अवैध शराब पर कार्रवाई में पुलिस आगे:2021 के जहरीली शराब कांड के बाद फिर बढ़ी तस्करी, 24 लोगों की हुई थी मौत

मुरैना जिले में अवैध शराब तस्करों ने एक बार फिर पैर जमाना शुरू कर दिया है। जिले में अवैध शराब की बिक्री बढ़ी है। जहां पुलिस विभाग लगातार कार्रवाई कर रहा है, वहीं मूल आबकारी विभाग सिर्फ खानापूर्ति कर रहा है। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में भोपाल के बाद सबसे महंगा शराब का ठेका मुरैना जिले का ही है। जनवरी 2021 में शराब माफिया द्वारा बेची गई जहरीली शराब पीने से मुरैना जिले के छैरा गांव में 24 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी। इस जहरीली शराब को पीने से पहले लोगों की आंखों की रोशनी गई और फिर उनकी जान चली गई थी। इस घटना के बाद तत्कालीन शिवराज सरकार ने मुरैना कलेक्टर और एसपी दोनों का तबादला कर दिया था। पुलिस की कार्रवाई 24 गुना अधिक वर्ष 2021 के शराब कांड के बाद तस्करी में कमी आई थी, लेकिन इस साल फिर से अवैध शराब की बिक्री और तस्करी दोनों में इजाफा हुआ है। इन शराब तस्करों के खिलाफ पुलिस की मुहिम तो रंग ला रही है, लेकिन आबकारी विभाग की कार्रवाई खानापूर्ति ही साबित हो रही है। पुलिस विभाग ने 34 चार पहिया और 9 दो पहिया वाहन भी जब्त किए हैं। एसपी बोले- अवैध शराब के खिलाफ मुहिम जारी रहेगी पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ के अनुसार, "मुरैना जिले में अवैध शराब बिक्री और परिवहन दोनों को रोकने के लिए सभी थानों में सख्त निर्देश दिए गए हैं। अभी तक की कार्रवाई में कुल मशरूका 2 करोड़ 81 लाख 28 हजार 651 रुपए का जब्त किया है। 219 आरोपी गिरफ्तार कर चुके हैं। यह मुहिम अभी जारी रहेगी।" आबकारी विभाग बोला- हमारे पास बल नहीं है आबकारी विभाग के जिला प्रभारी जितेंद्र सिंह गुर्जर ने सफाई देते हुए कहा, "पुलिस विभाग और आबकारी विभाग में बड़ा अंतर है। उनके पास बल पर्याप्त होता है कार्रवाई करने। जबकि आबकारी विभाग में बल ही नहीं है। शराब तस्करों को कई इलाकों में विरोध भी झेलना पड़ता है। यहां तो अपराधी कब गोली चला दे, यह कोई नहीं जानता। सुरक्षित रहकर सीमित संसाधनों के साथ जितनी कार्रवाई विभाग कर सकता है, करते हैं। इस वर्ष 275 आरोपी पकड़े हैं, 11 लाख 41 हजार 695 कीमत की शराब जब्त कर चुके हैं। आगे भी कार्रवाई जारी रहेगी।"

अवैध शराब पर कार्रवाई में पुलिस आगे:2021 के जहरीली शराब कांड के बाद फिर बढ़ी तस्करी, 24 लोगों की हुई थी मौत
मुरैना जिले में अवैध शराब तस्करों ने एक बार फिर पैर जमाना शुरू कर दिया है। जिले में अवैध शराब की बिक्री बढ़ी है। जहां पुलिस विभाग लगातार कार्रवाई कर रहा है, वहीं मूल आबकारी विभाग सिर्फ खानापूर्ति कर रहा है। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में भोपाल के बाद सबसे महंगा शराब का ठेका मुरैना जिले का ही है। जनवरी 2021 में शराब माफिया द्वारा बेची गई जहरीली शराब पीने से मुरैना जिले के छैरा गांव में 24 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी। इस जहरीली शराब को पीने से पहले लोगों की आंखों की रोशनी गई और फिर उनकी जान चली गई थी। इस घटना के बाद तत्कालीन शिवराज सरकार ने मुरैना कलेक्टर और एसपी दोनों का तबादला कर दिया था। पुलिस की कार्रवाई 24 गुना अधिक वर्ष 2021 के शराब कांड के बाद तस्करी में कमी आई थी, लेकिन इस साल फिर से अवैध शराब की बिक्री और तस्करी दोनों में इजाफा हुआ है। इन शराब तस्करों के खिलाफ पुलिस की मुहिम तो रंग ला रही है, लेकिन आबकारी विभाग की कार्रवाई खानापूर्ति ही साबित हो रही है। पुलिस विभाग ने 34 चार पहिया और 9 दो पहिया वाहन भी जब्त किए हैं। एसपी बोले- अवैध शराब के खिलाफ मुहिम जारी रहेगी पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ के अनुसार, "मुरैना जिले में अवैध शराब बिक्री और परिवहन दोनों को रोकने के लिए सभी थानों में सख्त निर्देश दिए गए हैं। अभी तक की कार्रवाई में कुल मशरूका 2 करोड़ 81 लाख 28 हजार 651 रुपए का जब्त किया है। 219 आरोपी गिरफ्तार कर चुके हैं। यह मुहिम अभी जारी रहेगी।" आबकारी विभाग बोला- हमारे पास बल नहीं है आबकारी विभाग के जिला प्रभारी जितेंद्र सिंह गुर्जर ने सफाई देते हुए कहा, "पुलिस विभाग और आबकारी विभाग में बड़ा अंतर है। उनके पास बल पर्याप्त होता है कार्रवाई करने। जबकि आबकारी विभाग में बल ही नहीं है। शराब तस्करों को कई इलाकों में विरोध भी झेलना पड़ता है। यहां तो अपराधी कब गोली चला दे, यह कोई नहीं जानता। सुरक्षित रहकर सीमित संसाधनों के साथ जितनी कार्रवाई विभाग कर सकता है, करते हैं। इस वर्ष 275 आरोपी पकड़े हैं, 11 लाख 41 हजार 695 कीमत की शराब जब्त कर चुके हैं। आगे भी कार्रवाई जारी रहेगी।"