मास्टरमाइंड मां ने बेटे के साथ मिलकर किए तीन मर्डर:हर बार पेट्रोल से लाश जलाई, हडि्डयां थैले में भरकर झाड़ियों में छुपाईं

मध्यप्रदेश क्राइम फाइल्स के पार्ट 1 में आपने पढ़ा कि 18 मई 2017 को गुना से हेमंत मीना लापता हो गया। वो घर से 40 हजार रुपए लेकर बाइक खरीदने के लिए दोस्त हनी दुबे के साथ निकला था, लेकिन वापस नहीं लौटा। घर वालों ने कैंट थाने में बेटे की गुमशुदगी की शिकायत की। पुलिस ने दोस्त हनी से पूछा तो उसने बताया कि हेमंत को अशोकनगर रोड पंचमुखी हनुमान मंदिर के पास छोड़ दिया था। बाद में हेमंत के मोबाइल से पिता अंतर सिंह को फोन आया। कॉल करने वाले ने कहा कि हेमंत का अपहरण हो गया है। बेटे को जिंदा देखना चाहते हो तो 50 लाख रुपए का इंतजाम कर लो। पुलिस ने पड़ताल की तो फोन की लोकेशन इंदौर निकली। अंतर सिंह और पुलिस दोनों इंदौर गए मगर हेमंत का सुराग नहीं मिला। इस बीच 27 मई 2017 की सुबह पटेल नगर रेलवे ट्रैक की पुलिया के पास अज्ञात व्यक्ति की अधजली लाश मिली। मृतक के मुंह पर कपड़ा बंधा था। आग लगाकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस को लगा कि शव हेमंत का है लेकिन पास में एक आधार कार्ड मिला। जिस पर मृतक का नाम रितिक नामदेव लिखा था। इसके बाद पुलिस को एक और लाश मिली, जो लोकेश लोधा की थी। हेमंत कहां था? किस हाल में था? रितिक और लोकेश का मर्डर किसने किया? क्या तीनों मामले एक-दूसरे से जुड़े थे? पुलिस कैसे आरोपियों तक पहुंची, पढ़िए मध्यप्रदेश क्राइम फाइल्स के पार्ट- 2 में... हेमंत के साथ मिलकर अपहरण की झूठी कहानी बनाई पुलिस ने हेमंत के पिता अंतर सिंह को थाने बुलाया। वो थाने पहुंचे तो वहां पहले से हनी दुबे मौजूद था। हनी ने पुलिस को बताया कि उसके सहित मां पूनम उर्फ पूर्णिमा, लोकेश, रितिक नामदेव और संस्कार श्रीवास्तव ने हेमंत के साथ मिलकर पैठे ऐंठने के लिए अपहरण की झूठी कहानी तैयार की थी। केस में अब हनी दुबे की मां पूनम की एंट्री हो चुकी थी। ये बहुत ही चौंकाने वाली बात थी। हनी ने हेमंत को भी अपहरण की साजिश में शामिल बताया। हनी ने पैसों का लालच दिया, फिर रितिक और लोकेश को हेमंत का मोबाइल देकर इंदौर भेजा था। इंदौर से रितिक नामदेव ने हेमंत के मोबाइल से कॉल करके 50 लाख रुपए की फिरौती मांगी, फिर मोबाइल वहीं फेंक दिया था। पूनम ने हनी के दोस्त लोकेश और रितिक को लालच दिया कि किसी को कुछ नहीं बताना, फिरौती की रकम में से तुम्हारा भी हिस्सा रहेगा। ऐसे की थी हेमंत की हत्या रितिक और लोकेश ने हेमंत के दोनों पैर पकड़ लिए। लोकेश ने बीयर की बोतल के कांच से हेमंत का गला काट दिया, बाएं हाथ की नस काट दी। इसके बाद पेट्रोल डालकर आग लगा दी। हेमंत को खत्म करने के बाद उन तीनों ने हेमंत के मोबाइल, पैसे और अंगूठी निकाल ली। हेमंत की पहचान छिपाने के लिए पेट्रोल डालकर आग लगा दी थी। हनी के द्वारा बताई हुई जगह पर पुलिस पिता अंतर सिंह को लेकर गई। खेजरा रोड के पास पठार से मृतक हेमंत की अधजली हड्डियों के टुकड़े, सैंडल के अधजले टुकड़े और बोतल के टुकड़े मिले थे, जिसमें खून लगा था। पिता बोले- बेटा अपहरण में शामिल नहीं था अंतर सिंह ने कोर्ट में अपने बयान में कहा कि पुलिस ने उसे थाने बुलाया और कहा कि हनी दुबे से पूछताछ की गई थी। हनी ने बताया कि उसने, उसकी मां पूनम और संस्कार ने मिलकर हेमंत से पैसे छीनने और ऐंठने के लिए 18 मई 2017 की रात हेमंत को बुलाया था। इसके बाद गोपालपुरा कलारी से बीयर लेकर