शाजापुर में घर में बना पटाखा बना जान का दुश्मन:छात्र की आंख की हालत गंभीर, डॉक्टर बोले- पैरेंट्स ALERT रहे, बच्चों पर ध्यान दें
शाजापुर में रविवार रात घर पर बने कैल्शियम कार्बाइड के पटाखे के फटने से एक 14 वर्षीय छात्र गंभीर रूप से घायल हो गया। इस हादसे में बालक की एक आंख में गंभीर चोट आई है। उसे दिखाई देना बंद हो गया है। बालक को उपचार के लिए जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है। इस हादसे के बाद चिकित्सकों ने माता-पिता से अपने सामने पटाखे चलवाने की अपील की है। सोमवार को जिला अस्पताल में नेत्र विशेषज्ञ डॉ. मनोज पंचोली ने बच्चे की जांच की। जांच के दौरान पाया गया कि बच्चे की आंख के आसपास अभी भी सूजन है और पुतली पूरी तरह से सफेद हो गई है। डॉ. पंचोली ने बताया कि बच्चे को दिखाई नहीं दे रहा है। यह हादसा तब हुआ जब अजय ने कैल्शियम कार्बाइड और पानी मिलाकर एक डिब्बी में पटाखा बनाया था। रविवार रात वह सड़क पर इस पटाखे को चला रहा था। जैसे ही उसने लाइटर से इसे सुलगाया, एक तेज धमाका हुआ और डिब्बी के टुकड़े उसकी आंख में जा लगे, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। अजय अपने पिता लच्छू राम के साथ कुम्हारवाड़ा घाटी क्षेत्र में किराए के मकान में रहता है। उसके पिता पिछले दो वर्षों से पैर टूटने के कारण बिस्तर पर हैं, और उसकी माँ मजदूरी करके परिवार का भरण-पोषण करती है। नेत्र विशेषज्ञ डॉ. पंचोली ने बताया कि बच्चे के रेटिना की जांच की जाएगी। यदि रेटिना में कोई नुकसान नहीं पहुंचा है, तो पुतली का ऑपरेशन करने से बच्चे को फिर से दिखाई दे सकता है। उन्होंने दीपावली पर्व पर अभिभावकों से अपील की है कि वे बच्चों को घातक पटाखों का उपयोग न करने दें और ऐसे पटाखे खरीदें जिनसे कोई नुकसान न पहुंचे। जुगाड़ के पटाखे खतरनाक
दीपावली को लेकर इस वर्ष बाजार में जुगाड़ की देसी पटाखा बंदूक आई है। यह पीवीसी पाइप के टुकड़ों से बनती है जिसमें गैस बनाकर पटाखे की आवाज करने के लिए कैल्शियम कार्बाइड का उपयोग होता है। कम कीमत और उपयोग में आसान होने के कारण बच्चे व युवाओं में इसकी खासी मांग है। यह आंखों सहित मानव स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है। जानकारी के अभाव में बच्चे इसको नंगे हाथ से उपयोग कर रहे हैं और बाद में जब हाथ या अन्य माध्यम से यह आंख के संपर्क में आने पर यह खतरनाक साबित हो रहा है।
ये होता है कैल्शियम कार्बाइड कैल्शियम कार्बाइड का उपयोग अक्सर केले, आम या अन्य फलों को जल्दी पकाने के लिए किया जाता है, लेकिन यह स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक होता है। खासकर आंखों पर इसका असर खतरनाक हो सकता है। कैल्शियम कार्बाइड नमी के संपर्क में आने पर एसीटिलीन गैस छोड़ता है। यह गैस आंखों में पहुंचने पर तेज जलन, लालिमा और खुजली पैदा करती है। कार्बाइड में आर्सेनिक और फॉस्फोरस जैसे जहरीले तत्व मिल जाते हैं। जो आंखों के संवेदनशील ऊतकों को प्रभावित करते हैं व कॉर्निया को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसके लंबे समय तक संपर्क में रहने से धुंधलापन या अस्थायी दृष्टि हानि भी हो सकती है। कुछ लोगों की आंखें धुएं या अवशेषों से एलर्जिक प्रतिक्रिया देती हैं। इससे आंखों में पानी आना, सूजन या संक्रमण हो सकता है।
