शहडोल में रेलवे ट्रैक में घायल पड़ा था नंदी:40 फीट गहरे नाले से गो सेवकों ने निकाला, ट्रेन की टक्कर से टूटा पैर

शहडोल जिले में सावन महीने में गो सेवकों ने एक बार फिर इंसानियत और सेवा की मिसाल पेश की है। बुधवार रात बूढ़र रेलवे स्टेशन के पास एक नंदी ट्रेन की टक्कर से घायल हो गया। इस घटना में नंदी का एक पैर टूट गया। वह सीधे रेलवे लाइन से सटे नाले में गिर पड़ा। 40 फीट गहरी खाई से ऊपर आना उसके लिए संभव नहीं था। वह लगातार दर्द से तड़पता रहा।ॉ बैल को जेसीबी की मदद से 40 फीट ऊपर लाया गया गुरुवार को घटना की जानकारी मिलते ही अटल कामधेनु गो सेवा संस्थान की टीम मौके पर पहुंची। फिर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। नंदी जिस स्थान पर गिरा था, वहां तक पहुंचना मुश्किल था। 4 घंटे की मेहनत के बाद बैल को सुरक्षित बाहर निकाला गया। जेसीबी मशीन की मदद से उसे 40 फीट ऊपर लाया गया। तुरंत संस्थान के गोशाला में शिफ्ट कर इलाज शुरू किया गया। बैल के पैर में लगी चोट बैल को एक पैर में गंभीर चोट आई है। डॉक्टर्स की टीम उसका इलाज कर रही है। गो सेवकों का कहना है कि घायल अवस्था में भी बैल में जीवित रहने की इच्छा थी। यह देखकर सभी प्रेरित हुए। यह पहला मौका नहीं है जब अटल कामधेनु गो सेवा संस्थान ने ऐसा कार्य किया हो। पहले भी संस्थान की टीम ने बुढ़ार, धनपुरी, अमलाई, ओपीएम और बकहो क्षेत्र में कई बार घायल, बीमार या लावारिस पशुओं को बचाया है। इन कार्यों से न सिर्फ जानवरों की जान बचाई जाती है बल्कि समाज में करुणा और सेवा की भावना भी जीवित रहती है।

शहडोल में रेलवे ट्रैक में घायल पड़ा था नंदी:40 फीट गहरे नाले से गो सेवकों ने निकाला, ट्रेन की टक्कर से टूटा पैर
शहडोल जिले में सावन महीने में गो सेवकों ने एक बार फिर इंसानियत और सेवा की मिसाल पेश की है। बुधवार रात बूढ़र रेलवे स्टेशन के पास एक नंदी ट्रेन की टक्कर से घायल हो गया। इस घटना में नंदी का एक पैर टूट गया। वह सीधे रेलवे लाइन से सटे नाले में गिर पड़ा। 40 फीट गहरी खाई से ऊपर आना उसके लिए संभव नहीं था। वह लगातार दर्द से तड़पता रहा।ॉ बैल को जेसीबी की मदद से 40 फीट ऊपर लाया गया गुरुवार को घटना की जानकारी मिलते ही अटल कामधेनु गो सेवा संस्थान की टीम मौके पर पहुंची। फिर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। नंदी जिस स्थान पर गिरा था, वहां तक पहुंचना मुश्किल था। 4 घंटे की मेहनत के बाद बैल को सुरक्षित बाहर निकाला गया। जेसीबी मशीन की मदद से उसे 40 फीट ऊपर लाया गया। तुरंत संस्थान के गोशाला में शिफ्ट कर इलाज शुरू किया गया। बैल के पैर में लगी चोट बैल को एक पैर में गंभीर चोट आई है। डॉक्टर्स की टीम उसका इलाज कर रही है। गो सेवकों का कहना है कि घायल अवस्था में भी बैल में जीवित रहने की इच्छा थी। यह देखकर सभी प्रेरित हुए। यह पहला मौका नहीं है जब अटल कामधेनु गो सेवा संस्थान ने ऐसा कार्य किया हो। पहले भी संस्थान की टीम ने बुढ़ार, धनपुरी, अमलाई, ओपीएम और बकहो क्षेत्र में कई बार घायल, बीमार या लावारिस पशुओं को बचाया है। इन कार्यों से न सिर्फ जानवरों की जान बचाई जाती है बल्कि समाज में करुणा और सेवा की भावना भी जीवित रहती है।