नक्सली बोले- 17 साथियों को पुलिस ने पकड़कर मार-डाला:एनकाउंटर पर प्रेस नोट किया जारी, लिखा- 31 नहीं, 35 मारे गए,4 का अंतिम-संस्कार हमने किया
नक्सली बोले- 17 साथियों को पुलिस ने पकड़कर मार-डाला:एनकाउंटर पर प्रेस नोट किया जारी, लिखा- 31 नहीं, 35 मारे गए,4 का अंतिम-संस्कार हमने किया
छत्तीसगढ़ में दंतेवाड़ा और नारायणपुर जिले की सीमा पर हुई मुठभेड़ में कुल 35 माओवादी मारे गए हैं। नक्सलियों की पूर्वी बस्तर डिवीजन कमेटी ने प्रेस नोट जारी कर इसकी पुष्टि की है। दैनिक भास्कर ने दो दिन पहले ही बताया था कि, इस मुठभेड़ में कुछ और नक्सली मारे गए हैं। यह अब तक का सबसे बड़ा नक्सल-ऑपरेशन है। पुलिस ने 31 माओवादियों का शव बरामद किया था, जबकि 4 शव नक्सली अपने साथ लेकर चले गए थे। इनका अबूझमाड़ के जंगल में अंतिम संस्कार कर दिया गया। कमेटी का कहना है कि, 4 अक्टूबर की सुबह तक जवानों ने उन्हें घेर लिया था। सुबह 6 बजे से लेकर रात 11 बजे तक रुक-रुककर गोलीबारी होती रही। रात तक 14 साथी मारे गए थे, जिनके शव को पुलिस ने कब्जे में ले लिया था। रात में 17 साथियों को पुलिस ने पकड़ लिया था जिन्हें सुबह मार डाला। जंगल में अलग-अलग जगहों पर हुई थी मुठभेड़ प्रेस नोट के मुताबिक, नक्सलियों को जब पता चला कि वे घिर गए हैं तो उन्होंने मूवमेंट करना शुरू किया। इस दौरान सुबह 6 बजे से 11 बजे के बीच अलग-अलग जगह पर मुठभेड़ हुई थी। जब एक साइड से घिरे तो दूसरी तरफ मूवमेंट किया, लेकिन वहां से भी घिर गए थे। लूटी गई AK-47 समेत गोलियां बरामद साल 2016 में नक्सलियों ने सुकमा जिले के पिडमेल-पोलमपल्ली के बीच STF के जवानों पर हमला किया था। इस हमले में STF के 7 जवान शहीद हुए थे, जबकि 8 से 10 जवान घायल थे। हमले के बाद नक्सलियों ने जवानों से AK-47 समेत गोलियां लूट ली थी। वहीं 2003 में भी नक्सलियों ने गीदम पुलिस थाने पर शाम 7 बजे हमला किया था। इस हमले में 3 से 4 जवान शहीद हुए थे। पुलिस ने एक नक्सली को भी मार गिराया था। यहां से नक्सलियों ने भारी मात्रा में SLR समेत अन्य हथियार लूट लिए थे। अब बताया जा रहा है कि नक्सलियों के पास से जो हथियार बरामद किया गया है, उनमें से एक SLR समेत अन्य हथियार गीदम पुलिस थाने से भी लूटा गया था। इसके बाद ये हथियार नक्सलियों की कंपनी नंबर 6 को दिया गया था।पुलिस अधिकारी हथियारों की हिस्ट्री खंगाल रही है। कंपनी नंबर 6 के पास थे सबसे ज्यादा ऑटोमैटिक वेपंस पूर्वी बस्तर डिवीजन में नक्सलियों की कंपनी नंबर 6 सक्रिय थी। ये नक्सल संगठन की दूसरी सबसे खतरनाक कंपनी थी। इसमें लड़ाकू ज्यादा थे। हालांकि, अब यह कंपनी लगभग 80 प्रतिशत खत्म हो चुकी है। इस कंपनी के कुछ नक्सली बचे हैं जो मुठभेड़ में घायल हो गए हैं। अब लड़ने योग्य भी नहीं हैं। नक्सल संगठन में बटालियन के बाद कंपनी नंबर 6 के पास सबसे ज्यादा ऑटोमैटिक वेपंस थे। कैसे मिली सफलता...सटीक इनपुट और प्लानिंग अमित शाह ने कहा था- 2026 तक नक्सलवाद से दिलाएंगे आजादी केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह जब CG के दौरे पर थे तो उन्होंने दावा किया था कि 2026 तक बस्तर से माओवादियों का खात्मा कर दिया जाएगा। बस्तर नक्सलवाद की समस्या से आजाद हो जाएगा। शाह के इस दावे के बाद बस्तर में जवान नक्सलियों के ठिकाने में घुसकर उन्हें मार रहे हैं। पिछले 9 महीने में 188 नक्सलियों को मार गिराया गया है। .................................... छत्तीसगढ़ में नक्सलियों से संबंधित और भी खबरें पढ़िए.... ग्रामीण बोले-गांव में हेलिकॉप्टर देखकर लगा कुछ बड़ा हुआ:एनकाउंटर से पहले नक्सलियों की हुई थी मीटिंग, वहां पहुंचा दैनिक भास्कर मुठभेड़ के बाद गांव के जमीनी हालात जानने दैनिक भास्कर की टीम ग्राउंड जीरो पर पहुंची। अबूझमाड़ के घने जंगलों में बसे गांव गवाड़ी में रहने वाले कमलू मंडावी बताते हैं ये मुठभेड़ उनके लिए कुछ अलग थी क्योंकि पहली बार 1 हेलिकॉप्टर यहां घायल जवान को ले जाने के लिए उतर रहा था। पढ़ें पूरी खबर...
