स्वर्णिम-शिवानी-सताक्षी ने पास की यूपीएससी की परीक्षा:स्वर्णिम ने दिल्ली में रहकर पढ़ाई की, मां को बताया गुरू; आरक्षक की बेटी को मिली 294 रैंक

मंगलवार को यूपीएससी 2024 के रिजल्ट घोषित कर दिए गए। जबलपुर के लार्ड गंज में रहने वाले स्वर्णिम चौधरी ने 258 रैंक हासिल की है। स्वर्णिम ने मैथ्स-साइंस विषय से 12वीं पास की। कालेज में आकर बीए विषय लिया। कॉलेज की पढ़ाई के साथ-साथ सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी की। स्वर्णिम का कहना है कि मां ने बहुत ही कठिनाई से हम दोनों भाईयों का पालन-पोषण किया है। मां का आशीर्वाद ही काम आया है, जो यूपीएससी में सफलता हासिल की। स्वर्णिम का यह यूपीएससी का दूसरा अटेंप्ट था। पहली बार असफलता से मायूसी आ गई थी। ऐसा लगता था कि मेरा सपना पूरा नही होगा। प्रतिदिन 10 से 12 घंटे पढ़ाई का लक्ष्य लिया। पहले अटेंप्ट में असफलता मिलने के बाद भी तैयारी जारी रखी। उन्होंने बताया कि सफलता के पहले असफलता मिलना जरुरी है, तब व्यक्ति और भी दृढ़ विश्वास के साथ काम कर सकता है। स्वर्णिम की मां सपना चौधरी एडवोकेट हैं। बड़ा भाई स्वराज पुणे की कंपनी में सीए में है। यूपीएससी में 294वीं रैंक हासिल करने वाली शहर की शिवानी तिवारी के पिता सतीश तिवारी जबलपुर के विजय नगर थाने में पुलिस आरक्षक के पद पर हैं। शिवानी ने बताया कि शुरू से ही सेल्फ स्टडी की है। पापा ने प्रेरित किया। पुलिस में होने के कारण हमेशा से ही जनता से जुड़े रहे। तीसरी बार में यूपीएससी मे सफलता हासिल करने वाली शिवानी ने बताया कि दो बार सफल नहीं हो पाने से थोड़ा डिप्रेशन में आ गई थी, क्योंकि बचपन से कभी हार नहीं देखी थी। तीसरी बार में सोचा था, कि चाहे कुछ भी हो जाए अब परीक्षा पास करनी है। शिवानी के पिता के साथ-साथ मां सरिता ने भी हमेशा सहयोग किया है। वर्तमान में शिवानी हैदराबाद की एक कंपनी में सेक्शन आफिसर के पद पर पदस्थ हैं। जबलपुर के ही सताक्षी सिन्हा ने यूपीएससी के परीक्षा परिणाम में 204 वीं रैंक हासिल की है। सताक्षी ने बताया कि ये उसका चौथ अटेंप्ट था। इस बार सोच लिया था कि यूपीएससी में सफलता हासिल करनी ही है। पहले तीन अटेंप्ट मे सेल्फ स्टडी ही की थी, कोचिंग का सहारा नहीं लिया। चौथी बार दिल्ली में जाकर कोचिंग की थी। स्कूल शिक्षा नचिकेता स्कूल व कॉलेज की पढ़ाई विक्रमादित्य से पूरी की। दसवीं कक्षा में 96 प्रतिशत आए। गणित विषय में 100 में से 100 अंक आए थे। तब से ही यूपीएससी करने की ठान ली थी। सताक्षी के पिता आशीष सिन्हा एडवोकेट हैं। मां कल्पना गृहिणी है। सताक्षी की छोटी बहन भव्या लॉ की पढ़ाई कर रही है।

स्वर्णिम-शिवानी-सताक्षी ने पास की यूपीएससी की परीक्षा:स्वर्णिम ने दिल्ली में रहकर पढ़ाई की, मां को बताया गुरू; आरक्षक की बेटी को मिली 294 रैंक
मंगलवार को यूपीएससी 2024 के रिजल्ट घोषित कर दिए गए। जबलपुर के लार्ड गंज में रहने वाले स्वर्णिम चौधरी ने 258 रैंक हासिल की है। स्वर्णिम ने मैथ्स-साइंस विषय से 12वीं पास की। कालेज में आकर बीए विषय लिया। कॉलेज की पढ़ाई के साथ-साथ सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी की। स्वर्णिम का कहना है कि मां ने बहुत ही कठिनाई से हम दोनों भाईयों का पालन-पोषण किया है। मां का आशीर्वाद ही काम आया है, जो यूपीएससी में सफलता हासिल की। स्वर्णिम का यह यूपीएससी का दूसरा अटेंप्ट था। पहली बार असफलता से मायूसी आ गई थी। ऐसा लगता था कि मेरा सपना पूरा नही होगा। प्रतिदिन 10 से 12 घंटे पढ़ाई का लक्ष्य लिया। पहले अटेंप्ट में असफलता मिलने के बाद भी तैयारी जारी रखी। उन्होंने बताया कि सफलता के पहले असफलता मिलना जरुरी है, तब व्यक्ति और भी दृढ़ विश्वास के साथ काम कर सकता है। स्वर्णिम की मां सपना चौधरी एडवोकेट हैं। बड़ा भाई स्वराज पुणे की कंपनी में सीए में है। यूपीएससी में 294वीं रैंक हासिल करने वाली शहर की शिवानी तिवारी के पिता सतीश तिवारी जबलपुर के विजय नगर थाने में पुलिस आरक्षक के पद पर हैं। शिवानी ने बताया कि शुरू से ही सेल्फ स्टडी की है। पापा ने प्रेरित किया। पुलिस में होने के कारण हमेशा से ही जनता से जुड़े रहे। तीसरी बार में यूपीएससी मे सफलता हासिल करने वाली शिवानी ने बताया कि दो बार सफल नहीं हो पाने से थोड़ा डिप्रेशन में आ गई थी, क्योंकि बचपन से कभी हार नहीं देखी थी। तीसरी बार में सोचा था, कि चाहे कुछ भी हो जाए अब परीक्षा पास करनी है। शिवानी के पिता के साथ-साथ मां सरिता ने भी हमेशा सहयोग किया है। वर्तमान में शिवानी हैदराबाद की एक कंपनी में सेक्शन आफिसर के पद पर पदस्थ हैं। जबलपुर के ही सताक्षी सिन्हा ने यूपीएससी के परीक्षा परिणाम में 204 वीं रैंक हासिल की है। सताक्षी ने बताया कि ये उसका चौथ अटेंप्ट था। इस बार सोच लिया था कि यूपीएससी में सफलता हासिल करनी ही है। पहले तीन अटेंप्ट मे सेल्फ स्टडी ही की थी, कोचिंग का सहारा नहीं लिया। चौथी बार दिल्ली में जाकर कोचिंग की थी। स्कूल शिक्षा नचिकेता स्कूल व कॉलेज की पढ़ाई विक्रमादित्य से पूरी की। दसवीं कक्षा में 96 प्रतिशत आए। गणित विषय में 100 में से 100 अंक आए थे। तब से ही यूपीएससी करने की ठान ली थी। सताक्षी के पिता आशीष सिन्हा एडवोकेट हैं। मां कल्पना गृहिणी है। सताक्षी की छोटी बहन भव्या लॉ की पढ़ाई कर रही है।