एमएलसी और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ऑनलाइन भेजें:लॉ एंड ऑर्डर, सिविल डिफेंस और आपदा प्रबंधन की समीक्षा बैठक में निर्देश

थानों में दर्ज मामलों की एमएलसी रिपोर्ट और मृत्यु के मामलों में पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सीसीटीएनएस प्रणाली से ऑनलाइन भेजी जाए। स्वास्थ्य संस्थाओं को रिपोर्ट ऑनलाइन उपलब्ध करानी होगी। इसके लिए प्रति मामले ऑपरेटर को 100 रुपए दिए जाएंगे। यह निर्देश शुक्रवार को कलेक्टर अर्पित वर्मा ने लॉ एंड ऑर्डर, सिविल डिफेंस और आपदा प्रबंधन की समीक्षा बैठक के दौरान दिए। उन्होंने कहा- एसडीएम और एसडीओपी को शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए समन्वय से काम करें। जमीन से जुड़े विवादों पर सतर्क रहें, जरूरत पड़ने पर संबंधित पक्षों को बाउंड ओवर करें। बाढ़ आपदा प्रबंधन के लिए तैराकों की लिस्ट बनेगी बैठक में कहा गया कि बाढ़ आपदा प्रबंधन के लिए तैराकों की लिस्ट बनाई जाए। उसमें उनके मोबाइल नंबर भी दर्ज किए जाएं। जल स्रोतों का क्लोरीनेशन कराया जाए। ट्रॉमा सेंटर और बर्न यूनिट सहित स्वास्थ्य सेवाओं की तैयारियां की जाएं। मोबाइल टावरों पर 8 घंटे का बैकअप और जनरेटर की व्यवस्था की जाए। संवेदनशील ग्राम सूंडी और सांड में टीमें तैनात की जाएं। विजयपुर और बड़ौदा में एसडीआरएफ की एक-एक टीम रखी जाए। बारिश में जलभराव वाले इलाकों में साइन बोर्ड लगेंगे एसपी वीरेन्द्र जैन ने जानकारी दी कि कानून एवं व्यवस्था के तहत असामाजिक तत्वों के खिलाफ एनएसए एवं जिलाबदर सहित बांउड ओवर करने की कार्रवाई की जा रही है। प्रतिदिन की एमएलसी रिपोर्ट की जानकारी जिला प्रशासन को भी भेजी जाएगी। राजस्थान क्षेत्र से लगने वाली नदियों के पुलों पर साइन बोर्ड लगाए जाएंगे। साथ ही ऐसी पुलिया जिन पर वर्षाकाल में जल भराव हो जाता है, वहां पर भी संकेतक लगाए जाएंगे। बाढ़ आपदा प्रबंधन के तहत 60 गांवों की पहचान बाढ़ के चलते जोखिम पूर्ण स्थिति की संभावना वाले 60 गांवों की पहचान की गई है। इनमें श्योपुर तहसील के 40, बड़ौद के 6, कराहल के 3, विजयपुर के 5 एवं वीरपुर तहसील के 6 गांव शामिल हैं। होमगार्ड की कमांडेंट सुमन बिसारिया ने बताया कि वर्तमान में बाढ़ आपदा प्रबंधन के लिए 4 मोटर बोट, 95 लाइफ जैकेट, 8 नाव, 10 इमरजेंसी लाइट, 54 लाइफबॉय आदि बचाव सामग्री उपलब्ध है। इसके साथ ही अन्य सामग्री के लिए डिमांड भेजी गई है। बारिश के दौरान पशुओं को रस्सी से ना बांधें पशु चिकित्सा उप संचालक डॉ. सुभाष बाबू दौहरे ने पशुओं की सुरक्षा के लिए वर्षाकाल में तैयार की गई रणनीति के तहत पशु टीकाकरण, रोग प्रबंधन, जिला स्तरीय कन्ट्रोल रूम सहित जिला एवं ब्लॉक स्तरीय सहायता दलों के कर्तव्य एवं दायित्वों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बाढ़ के दौरान पशुपालकों को सलाह दी जानी चाहिए कि पशुओं को रस्सी से बांध कर न रखें, उन्हें खुला छोड़ दिया जाए।