छत्तीसगढ़ में दंतेवाड़ा और नारायणपुर जिले की सीमा पर हुई मुठभेड़ में कुल 35 माओवादी मारे गए हैं। नक्सलियों की पूर्वी बस्तर डिवीजन कमेटी ने प्रेस नोट जारी कर इसकी पुष्टि की है। दैनिक भास्कर ने दो दिन पहले ही बताया था कि, इस मुठभेड़ में कुछ और नक्सली मारे गए हैं। यह अब तक का सबसे बड़ा नक्सल-ऑपरेशन है। पुलिस ने 31 माओवादियों का शव बरामद किया था, जबकि 4 शव नक्सली अपने साथ लेकर चले गए थे। इनका अबूझमाड़ के जंगल में अंतिम संस्कार कर दिया गया। कमेटी का कहना है कि, 4 अक्टूबर की सुबह तक जवानों ने उन्हें घेर लिया था। सुबह 6 बजे से लेकर रात 11 बजे तक रुक-रुककर गोलीबारी होती रही। रात तक 14 साथी मारे गए थे, जिनके शव को पुलिस ने कब्जे में ले लिया था। रात में 17 साथियों को पुलिस ने पकड़ लिया था जिन्हें सुबह मार डाला। जंगल में अलग-अलग जगहों पर हुई थी मुठभेड़ प्रेस नोट के मुताबिक, नक्सलियों को जब पता चला कि वे घिर गए हैं तो उन्होंने मूवमेंट करना शुरू किया। इस दौरान सुबह 6 बजे से 11 बजे के बीच अलग-अलग जगह पर मुठभेड़ हुई थी। जब एक साइड से घिरे तो दूसरी तरफ मूवमेंट किया, लेकिन वहां से भी घिर गए थे। लूटी गई AK-47 समेत गोलियां बरामद साल 2016 में नक्सलियों ने सुकमा जिले के पिडमेल-पोलमपल्ली के बीच STF के जवानों पर हमला किया था। इस हमले में STF के 7 जवान शहीद हुए थे, जबकि 8 से 10 जवान घायल थे। हमले के बाद नक्सलियों ने जवानों से AK-47 समेत गोलियां लूट ली थी। वहीं 2003 में भी नक्सलियों ने गीदम पुलिस थाने पर शाम 7 बजे हमला किया था। इस हमले में 3 से 4 जवान शहीद हुए थे। पुलिस ने एक नक्सली को भी मार गिराया था। यहां से नक्सलियों ने भारी मात्रा में SLR समेत अन्य हथियार लूट लिए थे। अब बताया जा रहा है कि नक्सलियों के पास से जो हथियार बरामद किया गया है, उनमें से एक SLR समेत अन्य हथियार गीदम पुलिस थाने से भी लूटा गया था। इसके बाद ये हथियार नक्सलियों की कंपनी नंबर 6 को दिया गया था।पुलिस अधिकारी हथियारों की हिस्ट्री खंगाल रही है। कंपनी नंबर 6 के पास थे सबसे ज्यादा ऑटोमैटिक वेपंस पूर्वी बस्तर डिवीजन में नक्सलियों की कंपनी नंबर 6 सक्रिय थी। ये नक्सल संगठन की दूसरी सबसे खतरनाक कंपनी थी। इसमें लड़ाकू ज्यादा थे। हालांकि, अब यह कंपनी लगभग 80 प्रतिशत खत्म हो चुकी है। इस कंपनी के कुछ नक्सली बचे हैं जो मुठभेड़ में घायल हो गए हैं। अब लड़ने योग्य भी नहीं हैं। नक्सल संगठन में बटालियन के बाद कंपनी नंबर 6 के पास सबसे ज्यादा ऑटोमैटिक वेपंस थे। कैसे मिली सफलता...सटीक इनपुट और प्लानिंग अमित शाह ने कहा था- 2026 तक नक्सलवाद से दिलाएंगे आजादी केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह जब CG के दौरे पर थे तो उन्होंने दावा किया था कि 2026 तक बस्तर से माओवादियों का खात्मा कर दिया जाएगा। बस्तर नक्सलवाद की समस्या से आजाद हो जाएगा। शाह के इस दावे के बाद बस्तर में जवान नक्सलियों के ठिकाने में घुसकर उन्हें मार रहे हैं। पिछले 9 महीने में 188 नक्सलियों को मार गिराया गया है। .................................... छत्तीसगढ़ में नक्सलियों से संबंधित और भी खबरें पढ़िए.... ग्रामीण बोले-गांव में हेलिकॉप्टर देखकर लगा कुछ बड़ा हुआ:एनकाउंटर से पहले नक्सलियों की हुई थी मीटिंग, वहां पहुंचा दैनिक भास्कर मुठभेड़ के बाद गांव के जमीनी हालात जानने दैनिक भास्कर की टीम ग्राउंड जीरो पर पहुंची। अबूझमाड़ के घने जंगलों में बसे गांव गवाड़ी में रहने वाले कमलू मंडावी बताते हैं ये मुठभेड़ उनके लिए कुछ अलग थी क्योंकि पहली बार 1 हेलिकॉप्टर यहां घायल जवान को ले जाने के लिए उतर रहा था। पढ़ें पूरी खबर...