ऑटोमेटिक एक्सरसाइज मशीन बुक कर लगाया झूठा केस:25 हजार देकर मांगे 1 लाख; उपभोक्ता आयोग ने कहा- 5 हजार जुर्माना देना होगा
ऑटोमेटिक एक्सरसाइज मशीन बुक कर लगाया झूठा केस:25 हजार देकर मांगे 1 लाख; उपभोक्ता आयोग ने कहा- 5 हजार जुर्माना देना होगा
ऑटोमेटिक बेड एक्सरसाइज मशीन की खरीद के मामले में उपभोक्ता आयोग का फैसला आया है, जिसमें आयोग ने केस लगाने वाले फरियादी पर ही 5 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है, जबकि फरियादी ने मशीन देने वाले से ब्याज सहित 1 लाख 25 हजार रुपए की मांग की थी। हालांकि इस मामले में फरियादी ने चालाकी दिखाई थी और बुकिंग अमाउंट वापस लेने के बावजूद अधिक राशि की मांग की, जबकि उसने कम रुपए दिए थे। इस तरह झूठा केस लगाना उस पर भारी पड़ गया। पढ़िए सिलसिलेवार केस के खारिज होने से लेकर जुर्माना लगने तक की कहानी। पहले जानें, मामला क्या है श्रीराम सिंह, उम्र 44 वर्ष, निवासी श्याम नगर एनेक्स, ने जय बीजासन ट्रेडिंग कंपनी सेराजेम मंगल नगर के संचालक के खिलाफ उपभोक्ता आयोग में 11 अगस्त 2015 को केस दायर किया था। फरियादी श्रीराम सिंह ने 25 मार्च 2014 को थर्मल ऑटोमेटिक बेड एक्सरसाइज मशीन को 1 लाख 25 हजार रुपए में खरीदने के लिए पेमेंट कर मशीन बुक की थी। कंपनी संचालक ने मशीन 7 दिनों में डिलीवर करने का आश्वासन दिया था। फरियादी ने यह मशीन अपने और पत्नी की शारीरिक पीड़ा को कम करने के आश्वासन के आधार पर बुक की थी, लेकिन मशीन की डिलीवरी नहीं की गई। इसके बाद उन्होंने कंपनी संचालक को 21 जुलाई 2015 को लीगल नोटिस भेजा, पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस पर फरियादी ने उपभोक्ता आयोग से मशीन के एवज में जमा किए गए 1 लाख 25 हजार रुपए, 18 प्रतिशत सालाना ब्याज सहित दिलाने और मानसिक कष्ट के लिए 50 हजार रुपए की मांग की थी। संचालक की ओर से राज्य आयोग में अपील की गई। 14 जून 2022 को आदेश हुआ कि फरियादी द्वारा संचालक को दस्तावेज और केस की कॉपी दी जाए। इसके बाद संचालक की ओर से जवाब पेश किया गया। संचालक का जवाब - सिर्फ 25 हजार देकर मांग रहे 1 लाख 25 हजार जय बीजासन ट्रेडिंग कंपनी के संचालक ने उपभोक्ता आयोग में अपना जवाब पेश करते हुए बताया कि उनकी प्रतिष्ठित फर्म सेराजेम कंपनी की फ्रैंचाइजी के माध्यम से मशीनें प्रदान करती है। फरियादी ने 1 लाख 35 हजार रुपए में मशीन खरीदने की बात की थी, जिसमें उसने 25 हजार रुपए एडवांस दिए थे और मशीन बुक की थी। मशीन कंपनी से प्राप्त नहीं हो सकी। बाद में फरियादी ने निजी समस्या बताते हुए मशीन खरीदने से मना कर दिया। वहीं फरियादी ने पूरी कीमत नहीं दी सिर्फ 25 हजार रुपए दिए थे, जिसे उसके द्वारा मांगने पर चेक के जरिए उसे दे दिया गया। हालांकि, बाद में फरियादी ने शेष राशि की मांग करते हुए झूठा केस दायर किया और बिल में 25,000 रुपए के आगे एक अंक जोड़कर 1,25,000 रुपए बनाकर पेश किया। उसे 25 दिसंबर 2015 को चेक के माध्यम से 25 हजार रुपए लौटा दिए गए थे। इस झूठे केस की रिपोर्ट हीरा नगर पुलिस थाने में भी की गई है। इसलिए केस खारिज किया जाए। उपभोक्ता आयोग ने यह माना आयोग ने यह फैसला सुनाया जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग क्रमांक 1 के अध्यक्ष बलराज कुमार पालोदा ने मामले में फैसला सुनाते हुए कहा कि- फरियादी ने झूठा दावा प्रस्तुत किया है और न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग किया है। संचालक के खिलाफ कोई दायित्व नहीं बनता है। केस खारिज किया जाता है, और झूठा केस दायर करने पर फरियादी पर धारा 26 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत 5 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाता है।
