नवरात्र में करंट लगने से 4 हादसे, 6 मौतें हुई:जबलपुर में शांति समिति की बैठक में उठा था मुद्दा, कांग्रेस नेता बोले- प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया
नवरात्र में करंट लगने से 4 हादसे, 6 मौतें हुई:जबलपुर में शांति समिति की बैठक में उठा था मुद्दा, कांग्रेस नेता बोले- प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया
इस नवरात्रि में दुर्गा उत्सव के दौरान 6 लोगों की जान गई है। गढ़ा और तिलवारा में हुई मौतों के बाद भी जिला प्रशासन ने कोई सीख नहीं ली, लिहाजा रविवार की रात एक बार फिर बड़ा हादसा हुआ और काली प्रतिमा बिजली के तारों के संपर्क में आ गई, जिससे 2 लोगों की मौके पर मौत हो गई जबकि 12 घायल हुए। तीन की हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है। कांग्रेस नेता का आरोप है कि शांति समिति की बैठक में बिजली के तारों का मुद्दा उठाया गया था, जिस पर प्रशासन और बिजली विभाग ने ध्यान नहीं दिया और बड़ा हादसा हो गया। देर रात पहुंचे एसपी-कलेक्टर घटना की जानकारी मिलते ही कलेक्टर राघवेंद्र सिंह और एसपी संपत उपाध्याय घायलों को देखने जिला अस्पताल जबलपुर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने अस्पताल में तैनात डॉक्टर को निर्देश दिए कि घायलों के इलाज में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए। कलेक्टर ने घटना की जांच के निर्देश भी दिए हैं। एसपी संपत उपाध्याय ने कहा कि घटना दुखद है, जिसकी जांच की जा रही है। यह भी देखा जा रहा है कि आखिर यह घटना क्यों और किस वजह से हुई। उन्होंने बताया कि प्रथम दृष्टया प्रतिमा बिजली के तारों की चपेट में आ गई थी, जिसके चलते यह हादसा हुआ। बिजली विभाग से भी रिपोर्ट मांगी गई है। जानबूझकर की गई लापरवाही कांग्रेस के मंडलम अध्यक्ष पवन कनौजिया ने इस पूरे घटनाक्रम के लिए पुलिस प्रशासन और बिजली विभाग को दोषी ठहराया है। उन्होंने कहा कि बीते दिनों हुई शांति समिति की बैठक में यह बताया गया था कि टेमर भीटा से लेकर गोरा बाजार के बीच बिजली के तार झूल रहे हैं, जिन्हें दुरुस्त किया जाना चाहिए। लेकिन न तो प्रशासन ने और न ही बिजली विभाग ने इस पर ध्यान दिया, जिसके चलते रविवार की रात यह बड़ा हादसा हो गया। उन्होंने बताया कि शांति समिति की बैठक के दौरान बिजली विभाग के अधिकारियों को तारों की स्थिति के बारे में अवगत कराया गया था, पर मेंटेनेंस नहीं किया गया और लापरवाही के चलते यह बड़ी घटना हो गई। पार्षद नहीं, भाई पहुंचे अस्पताल स्थानीय लोगों का कहना है कि रानी लक्ष्मीबाई वार्ड की पार्षद कृष्णा दास चौधरी हैं। उन्हें मौके पर जाकर घायलों से मुलाकात करनी चाहिए थी, लेकिन उनकी जगह उनके भाई अमित चौधरी अस्पताल पहुंचे। आरोप यह भी है कि पार्षद ने वार्ड में कभी कोई ध्यान नहीं दिया और यह भी घटना की एक बड़ी वजह मानी जा रही है। सबसे पहले विधायक पहुंचे रविवार की देर रात घटना की जानकारी मिलते ही कैंट विधानसभा से विधायक अशोक रोहाणी जिला अस्पताल पहुंचे, जहां उन्होंने घायलों को देखा और गंभीर रूप से घायल तीन लोगों को इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज और निजी अस्पताल रेफर करवाया। कुछ समय बाद लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह भी जिला अस्पताल पहुंच गए। मौत होती गई- प्रशासन मौन रहा ऐसा नहीं है कि बिजली की चपेट में आने से यह पहली बड़ी घटना हुई है। इससे पहले गढ़ा में दुर्गा प्रतिमा के साथ खड़ा एक युवक बिजली की चपेट में आ गया था, जिससे उसकी मौत हो गई थी। वहीं डेकोरेटर्स की लापरवाही के चलते तिलवारा थाना के बरगी हिल्स में रहने वाले दो मासूम बच्चों की मौत हो गई थी। इसके अलावा दशहरा वाले दिन भी एक महिला के ऊपर बिजली का ट्रे गिर गया, जिससे उसकी मौत हो गई। वहीं रविवार को चिंटू विश्वकर्मा और अखिलेश पटेल, जो विसर्जन के दौरान काली माता की प्रतिमा के साथ बैठे थे, तार की चपेट में आ गए और उनकी जान चली गई। इनका इलाज अभी जारी है टेमर भीटा में काली विसर्जन के दौरान हुए हादसे में माखन चौधरी, हर्सू पटेल, नितिन, अतुल विश्वकर्मा, प्रशांत नामदेव, मोहित पटेल, मयंक नामदेव, विवेक यादव, राम मनोहर पटेल, कपिल, मनीष पटेल और राजू पटेल झुलस गए हैं। सभी को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उनका इलाज जारी है।