शाजापुर में रविवार रात घर पर बने कैल्शियम कार्बाइड के पटाखे के फटने से एक 14 वर्षीय छात्र गंभीर रूप से घायल हो गया। इस हादसे में बालक की एक आंख में गंभीर चोट आई है। उसे दिखाई देना बंद हो गया है। बालक को उपचार के लिए जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है। इस हादसे के बाद चिकित्सकों ने माता-पिता से अपने सामने पटाखे चलवाने की अपील की है। सोमवार को जिला अस्पताल में नेत्र विशेषज्ञ डॉ. मनोज पंचोली ने बच्चे की जांच की। जांच के दौरान पाया गया कि बच्चे की आंख के आसपास अभी भी सूजन है और पुतली पूरी तरह से सफेद हो गई है। डॉ. पंचोली ने बताया कि बच्चे को दिखाई नहीं दे रहा है। यह हादसा तब हुआ जब अजय ने कैल्शियम कार्बाइड और पानी मिलाकर एक डिब्बी में पटाखा बनाया था। रविवार रात वह सड़क पर इस पटाखे को चला रहा था। जैसे ही उसने लाइटर से इसे सुलगाया, एक तेज धमाका हुआ और डिब्बी के टुकड़े उसकी आंख में जा लगे, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। अजय अपने पिता लच्छू राम के साथ कुम्हारवाड़ा घाटी क्षेत्र में किराए के मकान में रहता है। उसके पिता पिछले दो वर्षों से पैर टूटने के कारण बिस्तर पर हैं, और उसकी माँ मजदूरी करके परिवार का भरण-पोषण करती है। नेत्र विशेषज्ञ डॉ. पंचोली ने बताया कि बच्चे के रेटिना की जांच की जाएगी। यदि रेटिना में कोई नुकसान नहीं पहुंचा है, तो पुतली का ऑपरेशन करने से बच्चे को फिर से दिखाई दे सकता है। उन्होंने दीपावली पर्व पर अभिभावकों से अपील की है कि वे बच्चों को घातक पटाखों का उपयोग न करने दें और ऐसे पटाखे खरीदें जिनसे कोई नुकसान न पहुंचे। जुगाड़ के पटाखे खतरनाक
दीपावली को लेकर इस वर्ष बाजार में जुगाड़ की देसी पटाखा बंदूक आई है। यह पीवीसी पाइप के टुकड़ों से बनती है जिसमें गैस बनाकर पटाखे की आवाज करने के लिए कैल्शियम कार्बाइड का उपयोग होता है। कम कीमत और उपयोग में आसान होने के कारण बच्चे व युवाओं में इसकी खासी मांग है। यह आंखों सहित मानव स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है। जानकारी के अभाव में बच्चे इसको नंगे हाथ से उपयोग कर रहे हैं और बाद में जब हाथ या अन्य माध्यम से यह आंख के संपर्क में आने पर यह खतरनाक साबित हो रहा है।
ये होता है कैल्शियम कार्बाइड कैल्शियम कार्बाइड का उपयोग अक्सर केले, आम या अन्य फलों को जल्दी पकाने के लिए किया जाता है, लेकिन यह स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक होता है। खासकर आंखों पर इसका असर खतरनाक हो सकता है। कैल्शियम कार्बाइड नमी के संपर्क में आने पर एसीटिलीन गैस छोड़ता है। यह गैस आंखों में पहुंचने पर तेज जलन, लालिमा और खुजली पैदा करती है। कार्बाइड में आर्सेनिक और फॉस्फोरस जैसे जहरीले तत्व मिल जाते हैं। जो आंखों के संवेदनशील ऊतकों को प्रभावित करते हैं व कॉर्निया को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसके लंबे समय तक संपर्क में रहने से धुंधलापन या अस्थायी दृष्टि हानि भी हो सकती है। कुछ लोगों की आंखें धुएं या अवशेषों से एलर्जिक प्रतिक्रिया देती हैं। इससे आंखों में पानी आना, सूजन या संक्रमण हो सकता है।