चरम पर पहुंचा कानपुर में प्रदूषण:दीपावली की रात 480 तक पहुंचा AQI, हर आधे घंटे में दोगुनी रफ्तार से बढ़ा प्रदूषण
चरम पर पहुंचा कानपुर में प्रदूषण:दीपावली की रात 480 तक पहुंचा AQI, हर आधे घंटे में दोगुनी रफ्तार से बढ़ा प्रदूषण
दीपावली में पटाखे के धुएं से शहर में प्रदूषण का स्तर गंभीर स्थिति में पहुंच गया है। नेहरू नगर में स्थिति सबसे ज्यादा गंभीर हो गई और एक्यूआई रिकॉर्ड 480 रिकॉर्ड किया गया। यह दमा मरीजों के लिए खतरनाक है। डॉक्टर्स के अनुसार, मौजूदा समय में एयर पॉल्यूशन का यह स्तर खासकर दमा के मरीजों के लिए हानिकारक है। शहर में लगे प्रदूषण मापक यंत्रों की रिपोर्ट के अनुसार, देर शाम पटाखे छूटने शुरू होते ही इसके स्तर में तेजी से इजाफा हुआ। हालांकि हवा चलने से स्थिति में थोड़ा सुधार जरूर रहा। शहर में छाई मोटी धुंध की चादर रात 10:38 बजे प्रदूषण का स्तर बढ़कर 312 एक्यूआई तक पहुंच गया। वहीं, नेहरूनगर में सर्वाधिक 480 एक्यूआई दर्ज किया गया। किदवई नगर में भी वायु प्रदूषण का स्तर सामान्य से 3 गुना ज्यादा दर्ज किया गया। प्रदूषण बढ़ने के साथ ही शहर में धुंध की मोटी चादर छा गई। पटाखे रहे बड़ी वजह
कानपुर में पॉल्यूशन बढ़ने का बड़ा कारण इन दिनों पटाखे हैं। दीवाली के मौके पर छुटाए गए पटाखों से पॉल्यूशन का स्तर तेजी से बढ़ा। रात 10 बजे AQI 300 पार कर गया। रात 3 बजे तक हर आधे घंटे में प्रदूषण का स्तर दोगुनी रफ्तार से बढ़ा। वहीं यूपी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के रीजनल ऑफिसर अमित मिश्रा के मुताबिक, तापमान में गिरावट के साथ ही हवा भी ठंडी होकर वायुमंडल के सबसे निचले स्तर में ही रह जाती है। हवा में मौजूद सस्पेंड पार्टिकुलेट मैटर (पीएम-2.5 और 10), डस्ट पार्टिकल और जहरीली गैसें भी वायुमंडल के ऊपरी हिस्से में नहीं जा पाती हैं। आंखों में हो रही जलन
शहर का प्रदूषण दमा और सांस के रोगियों, बुजुर्गों और बच्चों के लिए तो खतरा है। स्वस्थ व्यक्ति भी यदि इसी प्रदूषण के बीच लगातार दो से तीन घंटे तक रहता है तो उसका भी दम फूल रहा है। इसके अलावा आंखों में और त्वचा में भी जलन महसूस हो रही है। बच्चे और बुजुर्ग रहे अलर्ट
मौसम विज्ञानी डॉ. एसएन पांडेय और सीपीसीबी ने सलाह दी है कि बच्चे और बुजुर्ग घरों से ज्यादातर देर तक बाहर न रहें। पटाखों का जहां धुआं हो वहां न खड़े हों। बहुत जरूरी हो तभी वाहन निकालें। दिवाली पर खुशियां मनाएं, लेकिन पूरी सावधानी बरतें।
दीपावली में पटाखे के धुएं से शहर में प्रदूषण का स्तर गंभीर स्थिति में पहुंच गया है। नेहरू नगर में स्थिति सबसे ज्यादा गंभीर हो गई और एक्यूआई रिकॉर्ड 480 रिकॉर्ड किया गया। यह दमा मरीजों के लिए खतरनाक है। डॉक्टर्स के अनुसार, मौजूदा समय में एयर पॉल्यूशन का यह स्तर खासकर दमा के मरीजों के लिए हानिकारक है। शहर में लगे प्रदूषण मापक यंत्रों की रिपोर्ट के अनुसार, देर शाम पटाखे छूटने शुरू होते ही इसके स्तर में तेजी से इजाफा हुआ। हालांकि हवा चलने से स्थिति में थोड़ा सुधार जरूर रहा। शहर में छाई मोटी धुंध की चादर रात 10:38 बजे प्रदूषण का स्तर बढ़कर 312 एक्यूआई तक पहुंच गया। वहीं, नेहरूनगर में सर्वाधिक 480 एक्यूआई दर्ज किया गया। किदवई नगर में भी वायु प्रदूषण का स्तर सामान्य से 3 गुना ज्यादा दर्ज किया गया। प्रदूषण बढ़ने के साथ ही शहर में धुंध की मोटी चादर छा गई। पटाखे रहे बड़ी वजह
कानपुर में पॉल्यूशन बढ़ने का बड़ा कारण इन दिनों पटाखे हैं। दीवाली के मौके पर छुटाए गए पटाखों से पॉल्यूशन का स्तर तेजी से बढ़ा। रात 10 बजे AQI 300 पार कर गया। रात 3 बजे तक हर आधे घंटे में प्रदूषण का स्तर दोगुनी रफ्तार से बढ़ा। वहीं यूपी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के रीजनल ऑफिसर अमित मिश्रा के मुताबिक, तापमान में गिरावट के साथ ही हवा भी ठंडी होकर वायुमंडल के सबसे निचले स्तर में ही रह जाती है। हवा में मौजूद सस्पेंड पार्टिकुलेट मैटर (पीएम-2.5 और 10), डस्ट पार्टिकल और जहरीली गैसें भी वायुमंडल के ऊपरी हिस्से में नहीं जा पाती हैं। आंखों में हो रही जलन
शहर का प्रदूषण दमा और सांस के रोगियों, बुजुर्गों और बच्चों के लिए तो खतरा है। स्वस्थ व्यक्ति भी यदि इसी प्रदूषण के बीच लगातार दो से तीन घंटे तक रहता है तो उसका भी दम फूल रहा है। इसके अलावा आंखों में और त्वचा में भी जलन महसूस हो रही है। बच्चे और बुजुर्ग रहे अलर्ट
मौसम विज्ञानी डॉ. एसएन पांडेय और सीपीसीबी ने सलाह दी है कि बच्चे और बुजुर्ग घरों से ज्यादातर देर तक बाहर न रहें। पटाखों का जहां धुआं हो वहां न खड़े हों। बहुत जरूरी हो तभी वाहन निकालें। दिवाली पर खुशियां मनाएं, लेकिन पूरी सावधानी बरतें।