पार्षद बोले-रीवा नगरनिगम में वास्तुदोष, इसलिए निगेटिविटी:सालभर में दो पार्षदों की मौत, एक वेंटिलेटर पर; मेयर ने कहा-काशी के पंडित दूर करेंगे काला साया
पार्षद बोले-रीवा नगरनिगम में वास्तुदोष, इसलिए निगेटिविटी:सालभर में दो पार्षदों की मौत, एक वेंटिलेटर पर; मेयर ने कहा-काशी के पंडित दूर करेंगे काला साया
रीवा में सालभर से नगर निगम में आए दिन हो रहे हादसों के बाद पार्षद, महापौर, नगर निगम अध्यक्ष भी डरे हुए हैं। यहां दो पार्षदों की मौत हो चुकी है जबकि दो पार्षद जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। पार्षदों की मौत और बीमारियों को लेकर नगर निगम की बिल्डिंग में वास्तुदोष को वजह माना जा रहा है। लोगों का मानना है कि नगर निगम भवन का वास्तु सही नहीं होने से उसमें काला साया है, जिससे एक-एक करके पार्षदों की मौत होती जा रही है। भवन का वास्तुदोष और काला साया दूर करने के लिए काशी के विद्वान ब्राम्हणों से वास्तु पूजा और निगेटिव ऊर्जा शांत कराने की तैयारी भी शुरू हो गई है। पक्ष-विपक्ष और अध्यक्ष तीनों ने इसको लेकर प्रस्ताव भी पारित कर दिया है। पौष माह खत्म होने के बाद वास्तु सही करने पूजा-पाठ की जाएगी। बता दें कि वर्ष 2019 में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार के दौरान मंगलवार को इसका भूमिपूजन हुआ था और इसी साल अंत में ऑफिस शिफ्ट हो गया था। दरअसल यह पूरा मामला भाजपा पार्षद स्वतंत्र शर्मा की पोस्ट के बाद शुरू हुआ। देखते ही देखते सभी पार्षदों के साथ खुद कांग्रेस महापौर और निगम अध्यक्ष भी इस बात में एक मत हो गए हैं। जहां सभी ने वास्तु दोष होने की चिंता भी जाहिर की है। सभी का ये तर्क है कि हिन्दू धर्म में वास्तु दोष और निगेटिविटी और उसके निवारण का जिक्र है। इसलिए मन की तसल्ली करने में कोई अड़चन और बुराई नहीं है। नगर निगम से दूरी बनाने लगे जनप्रतिनिधि-कर्मचारी
रीवा के पार्षद, महापौर और कर्मचारी इन दिनों नगर निगम बिल्डिंग से दूरी बनाने लगे हैं। वजह वास्तु और अंधविश्वास से जुड़ी है। निगम से जुड़े लोगों ने ही बिल्डिंग को हॉरर प्लेस घोषित कर दिया है। जनप्रतिनिधि और शासकीय कर्मचारी भी वास्तुदोष और काले साए की बात से डरने लगे हैं। लिहाजा काम पूरा होते ही शाम ढलने से पहले सभी लोग जल्दी निकलना चाहते हैं। इस पर महापौर से लेकर निगम अध्यक्ष और पार्षदों ने चिंता जाहिर की है। उनका कहना है कि अगर जल्द ही नगर निगम में वास्तु पूजन नहीं किया गया तो पार्षद और पदाधिकारी लगातार दुर्घटनाओं या बीमारी का शिकार हो जाएंगे। पौष माह खत्म होते ही काशी से आएंगे पंडित