हनी की स्कूटी से खेजरा रोड पठार पर गए थे। यहां हेमंत को बीयर पिलाई थी और हनी ने हेमंत से झगड़ा किया था। इसके बाद उसके सिर पर दो बार बीयर की बोतल मारी तो हेमंत नीचे गिर गया था। हेमंत की हत्या करने के बाद उसकी जेब में रखे 40 हजार रुपए, दो मोबाइल, कान की सोने की बाली और हाथ की सोने की पुखराज लगी अंगूठी निकाल ली थी। इसमें से 18 हजार रुपए और मोबाइल संस्कार को दे दिए थे। बचे 22 हजार रुपए हनी ने मां पूनम को दे दिए। कान की बाली और अंगूठी पहले अपने पास रखी, फिर बाद में दोस्त अभिषेक जाट को रखने के लिए दे दी। हनी ने पुलिस को बताया था कि अगले दिन उसने वंदना स्कूल के पास के पेट्रोल पंप से दो लीटर पेट्रोल लिया था। हेमंत की लाश पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी थी। किसी को शक न हो इसलिए रितिक और लोकेश को हेमंत का मोबाइल दिया। पैसे का लालच देकर 10 हजार रुपए दिए और इंदौर भेज दिया। फिरौती मांगने के बाद मोबाइल इंदौर में ही फेंक दिया। पूनम ने हेमंत की हड्डियां थैले में रख झाड़ियों में छुपाईं पुलिस ने हनी दुबे के घर से घटना में उपयोग की गई एक्टिवा, खून के धब्बे लगी शर्ट-जींस, एक टूटा हुआ मोबाइल बरामद किया। पुलिस ने आरोपी हनी की मां पूर्णिमा से भी पूछताछ की। उसने पुलिस को बताया कि हेमंत की जली हुई हड्डियां, जले हुए कपड़े, पेट्रोल की बोतल कहीं फेंक दी थी। हेमंत की अधजली हड्डियों को अलग-अलग फेंका था। कुछ हड्डियां, बीयर की बोतल, लॉकेट को आरोपी संस्कार पठार की ओर फेंकने गया था। रितिक को घर से ले गए, मार डाला पूनम उर्फ पूर्णिमा ने ये भी बताया कि हनी और संस्कार ने मिलकर रितिक को पटेल नगर की पुलिया के नीचे मारकर जला दिया था। पुलिस ने पूनम के घर से एक पर्स, हेमंत का आधार कार्ड, हेमंत का पासपोर्ट फोटो, 10 हजार रुपए कैश बरामद किए। रितिक के पिता शिवराज नामदेव ने बताया कि उनका बेटा एमपी ऑनलाइन की दुकान पर काम करता था। वो 23 मई 2017 को दुकान से घर आए तो बेटी पूजा ने बताया था कि लोकेश लोधा घर आया था और रितिक को ग्वालियर जाने का कहकर अपने साथ ले गया था। बाद में जब उन्होंने बेटे रितिक के दोनों मोबाइल पर फोन किया तो वो बंद थे। 24 मई को शिवराज बेटे रितिक को तलाशने लोकेश के घर गए तो लोकेश की मां ने कहा कि दोनों ग्वालियर गए हैं। 27 मई को बेटे की जली हुई लाश मिली। पुलिस ने जांच की तो पता चला कि रितिक की हत्या से पहले वो हनी के साथ था। दोनों एक्टिवा पर थे। पेट्रोल पंप से उसने बोतल में पेट्रोल भरवाया था। यहां से हनी उसे पटेल नगर रेलवे ट्रैक के पास ले गया। जहां पहले से संस्कार श्रीवास्तव मौजूद था। यहां हनी और संस्कार ने रितिक को तौलिया से बांधकर नीचे गिराया और सिर को प

Aug 6, 2025 - 06:49
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मास्टरमाइंड मां ने बेटे के साथ मिलकर किए तीन मर्डर:हर बार पेट्रोल से लाश जलाई, हडि्डयां थैले में भरकर झाड़ियों में छुपाईं
