पहली बार दुर्गा प्रतिमाओं पर चढ़े नींबू से बनेगा बायो-एंजाइम:भोपाल में नवरात्रि में 2 टन नींबू इकट्ठा किए; 10 हजार लीटर स्प्रे तैयार करेंगे
राजधानी भोपाल में पहली बार दुर्गा प्रतिमाओं पर चढ़े नींबू से बायो एंजाइम बनेगा। नवरात्रि में 2 टन से ज्यादा नींबू इकट्ठा हुए हैं। इससे करीब 10 हजार लीटर स्प्रे तैयार हो रहा है। इसमें संतरे के छिलके और सड़े गुड़ को भी मिलाया जाएगा। फिर तालाब-कुंड में डाला जाएगा। ताकि, कुंड का पानी साफ और स्वच्छ हो सके। गणेश उत्सव के दौरान ये प्रयोग किया गया था, लेकिन उतनी मात्रा में नींबू इकट्ठा नहीं हुए थे, जो नवरात्रि के 9 दिनों में हो गया। करीब 5 हजार पंडाल में निगम की निर्माल्य सामग्री इकट्ठा करने वाली गाड़ियां घुमती रही। इसके बाद नींबू को अलग कर बायो इंजाइम बनाने की प्रक्रिया शुरू की। आखिरी 3 दिन में ही 8 टन से ज्यादा नींबू आया। इस तरह से होती है पूरी प्रोसेस... प्राकृतिक तरीके से साफ करता है पानी
बॉयो एंजाइम से जल शुद्धिकरण की यह पहल एक्सपर्ट की देखरेख में हो रही है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के वैज्ञानिक इसे बनवा रहे हैं। वैज्ञानिकों ने बताया, प्रदूषण के कारण पानी में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है। इससे न सिर्फ जलीय जीव-जंतु मर जाते हैं, बल्कि पानी भी सड़ जाता है। बायो एंजाइम पानी को प्राकृतिक तरीके से साफ करता है। यह नींबू, संतरे के छिलकों, सड़े गुड़ और पानी को मिलाकर बनाया जाता है। 10 से 15 दिन में यह तैयार हो जाता है। हैंडवॉश के रूप में आ सकता है काम
जानकारी के अनुसार, बायो इंजाइम एक प्राकृतिक, गैर-विषैले और पर्यावरण के अनुकूल क्लीनर का काम करता है। इसका उपयोग कपड़े धोने के साथ बर्तन और हाथ धोने के लिए भी किया जा सकता है।
राजधानी भोपाल में पहली बार दुर्गा प्रतिमाओं पर चढ़े नींबू से बायो एंजाइम बनेगा। नवरात्रि में 2 टन से ज्यादा नींबू इकट्ठा हुए हैं। इससे करीब 10 हजार लीटर स्प्रे तैयार हो रहा है। इसमें संतरे के छिलके और सड़े गुड़ को भी मिलाया जाएगा। फिर तालाब-कुंड में डाला जाएगा। ताकि, कुंड का पानी साफ और स्वच्छ हो सके। गणेश उत्सव के दौरान ये प्रयोग किया गया था, लेकिन उतनी मात्रा में नींबू इकट्ठा नहीं हुए थे, जो नवरात्रि के 9 दिनों में हो गया। करीब 5 हजार पंडाल में निगम की निर्माल्य सामग्री इकट्ठा करने वाली गाड़ियां घुमती रही। इसके बाद नींबू को अलग कर बायो इंजाइम बनाने की प्रक्रिया शुरू की। आखिरी 3 दिन में ही 8 टन से ज्यादा नींबू आया। इस तरह से होती है पूरी प्रोसेस... प्राकृतिक तरीके से साफ करता है पानी
बॉयो एंजाइम से जल शुद्धिकरण की यह पहल एक्सपर्ट की देखरेख में हो रही है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के वैज्ञानिक इसे बनवा रहे हैं। वैज्ञानिकों ने बताया, प्रदूषण के कारण पानी में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है। इससे न सिर्फ जलीय जीव-जंतु मर जाते हैं, बल्कि पानी भी सड़ जाता है। बायो एंजाइम पानी को प्राकृतिक तरीके से साफ करता है। यह नींबू, संतरे के छिलकों, सड़े गुड़ और पानी को मिलाकर बनाया जाता है। 10 से 15 दिन में यह तैयार हो जाता है। हैंडवॉश के रूप में आ सकता है काम
जानकारी के अनुसार, बायो इंजाइम एक प्राकृतिक, गैर-विषैले और पर्यावरण के अनुकूल क्लीनर का काम करता है। इसका उपयोग कपड़े धोने के साथ बर्तन और हाथ धोने के लिए भी किया जा सकता है।