एमएलसी और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ऑनलाइन भेजें:लॉ एंड ऑर्डर, सिविल डिफेंस और आपदा प्रबंधन की समीक्षा बैठक में निर्देश
थानों में दर्ज मामलों की एमएलसी रिपोर्ट और मृत्यु के मामलों में पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सीसीटीएनएस प्रणाली से ऑनलाइन भेजी जाए। स्वास्थ्य संस्थाओं को रिपोर्ट ऑनलाइन उपलब्ध करानी होगी। इसके लिए प्रति मामले ऑपरेटर को 100 रुपए दिए जाएंगे। यह निर्देश शुक्रवार को कलेक्टर अर्पित वर्मा ने लॉ एंड ऑर्डर, सिविल डिफेंस और आपदा प्रबंधन की समीक्षा बैठक के दौरान दिए। उन्होंने कहा- एसडीएम और एसडीओपी को शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए समन्वय से काम करें। जमीन से जुड़े विवादों पर सतर्क रहें, जरूरत पड़ने पर संबंधित पक्षों को बाउंड ओवर करें। बाढ़ आपदा प्रबंधन के लिए तैराकों की लिस्ट बनेगी बैठक में कहा गया कि बाढ़ आपदा प्रबंधन के लिए तैराकों की लिस्ट बनाई जाए। उसमें उनके मोबाइल नंबर भी दर्ज किए जाएं। जल स्रोतों का क्लोरीनेशन कराया जाए। ट्रॉमा सेंटर और बर्न यूनिट सहित स्वास्थ्य सेवाओं की तैयारियां की जाएं। मोबाइल टावरों पर 8 घंटे का बैकअप और जनरेटर की व्यवस्था की जाए। संवेदनशील ग्राम सूंडी और सांड में टीमें तैनात की जाएं। विजयपुर और बड़ौदा में एसडीआरएफ की एक-एक टीम रखी जाए। बारिश में जलभराव वाले इलाकों में साइन बोर्ड लगेंगे एसपी वीरेन्द्र जैन ने जानकारी दी कि कानून एवं व्यवस्था के तहत असामाजिक तत्वों के खिलाफ एनएसए एवं जिलाबदर सहित बांउड ओवर करने की कार्रवाई की जा रही है। प्रतिदिन की एमएलसी रिपोर्ट की जानकारी जिला प्रशासन को भी भेजी जाएगी। राजस्थान क्षेत्र से लगने वाली नदियों के पुलों पर साइन बोर्ड लगाए जाएंगे। साथ ही ऐसी पुलिया जिन पर वर्षाकाल में जल भराव हो जाता है, वहां पर भी संकेतक लगाए जाएंगे। बाढ़ आपदा प्रबंधन के तहत 60 गांवों की पहचान बाढ़ के चलते जोखिम पूर्ण स्थिति की संभावना वाले 60 गांवों की पहचान की गई है। इनमें श्योपुर तहसील के 40, बड़ौद के 6, कराहल के 3, विजयपुर के 5 एवं वीरपुर तहसील के 6 गांव शामिल हैं। होमगार्ड की कमांडेंट सुमन बिसारिया ने बताया कि वर्तमान में बाढ़ आपदा प्रबंधन के लिए 4 मोटर बोट, 95 लाइफ जैकेट, 8 नाव, 10 इमरजेंसी लाइट, 54 लाइफबॉय आदि बचाव सामग्री उपलब्ध है। इसके साथ ही अन्य सामग्री के लिए डिमांड भेजी गई है। बारिश के दौरान पशुओं को रस्सी से ना बांधें पशु चिकित्सा उप संचालक डॉ. सुभाष बाबू दौहरे ने पशुओं की सुरक्षा के लिए वर्षाकाल में तैयार की गई रणनीति के तहत पशु टीकाकरण, रोग प्रबंधन, जिला स्तरीय कन्ट्रोल रूम सहित जिला एवं ब्लॉक स्तरीय सहायता दलों के कर्तव्य एवं दायित्वों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बाढ़ के दौरान पशुपालकों को सलाह दी जानी चाहिए कि पशुओं को रस्सी से बांध कर न रखें, उन्हें खुला छोड़ दिया जाए।