जयकारे के बीच मां दुर्गा और सरस्वती की प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया
जयकारे के बीच मां दुर्गा और सरस्वती की प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया
राजनांदगांव. रेलवे स्टेशन में विराजित मां दुर्गा की विसर्जन यात्रा निकाली। भास्कर न्यूज । राजनांदगांव क्वांर नवरात्र की महा अष्टमी पर देवी मंदिरों और दुर्गा पंडालों में हवन के बाद जंवारा विसर्जन शुरू किया गया। प्रतिमाओं के विसर्जन का सिलसिला रविवार शाम तक चला। शहर की कई समितियों ने रविवार को मां दुर्गा और मां सरस्वती की प्रतिमा का विसर्जन किया। रेलवे स्टेशन रोड, रामाधीन मार्ग, सहित शहर के अन्य क्षेत्रों में जसगीतों के साथ विसर्जन यात्रा निकली जिसमें जस गीत और भजन गायकों ने प्रस्तुती दी। पटरी पार इलाकों में रविवार को कुछ प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। नवरात्र के पूरे 9 दिन अंचल इलाकों का माहौल भक्तिमय रहा। मां दुर्गा की अराधना की गई। मां दुर्गा एवं शारदा उत्सव समितियों द्वारा भंडारा आयोजित किया गया। परमहंस दुर्गा उत्सव समिति रामाधीन मार्ग के उपाध्यक्ष सत्यम जैन ने बताया कि 12 को भंडारा कराया गया वहीं 13 को जस गीतों के साथ मांग दुर्गा की प्रतिमा विसर्जित की गई। 12 अक्टूबर को देवी मंदिरों एवं दुर्गा पंडालों की ज्योति जंवारा का विसर्जन हुआ। अष्टमी पर घरो में विधि-विधान से हवन के बाद महा आरती की गई, कन्या भोजन कराया गया उन्हें उपहार भेंट किया।
राजनांदगांव. रेलवे स्टेशन में विराजित मां दुर्गा की विसर्जन यात्रा निकाली। भास्कर न्यूज । राजनांदगांव क्वांर नवरात्र की महा अष्टमी पर देवी मंदिरों और दुर्गा पंडालों में हवन के बाद जंवारा विसर्जन शुरू किया गया। प्रतिमाओं के विसर्जन का सिलसिला रविवार शाम तक चला। शहर की कई समितियों ने रविवार को मां दुर्गा और मां सरस्वती की प्रतिमा का विसर्जन किया। रेलवे स्टेशन रोड, रामाधीन मार्ग, सहित शहर के अन्य क्षेत्रों में जसगीतों के साथ विसर्जन यात्रा निकली जिसमें जस गीत और भजन गायकों ने प्रस्तुती दी। पटरी पार इलाकों में रविवार को कुछ प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। नवरात्र के पूरे 9 दिन अंचल इलाकों का माहौल भक्तिमय रहा। मां दुर्गा की अराधना की गई। मां दुर्गा एवं शारदा उत्सव समितियों द्वारा भंडारा आयोजित किया गया। परमहंस दुर्गा उत्सव समिति रामाधीन मार्ग के उपाध्यक्ष सत्यम जैन ने बताया कि 12 को भंडारा कराया गया वहीं 13 को जस गीतों के साथ मांग दुर्गा की प्रतिमा विसर्जित की गई। 12 अक्टूबर को देवी मंदिरों एवं दुर्गा पंडालों की ज्योति जंवारा का विसर्जन हुआ। अष्टमी पर घरो में विधि-विधान से हवन के बाद महा आरती की गई, कन्या भोजन कराया गया उन्हें उपहार भेंट किया।