नगर निगम कैश काउंटर में गबन का खुलासा:3.5 लाख से ज्यादा रकम गायब, कर्मचारियों को हटाया; CA से ऑडिट जांच शुरू

छिंदवाड़ा नगर निगम में संपत्तिकर वसूली में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया। करदाताओं से नकद वसूला गया पैसा निगम के खजाने में जमा नहीं किया गया। शुरुआती जांच में साढ़े तीन लाख रुपए से ज्यादा का अंतर पकड़ में आया है। आशंका है कि यह रकम और बढ़ सकती है। नगर निगम आयुक्त सीपी राय ने मामले की गंभीरता को देखते हुए कैश काउंटर पर पदस्थ कर्मचारियों को तत्काल हटा दिया है। पूरे मामले की ऑडिट जांच चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) को सौंपी गई है। जांच रिपोर्ट आने के बाद गड़बड़ी की सही रकम का खुलासा होगा और दोषियों पर FIR दर्ज कराई जाएगी। कैसे पकड़ा गया फर्जीवाड़ा पिछले 12 दिनों का रिकॉर्ड खंगालने पर खुलासा हुआ कि निगम पोर्टल पर जितनी राशि वसूली दिख रही है, उतनी राशि खजाने में जमा नहीं हो रही। ऑनलाइन और ऑफलाइन पेमेंट के आंकड़ों में बड़ा अंतर पाया गया। ऑनलाइन-ऑफलाइन में गड़बड़ी नए वित्तीय वर्ष में संपत्तिकर और जलकर की दरों में बढ़ोतरी तो हुई, लेकिन नगरीय प्रशासन ने पोर्टल पर अपडेट नहीं किया। इस वजह से ऑनलाइन और ऑफलाइन वसूली में अंतर बना रहा। कर्मचारियों ने इसी खामी का फायदा उठाते हुए रकम जमा करने में गड़बड़ी की। जांच पूरी होने के बाद होगी FIR आयुक्त राय ने बताया कि प्रारंभिक जांच में साढ़े तीन लाख से ज्यादा का अंतर मिला है। पुराने रिकॉर्ड की जांच के बाद यह आंकड़ा और बड़ा हो सकता है। दोषियों पर एफआईआर दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जाएगी। ये कर्मचारी हटाकर दूसरी जगह लगाए फर्जीवाड़े में संलिप्त कर्मचारियों को हटाकर नए कर्मचारियों की तैनाती की गई है।1. राजकुमार पवार- सहायक ग्रेड-22. रविशंकर रहांगडाले- कैशियर कम सहायक3. श्याम मोखलगाय- विनियमित कर्मचारी4. प्रीति सूर्यवंशी- रोजगार सहायक (ठेका)5. अंजली बिसेन- ठेका कर्मचारी नगर निगम की आंतरिक जांच और CA की ऑडिट रिपोर्ट आने के बाद ही गड़बड़ी की पूरी राशि का खुलासा होगा। फिलहाल निगम प्रशासन सतर्क मोड में है और कैश काउंटर की हर एंट्री की बारीकी से जांच की जा रही है।

Sep 25, 2025 - 07:54
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नगर निगम कैश काउंटर में गबन का खुलासा:3.5 लाख से ज्यादा रकम गायब, कर्मचारियों को हटाया; CA से ऑडिट जांच शुरू
छिंदवाड़ा नगर निगम में संपत्तिकर वसूली में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया। करदाताओं से नकद वसूला गया पैसा निगम के खजाने में जमा नहीं किया गया। शुरुआती जांच में साढ़े तीन लाख रुपए से ज्यादा का अंतर पकड़ में आया है। आशंका है कि यह रकम और बढ़ सकती है। नगर निगम आयुक्त सीपी राय ने मामले की गंभीरता को देखते हुए कैश काउंटर पर पदस्थ कर्मचारियों को तत्काल हटा दिया है। पूरे मामले की ऑडिट जांच चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) को सौंपी गई है। जांच रिपोर्ट आने के बाद गड़बड़ी की सही रकम का खुलासा होगा और दोषियों पर FIR दर्ज कराई जाएगी। कैसे पकड़ा गया फर्जीवाड़ा पिछले 12 दिनों का रिकॉर्ड खंगालने पर खुलासा हुआ कि निगम पोर्टल पर जितनी राशि वसूली दिख रही है, उतनी राशि खजाने में जमा नहीं हो रही। ऑनलाइन और ऑफलाइन पेमेंट के आंकड़ों में बड़ा अंतर पाया गया। ऑनलाइन-ऑफलाइन में गड़बड़ी नए वित्तीय वर्ष में संपत्तिकर और जलकर की दरों में बढ़ोतरी तो हुई, लेकिन नगरीय प्रशासन ने पोर्टल पर अपडेट नहीं किया। इस वजह से ऑनलाइन और ऑफलाइन वसूली में अंतर बना रहा। कर्मचारियों ने इसी खामी का फायदा उठाते हुए रकम जमा करने में गड़बड़ी की। जांच पूरी होने के बाद होगी FIR आयुक्त राय ने बताया कि प्रारंभिक जांच में साढ़े तीन लाख से ज्यादा का अंतर मिला है। पुराने रिकॉर्ड की जांच के बाद यह आंकड़ा और बड़ा हो सकता है। दोषियों पर एफआईआर दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जाएगी। ये कर्मचारी हटाकर दूसरी जगह लगाए फर्जीवाड़े में संलिप्त कर्मचारियों को हटाकर नए कर्मचारियों की तैनाती की गई है।1. राजकुमार पवार- सहायक ग्रेड-22. रविशंकर रहांगडाले- कैशियर कम सहायक3. श्याम मोखलगाय- विनियमित कर्मचारी4. प्रीति सूर्यवंशी- रोजगार सहायक (ठेका)5. अंजली बिसेन- ठेका कर्मचारी नगर निगम की आंतरिक जांच और CA की ऑडिट रिपोर्ट आने के बाद ही गड़बड़ी की पूरी राशि का खुलासा होगा। फिलहाल निगम प्रशासन सतर्क मोड में है और कैश काउंटर की हर एंट्री की बारीकी से जांच की जा रही है।