टीकमगढ़ में नवमी पर श्रद्धालुओं के व्रत हुए पूरे:दुर्गा पंडालों में यज्ञ अनुष्ठान, कन्या भोज के बाद हुए भंडारे

टीकमगढ़ में बुधवार को नवरात्रि की नवमी तिथि पर हवन-पूजन के कार्यक्रम शुरू हो गए। श्रद्धालुओं ने विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर अपने नौ दिवसीय व्रत अनुष्ठान का समापन किया। इसके साथ ही दशहरा के चल समारोह की तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। 22 सितंबर से चल रहे नवरात्र पर्व के अंतिम दिन दुर्गा पंडालों में यज्ञ अनुष्ठान आयोजित किए गए। पंडित सुरेंद्र मोहन द्विवेदी ने बताया कि नवमी तिथि के साथ ही 10 दिवसीय नवरात्र महोत्सव का समापन हो गया। नौ दिनों से व्रत रख रहे श्रद्धालुओं ने यज्ञ, अनुष्ठान और जवारे देखकर अपना उपवास तोड़ा। दोपहर 3 बजे से विभिन्न दुर्गा पंडालों में यज्ञ अनुष्ठान के कार्यक्रम शुरू हुए। मिश्रा चौराहे पर मां दुर्गा के साथ भगवान जगन्नाथ की झांकी सजाई गई थी, जहां शाम 4 बजे यज्ञ अनुष्ठान प्रारंभ हुआ। समिति के सदस्यों ने बताया कि हवन-पूजन के बाद कन्या भोज और भंडारे का आयोजन किया गया। देवी प्रतिमाओं का विसर्जन 2 अक्टूबर को होगा। दशहरा चल समारोह समिति के सदस्यों ने जानकारी दी कि 2 अक्टूबर को रात 8 बजे नजरबाग मैदान में रावण के पुतले का दहन किया जाएगा। इसके बाद शहर में दुर्गा प्रतिमाओं का चल समारोह निकाला जाएगा। शहर के महेंद्र सागर तालाब स्थित विसर्जन कुंड में देर रात तक प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाएगा। एसडीएम संस्कृति लिटोरिया ने बताया कि विसर्जन कुंड पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। नगर पालिका सीएमओ ओमपाल सिंह भदोरिया ने जानकारी दी कि बड़ी प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए क्रेन की व्यवस्था की गई है और चारों ओर रोशनी का प्रबंध भी किया गया है।

Oct 1, 2025 - 16:28
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टीकमगढ़ में नवमी पर श्रद्धालुओं के व्रत हुए पूरे:दुर्गा पंडालों में यज्ञ अनुष्ठान, कन्या भोज के बाद हुए भंडारे
टीकमगढ़ में बुधवार को नवरात्रि की नवमी तिथि पर हवन-पूजन के कार्यक्रम शुरू हो गए। श्रद्धालुओं ने विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर अपने नौ दिवसीय व्रत अनुष्ठान का समापन किया। इसके साथ ही दशहरा के चल समारोह की तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। 22 सितंबर से चल रहे नवरात्र पर्व के अंतिम दिन दुर्गा पंडालों में यज्ञ अनुष्ठान आयोजित किए गए। पंडित सुरेंद्र मोहन द्विवेदी ने बताया कि नवमी तिथि के साथ ही 10 दिवसीय नवरात्र महोत्सव का समापन हो गया। नौ दिनों से व्रत रख रहे श्रद्धालुओं ने यज्ञ, अनुष्ठान और जवारे देखकर अपना उपवास तोड़ा। दोपहर 3 बजे से विभिन्न दुर्गा पंडालों में यज्ञ अनुष्ठान के कार्यक्रम शुरू हुए। मिश्रा चौराहे पर मां दुर्गा के साथ भगवान जगन्नाथ की झांकी सजाई गई थी, जहां शाम 4 बजे यज्ञ अनुष्ठान प्रारंभ हुआ। समिति के सदस्यों ने बताया कि हवन-पूजन के बाद कन्या भोज और भंडारे का आयोजन किया गया। देवी प्रतिमाओं का विसर्जन 2 अक्टूबर को होगा। दशहरा चल समारोह समिति के सदस्यों ने जानकारी दी कि 2 अक्टूबर को रात 8 बजे नजरबाग मैदान में रावण के पुतले का दहन किया जाएगा। इसके बाद शहर में दुर्गा प्रतिमाओं का चल समारोह निकाला जाएगा। शहर के महेंद्र सागर तालाब स्थित विसर्जन कुंड में देर रात तक प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाएगा। एसडीएम संस्कृति लिटोरिया ने बताया कि विसर्जन कुंड पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। नगर पालिका सीएमओ ओमपाल सिंह भदोरिया ने जानकारी दी कि बड़ी प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए क्रेन की व्यवस्था की गई है और चारों ओर रोशनी का प्रबंध भी किया गया है।