भिंड में पराक्रम शौर्य यात्रा, वाहन रैली निकली:विधायक बोलीं- महाराणा प्रताप आदर्श, देशभक्ति और वीरता की देते हैं सीख
भिंड में महाराणा प्रताप की जयंती के अवसर पर गुरुवार को पराक्रम शौर्य यात्रा निकली। इसमें जिलेभर के क्षत्रिय संगठनों और समाजजनों ने बढ़-चढ़कर सहभागिता की। मुख्य अतिथि भदावर राजवंश की वधु और उत्तरप्रदेश के बाह विधानसभा क्षेत्र की विधायक पक्षालिका सिंह भदावर रहीं। उन्होंने महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उनके आदर्शों को आत्मसात करने का आह्वान किया। विधायक ने कहा कि महाराणा प्रताप ने अपने जीवन में त्याग, बलिदान और पराक्रम की मिसाल पेश की। देशभक्ति, क्षत्रिय धर्म और कमजोर वर्ग के लिए संघर्ष को उन्होंने अपनी जीवनशैली बनाया। उनकी वीरता और अनीति के विरुद्ध खड़े रहने की प्रेरणा आज भी प्रासंगिक है। पगड़ी, तलवार और धर्मध्वज के साथ निकला समाज
शाम करीब छह बजे सुभाष चंद्र बोस प्रतिमा स्थल से चल समारोह की शुरुआत हुई। समाजजन सिर पर पगड़ी, हाथों में तलवार और धर्मध्वज लेकर निकले। जय श्रीराम, महाराणा प्रताप अमर रहें, हिंदुस्तान जिंदाबाद के नारों के साथ चल समारोह बस स्टैंड, परेड चौराहा, सदर बाजार, बजरिया, किलागेट, जेल रोड होते हुए लहार चुंगी पहुंचा। चल समारोह में डीजे, बग्गी, घुड़सवार, चारपहिया वाहन, बाइक और पैदल लोग शामिल हुए। क्षत्रिय समाज के वरिष्ठजन और युवा बड़ी संख्या में सिर पर पगड़ी पहनकर शामिल हुए। आयोजन पूरी तरह अनुशासित और मर्यादित तरीके से संपन्न हुआ। आयोजकों ने बताया कि इस यात्रा का उद्देश्य समाज में वीरता, धर्म, नीति और बलिदान के संस्कारों को मजबूत करना है। समारोह का समापन लहार चुंगी होते हुए गेस्ट हाउस स्थित महाराणा प्रताप प्रतिमा स्थल पर हुआ। यहां समाजजन ने प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पराक्रमी महाराणा प्रताप के आदर्शों को नमन किया। इस अवसर पर पूर्व नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह समेत कई जनप्रतिनिधि और समाज के गणमान्यजन भी मौजूद रहे।
भिंड में महाराणा प्रताप की जयंती के अवसर पर गुरुवार को पराक्रम शौर्य यात्रा निकली। इसमें जिलेभर के क्षत्रिय संगठनों और समाजजनों ने बढ़-चढ़कर सहभागिता की। मुख्य अतिथि भदावर राजवंश की वधु और उत्तरप्रदेश के बाह विधानसभा क्षेत्र की विधायक पक्षालिका सिंह भदावर रहीं। उन्होंने महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उनके आदर्शों को आत्मसात करने का आह्वान किया। विधायक ने कहा कि महाराणा प्रताप ने अपने जीवन में त्याग, बलिदान और पराक्रम की मिसाल पेश की। देशभक्ति, क्षत्रिय धर्म और कमजोर वर्ग के लिए संघर्ष को उन्होंने अपनी जीवनशैली बनाया। उनकी वीरता और अनीति के विरुद्ध खड़े रहने की प्रेरणा आज भी प्रासंगिक है। पगड़ी, तलवार और धर्मध्वज के साथ निकला समाज
शाम करीब छह बजे सुभाष चंद्र बोस प्रतिमा स्थल से चल समारोह की शुरुआत हुई। समाजजन सिर पर पगड़ी, हाथों में तलवार और धर्मध्वज लेकर निकले। जय श्रीराम, महाराणा प्रताप अमर रहें, हिंदुस्तान जिंदाबाद के नारों के साथ चल समारोह बस स्टैंड, परेड चौराहा, सदर बाजार, बजरिया, किलागेट, जेल रोड होते हुए लहार चुंगी पहुंचा। चल समारोह में डीजे, बग्गी, घुड़सवार, चारपहिया वाहन, बाइक और पैदल लोग शामिल हुए। क्षत्रिय समाज के वरिष्ठजन और युवा बड़ी संख्या में सिर पर पगड़ी पहनकर शामिल हुए। आयोजन पूरी तरह अनुशासित और मर्यादित तरीके से संपन्न हुआ। आयोजकों ने बताया कि इस यात्रा का उद्देश्य समाज में वीरता, धर्म, नीति और बलिदान के संस्कारों को मजबूत करना है। समारोह का समापन लहार चुंगी होते हुए गेस्ट हाउस स्थित महाराणा प्रताप प्रतिमा स्थल पर हुआ। यहां समाजजन ने प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पराक्रमी महाराणा प्रताप के आदर्शों को नमन किया। इस अवसर पर पूर्व नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह समेत कई जनप्रतिनिधि और समाज के गणमान्यजन भी मौजूद रहे।