प्राइवेट पार्ट में मिर्च डालने वाली मैडम का रसूख देखिए:अफसरों ने कमिश्नर को सौंपी गलत रिपोर्ट, पहले क्लीनचिट, एसपी की जांच के बाद अब FIR

पहले चोरी फिर सीनाजोरी..ठीक यही मामला बक्सर जिले के बालगृह से सामने आया है। यहां रहने वाले दिव्यांग किशोरों का आरोप था कि अधीक्षिका रेवती कुमार उनके प्राइवेट पार्ट पर लाल मिर्च पाउडर रगड़ती थी। वो एक बच्चों से पहले हाथ पकड़वाती थी फिर मिर्च रगड़ती थी। मामला सामने आने के बाद शिकायत हुई थी। जिस व्यक्ति ने इस सच को उजागर किया, अफसरों की टीम ने अपनी जांच रिपोर्ट में उसे ही दोषी करार दिया। बता दिया कि शिकायतकर्ता खुद महिला थाना कांड संख्या 66/ 22 का आरोपी है। बक्सर के डीएम के आदेश में तीन सदस्यीय कमेटी की रिपोर्ट में इसका उल्लेख है। रिपोर्ट पर बक्सर के डीडीसी डॉ महेंद्र पाल और एसडीओ धीरेंद्र कुमार मिश्रा के हस्ताक्षर हैं। इस रिपोर्ट की अपील, पटना कमिश्नर के पास पहुंची, जिनके 18 जून के फैसले में जांच रिपोर्ट असत्य प्रमाणित हुई। कमिश्नर ने किशोरों के गुप्तांग पर मिर्च पाउडर रगड़ने की शिकायत करने वाले बाल कल्याण समिति, बक्सर के पूर्व सदस्य नवीन कुमार को क्लीन चिट दे दी। साथ ही अफसरों से स्पष्टीकरण की भी मांग की। अब सवाल है कि अफसरों ने बिना जांच-परख किए कैसे तथ्यहीन और मनगढ़ंत रिपोर्ट बक्सर के डीएम को सौंपी? दरअसल, मामले पर लीपापोती करने के लिए ही अफसरों ने झूठ का खेल खेला, ताकि आरोपी अधीक्षिका रेवती कुमार को बचाया जा सके। सहायक निदेशक से जवाब मांगा अफसरों की कोशिश नाकाम तब हो गई, जब इस मामले की जांच बक्सर के एसपी मनीष कुमार ने अलग से की। उन्होंने शिकायतकर्ता के आरोपों को सही पाया और बक्सर नगर थाने में अधीक्षिका रेवती कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया। अपर थानाध्यक्ष संजय विकास त्रिपाठी ने एसपी की जांच रिपोर्ट के आधार पर अधीक्षिका के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली। अधीक्षिका रेवती कुमार फरार चल रही हैं। प्रमंडलीय आयुक्त ने सुनवाई के दौरान बक्सर के जिलाधिकारी के प्रतिवेदन के आधार पर पाया और कहा कि बक्सर महिला थाना कांड संख्या 66/ 22 से शिकायतकर्ता का कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने बाल संरक्षण इकाई, बक्सर के सहायक निदेशक विकास कुमार से जवाब मांगा है कि उन्होंने जांच समिति के समक्ष गलत प्रतिवेदन समर्पित कर दिग्भ्रमित करने का कार्य क्यों किया। ये खबर भी पढ़िए... मैडम प्राइवेट पार्ट में मिर्च पाउडर डालती हैं:बक्सर के बालगृह से सामने आया दिव्यांगों के टॉर्चर का मामला; अधीक्षिका बोली-आरोप बेबुनियाद बक्सर बालगृह में दिव्यांग किशोरों की प्रताड़ना का रोंगटे खड़े कर देने वाला मामला सामने आया है। इसे थर्ड डिग्री की श्रेणी से भी बदतर कहा जा सकता है। आरोप बालगृह की महिला अधीक्षक पर लगा है। आरोप है कि महिला अधीक्षक ने बालगृह में रह रहे किशोर दिव्यांगों के गुप्तांग पर मिर्च पाउडर रगड़वाया। वह लगातार ऐसी सजा दे रहीं थीं। पीड़ितों ने जब इसकी शिकायत की तब पूरा महकमे को काठ मार गया। प्रताड़ना की लगातार हो रही घटनाओं के सामने आने के बाद वहां रह रहे सामान्य किशोरों ने इसकी शिकायत बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष मदन सिंह से की थी। पूरी खबर पढ़िए