मध्यप्रदेश क्राइम फाइल्स के पार्ट 1 में आपने पढ़ा कि 18 मई 2017 को गुना से हेमंत मीना लापता हो गया। वो घर से 40 हजार रुपए लेकर बाइक खरीदने के लिए दोस्त हनी दुबे के साथ निकला था, लेकिन वापस नहीं लौटा। घर वालों ने कैंट थाने में बेटे की गुमशुदगी की शिकायत की। पुलिस ने दोस्त हनी से पूछा तो उसने बताया कि हेमंत को अशोकनगर रोड पंचमुखी हनुमान मंदिर के पास छोड़ दिया था। बाद में हेमंत के मोबाइल से पिता अंतर सिंह को फोन आया। कॉल करने वाले ने कहा कि हेमंत का अपहरण हो गया है। बेटे को जिंदा देखना चाहते हो तो 50 लाख रुपए का इंतजाम कर लो। पुलिस ने पड़ताल की तो फोन की लोकेशन इंदौर निकली। अंतर सिंह और पुलिस दोनों इंदौर गए मगर हेमंत का सुराग नहीं मिला। इस बीच 27 मई 2017 की सुबह पटेल नगर रेलवे ट्रैक की पुलिया के पास अज्ञात व्यक्ति की अधजली लाश मिली। मृतक के मुंह पर कपड़ा बंधा था। आग लगाकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस को लगा कि शव हेमंत का है लेकिन पास में एक आधार कार्ड मिला। जिस पर मृतक का नाम रितिक नामदेव लिखा था। इसके बाद पुलिस को एक और लाश मिली, जो लोकेश लोधा की थी। हेमंत कहां था? किस हाल में था? रितिक और लोकेश का मर्डर किसने किया? क्या तीनों मामले एक-दूसरे से जुड़े थे? पुलिस कैसे आरोपियों तक पहुंची, पढ़िए मध्यप्रदेश क्राइम फाइल्स के पार्ट- 2 में... हेमंत के साथ मिलकर अपहरण की झूठी कहानी बनाई पुलिस ने हेमंत के पिता अंतर सिंह को थाने बुलाया। वो थाने पहुंचे तो वहां पहले से हनी दुबे मौजूद था। हनी ने पुलिस को बताया कि उसके सहित मां पूनम उर्फ पूर्णिमा, लोकेश, रितिक नामदेव और संस्कार श्रीवास्तव ने हेमंत के साथ मिलकर पैठे ऐंठने के लिए अपहरण की झूठी कहानी तैयार की थी। केस में अब हनी दुबे की मां पूनम की एंट्री हो चुकी थी। ये बहुत ही चौंकाने वाली बात थी। हनी ने हेमंत को भी अपहरण की साजिश में शामिल बताया। हनी ने पैसों का लालच दिया, फिर रितिक और लोकेश को हेमंत का मोबाइल देकर इंदौर भेजा था। इंदौर से रितिक नामदेव ने हेमंत के मोबाइल से कॉल करके 50 लाख रुपए की फिरौती मांगी, फिर मोबाइल वहीं फेंक दिया था। पूनम ने हनी के दोस्त लोकेश और रितिक को लालच दिया कि किसी को कुछ नहीं बताना, फिरौती की रकम में से तुम्हारा भी हिस्सा रहेगा। ऐसे की थी हेमंत की हत्या रितिक और लोकेश ने हेमंत के दोनों पैर पकड़ लिए। लोकेश ने बीयर की बोतल के कांच से हेमंत का गला काट दिया, बाएं हाथ की नस काट दी। इसके बाद पेट्रोल डालकर आग लगा दी। हेमंत को खत्म करने के बाद उन तीनों ने हेमंत के मोबाइल, पैसे और अंगूठी निकाल ली। हेमंत की पहचान छिपाने के लिए पेट्रोल डालकर आग लगा दी थी। हनी के द्वारा बताई हुई जगह पर पुलिस पिता अंतर सिंह को लेकर गई। खेजरा रोड के पास पठार से मृतक हेमंत की अधजली हड्डियों के टुकड़े, सैंडल के अधजले टुकड़े और बोतल के टुकड़े मिले थे, जिसमें खून लगा था। पिता बोले- बेटा अपहरण में शामिल नहीं था अंतर सिंह ने कोर्ट में अपने बयान में कहा कि पुलिस ने उसे थाने बुलाया और कहा कि हनी दुबे से पूछताछ की गई थी। हनी ने बताया कि उसने, उसकी मां पूनम और संस्कार ने मिलकर हेमंत से पैसे छीनने और ऐंठने के लिए 18 मई 2017 की रात हेमंत को बुलाया था। इसके बाद गोपालपुरा कलारी से बीयर लेकर हनी की स्कूटी से खेजरा रोड पठार पर गए थे। यहां हेमंत को बीयर पिलाई थी और हनी ने हेमंत से झगड़ा किया था। इसके बाद उसके सिर पर दो बार बीयर की बोतल मारी तो हेमंत नीचे गिर गया था। हेमंत की हत्या करने के बाद उसकी जेब में रखे 40 हजार रुपए, दो मोबाइल, कान की सोने की बाली और हाथ की सोने की पुखराज लगी अंगूठी निकाल ली थी। इसमें से 18 हजार रुपए और मोबाइल संस्कार को दे दिए थे। बचे 22 हजार रुपए हनी ने मां पूनम को दे दिए। कान की बाली और अंगूठी पहले अपने पास रखी, फिर बाद में दोस्त अभिषेक जाट को रखने के लिए दे दी। हनी ने पुलिस को बताया था कि अगले दिन उसने