जानकारी के मुताबिक निगम पौष महीने के खत्म होने का इंतजार किया जा रहा है, क्योंकि इस दौरान कोई भी पूजा नहीं की जाती है। हालांकि वास्तुदोष पूजन के लिए लगने वाली पूजन सामग्रियों का एडवांस ऑर्डर देना शुरू कर दिया गया है। निगम के मुताबिक अब नए साल में वास्तु पूजन कराकर निगेटिविटी को दूर किया जाएगा। विशेषज्ञ और मर्मज्ञ पंडितों से भी संपर्क किया जा रहा है। हाल ही में पार्षद स्वतंत्र शर्मा ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट की। पोस्ट में महापौर और अध्यक्ष से वास्तु दोष की पूजा कराए जाने की मांग की। पार्षद की इस मांग पर परिषद अध्यक्ष और महापौर ने भी सहमति दे दी। बहुत जल्द नगर निगम में वास्तु दोष दूर करने पूजा पाठ कराई जाएगी। भाजपा पार्षद का दावा है कि यहां पहुंचने मात्र से निगेटिव एनर्जी मिल जाती है। काम करने का मन नहीं करता। तर्क- विधानसभा में हुआ था वास्तु दोष का पूजन
महापौर अजय मिश्रा बाबा का कहना है कि साल 1999-2003 में मध्यप्रदेश विधानसभा के तकरीबन 10 विधायकों की भी आकस्मिक मृत्यु हुई थी। इसके बाद उस वक्त के विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी ने विधानसभा में वास्तु दोष की पूजा करवाई थी। हम सनातन धर्म से हैं और अगर इस तरह से घटनाएं हो रही हैं, तो हमारे पास शास्त्रों में इसका इलाज और निदान है। हमें इसका इस्तेमाल करना चाहिए। शंका का समाधान होना बहुत ही जरूरी है। यहां पर निर्माण कार्य के समय गायों को दफनाया गया था। यह भी एक कारण हो सकता है। मंगलवार और पौष महीने में भूमिपूजन वर्जित
महापौर अजय मिश्रा ने कहा कि पार्षद का आग्रह जायज है। नई बिल्डिंग में पूरी संभावना है कि वास्तुदोष हो। इस भवन का भूमिपूजन मंगलवार के दिन किया गया था, जबकि मंगलवार के दिन भूमि पूजन वर्जित है। इस दिन न तो जमीन की रजिस्ट्री होती है और न खरीदी-बेची जाती है। इसके अलावा पौष के महीने में तो शुभ कार्य और भूमिपूजन की बिल्कुल मनाही है। इस बात की जानकारी तो जन सामान्य को भी है। इसके बाद भी ऐसा किया गया। अगर उस समय इस बात का ध्यान रखा जाता तो इस तरह की स्थिति निर्मित नहीं होती। वास्तु शास्त्री भी इस बात का समर्थन कर कर रहे हैं। उनका कहना है कि शास्त्रों के मुताबिक मंगलवार और पौष के महीने में पूरी तरह से भूमिपूजन के काम वर्जित हैं। अगर ऐसा किया गया है तो वो नियम संगत नहीं है। अब विद्वान ब्राह्मणों से पूजन ही एकमात्र उपाय है। वरना दोष का प्रभाव और अपशकुन बरकरार रहेगा। दो पार्षदों की हुई मौत, एक गंभीर घायल
दरअसल, पिछले 1 साल में वार्ड 5 से निर्दलीय पार्षद संजय उर्फ संजू सिंह की हार्ट अटैक से मौत हो गई। इसके बाद वार्ड 10 के भाजपा पार्षद वीरेंद्र पटेल का कैंसर से निधन हो गया। अभी कुछ दिन पहले सड़क हादसे में वार्ड 4 के भाजपा पार्षद दारा सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए और वेंटिलेटर पर हैं। इन्हीं सब घटनाओं को देखते हुए वार्ड 26 के पार्षद ने चिंता जताते हुए महापौर और परिषद अध्यक्ष से फोन और सोशल मीडिया के जरिए मांग की है। वास्तु शास्त्री बोले- नगर निगम में पूजा जरूरी
