जननी एक्सप्रेस के ड्राइवर ने मांगा नेग, सेवामुक्त किया:सागर में अस्पताल से प्रसूता को घर छोड़ने चालक ने मांगे थे 1100 रुपए
जननी एक्सप्रेस के ड्राइवर ने मांगा नेग, सेवामुक्त किया:सागर में अस्पताल से प्रसूता को घर छोड़ने चालक ने मांगे थे 1100 रुपए
सागर के बीना सरकारी अस्पताल से प्रसूता को घर छोड़ने और बेटा होने पर नेग के तौर पर 1100 रुपए की मांग करने वाले जननी एक्सप्रेस के ड्राइवर को सेवामुक्त कर दिया गया है। मामला सामने आते ही स्वास्थ्य विभाग ने संज्ञान में लिया। कार्रवाई करते हुए संबंधित कंपनी के जिला प्रबंधक को पत्र लिखा। पत्र पर कंपनी के जिला प्रबंधक ने कार्रवाई करते हुए जननी एक्सप्रेस के ड्राइवर अभिषेक अहिरवार को सेवा से मुक्त कर दिया है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. ममता तिमोरी ने बताया कि 18 अक्टूबर को मामला संज्ञान में आया था। जिसमें पता चला कि ग्राम धनोरा निवासी कमलेश आदिवासी ने देवरानी ममता आदिवासी को सरकारी अस्पताल बीना में प्रसव के लिए भर्ती कराया था। डिलीवरी होने पर उसने बेटे को जन्म दिया। ड्राइवर ने पूछा लड़का हुआ है या लड़की?
प्रसव होने के बाद प्रसूता की अस्पताल से छुट्टी की गई। छुट्टी होने पर हितग्राही के परिवार की महिला ने अस्पताल में खड़ी जननी एक्सप्रेस वाहन चालक अभिषेक अहिरवार से बात की। उसने प्रसूता को घर छोड़ने के लिए बोला। जिस पर ड्राइवर ने पूछा कि लड़का हुआ है या लड़की। बेटा होने पर घर छोड़ने मांगे थे रुपए
महिला ने बताया कि लड़का हुआ है। जिस पर जननी एक्सप्रेस के ड्राइवर ने घर छोड़ने के लिए 1100 रुपए की मांग की। मामला संज्ञान में आते ही इस संबंध में कंपनी और जिला प्रबंधक 108 सागर को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा गया था। जिला प्रबंधक 108 जेएईएस रविन्द्र खरे ने बताया कि उक्त प्रकरण में 108 जेएईएस कंपनी व वेंडर द्वारा जननी एक्सप्रेस के ड्राइवर अभिषेक अहिरवार को रुपए मांगने पर तत्काल प्रभाव से सेवा से मुक्त कर दिया गया है।
सागर के बीना सरकारी अस्पताल से प्रसूता को घर छोड़ने और बेटा होने पर नेग के तौर पर 1100 रुपए की मांग करने वाले जननी एक्सप्रेस के ड्राइवर को सेवामुक्त कर दिया गया है। मामला सामने आते ही स्वास्थ्य विभाग ने संज्ञान में लिया। कार्रवाई करते हुए संबंधित कंपनी के जिला प्रबंधक को पत्र लिखा। पत्र पर कंपनी के जिला प्रबंधक ने कार्रवाई करते हुए जननी एक्सप्रेस के ड्राइवर अभिषेक अहिरवार को सेवा से मुक्त कर दिया है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. ममता तिमोरी ने बताया कि 18 अक्टूबर को मामला संज्ञान में आया था। जिसमें पता चला कि ग्राम धनोरा निवासी कमलेश आदिवासी ने देवरानी ममता आदिवासी को सरकारी अस्पताल बीना में प्रसव के लिए भर्ती कराया था। डिलीवरी होने पर उसने बेटे को जन्म दिया। ड्राइवर ने पूछा लड़का हुआ है या लड़की?
प्रसव होने के बाद प्रसूता की अस्पताल से छुट्टी की गई। छुट्टी होने पर हितग्राही के परिवार की महिला ने अस्पताल में खड़ी जननी एक्सप्रेस वाहन चालक अभिषेक अहिरवार से बात की। उसने प्रसूता को घर छोड़ने के लिए बोला। जिस पर ड्राइवर ने पूछा कि लड़का हुआ है या लड़की। बेटा होने पर घर छोड़ने मांगे थे रुपए
महिला ने बताया कि लड़का हुआ है। जिस पर जननी एक्सप्रेस के ड्राइवर ने घर छोड़ने के लिए 1100 रुपए की मांग की। मामला संज्ञान में आते ही इस संबंध में कंपनी और जिला प्रबंधक 108 सागर को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा गया था। जिला प्रबंधक 108 जेएईएस रविन्द्र खरे ने बताया कि उक्त प्रकरण में 108 जेएईएस कंपनी व वेंडर द्वारा जननी एक्सप्रेस के ड्राइवर अभिषेक अहिरवार को रुपए मांगने पर तत्काल प्रभाव से सेवा से मुक्त कर दिया गया है।