वंदना स्कूल के पास के पेट्रोल पंप से दो लीटर पेट्रोल लिया था। हेमंत की लाश पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी थी। किसी को शक न हो इसलिए रितिक और लोकेश को हेमंत का मोबाइल दिया। पैसे का लालच देकर 10 हजार रुपए दिए और इंदौर भेज दिया। फिरौती मांगने के बाद मोबाइल इंदौर में ही फेंक दिया। पूनम ने हेमंत की हड्डियां थैले में रख झाड़ियों में छुपाईं पुलिस ने हनी दुबे के घर से घटना में उपयोग की गई एक्टिवा, खून के धब्बे लगी शर्ट-जींस, एक टूटा हुआ मोबाइल बरामद किया। पुलिस ने आरोपी हनी की मां पूर्णिमा से भी पूछताछ की। उसने पुलिस को बताया कि हेमंत की जली हुई हड्डियां, जले हुए कपड़े, पेट्रोल की बोतल कहीं फेंक दी थी। हेमंत की अधजली हड्डियों को अलग-अलग फेंका था। कुछ हड्डियां, बीयर की बोतल, लॉकेट को आरोपी संस्कार पठार की ओर फेंकने गया था। रितिक को घर से ले गए, मार डाला पूनम उर्फ पूर्णिमा ने ये भी बताया कि हनी और संस्कार ने मिलकर रितिक को पटेल नगर की पुलिया के नीचे मारकर जला दिया था। पुलिस ने पूनम के घर से एक पर्स, हेमंत का आधार कार्ड, हेमंत का पासपोर्ट फोटो, 10 हजार रुपए कैश बरामद किए। रितिक के पिता शिवराज नामदेव ने बताया कि उनका बेटा एमपी ऑनलाइन की दुकान पर काम करता था। वो 23 मई 2017 को दुकान से घर आए तो बेटी पूजा ने बताया था कि लोकेश लोधा घर आया था और रितिक को ग्वालियर जाने का कहकर अपने साथ ले गया था। बाद में जब उन्होंने बेटे रितिक के दोनों मोबाइल पर फोन किया तो वो बंद थे। 24 मई को शिवराज बेटे रितिक को तलाशने लोकेश के घर गए तो लोकेश की मां ने कहा कि दोनों ग्वालियर गए हैं। 27 मई को बेटे की जली हुई लाश मिली। पुलिस ने जांच की तो पता चला कि रितिक की हत्या से पहले वो हनी के साथ था। दोनों एक्टिवा पर थे। पेट्रोल पंप से उसने बोतल में पेट्रोल भरवाया था। यहां से हनी उसे पटेल नगर रेलवे ट्रैक के पास ले गया। जहां पहले से संस्कार श्रीवास्तव मौजूद था। यहां हनी और संस्कार ने रितिक को तौलिया से बांधकर नीचे गिराया और सिर को पत्थर से कुचलकर मार दिया। फिर पेट्रोल डाल लाश को आग लगा दी। खुखरी से वार कर लोकेश को मौत के घाट उतारा लोकेश लोधा की बहन ने बताया कि 25 मई को हनी दुबे और संस्कार श्रीवास्तव घर आए थे और लोकेश को अपने साथ ले गए। इसके बाद लोकेश का शव 29 मई को मकरावदा डैम की पहाड़ी पर मिला। आरोपियों ने पहले खुखरी से लोकेश पर वार किया, फिर रितिक की तरह ही पेट्रोल डालकर जला दिया। हनी ने अपनी खून लगी टी-शर्ट संस्कार को छिपाने के लिए दी थी। पुलिस ने मामले में हनी की मां पूनम से पूछताछ की तो पता चला कि उसके कहने पर ही हनी और संस्कार ने लोकेश की हत्या की थी। कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा तीनों मामलों की सुनवाई के बाद न्यायालय ने आरोपी हनी दुबे को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। हनी की मां पूनम को भी दोषी पाया गया। उसे भी कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई। मध्यप्रदेश क्राइम फाइल्स की इस खबर का पार्ट- 1 भी पढ़ें... एक गायब बेटा-दो जली लाशें, कौन था कातिल मध्यप्रदेश के गुना में वरुण वीथी कॉलोनी से शुरू एक युवक की गुमशुदगी का केस कुछ ही दिनों में दो अधजली लाशों तक पहुंच गया। पहले एक युवक गायब हुआ, फिर रेलवे पटरी के नीचे एक लाश मिली। बाद में मकरावदा की पहाड़ियों पर एक और अधजली लाश मिली। पढे़ं पूरी खबर...​​​​​​​