वास्तु विशेषज्ञ पंडित लक्ष्मीकांत शास्त्री का कहना है कि नगर निगम में कुछ निर्माण कार्य ऐसे हैं, जो वास्तु के मुताबिक ठीक नहीं हैं। समय रहते ठीक किया जाना जरूरी है। अगर वहां पर गाय को दफनाया गया है तो वह भी एक बड़ा दोष है। नगर निगम में आयुक्त के कमरे में भी वास्तु दोष है, क्योंकि उसे बनाते समय वास्तु का ध्यान नहीं रखा गया। इसके अलावा किसी घर या बिल्डिंग के निर्माण में दिशाओं का ध्यान होना चाहिए, लेकिन ऐसा संभव नहीं हो पाया। पूजन ही एकमात्र उपाय है। पंडित लक्ष्मीकांत शास्त्री का कहना है कि किसी भी घर में अगर वास्तु दोष की स्थिति बन जाए तो वहां पर आए दिन कलह होने लगती है। वहां पर रहने वाले सदस्यों और लोगों के बी
रीवा में सालभर से नगर निगम में आए दिन हो रहे हादसों के बाद पार्षद, महापौर, नगर निगम अध्यक्ष भी डरे हुए हैं। यहां दो पार्षदों की मौत हो चुकी है जबकि दो पार्षद जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। पार्षदों की मौत और बीमारियों को लेकर नगर निगम की बिल्डिंग में वास्तुदोष को वजह माना जा रहा है। लोगों का मानना है कि नगर निगम भवन का वास्तु सही नहीं होने से उसमें काला साया है, जिससे एक-एक करके पार्षदों की मौत होती जा रही है। भवन का वास्तुदोष और काला साया दूर करने के लिए काशी के विद्वान ब्राम्हणों से वास्तु पूजा और निगेटिव ऊर्जा शांत कराने की तैयारी भी शुरू हो गई है। पक्ष-विपक्ष और अध्यक्ष तीनों ने इसको लेकर प्रस्ताव भी पारित कर दिया है। पौष माह खत्म होने के बाद वास्तु सही करने पूजा-पाठ की जाएगी। बता दें कि वर्ष 2019 में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार के दौरान मंगलवार को इसका भूमिपूजन हुआ था और इसी साल अंत में ऑफिस शिफ्ट हो गया था। दरअसल यह पूरा मामला भाजपा पार्षद स्वतंत्र शर्मा की पोस्ट के बाद शुरू हुआ। देखते ही देखते सभी पार्षदों के साथ खुद कांग्रेस महापौर और निगम अध्यक्ष भी इस बात में एक मत हो गए हैं। जहां सभी ने वास्तु दोष होने की चिंता भी जाहिर की है। सभी का ये तर्क है कि हिन्दू धर्म में वास्तु दोष और निगेटिविटी और उसके निवारण का जिक्र है। इसलिए मन की तसल्ली करने में कोई अड़चन और बुराई नहीं है। नगर निगम से दूरी बनाने लगे जनप्रतिनिधि-कर्मचारी
रीवा के पार्षद, महापौर और कर्मचारी इन दिनों नगर निगम बिल्डिंग से दूरी बनाने लगे हैं। वजह वास्तु और अंधविश्वास से जुड़ी है। निगम से जुड़े लोगों ने ही बिल्डिंग को हॉरर प्लेस घोषित कर दिया है। जनप्रतिनिधि और शासकीय कर्मचारी भी वास्तुदोष और काले साए की बात से डरने लगे हैं। लिहाजा काम पूरा होते ही शाम ढलने से पहले सभी लोग जल्दी निकलना चाहते हैं। इस पर महापौर से लेकर निगम अध्यक्ष और पार्षदों ने चिंता जाहिर की है। उनका कहना है कि अगर जल्द ही नगर निगम में वास्तु पूजन नहीं किया गया तो पार्षद और पदाधिकारी लगातार दुर्घटनाओं या बीमारी का शिकार हो जाएंगे। पौष माह खत्म होते ही काशी से आएंगे पंडित
