दीपावली पर झाबुआ में गन्ने की बंपर बिक्री:लक्ष्मी पूजन के लिए घरों में बढ़ रही है मांग; 100 से ज्यादा दुकानें सजीं
दीपावली के अवसर पर झाबुआ जिले के बाजारों में सुबह से ही भारी भीड़ देखी जा रही है। लोग सजावटी सामान, फूल और मिठाइयों के साथ-साथ गन्ने की भी जमकर खरीदारी कर रहे हैं। झाबुआ, थांदला और पेटलावद सहित जिले के सभी कस्बाई इलाकों में गन्ने की दुकानों पर अच्छी बिक्री हो रही है। लक्ष्मी पूजन के लिए ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के लोग कई सजावटी सामान, धानी और हार-फूल खरीदने के लिए बाजारों में पहुंचे हैं। झाबुआ में बस स्टैंड, राजवाड़ा और मंडी रोड पर विशेष चहल-पहल है, जबकि थांदला में एमजी रोड, अस्पताल रोड और पीपली चौराहे पर सजावट की दुकानों पर भीड़ उमड़ रही है। पेटलावद में पुराने बस स्टैंड से लेकर साईं मंदिर और थांदला रोड तक करीब 100 से अधिक गन्ने की दुकानें सजी हुई हैं। इन दुकानों पर ग्राहकों की अपेक्षा के अनुरूप अच्छी बिक्री दर्ज की जा रही है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पूजन में गन्ने का विशेष महत्व है। इसे समृद्धि और धन का प्रतीक माना जाता है और यह मां लक्ष्मी को अत्यंत प्रिय है। इसीलिए धार्मिक अनुष्ठानों में सुख-समृद्धि लाने, सकारात्मक ऊर्जा और शांति बनाए रखने के लिए इसका उपयोग किया जाता है। 50 रुपए नग बेच रहे व्यापारी ऋतिक राठौड़ ने बताया कि वे इंदौर की चोइथराम मंडी से महाराष्ट्र का गन्ना खरीद कर लाए हैं। थोक में उन्हें 16 रुपए से लेकर 30 रुपए प्रति नग के हिसाब से गन्ना मिल रहा है। परिवहन और अन्य खर्चों को जोड़ने के बाद वे इसे 50 रुपए प्रति नग के हिसाब से बेच रहे हैं। खुद तैयार किया देसी गन्ना एक अन्य व्यापारी मुकेश गहलोत ने बताया कि वे खुद का तैयार किया हुआ देसी गन्ना बेच रहे हैं, जिसकी ग्राहकी भी अच्छी है और लोग इसे पसंद कर रहे हैं। वहीं, व्यापारी महेश राठौड़ ने जानकारी दी कि वे इंदौर से देसी और महाराष्ट्र दोनों प्रकार का गन्ना लाए हैं और ग्राहकों की मांग के अनुसार उपलब्ध करा रहे हैं।
दीपावली के अवसर पर झाबुआ जिले के बाजारों में सुबह से ही भारी भीड़ देखी जा रही है। लोग सजावटी सामान, फूल और मिठाइयों के साथ-साथ गन्ने की भी जमकर खरीदारी कर रहे हैं। झाबुआ, थांदला और पेटलावद सहित जिले के सभी कस्बाई इलाकों में गन्ने की दुकानों पर अच्छी बिक्री हो रही है। लक्ष्मी पूजन के लिए ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के लोग कई सजावटी सामान, धानी और हार-फूल खरीदने के लिए बाजारों में पहुंचे हैं। झाबुआ में बस स्टैंड, राजवाड़ा और मंडी रोड पर विशेष चहल-पहल है, जबकि थांदला में एमजी रोड, अस्पताल रोड और पीपली चौराहे पर सजावट की दुकानों पर भीड़ उमड़ रही है। पेटलावद में पुराने बस स्टैंड से लेकर साईं मंदिर और थांदला रोड तक करीब 100 से अधिक गन्ने की दुकानें सजी हुई हैं। इन दुकानों पर ग्राहकों की अपेक्षा के अनुरूप अच्छी बिक्री दर्ज की जा रही है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पूजन में गन्ने का विशेष महत्व है। इसे समृद्धि और धन का प्रतीक माना जाता है और यह मां लक्ष्मी को अत्यंत प्रिय है। इसीलिए धार्मिक अनुष्ठानों में सुख-समृद्धि लाने, सकारात्मक ऊर्जा और शांति बनाए रखने के लिए इसका उपयोग किया जाता है। 50 रुपए नग बेच रहे व्यापारी ऋतिक राठौड़ ने बताया कि वे इंदौर की चोइथराम मंडी से महाराष्ट्र का गन्ना खरीद कर लाए हैं। थोक में उन्हें 16 रुपए से लेकर 30 रुपए प्रति नग के हिसाब से गन्ना मिल रहा है। परिवहन और अन्य खर्चों को जोड़ने के बाद वे इसे 50 रुपए प्रति नग के हिसाब से बेच रहे हैं। खुद तैयार किया देसी गन्ना एक अन्य व्यापारी मुकेश गहलोत ने बताया कि वे खुद का तैयार किया हुआ देसी गन्ना बेच रहे हैं, जिसकी ग्राहकी भी अच्छी है और लोग इसे पसंद कर रहे हैं। वहीं, व्यापारी महेश राठौड़ ने जानकारी दी कि वे इंदौर से देसी और महाराष्ट्र दोनों प्रकार का गन्ना लाए हैं और ग्राहकों की मांग के अनुसार उपलब्ध करा रहे हैं।