इस नवरात्रि में दुर्गा उत्सव के दौरान 6 लोगों की जान गई है। गढ़ा और तिलवारा में हुई मौतों के बाद भी जिला प्रशासन ने कोई सीख नहीं ली, लिहाजा रविवार की रात एक बार फिर बड़ा हादसा हुआ और काली प्रतिमा बिजली के तारों के संपर्क में आ गई, जिससे 2 लोगों की मौके पर मौत हो गई जबकि 12 घायल हुए। तीन की हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है। कांग्रेस नेता का आरोप है कि शांति समिति की बैठक में बिजली के तारों का मुद्दा उठाया गया था, जिस पर प्रशासन और बिजली विभाग ने ध्यान नहीं दिया और बड़ा हादसा हो गया। देर रात पहुंचे एसपी-कलेक्टर घटना की जानकारी मिलते ही कलेक्टर राघवेंद्र सिंह और एसपी संपत उपाध्याय घायलों को देखने जिला अस्पताल जबलपुर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने अस्पताल में तैनात डॉक्टर को निर्देश दिए कि घायलों के इलाज में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए। कलेक्टर ने घटना की जांच के निर्देश भी दिए हैं। एसपी संपत उपाध्याय ने कहा कि घटना दुखद है, जिसकी जांच की जा रही है। यह भी देखा जा रहा है कि आखिर यह घटना क्यों और किस वजह से हुई। उन्होंने बताया कि प्रथम दृष्टया प्रतिमा बिजली के तारों की चपेट में आ गई थी, जिसके चलते यह हादसा हुआ। बिजली विभाग से भी रिपोर्ट मांगी गई है। जानबूझकर की गई लापरवाही कांग्रेस के मंडलम अध्यक्ष पवन कनौजिया ने इस पूरे घटनाक्रम के लिए पुलिस प्रशासन और बिजली विभाग को दोषी ठहराया है। उन्होंने कहा कि बीते दिनों हुई शांति समिति की बैठक में यह बताया गया था कि टेमर भीटा से लेकर गोरा बाजार के बीच बिजली के तार झूल रहे हैं, जिन्हें दुरुस्त किया जाना चाहिए। लेकिन न तो प्रशासन ने और न ही बिजली विभाग ने इस पर ध्यान दिया, जिसके चलते रविवार की रात यह बड़ा हादसा हो गया। उन्होंने बताया कि शांति समिति की बैठक के दौरान बिजली विभाग के अधिकारियों को तारों की स्थिति के बारे में अवगत कराया गया था, पर मेंटेनेंस नहीं किया गया और लापरवाही के चलते यह बड़ी घटना हो गई। पार्षद नहीं, भाई पहुंचे अस्पताल स्थानीय लोगों का कहना है कि रानी लक्ष्मीबाई वार्ड की पार्षद कृष्णा दास चौधरी हैं। उन्हें मौके पर जाकर घायलों से मुलाकात करनी चाहिए थी, लेकिन उनकी जगह उनके भाई अमित चौधरी अस्पताल पहुंचे। आरोप यह भी है कि पार्षद ने वार्ड में कभी कोई ध्यान नहीं दिया और यह भी घटना की एक बड़ी वजह मानी जा रही है। सबसे पहले विधायक पहुंचे रविवार की देर रात घटना की जानकारी मिलते ही कैंट विधानसभा से विधायक अशोक रोहाणी जिला अस्पताल पहुंचे, जहां उन्होंने घायलों को देखा और गंभीर रूप से घायल तीन लोगों को इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज और निजी अस्पताल रेफर करवाया। कुछ समय बाद लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह भी जिला अस्पताल पहुंच गए। मौत होती गई- प्रशासन मौन रहा ऐसा नहीं है कि बिजली की चपेट में आने से यह पहली बड़ी घटना हुई है। इससे पहले गढ़ा में दुर्गा प्रतिमा के साथ खड़ा एक युवक बिजली की चपेट में आ गया था, जिससे उसकी मौत हो गई थी। वहीं डेकोरेटर्स की लापरवाही के चलते तिलवारा थाना के बरगी हिल्स में रहने वाले दो मासूम बच्चों की मौत हो गई थी। इसके अलावा दशहरा वाले दिन भी एक महिला के ऊपर बिजली का ट्रे गिर गया, जिससे उसकी मौत हो गई। वहीं रविवार को चिंटू विश्वकर्मा और अखिलेश पटेल, जो विसर्जन के दौरान काली माता की प्रतिमा के साथ बैठे थे, तार की चपेट में आ गए और उनकी जान चली गई। इनका इलाज अभी जारी है टेमर भीटा में काली विसर्जन के दौरान हुए हादसे में माखन चौधरी, हर्सू पटेल, नितिन, अतुल विश्वकर्मा, प्रशांत नामदेव, मोहित पटेल, मयंक नामदेव, विवेक यादव, राम मनोहर पटेल, कपिल, मनीष पटेल और राजू पटेल झुलस गए हैं। सभी को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उनका इलाज जारी है।