ऑटोमेटिक बेड एक्सरसाइज मशीन की खरीद के मामले में उपभोक्ता आयोग का फैसला आया है, जिसमें आयोग ने केस लगाने वाले फरियादी पर ही 5 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है, जबकि फरियादी ने मशीन देने वाले से ब्याज सहित 1 लाख 25 हजार रुपए की मांग की थी। हालांकि इस मामले में फरियादी ने चालाकी दिखाई थी और बुकिंग अमाउंट वापस लेने के बावजूद अधिक राशि की मांग की, जबकि उसने कम रुपए दिए थे। इस तरह झूठा केस लगाना उस पर भारी पड़ गया। पढ़िए सिलसिलेवार केस के खारिज होने से लेकर जुर्माना लगने तक की कहानी। पहले जानें, मामला क्या है श्रीराम सिंह, उम्र 44 वर्ष, निवासी श्याम नगर एनेक्स, ने जय बीजासन ट्रेडिंग कंपनी सेराजेम मंगल नगर के संचालक के खिलाफ उपभोक्ता आयोग में 11 अगस्त 2015 को केस दायर किया था। फरियादी श्रीराम सिंह ने 25 मार्च 2014 को थर्मल ऑटोमेटिक बेड एक्सरसाइज मशीन को 1 लाख 25 हजार रुपए में खरीदने के लिए पेमेंट कर मशीन बुक की थी। कंपनी संचालक ने मशीन 7 दिनों में डिलीवर करने का आश्वासन दिया था। फरियादी ने यह मशीन अपने और पत्नी की शारीरिक पीड़ा को कम करने के आश्वासन के आधार पर बुक की थी, लेकिन मशीन की डिलीवरी नहीं की गई। इसके बाद उन्होंने कंपनी संचालक को 21 जुलाई 2015 को लीगल नोटिस भेजा, पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस पर फरियादी ने उपभोक्ता आयोग से मशीन के एवज में जमा किए गए 1 लाख 25 हजार रुपए, 18 प्रतिशत सालाना ब्याज सहित दिलाने और मानसिक कष्ट के लिए 50 हजार रुपए की मांग की थी। संचालक की ओर से राज्य आयोग में अपील की गई। 14 जून 2022 को आदेश हुआ कि फरियादी द्वारा संचालक को दस्तावेज और केस की कॉपी दी जाए। इसके बाद संचालक की ओर से जवाब पेश किया गया। संचालक का जवाब - सिर्फ 25 हजार देकर मांग रहे 1 लाख 25 हजार जय बीजासन ट्रेडिंग कंपनी के संचालक ने उपभोक्ता आयोग में अपना जवाब पेश करते हुए बताया कि उनकी प्रतिष्ठित फर्म सेराजेम कंपनी की फ्रैंचाइजी के माध्यम से मशीनें प्रदान करती है। फरियादी ने 1 लाख 35 हजार रुपए में मशीन खरीदने की बात की थी, जिसमें उसने 25 हजार रुपए एडवांस दिए थे और मशीन बुक की थी। मशीन कंपनी से प्राप्त नहीं हो सकी। बाद में फरियादी ने निजी समस्या बताते हुए मशीन खरीदने से मना कर दिया। वहीं फरियादी ने पूरी कीमत नहीं दी सिर्फ 25 हजार रुपए दिए थे, जिसे उसके द्वारा मांगने पर चेक के जरिए उसे दे दिया गया। हालांकि, बाद में फरियादी ने शेष राशि की मांग करते हुए झूठा केस दायर किया और बिल में 25,000 रुपए के आगे एक अंक जोड़कर 1,25,000 रुपए बनाकर पेश किया। उसे 25 दिसंबर 2015 को चेक के माध्यम से 25 हजार रुपए लौटा दिए गए थे। इस झूठे केस की रिपोर्ट हीरा नगर पुलिस थाने में भी की गई है। इसलिए केस खारिज किया जाए। उपभोक्ता आयोग ने यह माना आयोग ने यह फैसला सुनाया जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग क्रमांक 1 के अध्यक्ष बलराज कुमार पालोदा ने मामले में फैसला सुनाते हुए कहा कि- फरियादी ने झूठा दावा प्रस्तुत किया है और न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग किया है। संचालक के खिलाफ कोई दायित्व नहीं बनता है। केस खारिज किया जाता है, और झूठा केस दायर करने पर फरियादी पर धारा 26 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत 5 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाता है।