दतिया में दैनिक भास्कर की इंटर स्कूल प्रतियोगिता:बच्चों ने दी देशभर के सांस्कृतिक नृत्यों की प्रस्तुति; चार दिन तक चला प्रोग्राम
दतिया में दैनिक भास्कर द्वारा आयोजित चार दिवसीय इंटर स्कूल प्रतियोगिता का गुरुवार को समापन हुआ। ग्वालियर झांसी हाइवे स्थित रासजेबी स्कूल में आयोजित में लोक नृत्य प्रतियोगिता में देशभर की सांस्कृतिक विविधता एक ही मंच पर देखने को मिली। इस प्रतियोगिता में शामिल बच्चों ने पारंपरिक लोकनृत्यों, शास्त्रीय प्रस्तुतियों और आधुनिक रंग में ढले सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी। समापन समारोह में मंच पर राजस्थान का घूमर, बुंदेलखंडी नृत्य, महाराष्ट्र का लावणी, और मध्य प्रदेश के लोकनृत्य जब एक के बाद एक प्रस्तुत हुए, तो पूरा प्रांगण तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। बच्चों ने न केवल अपनी प्रस्तुति से दर्शकों का मन मोह लिया, बल्कि भारत की एकता में अनेकता की भावना भी बताई। इस अवसर पर एकल और समूह नृत्य प्रतियोगिता आयोजित की गई। प्रो. आरपी नीखरा ने विरासत के संरक्षण पर जोर दिया
पांच स्कूलों के बीच आयोजित इस प्रतियोगता में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल प्रो. आरपी नीखरा ने कहा कि,बच्चों द्वारा प्रस्तुत की गई सांस्कृतिक झलक सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि हमारी विरासत की याद दिलाने वाला संदेश है। उन्होंने कहा कि आज मंच पर ऐसी नृत्य विधाओं का प्रदर्शन हुआ है, जिन्हें हम धीरे-धीरे भूलते जा रहे हैं। 'लोकपरंपराओं का अस्तित्व संकट में'
देश में भरतनाट्यम, कथक, कुचिपुड़ी जैसी शास्त्रीय विधाओं के साथ-साथ बुंदेली राई, दीवारी और उत्सव नृत्य जैसे लोकनृत्य भी हैं, जो अब समाज में लुप्तप्राय स्थिति में पहुंच चुके हैं। बुंदेलखंड की प्राचीन लोकपरंपराएं जैसे सुआटा और मामूलिया कभी सामाजिक मेलजोल और संस्कृति का मजबूत आधार हुआ करती थीं, लेकिन अब उनका अस्तित्व संकट में है। इन परंपराओं का संरक्षण और पुनर्जीवन आवश्यक है, ताकि आने वाली पीढ़ियों को अपनी जड़ों से जोड़कर उन्हें सांस्कृतिक रूप से समृद्ध किया जा सके। ये मौजूद रहे-
कार्यक्रम में राजेंद्र गुप्ता मुनीम, राजेश त्यागी, अनिल श्रीवास्तव, राजू त्यागी, अतुल भूरे चौधरी, रासजेबी के संचालक राजेश मोर, महामाया के संचालक राहुल राय, बचपन स्कूल के संचालक जीतेश खरे, किड्जी स्कूल के संचालक कमलेश तिवारी आदि लोग शामिल रहे। लॉर्ड कृष्णा से तन्मय मिश्रा शामिल रहे। लिटिल फ्लावर, शांति इंटरनेशनल स्कूल का स्टाफ भी मौजूद रहा।
दतिया में दैनिक भास्कर द्वारा आयोजित चार दिवसीय इंटर स्कूल प्रतियोगिता का गुरुवार को समापन हुआ। ग्वालियर झांसी हाइवे स्थित रासजेबी स्कूल में आयोजित में लोक नृत्य प्रतियोगिता में देशभर की सांस्कृतिक विविधता एक ही मंच पर देखने को मिली। इस प्रतियोगिता में शामिल बच्चों ने पारंपरिक लोकनृत्यों, शास्त्रीय प्रस्तुतियों और आधुनिक रंग में ढले सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी। समापन समारोह में मंच पर राजस्थान का घूमर, बुंदेलखंडी नृत्य, महाराष्ट्र का लावणी, और मध्य प्रदेश के लोकनृत्य जब एक के बाद एक प्रस्तुत हुए, तो पूरा प्रांगण तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। बच्चों ने न केवल अपनी प्रस्तुति से दर्शकों का मन मोह लिया, बल्कि भारत की एकता में अनेकता की भावना भी बताई। इस अवसर पर एकल और समूह नृत्य प्रतियोगिता आयोजित की गई। प्रो. आरपी नीखरा ने विरासत के संरक्षण पर जोर दिया
पांच स्कूलों के बीच आयोजित इस प्रतियोगता में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल प्रो. आरपी नीखरा ने कहा कि,बच्चों द्वारा प्रस्तुत की गई सांस्कृतिक झलक सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि हमारी विरासत की याद दिलाने वाला संदेश है। उन्होंने कहा कि आज मंच पर ऐसी नृत्य विधाओं का प्रदर्शन हुआ है, जिन्हें हम धीरे-धीरे भूलते जा रहे हैं। 'लोकपरंपराओं का अस्तित्व संकट में'
देश में भरतनाट्यम, कथक, कुचिपुड़ी जैसी शास्त्रीय विधाओं के साथ-साथ बुंदेली राई, दीवारी और उत्सव नृत्य जैसे लोकनृत्य भी हैं, जो अब समाज में लुप्तप्राय स्थिति में पहुंच चुके हैं। बुंदेलखंड की प्राचीन लोकपरंपराएं जैसे सुआटा और मामूलिया कभी सामाजिक मेलजोल और संस्कृति का मजबूत आधार हुआ करती थीं, लेकिन अब उनका अस्तित्व संकट में है। इन परंपराओं का संरक्षण और पुनर्जीवन आवश्यक है, ताकि आने वाली पीढ़ियों को अपनी जड़ों से जोड़कर उन्हें सांस्कृतिक रूप से समृद्ध किया जा सके। ये मौजूद रहे-
कार्यक्रम में राजेंद्र गुप्ता मुनीम, राजेश त्यागी, अनिल श्रीवास्तव, राजू त्यागी, अतुल भूरे चौधरी, रासजेबी के संचालक राजेश मोर, महामाया के संचालक राहुल राय, बचपन स्कूल के संचालक जीतेश खरे, किड्जी स्कूल के संचालक कमलेश तिवारी आदि लोग शामिल रहे। लॉर्ड कृष्णा से तन्मय मिश्रा शामिल रहे। लिटिल फ्लावर, शांति इंटरनेशनल स्कूल का स्टाफ भी मौजूद रहा।