जानकारी के मुताबिक निगम पौष महीने के खत्म होने का इंतजार किया जा रहा है, क्योंकि इस दौरान कोई भी पूजा नहीं की जाती है। हालांकि वास्तुदोष पूजन के लिए लगने वाली पूजन सामग्रियों का एडवांस ऑर्डर देना शुरू कर दिया गया है। निगम के मुताबिक अब नए साल में वास्तु पूजन कराकर निगेटिविटी को दूर किया जाएगा। विशेषज्ञ और मर्मज्ञ पंडितों से भी संपर्क किया जा रहा है। हाल ही में पार्षद स्वतंत्र शर्मा ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट की। पोस्ट में महापौर और अध्यक्ष से वास्तु दोष की पूजा कराए जाने की मांग की। पार्षद की इस मांग पर परिषद अध्यक्ष और महापौर ने भी सहमति दे दी। बहुत जल्द नगर निगम में वास्तु दोष दूर करने पूजा पाठ कराई जाएगी। भाजपा पार्षद का दावा है कि यहां पहुंचने मात्र से निगेटिव एनर्जी मिल जाती है। काम करने का मन नहीं करता। तर्क- विधानसभा में हुआ था वास्तु दोष का पूजन
महापौर अजय मिश्रा बाबा का कहना है कि साल 1999-2003 में मध्यप्रदेश विधानसभा के तकरीबन 10 विधायकों की भी आकस्मिक मृत्यु हुई थी। इसके बाद उस वक्त के विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी ने विधानसभा में वास्तु दोष की पूजा करवाई थी। हम सनातन धर्म से हैं और अगर इस तरह से घटनाएं हो रही हैं, तो हमारे पास शास्त्रों में इसका इलाज और निदान है। हमें इसका इस्तेमाल करना चाहिए। शंका का समाधान होना बहुत ही जरूरी है। यहां पर निर्माण कार्य के समय गायों को दफनाया गया था। यह भी एक कारण हो सकता है। मंगलवार और पौष महीने में भूमिपूजन वर्जित
महापौर अजय मिश्रा ने कहा कि पार्षद का आग्रह जायज है। नई बिल्डिंग में पूरी संभावना है कि वास्तुदोष हो। इस भवन का भूमिपूजन मंगलवार के दिन किया गया था, जबकि मंगलवार के दिन भूमि पूजन वर्जित है। इस दिन न तो जमीन की रजिस्ट्री होती है और न खरीदी-बेची जाती है। इसके अलावा पौष के महीने में तो शुभ कार्य और भूमिपूजन की बिल्कुल मनाही है। इस बात की जानकारी तो जन सामान्य को भी है। इसके बाद भी ऐसा किया गया। अगर उस समय इस बात का ध्यान रखा जाता तो इस तरह की स्थिति निर्मित नहीं होती। वास्तु शास्त्री भी इस बात का समर्थन कर कर रहे हैं। उनका कहना है कि शास्त्रों के मुताबिक मंगलवार और पौष के महीने में पूरी तरह से भूमिपूजन के काम वर्जित हैं। अगर ऐसा किया गया है तो वो नियम संगत नहीं है। अब विद्वान ब्राह्मणों से पूजन ही एकमात्र उपाय है। वरना दोष का प्रभाव और अपशकुन बरकरार रहेगा। दो पार्षदों की हुई मौत, एक गंभीर घायल
दरअसल, पिछले 1 साल में वार्ड 5 से निर्दलीय पार्षद संजय उर्फ संजू सिंह की हार्ट अटैक से मौत हो गई। इसके बाद वार्ड 10 के भाजपा पार्षद वीरेंद्र पटेल का कैंसर से निधन हो गया। अभी कुछ दिन पहले सड़क हादसे में वार्ड 4 के भाजपा पार्षद दारा सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए और वेंटिलेटर पर हैं। इन्हीं सब घटनाओं को देखते हुए वार्ड 26 के पार्षद ने चिंता जताते हुए महापौर और परिषद अध्यक्ष से फोन और सोशल मीडिया के जरिए मांग की है। वास्तु शास्त्री बोले- नगर निगम में पूजा जरूरी