प्राइवेट पार्ट में मिर्च डालने वाली मैडम का रसूख देखिए:अफसरों ने कमिश्नर को सौंपी गलत रिपोर्ट, पहले क्लीनचिट, एसपी की जांच के बाद अब FIR
पहले चोरी फिर सीनाजोरी..ठीक यही मामला बक्सर जिले के बालगृह से सामने आया है। यहां रहने वाले दिव्यांग किशोरों का आरोप था कि अधीक्षिका रेवती कुमार उनके प्राइवेट पार्ट पर लाल मिर्च पाउडर रगड़ती थी। वो एक बच्चों से पहले हाथ पकड़वाती थी फिर मिर्च रगड़ती थी। मामला सामने आने के बाद शिकायत हुई थी। जिस व्यक्ति ने इस सच को उजागर किया, अफसरों की टीम ने अपनी जांच रिपोर्ट में उसे ही दोषी करार दिया। बता दिया कि शिकायतकर्ता खुद महिला थाना कांड संख्या 66/ 22 का आरोपी है। बक्सर के डीएम के आदेश में तीन सदस्यीय कमेटी की रिपोर्ट में इसका उल्लेख है। रिपोर्ट पर बक्सर के डीडीसी डॉ महेंद्र पाल और एसडीओ धीरेंद्र कुमार मिश्रा के हस्ताक्षर हैं। इस रिपोर्ट की अपील, पटना कमिश्नर के पास पहुंची, जिनके 18 जून के फैसले में जांच रिपोर्ट असत्य प्रमाणित हुई। कमिश्नर ने किशोरों के गुप्तांग पर मिर्च पाउडर रगड़ने की शिकायत करने वाले बाल कल्याण समिति, बक्सर के पूर्व सदस्य नवीन कुमार को क्लीन चिट दे दी। साथ ही अफसरों से स्पष्टीकरण की भी मांग की। अब सवाल है कि अफसरों ने बिना जांच-परख किए कैसे तथ्यहीन और मनगढ़ंत रिपोर्ट बक्सर के डीएम को सौंपी? दरअसल, मामले पर लीपापोती करने के लिए ही अफसरों ने झूठ का खेल खेला, ताकि आरोपी अधीक्षिका रेवती कुमार को बचाया जा सके। सहायक निदेशक से जवाब मांगा अफसरों की कोशिश नाकाम तब हो गई, जब इस मामले की जांच बक्सर के एसपी मनीष कुमार ने अलग से की। उन्होंने शिकायतकर्ता के आरोपों को सही पाया और बक्सर नगर थाने में अधीक्षिका रेवती कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया। अपर थानाध्यक्ष संजय विकास त्रिपाठी ने एसपी की जांच रिपोर्ट के आधार पर अधीक्षिका के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली। अधीक्षिका रेवती कुमार फरार चल रही हैं। प्रमंडलीय आयुक्त ने सुनवाई के दौरान बक्सर के जिलाधिकारी के प्रतिवेदन के आधार पर पाया और कहा कि बक्सर महिला थाना कांड संख्या 66/ 22 से शिकायतकर्ता का कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने बाल संरक्षण इकाई, बक्सर के सहायक निदेशक विकास कुमार से जवाब मांगा है कि उन्होंने जांच समिति के समक्ष गलत प्रतिवेदन समर्पित कर दिग्भ्रमित करने का कार्य क्यों किया। ये खबर भी पढ़िए... मैडम प्राइवेट पार्ट में मिर्च पाउडर डालती हैं:बक्सर के बालगृह से सामने आया दिव्यांगों के टॉर्चर का मामला; अधीक्षिका बोली-आरोप बेबुनियाद बक्सर बालगृह में दिव्यांग किशोरों की प्रताड़ना का रोंगटे खड़े कर देने वाला मामला सामने आया है। इसे थर्ड डिग्री की श्रेणी से भी बदतर कहा जा सकता है। आरोप बालगृह की महिला अधीक्षक पर लगा है। आरोप है कि महिला अधीक्षक ने बालगृह में रह रहे किशोर दिव्यांगों के गुप्तांग पर मिर्च पाउडर रगड़वाया। वह लगातार ऐसी सजा दे रहीं थीं। पीड़ितों ने जब इसकी शिकायत की तब पूरा महकमे को काठ मार गया। प्रताड़ना की लगातार हो रही घटनाओं के सामने आने के बाद वहां रह रहे सामान्य किशोरों ने इसकी शिकायत बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष मदन सिंह से की थी। पूरी खबर पढ़िए