौर 2240 देवास 2240 उज्जैन 2240 खंडवा 2215, बुरहानपुर 2215, अकोला 3050 रुपये। जीरे 20 दिन में करीब 70 रुपये हुआ महंगा, खोपरा गोले में नरमी जीरे की आने वाली फसल में कमी की अनुमान के चलते जीरे में घरेलू मांग मजबूत धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है। इधर, निर्यात प्रदर्शन बेहतर होने से जीरा उत्पादक केंद्रों पर कीमतें लगातार तेजी की और अग्रसर हैं। जीरे का हाजिर एवं वायदा भाव लगातार मजबूत हो रहा है। इसका असर इंदौर बाजार में भी देखने को मिला है। इंदौर में जीरे में पिछले 20 दिन में करीब 70 रुपये की तेजी प्रति किलो पर आ चुकी है। इंदौर में जीरा 275 से 283, मीडियम 287 से 292, बेस्ट 300 से 310 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गया। खाड़ी क्षेत्र के देशों में भारतीय जीरे की अच्छी मांग बनी हुई है, क्योंकि एक तो तुर्की एवं सीरिया में जीरे का अत्यन्त सीमित स्टॉक बचा हुआ है। दूसरे, उसका दाम भी अपेक्षाकृत ऊंचा चल रहा है। राजस्थान में अभी तक जीरे की आपूर्ति जोर नहीं पकड़ पाई है जबकि गुजरात में फसल कुछ लेट से आई है। दरअसल, खराब मौसम के कारण जीरे की बोवनी एवं प्रगति आंशिक रूप से प्रभावित हुई जिससे फसल की आवक में लगभग एक माह की देर हो गई। आधार भूत रूप से भारत अभी वैश्विक बाजार में सर्वाधिक प्रतिस्पर्धी मूल्य पर जीरा की आपूर्ति करने वाला प्रमुख देश बना हुआ है। इसका निर्यात ऑफर मूल्य 3050 डॉलर प्रति टन के आसपास चल रहा है जबकि चीन का जीरा इससे 200-250 डॉलर ऊंचे दाम पर उपलब्ध है। भारतीय जीरे का भाव आकर्षक स्तर पर होने से इसकी निर्यात मांग मजबूत बनी हुई है। इसके फलस्वरूप आगामी समय में आयातकों की मांग के सहारे इसकी कीमतों में तेजी का माहौल बन सकता है। जीरा का भाव कुछ समय तक स्थिर रहने के बाद पुनः तेज होने की उम्मीद है और जब तक तुर्की, सीरिया, ईरान एवं अफगानिस्तान में नए माल की जोरदार आवक शुरू नहीं होती है। तब तक इसकी निर्यात मांग मजबूत बनी रहेगी। राजस्थान में जीरे की आवक बढ़ने की संभावना है। इधर, खोपरा गोले में ऊंचे दामों पर लेवाल पीछे हटने और गर्मी का प्रभाव तेज होने के कारण भाव कुछ घटाकर बोले जा रहे हैं। खोपरा गोले में करीब 5 रुपये प्रति किलो की गिरावट दर्ज की गई। नारियल में 120 भरती का स्टॉक बाजार में खूब है जबकि इसकी मांग बेहद सुस्त बनी हुई है और गर्मी में नारियल जल्दी खराब होने के भय से व्यापारी दामों में कटौती कर माल बेच रहे है, सोमवार को 120 भरती नारियल में 50 रुपये प्रति बोरी की ओर गिरावट देखने को मिली है। नारियल 120 भरती 2400-2450, 160 भरती 2750-2850, 200 भरती 3050-3100, 250 भरती 3150-3200 रुपये प्रति बोरी। खोपरा गोला बाक्स में 200-235 कट्टे में 195 रुपये प्रति किलो बोला गया। खोपरा बूरा 4000-6100 रुपये प्रति (15 किलो)। शकर में सीमित पूछताछ रहने से भाव मजबूत पर टिके हुए है। शकर नीचे में 4120 ऊपर में 4160 रुयपे प्रति क्विंटल तक बोली गई। शकर 4120-4140 बेस्ट क्वालिटी 4150-4160, गुड़ भेली 3500-3600, कटोरा 3700-3800, लड्डु 4100-4200, बर्फी 5500, गिलास 4600-5000 रुपये क्विंटल। मसाले-कालीमिर्च 740 से 750, मिनिमटर 770 से 800, मटरदाना 825 से 850 हल्दी निजामाबाद 170 से 210, हल्दी सांगली 260 से 265 जीरा 275 से 283, मीडियम 287 से 292, बेस्ट 300 से 310, सौंफ मोटी 95 से 125, बेस्ट 240 से 285, एक्सट्रा बेस्ट 300 से 315, बारीक 280 से 325, लौंग चालू 780 से 790, बेस्ट 825 से 850, दालचीनी 250 से 255, बेस्ट 260, जायफल 725 से 750, बेस्ट 780 से 790, जावत्री 1675 से 1750, बेस्ट 1850 से 1890, बड़ी इलायची 1600 से 1750, बेस्ट 1850 से 1950, पत्थरफूल 340 से 425, बेस्ट 480 से 485, बाद्यान फूल 425 से 465, बेस्ट 525 से 550, शाहजीरा खर 385 से 400, ग्रीन 875 से 890, तेजपान 90 से 95, नागकेसर 935 से 940, सौंठ 370 से 395, धोली मूसली 2175 से 2200, हींग 751- 3450, पाउच में 10 ग्राम 3530, 121- 50 ग्राम 3250, पाउच में 10 ग्राम 3330, 111-50 ग्राम 3050, पाउच में 10 ग्राम 3130, पावडर 875 से 925, हरी इलायची 2700 से 2800, मीडियम 2900 से 3050, बेस्ट 3150 से 3250, एक्सट्रा बेस्ट 3300 से 3400, पानबार 2450 रुपये। सूखे मेवे-काजू डब्ल्यू 240 नंबर 950, डब्ल्यू 320 नंबर 825 से 860, एस डब्ल्यू 300- 800 से 815, जेएच 850 से 870, टुकड़ी 790 से 820, बादाम इंडिपेंडेट 775 से 790, अमेरिकन 810-830, मोटा दाना 880 से 925 टांच 725 से 730, खसखस चालू 1070 से 1200, बेस्ट 1220 से 1325, दिल्ली टर्की खसखस 1150 से 1250, तरबूज मगज 460 से 470, खारक 90 से 110, मीडियम 120 से 140, बेस्ट 160 से 240, किशमिश कंधारी 350 से 450, बेस्ट 500 से 550, इंडियन 280 से 295, बेस्ट 300 से 310, बेस्ट 318-330, चारौली 1850 से 1860, बेस्ट 1880 से 1900, मुनक्का 350 से 550, बेस्ट 850 से 925, अंजीर 850 से 950, बेस्ट 1150 से 1450, मखाना 960 से 1050 बेस्ट 1550 से 1600, पिस्ता ईरानी 1400-1450 मीडियम 1450-1500 बेस्ट 1525-1550, कंधारी मोटा 2150-2250 पिस्ता पिशोरी 2475-2600 नमकीन पिस्ता 900 से 1000, अखरोट 510 से 600, बेस्ट 625 से 825, अखरोट गिरी 1050 से 1225, जर्दालू 350 से 450, बेस्ट 600 रुपये।