वास्तु विशेषज्ञ पंडित लक्ष्मीकांत शास्त्री का कहना है कि नगर निगम में कुछ निर्माण कार्य ऐसे हैं, जो वास्तु के मुताबिक ठीक नहीं हैं। समय रहते ठीक किया जाना जरूरी है। अगर वहां पर गाय को दफनाया गया है तो वह भी एक बड़ा दोष है। नगर निगम में आयुक्त के कमरे में भी वास्तु दोष है, क्योंकि उसे बनाते समय वास्तु का ध्यान नहीं रखा गया। इसके अलावा किसी घर या बिल्डिंग के निर्माण में दिशाओं का ध्यान होना चाहिए, लेकिन ऐसा संभव नहीं हो पाया। पूजन ही एकमात्र उपाय है। पंडित लक्ष्मीकांत शास्त्री का कहना है कि किसी भी घर में अगर वास्तु दोष की स्थिति बन जाए तो वहां पर आए दिन कलह होने लगती है। वहां पर रहने वाले सदस्यों और लोगों के बीच आपसी सामंजस्य खराब हो जाता है। बनते काम बिगड़ जाते हैं। हर अच्छे काम में अड़चन आ जाती है। शरीर में आलस्य और तनाव बनने लगता है। शरीर धीरे-धीरे बीमार होने लगता है। काम करने की ऊर्जा, स्फूर्ति और उत्साह हमारे मन में नहीं रह जाता। भाजपा पार्षद ने खोजा काले साए का ठिकाना
भाजपा पार्षद स्वतंत्र शर्मा ने कहा कि मैंने पिछले कुछ दिनों से महसूस किया कि वास्तु दोष वाले कमरे में बैठने की वजह से नगर निगम आयुक्त और महापौर भी सामान्य नहीं रहते हैं। दोनों बिना किसी कारण कभी पूर्व तो कभी पश्चिम तो कभी दक्षिण में देखने लगते हैं। उनका व्यवहार बहुत अजीब हो गया है, जबकि पहले ऐसा बिल्कुल नहीं था। यह सब कुछ वास्तु दोष और काले साये की वजह से हो रहा है। इसके पहले नगर निगम आयुक्त के पास जिला पंचायत सीईओ का प्रभार था तो वह बिल्कुल ठीक-ठाक काम कर रहे थे। क्योंकि जिला पंचायत की बिल्डिंग में वास्तु दोष नहीं है। जब से वह निगम की बिल्डिंग में आए हैं, उनका दिमाग भी ठीक से काम नहीं कर रहा। महापौर तो अचानक कुर्सी से उठकर कहीं पर भी बैठ जाते हैं। हो ना हो काले साए का वास इन्हीं के कमरे में है, क्योंकि इन दोनों पर असर सबसे अधिक है। अब जानिए नगर निगम की नई बिल्डिंग की कहानी
नगर निगम के नवीन परिषद भवन का लोकार्पण 2019 में पूर्व भाजपा की महापौर ममता गुप्ता और रीवा विधायक और वर्तमान के डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने किया था। तब कांग्रेस की सरकार थी। इस साल एक और विवाद नगर निगम में गायों को दफनाने का हुआ था। कांग्रेस पार्षदों के विरोध के बाद गड्ढा खोदकर शवों को बाहर निकाला गया था। भाजपा नेता और नगर निगम अध्यक्ष व्यंकटेश पांडेय ने कहा कि पार्षद की मांग जायज है। जनवरी माह में मकर संक्रांति पर वस्तु दोष निवारण किया जाएगा। अंधविश्वास उन्मूलन वर्कर बोले-क्या बिल्डिंग तुड़वा देंगे
इंदौर में अंधविश्ववास उन्मूलन को लेकर काम करने वाले अंकित परमार ने कहा कि अक्सर ग्रामीणों को अंधविश्वास में पड़ते देखा है। हम उसके लिए लगातार काम भी करते हैं। लक्ष्य होता है कि किसी को सांप डस ले तो वो डॉक्टर के पास जाए। झाड़-फूंक करने वालों के यहां ना जाए। पूजा-पाठ हमारी आस्था और हमारी मान्यताएं हमारे जीवन का एक अहम अंग हैं। पढ़े-लिखे जनप्रतिनिधि और ऊंचे पदों पर बैठे लोग जब अंधविश्वास फैलाएंगे तो आम लोगों का क्या होगा। अब वास्तु शास्त्री बताएंगे कि निगम का द्वार ही गलत दिशा में है या फिर नगर निगम आयुक्त और महापौर का कमरा और द्वार गलत दिशा में है। तो क्या उसे तुड़वाकर जनता का पैसा पानी की तरह बहाया जाएगा। इन बातों का ध्यान तो पहले रखा जाना चाहिए था।